RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
मोम झड़ के हटी और सौरव खिसक के मेरी सीट पे आ गया और मैं उसके ऊपर बैठ गई। मोम और मैं किस करने लगी। कार अब मेरी मोनिंग से भरी हुई थी और सौरव ने हमको होर स्लट और ना जाने क्या-क्या बोला था, उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था, हमें तो बस चुदने से मतलब था और तो मेहनत भी हम माँ बेटी ने ही की थी। अब सौरव झड़ने को था तो मोम उसके ऊपर से उठी और अब वो हम दोनों के बीच बैठा था। हम दोनों उसका लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगी और फिर वो हमारे हाथ में झड़ गया।
मैं अपना हाथ उसके होंठों के पास लाकर बोली- “चाटो इसे…”
मोम भी अपने हाथ में लगे वीर्य को लेकर बोली- “प्लीज़्ज़… प्लीज़…” हम दोनों ने उसको उसी का वीर्य खिला दिया। लेकिन अभी भी बहुत टाइम बाकी था मूवी खतम होने में।
फिर 15 मिनट बाद मोम सौरव का लण्ड चुसते हुए फिर से खड़ा करने लगी। फिर दरवाजा खोलकर सौरव मोम की चूत मारने लगा। अब जाकर मोम सौरव को पसंद करने लगी थी। फिर हमें रुकना पड़ा। जब पार्किंग लाट में बाइक के हॉर्न की आवाज़ आई, हमने अपने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गये।
उसके बाद हम एक माल में गये, वहां मैंने और मोम ने शॉपिंग की और चुपके से चेंजिंग रूम में हम तीनों घुस गये। धड़कते सीने और तेज सांसों से मोम चुदूर ही थी। ये बहुत ही रोमांचक था, पास ही और औरतें की आवाज़ें आ रही थीं, और हम बिना आवाज़ किए सेक्स कर रही थीं। वैसे मोस्टली सौरव ने मोम को चोदा क्योंकी वो अपना टैलेंट दिखा देना चाहता था।
मोम की चूत में वीर्य भर जाने के बाद मैं बाहर निकली और उस जगह से दो औरतों के जाने का इंतजार करने लगी। उनके जाते ही मैंने इशारा किया और सौरव निकलकर वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद हम दोनों उस शाप के बाहर हमारा इंतजार करते सौरव से मिली। फिर हम एक रेस्टोरेंट में लंच करते हुए ये सोच रहे थे की अगले कौन सी जगह पे हम डेयरिंग सिचुएशन में सेक्स कर सकते हैं?
फिर सौरव ने एक आइडिया दिया- “इस माल के छत पे चलते हैं…”
मैंने कहा- “वहां पे जा सकते हैं?”
सौरव- “वो जाकर देखना पड़ेगा…”
मोम ने कहा- “सौरव एक बार छत पे जाओ, अगर वहां का गेट खुला हो, फिर वहां पे कोई अच्छी सी जगह मिले तो काल कर दो…”
फिर सौरव चला गया। 15 मिनट बाद उसने काल किया और कहा- “दरवाजे पे लाक लगा हुआ है पर यहां तक की सीढ़ियों बिल्कुल खाली हैं…”
मोम ने मना कर दिया और उसको वापस आने को कहा। कार में बैठते टाइम सौरव बोला की वहां पे कर सकते थे। मोम ने कार स्टार्ट करते हुए कहा की उनको एक आइडिया आया है। मोम हमें एक बिल्डिंग में ले गई जिसमें स्माल बिज्निस के ओफिस हर फ्लोर पे बने थे सिर्फ़ चौथे फ्लोर को छोड़कर।
मोम ने बताया की लास्ट हफ्ता ही यहां आई थी, वो पांचवें फ्लोर पे जाना चाहती थीं पर चौथे पे आ गई थी। वहां पे कोई भी नहीं था और बाकी बिल्डिंग के जैसे सॉफ सुथरा भी नहीं था, लगता था की कभी भी इस फ्लोर को रेंट पे लिया नहीं गया था।
मोम हमें लेफ्ट साइड में ले गई। आगे तक जाने तक कोई ऐसी जगह नहीं मिली जहाँ पे कपड़े रखे जा सकें। इसलिए किसी एक को कपड़े पकड़कर हाथ में लेकर इंतजार करना पड़ेगा। इसलिए मैंने रैम्पर और सौरव ने अपनी जींस मोम को पकड़ा दी। फिर मैं दीवाल के सहारे झुक गई और सौरव ने लण्ड गीला करके मेरी चूत में डाल दिया। उस खाली जगह पे हमारी आवाज़ गूँजरही थी।
