RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
ये सब मोम किसी रानी की तरह लेटी हुई देख रही थी और उनके चेहरा पे स्माइल थी।
फिर मैंने देखा की अब्दुल अपने आधे लण्ड से ही मुझे चोद रहा था। मैंने उसको कहा- “गिव आल दैट, पूरा का पूरा अब्दुल…” और जब उसने लण्ड आगे बढ़ाया तो- “आह्ह… आह्ह…” मुझे अपनी चूत चिरती हुई महसूस हुई।
अब्दुल बोला की मैं पूरा नहीं ले पाऊँगी इसलिए वो मेरी गाण्ड चोदने का सजेस्ट करने लगा।
तब मोम ने कहा- “चूत अभी उतनी गीली नहीं है जितनी होनी चाहिए…”
तब मुझे याद आया की अब्दुल ने मुझे लास्ट बार चोदा था तब अकरम और उसके कजिन्स ने मुझे और मोम को दबा-दबा के चोदा था, इसीलिए उस टाइम अब्दुल के पूरा डालने पे मुझे दर्द नहीं हुआ था।
फिर मोम ने मुझे लिटा दिया, और अब्दुल के लण्ड को पकड़कर मेरी चूत पे रगड़ने लगी और अब्दुल मोम की चूत में उंगली कर रहा था। मोम मेरे कान में टैबू वाली बातों से- “लेट मम्मी हैंडल दिस फार यू…” कहकर मुझमें हाट कर रही थी, 5 मिनट बाद उस लम्बे लण्ड को (ब्लो-जोब से) गीला करके मेरी चूत में डाल दिया।
मैं- “आह्ह… आह्ह… आह्ह…”
अब्दुल बड़े जोश में मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चूत मार रहा था।
और मोम कोठे वाली की तरह अपनी चूत खोलकर अब्दुल को अपनी रण्डी की चूत फाड़ने को बोल रही थी- “धीरे-धीरे पूरा डाल, हाँ इस तरह…”
धीरे-धीरे शाट्स गहरे होते चले गये, जिससे अब्दुल अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में डालता हुआ बड़ा खुश हो रहा था। मुझे लगा की वो इस तरीके को अपनी बीवी से आज रात को ही आजमाने की सोच रहा होगा। उसको मेरी चूत की गहराई में अपने लण्ड पे शायद महसूस हुआ तो उसने मजाक में कहा- “तेरी चूत तो ठुनकी मारती है…”
मैं- “लग तो नहीं रहा है ना? ऐसा है तो पूरा मत डाल…”
अब्दुल- “नही, सब ठीक है…” उसने शाट मारते हुए कहा।
मोम मेरी चूत मसल रही थी और अपनी बेटी को लम्बे लण्ड का मजा लेना सिखा रही थी।
फिर मैंने अब्दुल को मोम की चूत मारने को कहा, क्योंकी मैं थोड़ी तक गई थी। मोम ने उसको लेट जाने को कहा और वो सभी अपने कंट्रोल में रखने के लिए काउगर्ल पोजीशन में उसका लण्ड लेने लगी। अब्दुल ने मुझे अपने पास खींचा और चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।
मोम फट-फट की आवाज के साथ उस खंबे पे बैठती, मुझसे ज्यादा मोनिंग करने लगी। मोम दो बार झड़ गई तब मैं उनकी जगह पे बैठ गई। थोड़ी देर बाद अब्दुल फिर से मुझे मिशनरी पोजीशन में लाकर मेरे ऊपर चढ़ गया।
मैं- “आह्ह… माँ मेरी चूत आअह्ह… आऽ ओह्ह… माई गोड इट्स सो बिग, सो डीप आह्ह… फक आऽ आऽ आह्ह… अब्दुल। आऽ आऽ आई लोव दिस… फक हाँ हाँ…”
मेरी चूत से पानी निकलने के बाद मोम और मैंने मिलकर उसका लण्ड चूसा, फिर मोम डागी स्टाइल में आ गई और अब्दुल ने मोम की चूत जम के मारी।
मोम- “आआह्ह… मार और मार और जोरों से आह्ह… आह्ह… ओह्ह… या फक मी आआह्ह… हरामजादे चोद मुझे आह्ह… मेरी चूत हाँ अब्दुल इस तरह ऐसे ही… हाँ हाँ ओह्ह गोड… ऊऊ आन हाँ हाँ हूंम्म्म…”
फिर अब्दुल अपना लण्ड बाहर निकालकर मोम की बैक पे अपना वीर्य गिरा दिया। मैंने देखा की 10 मिनट बाकी थे 12:00 बजने में।
हम तीनों थके हारे बेड पे नंगे लेटे हुए बातें करने लगे, अब्दुल का लण्ड मुरझा जाने पर किसी नार्मल कड़े लण्ड जितना इतना ही छोटा हुआ। मैंने उसको बातों-बातों में घुमा और पलट रही थी। मैंने सोचा उससे जल्दी फ्रेश महसूस करने लगी थी। हो सकता है अब्दुल के मोम को ले जाने से पहले एक राउंड हो सकता था, और इस बार मैं अपनी गाण्ड पहली बार अब्दुल से चुदाना चाहती थी।
