RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
लेकिन मोम ने अपने इनडोर लुक में चेन्जिज नहीं किए, जिसमें वो सेक्सी लगती थी और गुस्से में तो सुपर-हाट, पर इस सबका हम पे असर नहीं हुआ। दिन को मोम ओफिस नहीं गई थी, और लंच से पहले ही मोम तैयार होकर, वन सडर टाप और जींस में, एक हाट आइटम बनकर चली गई।
जब वो थकी हुई शाम में आई। पहले तो मुझे गुस्सा आया, पर मेरा गुस्सा बाद में शांत हो गया क्योंकी, मोम अकरम के काम की वजह से गई थीं, जिसको स्किप करना मुश्किल होता था। मोम ने मुझसे कहा नहीं, पर मैंने उनको काफ़ी बनाकर दी और अपने रूम में चली आई।
अगले दिन डिसाइड करके मैं एक्सरसाइज़ रूम गई। मेरे रूम में आने के 10 मिनट बाद मोम आई, लेकिन मुझे देखकर वापस चली गई। मैं बस रुक सी गई, फिर मैं खड़ी होकर अपने रूम में तेज़ी से चली गई और योगा पैंट और स्पोर्ट ब्रा उतार के फेंक दिया और सिर पकड़कर बेड पे धड़ाम से लेट गई।
10 मिनट बाद दरवाजे पे नाक हुआ- “मोना?” जबकि दरवाजा खुला था।
मैंने जवाब नहीं दिया, फिर मोम रूम में आई तो मैं बाथरूम में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया।
बाहर से मोम ने कहा- “तू वापस क्यों आ गई? चल कपड़े पहन और आ जा एक्सरसाइज़ करने…”
मैंने फिर रुक के कहा- “नहीं, मेरे पैर में दर्द हो रहा है…”
मोम- “अच्छा बहाना है, चल आ ना बाहर…” उनकी आवाज़ में गुस्सा नहीं था, वो मनाने की कोशिस कर रही थी।
मैं अपना चेहरा धोकर बाहर आई। मोम ने मेरी आँखों को देखकर कुछ नहीं कहा और मेरे वापस योगा आउटकिट पहनने तक मेरा इंतजार करती रही। फिर मुझे लेकर एक्सरसाइज़ रूम में ले गई। भाई वहां पे पहले से ही था और पुस-अप कर रहा था। तब मुझे समझ में आया कि मोम मुझे देखकर चली नहीं गई थी, वो तो भाई के ना होने पे उसको लेने गई थी।
फिर हमने खूब पशीना बहाया। एक्सरसाइज़ के बाद एक फ़ायदा ये भी हुआ की दिमाग से कचरा निकल गया था। मोम कुछ ना कुछ पूछकर हमसे बात कर रही थीं। हमको पता था की मोम वापस आपस में नॉर्मल करना चाह रही थीं। इसलिए हमने भी पुरानी बात भुला दी।
शाम में कामया के मेशन के बैकयार्ड में बने पूल में हम लड़कियां स्वीमिंग करने के बाद हम सब क्लब गये। नेहा और कामया के बायफ्रेंड अभी भी उनसे उस पार्टी की वजह से नाराज़ थे। कामया अपने बायफ्रेंड को क्लब में एक लड़की के साथ देखकर वापस बाहर अपनी कार में बैठ गई।
मैं और नेहा भी वापस कार में बैठकर स्मोकिंग करते हुए बातें करने लगी, मुझे मोम का काल आया की वो और भाई ओफिस में ओवरटाइम की वजह से लेट हो जाएँगे। काल कट होने के बाद पायल और आकांक्षा खी-खी करती हुई आई- “तुम लोग यहां बैठे हो?”
नेहा ने पूछा - “शगुफ्ता कहां है?”
पायल ने जवाब दिया- “उसको कोई मिल गया है…”
15 मिनट बाद शगुफ्ता आई पर उसके साथ एक लड़का भी था। शगुफ्ता अंदर बैठी और बताने लगी, जब तक पायल और वो लड़का बाहर खड़े रहे। उसने बताया की वो सौरव है, उसकी छोटी बहन का क्लासमेट था और अभी साल भर के बाद मिला है।
कामया ने पूछा - “तो मैं क्या करूं?”
शगुफ्ता ने कहा की उसका प्लान उसके साथ मजे करने का है। लेकिन सौरव अपने दोस्त के साथ आया है, इसलिए वो चाहती थी की हम, शगुफ्ता और सौरव दोनों को उसके प्लेस पे ड्रॉप कर दें। कामया मान गई फिर शगुफ्ता और उसका दोस्त फ्रंट सीट पे बैठ गये और वो ड्राइव करने लगी।
सौरव के डायरेक्षण बताने पे हम सब उसके घर पहुँच गये। आकांक्षा ने शगुफ्ता से पूछा - “फिर तुम वापस अपने घर कैसे जाओगी?
शगुफ्ता ने कहा- “सौरव मुझको छोड़ देगा…”
तभी सौरव बोला- “मुझको बाइक नहीं चलानी आती…”
पायल बोली- “क्या? फिर तुम्हारी उम्र कितनी है?”
और जब सौरव ने बताया की वो 18 साल का है तो हम सब उसको छोड़कर शगुफ्ता को देखने लगे। सौरव दिखने में मासूम और क्यूट लुक में भी 19-20 साल का लग रहा था। हमने उसकी 5’ फुट की हाइट को अनदेखा कर दिया था। चलो उसकी नॉर्मल बाडी को अनदेखा कर भी दें, लेकिन 18 साल की उम्र के लड़के को शगुफ्ता क्यों उठाकर लाई है? कामया ने शगुफ्ता को वापस कार में बैठने को कहा।
शगुफ्ता सौरव को- “5 मिनट में आती हूँ , तुम चलो…” कहा और हमारे पास आई।
पायल ने कहा- “पागल है क्या तू ?”
नेहा बोली- “तेरा तो ब्रेकप नहीं हुआ है ना, फिर क्यों उस बच्चे को फँसा रही है?”
मैंने कहा- “उसको मज़ा करके आ, फिर चलते हैं यहां से…”
शगुफ्ता ने बताया- “मैं सौरव को पहले से जानती थी और फिर बातों-बातों में वो शर्त लगाने लगे, धीरे-धीरे ड्रिंक्स से पैसों पे हो गई, सौरव से उसकी 3 शर्त लगी थी, पहली दो शर्त पैसों वाली शर्त वो जीत गई थी, पर थीसरी शर्त में सौरव ने उसको सेक्सुअल शर्त लगाई जिसमें वो हार गई।
सौरव भी कार में था तो उसके सामने वो हमको बताना नहीं चाहती थी, इसलिए उसने हमें जाने को कहा।
कामया बोली- “तुम फिर क्या कल आटो से आओगी?
नेहा ने कहा- “वो लड़का कुछ मिनट में ही ढेर हो जाएगा, तू जा हम यही इंतजार करते हैं…”
शगुफ्ता बोली- “मुझे भी यही लगता है, तो तुम लोग मेरा इंतजार करोगे?”
उसी टाइम सौरव आया और हमको अंदर आने को बोला। हमने डिसाइड किया की शगुफ्ता का “काम” पूरा होने तक रुक जाते हैं।
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