vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
11-01-2018, 12:13 PM,
#3
RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
उस इन्सिडेंट को ऑलमोस्ट 3 वीक बीत गये. आज सॅटर्डे था. सॅटर्डे'स को मैं लेट उठ ता हू. कॉलेज भी नही होता और सॅटर्डेस को आकांक्षा भी स्कूल चली जाती हैं. पेरेंट्स तो ऑलरेडी बाहर ही होते हैं तो घर मे शांति होती हैं. चैन से सोकर मैं 11 बजे उठ जाता हू. 1 घंटा टीवी,ब्रश, पेपर पढ़ना, ज़ोर ज़ोर से गाने बजाना यह सब करता हूँ. और फिर आराम से 12 बजे नहाता हू. पेरेंट्स के बेडरूम मे अटॅच्ड बाथरूम हैं जिसमे बाथटब भी हैं. बढ़िया सा लोंग बाथ लेता हूँ. और फिर बाकी के काम. ये मेरा हर सॅटर्डे का रुटीन होता हैं. तो हमेशा की तरह मैं बाथरूम मे घुसा तो देखा कि अंदर का हीटर नही काम कर रहा. अब बरसात के दिनो मे मैं ठंडे पानी से तो नही नहाने वाला था. सो, नॅचुरली मुझे अपना प्लान चेंज करना पड़ा और मैने कॉमन बाथरूम मे नहाने चला गया. मैने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े निकाले. बाथरूम मे हमेशा नमी होने की वजह से काफ़ी ठंडा रहता हैं. ऑटमेटिकली जिस्म रेस्पॉंड करने लगता हैं. निपल्स कड़े हो जाते हैं. बाथरूम मे एक हाफ साइज़ बॉडी मिरर हैं. मैने अपने आपको मिरर मे देखा. 5 फ्ट 11 इंच हाइट हैं मेरी. हर रोज़ 2 घंटे जिम मे वर्काउट करता हू और वो सॉफ दिखाई देता हैं. आगे निकली हुई छाती,13 इंच के बाइसेप्स. सिक्स पॅक नही हैं मगर अगर इसी तरह वर्काउट करता रहा तो 1 साल मे आ जाएगे. क्लियर व शेप बॉडी है मेरी और पैरो के बीच मे नींबू के साइज़ के आँड और 9 इंच का प्यारा सा लंड. मैने शवर स्टार्ट किया और पानी मेरे जिस्म पे से बहने लगा. मैने अपने बालो मे हाथ घुमाकर पानी को रास्ता बना कर दिया और वो किसी साप की तरह रेंगता हुआ मेरे मेरे लंड से नीचे टपकने लगा. 

नॉर्मली मेरा लंड नहाते वक़्त नही हार्ड होता हैं. हाँ अगर मैं मूठ मारना चाहू तो. मगर आज मुझे कुछ अलग सा महसूस हो रहा था. मैं नहाते हुए ही गहरी साँस ले रहा था. और मैं जितनी गहरी साँस ले रहा था, मेरा लंड उसी तरह से खड़ा होता जा रहा था. ऐसा कभी नही हुआ. मेरे दिमाग़ मे भी नही था की मुझे मूठ मारनी हैं और नही मैं कुछ सोच रहा था. मगर मानो मेरे लंड का खुदका ही दिमाग़ हो. कुछ ही देर मे मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया. लंबा सा साप!! मैने नोटीस किया कि मेरी साँसे तेज़ होने लगी हैं. और सांसो के साथ ही मेरा हाथ अपने आप ही लंड हिलाने लगा. कुछ अजीब सा था आज हवा मे. एक अनोखी सी गंध थी जो मेरे लंड को बेकाबू करने लगी थी. मैने आखे खोली और नीचे अपने लंड की ओर देखा. पूरी तरह खड़ा हो चुका था. लोहे जैसा सख़्त. मैने लंड की चमड़ी पीछे खीची तो गरम पानी लंड की खुली स्किन पर गिरा. मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मगर आज सिर्फ़ छूने तक ही नही बल्कि मेरे सीने मे भी कुछ अजीब सा एहसास था. मैने धीरे धीरे लंड को हिलाना शुरू किया. हाथ मे थोड़ा सा साबुन लगाया और लंड पे लगाया. बाथरूम मे एक कडपन हैं फोरेमिका का जिसपे सब कॉसमेटिक्स रखे होते हैं और उसके नीचे लौंड्री मे डालने वाले कपड़े होते हैं. मैं सोप को सॉपकेस मे रखने ही जा रहा था कि अचानक मुझे छींक आ गयी और सोप मेरे हाथ से छूट कर