10 मिनट बाद मैंने मोम से कहा, पर उन्होंने कहा की हम ही कर लें। फिर मैं थोड़ी डेयरिंग करती हुई खिड़की के पास गई और एक टांग उसपे रख दिया और सौरव सूरज की रोशनी में मुझे चोदने लगा। खिड़की से किसी का बंगलो दिख रहा था। किसी को हमें देखने का चान्स मिलता अगर हम खिड़की के ज्यादा पास जाते। एक बार मेरे झड़ जाने के बाद मैंने देखा की मोम अपनी मिडी ऊपर करके खड़ी-खड़ी अपनी चूत मसल रही थी।
मैंने उनको पास बुलाया। सौरव ने मोम की मिडी कमर से भी ऊपर कर दी फिर वो पंजों के बल बैठ गया और मोम की जाँघ अपने कंधे पे रखकर मोम की क्लिट चूसने लगा।
मैं भी पास आ गई और फिर हम दोनों मिलकर मोम की चूत चाटने लगे। फिर मैंने मोम से कपड़े ले लिए और मोम की चूत में लण्ड डाल दिया गया। शाम हो चुकी थी और दोपहर से अब तक सौरव दूसरी बार मोम को चोद चुका था।
रात को हम कॉन्सर्ट में मस्ती से उछल रहे थे, इतनी भीड़ में मोम सौरव का पूरा फ़ायदा उठा रही थी, और मैं सोच रही थी काश मैं भी मिडी या स्कर्ट पहन के आती।
मैंने कहा- “हम कहीं पे चलते हैं…”,
पर मोम ने कहा- “भीड़ में सेक्स का और ही मज़ा है…”
कुछ देर बाद मोम के फेशियल एक्स प्रेशन देखकर पास ही खड़े दो लड़के मोम से चिपकने लगे। मोम ने उनको धक्का दिया लेकिन वो मोम के टाप के ऊपर से ही चुचियाँ दबाने लगे। हद तो तब हो गई जब उनमें से एक मोम के आगे खड़ा हो गया, और एक बंदे ने सौरव को साइड में करके मोम को पकड़ लिया। ओह्हह… माई गोड अब वो दोनों मोम का सैंडबिच बनाकर उछलने लगे, मोम के चेहरे पे दिन दिख रहा था।
मुझे डर था की कहीं वो मोम को यहीं पे नंगा ना कर दें? मैंने जैसे तैसे भीड़ में से निकलते हुए एक बंदे को उसकी शर्ट पकड़कर हटाया और मोम का हाथ कस के पकड़कर खींचकर ले गई- “चलो यहां से…”
मोम- “आह्हह… मोना…”
लड़के- “आईए किधर जा रही हैं…” सौरव के पीछे वो दो लड़के भी आने लगे।
लोग मोम की नंगी गाण्ड देखने लगे तो मोम एक हाथ से मिडी को सही करते हुए मेरे पीछे भागने लगी। मैंने मोम को कार में बैठने को कहा।
सौरव- “हे मेरे लिए भी रुको…” लेकिन वो लड़के उससे आगे थे और हमारे ही पास आ रहे थे।
मोम ने कहा- “चल चल… भगा भगा भगा रुकना मत…”
हम उनसे बच गये थे, लेकिन सौरव वहीं रह गया था, मैंने उसको काल किया।
सौरव ने कहा- “मैं ठीक हूँ और आप लोग कहां हैं?”
मैंने कहा- “हम अपने घर जा रहे हैं, और तुम भी अपने घर चले जाओ…”
मैंने ड्राइव करते हुए मोम से पूछा - “आर यू ओके?”
मोम ने हाँ में सिर हिलाया पर उनको बैठने में परेशानी हो रही थी।
मैं- “दर्द हो रहा है?”
मोम- “आइ एम फाइन …” फिर खिड़की की तरफ देखकर खुद पे गुस्साते हुए ‘ना’ में सिर हिलने लगी। मोम ने खुद ही ऐसा रिस्क लिया और अब गाण्ड के दर्द से पछता रही थी।
मैंने मोम को कहा- “चेक कर लो, फाड़ तो नहीं दी…”
मोम ने मुझे चिढ़कर देखा- “हरामज़ादों में इतना दम नहीं था की मेरी फाड़ सकें…”
मैंने मोम की तरफ देखा फिर मुझे इतनी जोर से हँसी आई की मेरे पेट में दर्द होने लगा।
मोम- “तुझे हँसी आ रही है…” मोम भी अपनी स्टुपिड बात पे हँसने लगी।
मैंने कहा- “कौन बोल रहा था भीड़ में सेक्स का मज़ा ही अलग है? अभी बलात्कार हो जाता तो? स्टुपिड…”
मोम मिडी ऊपर खिसका के देखने लगी, तो मोम की पैंटी गायब थी।
मैंने पूछा - सब ठीक है?
मोम ने मिडी नीचे करके बताया की गाण्ड दर्द कर रही थी। हमारे अड्वेंचरस और डेयरिंग दिन का अंत इस तरह होगा ऐसा सोचा नहीं था, पर आइडिया था की ऐसा हो सकता है।
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