जब अब्दुल ने मेरी रिक्वेस्ट पे मेरी गाण्ड की गहराई में अपना पूरा लण्ड डाला तो मुझे अलग ही महसूस हो रहा था। उसके इतना डीप में जाने के एहसास को मैं बता नहीं सकती। मैं अपनी चूत मसलने के लिए हाथ रखे थी पर उसकी जरूरत नहीं पड़ रही थी, क्योंकी वो मेरी गाण्ड मार ही ऐसे रहा था की सारे तार झंझना रहे थे। हम अब भी मोम के बेडरूम में थे पर मोम घर में कहीं पे थी।
और जब मोम 10-15 मिनट बाद मेरी गाण्ड फाड़ू चुदाई देखने आई तो मैंने मोम को कहा- “आप स्ट्ैप ओन पहन लो…”
मोम ने कहा- “मुझको जाना भी तो है?” फिर भी मोम एक डिल्डो लेकर मेरी चूत में डालते हुए क्लिट को मसलने लगी।
मैं- “ओह्ह गोड… ओह्ह… दैट फीलस सो गुड ऊह्ह… राखी फक मी, आऽ फक आई लोव यू राखी…” मैंने अपने ऊपर काबू रखा की कहीं मैं मोम को ‘मोम’ ना बोल दूं। फिर भी मेरे मुँह से उफ्फ आऽ निकलती रही।
मोम ने अपनी एनर्जी बचाने के लिए बस इतना ही किया लेकिन मोस्टली ये टाइम तो मेरी गाण्ड मराई का था, जो बहुत ही फाड़ू था, और मेरी गाण्ड अब्दुल का वीर्य से भर जाने पे खत्म हुआ।
अब्दुल थका हुआ- “या खुदा…” कहकर बेड पे गिर पड़ा- “हाँ… हाँ खुदा करे, तुम दोनों हजारो सालों तक जवान ही रहो, और हर मर्तबा मुझे ऐसी जन्नत की हूर नशीब हो…”
मुझे और मोम को हँसी आ गई।
जब हम मोम का बनाया जूस पी रहे थे, तब अकरम ने मोम के फोन पे काल किया। उसने पूछा की अब्दुल यहीं पे है क्या? फिर हाँ में जवाब सुनकर, उसने वही अपने ‘खास मेहमान’ के बारे में बताया जिसको हमें एंटरटेन करना है, के लिए मुझे और मोम को अब्दुल के साथ आ जाने का बोलकर अकरम ने काल कट कर दिया। मैं थकी हुई थी और जी भर के सोने का मन था, इसलिए मोम और अब्दुल ने मुझे शावर में अपने साथ नहलाया और मैं मोम के साथ अधूरे मन से तैयार हुई।
पूरे दिन हम उस मोटे भैंसे टाइप अकरम के खास कस्टमर के साथ रहे, नहीं उसमें चोदने की ताकत नहीं थी (थैंक्स गोड), फिर भी हमको बस उसका ‘खयाल’ रखना था। और अजीब बात ये थी की ‘कुछ’ भी ना ‘करने’ के हमें इतने पैसे मिले की जितने हमको 4 लोगों से चुदने पे भी नहीं मिलते। अब्दुल ने हमें 8:00 बजे के आसपास ड्राप किया।
अंदर जाते हुए मैंने कहा- “पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा है की हमने आज उस भैंसे से नहीं बल्कि अब्दुल के साथ सोने के पैसे कमाए हैं…”
मोम पीछे दरवाजा बंद करती हुई बोली- “और मेरे खयाल से उस मोटे ने हमारा बिल भरा है और मजे अब्दुल ने लिए हैं…”
मोम के बेडरूम के बाथरूम के बाथटब में बैठकर हम उस मोटे के बारे में बातें करने लगी।
मैं- “ह्म्म… मैं उसके साथ एक दिन और गुजार सकती हूँ, अगर वो कम से कम आज जितने पैसे दे तो…”
मोम- “मैं उसके साथ फिर तो नहीं जाऊँगी, अगर वो अपने किसी मस्क्युलर बाडी गार्ड को भी इनक्लूड कर दे तब चलेगा…”
मैंने कहा- “ऊओह्ह… आपको तो हर टाइम लण्ड चाहिए होते हैं, कभी शांति से बैठ भी जाया करो…”
मोम- “अच्छा? अभी आदी आता ही होगा फिर तू भी ‘फक मी फक मी’ चिल्लाती दिखाई देगी…”
मैं- “हाँ… कम से कम उस टाइम तो आप रंडियों जैसे तो नहीं रहोगी…”
मोम- “ठीक है ठीक है। बाइ द वे मैं सोच रही थी अब तक हमने इस टाइप की कमाई को इश्तेमाल नहीं किया है, उससे कुछ लेना हो तो क्या लेना चाहिए?”
मैंने अभी तक इस बारे में सोचा था पर वो सारे आप्षन सही नहीं लग रहे थे। मैंने कहा- “मैं सोचती हूँ कि अभी कुछ नहीं करना इन पैसों का। अगर कोई इनवेस्टमेंट करते हैं, या कार या ऐसे ही कोई बड़ी चीज खरीदेंगे तो भाई को भी तो जवाब देना पड़ेगा…”
मोम- “ह्म्म… मैंने भी यही सोचा था, इसीलिए तो तुझसे पूछ रही हूँ…”
मैंने कहा- “अगर बड़ा इनवेस्टमेंट करना है तो फर्स्ट आफ आल हमें भाई के लिए कोई सालिड एक्सक्यूस सोचना चाहिए…”
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