RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
उसकी फाइल ट्रांसफर हो रही थी और उस टाइम वो फोटोस देख रहा था। मैं अपनी और मोम की पिक्स और वीडियो हाइड नहीं करती लेकिन ऐसी जगह रखती हूँ जहाँ पे कोई इमेजिज और वीडियोस नहीं खोलता, इसलिए कोई टेन्षन नहीं थी। वो लास्ट टाइम की मेरी अपने दोस्तों के साथ जयपुर ट्रिप की पिक्स देख रहा था जिसमें मैं और शगुफ्ता बाइक पे बैठी थीं।
मैं- “बात तो तेरी सही थी, अगर तू वो सब नहीं बोलता ना तो कुछ भी नहीं होता, तुम दोनों क्या पहले से फाइट करते हुए आ रहे थे?” अगले फोटो में मोम, भाई और मैं भीगे हुए थे और हँस रहे थे। मुझे याद आया की ये लास्ट कान की फर्स्ट बारिश में भीगने वाले दिन की है।
भाई ने उस फोटो से नजर हटाकर कहा- “नहीं, मुझे लगता है… …” कहकर वो रुक गया।
मैंने कहा- “क्या?”
भाई ने कहा- “आई थिंक मोम नोज अबाउट अस…”
मैं टीशर्ट पहन कर रुक गई- “मतलब?” फिर मैंने दराज से पैंटी निकालकर पहनी।
तब भाई बोला- “मोम को देखकर कभी-कभी ऐसा लगता है की वो जानती हैं, और कल मोम आपको देखकर समझ गई की हमने सेक्स किया था…”
मैं शॉर्ट्स पहन के भाई के पास बैठी- “ऐसा नहीं है, तूने कल मुझे नंगी देखा तो मोम…”
भाई बोला- “फिर मोम इतना हंगामा कैसे कर रही थी? आई थिंक वी शुड स्टाप दिस…”
मैं- “य-युवर राइट, मोम टोटली अनप्रिडिक्टीबल हैं…”
भाई- “ह्हम्म… कुछ करता हूँ इस बारे में…”
बात और ना बढ़े इसलिए हमने साथ बैठकर डिनर किया, पर किसी ने भी एक दूसरे से बात नहीं की। भाई मोम से गुस्सा था, लेकिन मोम ने भी उसको सॉरी नहीं बोला। डिनर के बाद मैं मोम से बात करने गई, पर मोम मेरी बात समझने को तैयार नहीं थी, और तो और मोम ने मुझे ही डाँट दिया। हमें धीमी आवाज़ में बात करनी पड़ रही थी लेकिन मन तो चिल्ला-चिल्ला के बोलने का था।
उनको मैंने कहा- “डिनर के बाद मुझे नींद आ गई थी, जानबूझ के तो नहीं किया मैंने, मुझे ये तो बताओ इसमें बड़ी बात क्या है?”
मोम- “तुझे मैं बता चुकी हूँ पर तु समझती कहां है, तुम दोनों ने फ्रीडम का ज्यादा ही फ़ायदा उठा लिया है…”
मैं- “लेकिन मोम इस सब में भाई की क्या गलती है? आपको उसपे चिल्लाना नहीं चाहिए था…”
मोम- “हम तो ओफिस में भी एक दूसरे पे खूब चिल्लाते हैं, तो क्या हर टाइम सारी बोलती फिरू…”
मैं- “मुझे पता नहीं की ओफिस में आप कैसे रहते हो? और ये मामला ओफिस का है भी नहीं। हर बार आप ही बखेड़ा करती हो और ये वाला भी आप ही ने खड़ा किया है…”
मोम- “अच्छा? वो कैसे? ज़रा मैं भी तो सुनूँ?”
मैं- “आपको नहीं पता? मुझे ना, कुछ समझ में नहीं आता। एक तो इतनी सी बात के लिए आप झगड़ बैठी, जबकि दिन को खुद भाई से चुदाने की बात कर रही थी। फिर उसका हमें नंगी देखना तो बहुत ही छोटी बात नहीं लगती आपको?”
फिर मोम ने कहा- “सिर्फ़ बात की थी, और उससे कुछ नहीं होता…”
मैं- “पर आपने उसको ब्लो-जोब तो दिया था ना? और कई बार उसका वीर्य भी आप पी चुकी हो, अब ये बड़ी बातें नहीं क्या आपके लिए?”