लौंड्री हम्पेर मे गिर गया. मैं नीचे झुक कर सोप उठाने की कोशिस कर रहा था तभी मुझे स्मेल आई. ये स्मेल मैं कही से भी पहचान सकता था. मगर ये आ कहाँ से रही थी. मैने हम्पेर मे चेक किया तो उसमे एक लाइट पिंक कलर की पैंटी थी. और इसमे कोई शक़ नही था कि ये पैंटी आकांक्षा की ही थी. मैं सोच मे पड़ गया की, बिना हाथ लगाए ही आज मेरा लंड खड़ा हो गया सिर्फ़ इस पैंटी की स्मेल से. ये सब क्या हो रहा था?! मैने आकांक्षा की पैंटी को उठाया तो स्मेल और स्ट्रॉंग हो गयी. बिना कुछ सोचे समझे मैने उसकी पैंटी अपनी नाक से लगा दी और एक गहरी साँस ली. जैसे ही मैने साँस ली मुझे आकांक्षा के जिस्म की खुश्बू आने लगी, जो मैने कभी भी महसूस नही की थी. मेरा दाया हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर चला गया और मैं मूठ मारने लगा. अपनी जीभ निकाल कर आकांक्षा की पैंटी को चाटने लगा. अजीब सा एहसास था ये. मैने इससे पहले भी 2-3 लड़कियो की चूत मे जीभ घुसाई हैं मगर ऐसी मनमोहक खुश्बू किसी की नही थी. और ऐसा तो आज तक नही हुआ कि सिर्फ़ 5 झटके मारने पर ही मैं झड गया. आज मेरे लंड मे से इतना कम निकला जो आज तक नही निकला. मेरे पैर डगमगा रहे थे. खड़ा रहना मुश्किल हो गया था तो मैने ज़मीन पर गिर पड़ा. गान्ड को चोट लगी मगर अब भी आकांक्षा की चड्डी मेरी नाक पर थी. मेरा दिल उसे वहाँ से हटाने को नही कर रहा था. 2 मिनट बाद मैं उठा और आकांक्षा की पैंटी को हम्पेर मे डाल दिया
मैने नहाना ख़त्म किया. जाते वक़्त मैं 1 पल के लिए रुका और फिर से मैने पैंटी को हाथ मे लिया. जैसे ही मैने पैंटी उठाई मुझे बाहर के डोर के खुलने की आवाज़ आई. मैने झट से पैंटी हम्पेर मे डाल दी क्योकि मुझे कोई शक़ नही था कि ये आकांक्षा ही थी जो स्कूल से वापिस आ गयी थी. मैं अब भी टवल मे ही था और अंदर से कुछ नही पहना था. मैने जल्द से जल्द अपने रूम मे जाने की कोशिश करने लगा. अभी अभी नहाने की वजह से अब भी मेरा जिस्म गीला था और टवल बॉडी से चिपका हुआ था तो मेरे लंड की आउटलाइन बाहर से दिख रही थी. पैर भी गीले थे इसलिए मैं टाइल्स पर से थोड़ा स्किड होने लगा. मैने आकांक्षा के कदमो की आवाज़ सुनी जैसे वो स्टेरकेस से चढ़ने लगी. मैं अब शुवर था कि मैं उसके आने से पहले अपने रूम मे पहुँच जाउन्गा. अपने रूम से 4 फ्ट की दूरी पे पहुँचने के बाद मैने झट से दरवाजा खोलने के लिए अपना हाथ आगे किया मगर स्पेक्स ना पहने होने की वजह से मैं वॉल और मेरे बीच का डिस्टेन्स ठीक से नही जज कर पाया और सीधा जाकर वाल से टकरा के नीचे गिर पड़ा.
मे: ओह्ह्ह...फक!! भैनचोद दीवार!!! आअहहूऔच्च!
मैं ज़मीन से उठने की कोशिश करने लगा मगर तब तक आकांक्षा सीढ़िया चढ़ कर वहाँ पहुँच चुकी थी और मेरे सामने खड़े रह कर मुझे घूर रही थी.
आकांक्षा: हाहहाहा.... शराब पी रखी हैं क्या ईडियट तूने?! हहा.हहा... सीधा जाकर दीवार से टकरा गया.
मे: बकवास बंद कर और जा यहाँ से.. तेरी वजह से ही टकराया हू नालयक.
आकांक्षा: हुहह?? मेरी वजह से?? मैने क्या किया जो तू मुझे ब्लेम कर रहा. ऐसे नन्गु-पंगु घर मे भाग रहा और टकराया तो मेरी क्या ग़लती??
आकांक्षा के इस सवाल का मेरे पास जवाब नही था. कहता भी क्या की मैने उसकी पैंटी से मूठ मारी और दोबारा पैंटी लेने के चक्कर मे तू आ गयी? 
मे: हा हा..ठीक हैं. जा यहाँ से अब. 
