RE: Chodan Kahani एक आहट जिंदगी की
राज: हां ठीक है…..
अंजुम: अच्छा बाबू जी गरमी बहुत है…..आप नहा धो लो….फिर रात के खाने पर मिलते है…..उसके बाद हम नीचे आ गये….नीचे आने के बाद अंजुम ने मुझसे बोला कि जल्दी से रात का खाना तैयार कर दो…..मैं थोड़ी देर बाहर टहल कर आता हूँ,….ये कह कर अंजुम बाहर चले गये…..मैं जानती थी कि, अंजुम अब कही जाकर दारू पीने बैठ जाएँगे. और पता नही कब वापिस आएँगे….इसीलिए मेने खाना तैयार करना शुरू कर दिया….आधे घंटे मे मेने और नाजिया ने मिल कर खाना तैयार कर लिया….अभी मैं खाना प्लेट्स मे डाल ही रही थी कि, लाइट चली गयी…..ऊपेर से इतनी गरमी थी कि, नीचे तो साँस लेना भी मुस्किल हो रहा था…
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