इतना कह कर मैं खड़ा हो गया. अब जैसा कि आप जानते हैं दोस्तो की जब टवल गीला होता हैं तो जिस्म को चिपकता ज़रूर हैं मगर साथ मे ही गीला होने की वजह से उसके छूटने का डर भी लगा रहता हैं. स्पेशली जब आपने ऐसा स्टंट मारा हो. तो नॅचुरली मैं जैसे ही उठकर खड़ा हुआ मेरी वेस्ट से टवल छूटने लगा. मगर थॅंक्स तो माइ स्पाइडर सेन्सस मुझे एहसाह हो गया तो मैने झट से टवल को लूस होने से बचाने के लिए अपनी कमर से कस्स्के बाँध लिया. बदनसीबी से मैं यह तो भूल गया कि टवल सामने की ओर बीचमे से खुल गया हैं और मेरा 9 इंच का सेमिहर्ड लंड अब सॉफ दिखाई पड़ रहा हैं. 2-3 सेकेंड्स के उस ड्यूरेशन मे ये सब कुछ हुआ. झट्के से मैं पलटा और सीधा अपने रूम मे घुस गया. मुझे ये डर था कि आकांक्षा चिल्लाने ना लगे या तो पेरेंट्स से कह देगी तो?? मगर मैने सोचा कि मेरी ग़लती नही हैं. मैं गिर गया इसीलिए टवल लूस हो गया. और मुझे नही लगता कि आकांक्षा ने कुछ देखा होगा कॉज़ उसने कोई रिक्षन नही दी. कुछ देर बाद मुझे उसके रूम के लॉक होने की आवाज़ आई. मैने चैन की साँस ली और टवल निकाल दिया और ज़मीन पर फेक दिया. और नंगा ही अपने बेड पर जाके लेट गया. कुछ देर बेड पर पड़े रहने के बाद मैं उठा और लॅपटॉप ऑन किया.
मैं जब भी लप्पी लेकर बेड पर होता हूँ तो मेरी एक ही पोज़िशन होती हैं. मैं पीठ के बल लेटा होता हू, लॅपटॉप मेरे पेट पे होता हैं. सिर के नीचे 2 पिल्लोस ताकि काम करने मे आसानी हो और पैर पूरी तरह से फैले हुए. अब जैसा कि मैने कहा कि मैं पूरी तरह से नंगा था. मेरा 9 इंच का सुंदर,काला लंड मेरे पेट पर आराम कर रहा था. आप सभी ये तो जानते ही होगे कि लॅपटॉप मे पीछे की तरफ एक फॅन होता हैं ताकि लॅपटॉप सर्क्यूट्स कूल रहे. अगस्त का महीना शुरू था. बाहर कस्के बारिश हो रही थी, जिससे काफ़ी ठंड थी. अब ऐसी ठंड मे,चाहे वो शक्तिमान ही क्यू ना हो. उसके आँड बिल्कुल सिकुड जाते हैं, तो हम तो सिर्फ़ आदमी हैं. मैने ठंड की वजह से अपनी दोनो टाँगे फोल्ड कर ली और अब लॅपटॉप मेरे थाइस से लगा हुआ था. लॅपटॉप के एग्ज़ॉस्ट फॅन से निकल रही गरम हवा अब सीधे मेरे लंड पर पड़ रही थी जिससे मेरे आँड को बड़ा ही सुकून मिल रहा था. कुछ ही देर मे पोप्पिंस की गोली जैसे मेरे आँड पिंग पॉंग बॉल जैसे हो गये और मैने ज़रा लॅपटॉप को लेफ्ट साइड मे सरकाया और मेरे प्यारे लंड को पूरी तरह से खड़ा हुआ पाया! मैं अपने लंड से बोहोत प्यार करता हू और मैने कसम खाई हैं कि जब-जब ये खड़ा होगा तब-तब मैं इसकी मालिश करके इसे सुकून दुगा. आइ आम नोट अट ऑल सेल्फिश. जो भी करता था,सिर्फ़ लंड की खातिर! अब कसम ली हैं तो निभानी तो होगी ही. इसलिए मैने झट से अपने लॅपटॉप मे के 'अमेज़िंग' फोल्डर पे डबल क्लिक किया और झट से पासवर्ड डाला. जी हाँ, दोस्तो ये मेरा स्पेशल पॉर्न कलेक्षन था. जिसमे हर वो अमेज़िंग चुदाई की मूवी थी जिसको अगर आप एक वक़्त मे ही पूरा देखना चाहो तो 7 बार मूठ मारो. मैने 'फक्ड हार्ड 18' नाम की मूवी प्ले की. सीन ऐसा था कि एक रूम मे मसाज टेबल रखा था और कॅमरा ऑलरेडी सेट किया हुआ था. तभी दरवाजा खुलता हैं और एक बोहोत ही सेक्सी, गोरी चिकनी लड़की जिसने एक छोटी सी डेनिम शॉर्ट और ग्रीन कलर का टांक टॉप पहना हैं. वो अंदर आती हैं और कॅमरा की तरफ बढ़ते हुए किसी अजनबी शख्स जो उसे कुछ ही देर मे चोदने वाला हैं, उससे शाकहन्ड करती हैं. अब मूवी मे ऐसा दिखाया हैं कि 18 साल की मस्त टाइट चूत वाली लड़किया इंटरनेट पे दिए हुए,'फ्री हॉट आयिल मसाज' का आड देख कर चली आती हैं. उन्हे कुछ नही पता कि यहा उनकी गान्ड मारी जाने वाली हैं. ऑफ कोर्स ये ड्रमॅटिक प्लॉट होता हैं.
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी - by sexstories - 11-01-2018, 12:13 PM

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