मोम के पास अब जवाब नहीं था।
फिर मैंने कहा- “अगर नग्नता से इतनी प्राब्लम है तो ये बाकी चीज़ें भी करना छोड़ दो, क्योंकी आपका गुस्सा भी ढोंग लग रहा है…”
मोम ने मुझे ऐसे देखा की वो अभी एक रखकर देंगी, पर मुझे भी डर नहीं था। मोम अपना सिर पकड़कर बेड पे बैठ गई और कुछ सोचने लगी, शायद वो कुछ बताना चाह रही हों, और शब्द ना मिलने पे बताना कैंसल कर दिया। फिर उन्होंने कहा- “मोना, मैं अब इस बारे में बात नहीं करना चाहती, तू अब जा यहां से…”
फिर मैं भी रुकी नहीं और अपने रूम में चली गई।
मोम की वजह से मेरा मन बाहर जाने को होने लगा, और मैं कामया को काल करके उसके वहां जाने के लिए तैयार होकर घर से निकल गई। रास्ते में मेरी रिंग बजी, तो मुझे लगा की भाई ने काल किया होगा। लेकिन वो काल तिलक का था जिससे में आज ही मिली थी। उसने मुझे कल मिलने के लिए काल किया था लेकिन , 15 मिनट बाद मैं तिलक के प्लेस पे पहुँच गई।
मैं और तिलक कुछ देर बातें करने लगे और फिर रहा नहीं गया। उसने मेरी तरह पैशनेट और अग्रेलसवली किस करते हुए मुझे नंगी कर दिया और खुद को भी। उसकी सेक्सी रिप्ड़ बाडी मेरी हाट कर्वी बाडी से लिपटी हुई थी। हम एक दूसरे को इस तरह किस कर रहे थे जैसे नन्मों बाद मिले हों, और इसके बाद फिर हम मर जाएँगे।
उसने मेरे टिट्स को काटा और जोर से चुचियों को हथेलियों में भर के दबोचा। मैं उसकी बैक को खरोंच रही थी, फिर मैं उसके कड़क लण्ड को पकड़कर जोश में चूसने लगी। तिलक का होश उड़ा हुआ था, और मुझे हैरानी से और अपने भाग्य पे बिलीव ना करते हुए मुझे उसके लण्ड को पूरा मुँह में लेते हुए देख रहा था।
उसने मेरा चेहरा अपने हाथों में लिया और मस्ताने अंदाज में जी भर के चूम लिया, चूमते -चूमते वो सही जगह पहुँच गया और मेरी चूत जिसे बस लण्ड चाहिए था, उसमें अपनी जीभ डालने लगा। मैं शानदार चुदाई का इंतजार कर रही थी, पर मैंने उसको मेरी चूत को फाड़ने से पहले चेक कर लेने दिया। उसके बाद वो मुझे उठाकर बेडरूम में ले गया। आँखों में देखते हुए मैंने अपनी खुली चूत में उसका मोटा लण्ड महसूस किया, ओह्हह गोड… मैंने उसके बाल पकड़ लिए और उसने मेरे।
मैं- “आह्हह… आह्हह… आह्हह… आह्हह… एसस्स…” कहते हुये मैं पलट गई।
और उसने मेरी गाण्ड पकड़कर डागी पोज़ में मेरी चूत फाड़ने लगा। वो तूफ़ानी चुदाई कर रहा था और मैं भी लहरों के जैसे हिल रही थी। चूत में बिजलियाँ धमाके कर रही थी।
मैं- “ओह्हह… फक…” मैं चिल्ला पड़ी और मेरी चूत से समुंदर उमड़ के बाहर आ गया। उसका लण्ड पलक झपकते ही मेरे अंदर वो कमाल की गर्मी बढ़ाने लगा जिसकी वजह से मैं यहाँ आई थी।
तिलक मुझपे झुका हुआ- “आऽ आऽ आऽ…” वो पूरी ताकत से मेरी चूत मारते हुए- “आऽ आह्हह… आह्हह…” मुझे देख रहा था, लेकिन उसकी आँखों में देखते हुए भी मैं सिर्फ़ उस बदन को याद कर रही थी जिसने मुझे अपने जैसा बनाया।
जिसने मुझे बनाया- “आह्हह… फक मी…” हाँ वो भी यही कहती- “एस एस हार्डर…” उसको भी ये पसंद है, क्या सच में उसको ये पसंद है? अंजान लोगों से चुदा लेना, जो बस उससे यही चाहते हैं, और उनका क्या जो उसको सच में चाहते हैं? मेरा क्या? आदी का क्या? तुम हमसे छुपती क्यों हो? प्लीज़्ज़… कम आंड शो यौरसेल्फ़, फ़ॉर अस प्लीज़… मैं और आदी, वी बोथ लव यू …”
“आई लव यू , हाँ हाँ आई लव यू मोनिका…” एक मर्द की आवाज़ दरवाजा से कहीं सुनाई दी।
मेरी पलक झपकी, और देखा कि वो जाना पहचाना चेहरा मुझे देख रहा था, फिर मेरे बदन में गर्मी बहती हुई बाहर निकल गई।
“ओह्हह… फक…” तिलक ने कहते हुए अपना मोटा लण्ड मेरी भीगी चूत से निकाल लिया।
तिलक से विदा लेकर मैंने कामया को काल करके मना कर दिया की मैं नहीं आ रही, क्योंकी अब मैं वहीं रहना चाहती थी जहाँ मोम थी। नो वॅन्स मी। कल तो सब नॉर्मल हो जाएगा, ये सोचकर मैं अपने बेडरूम में सो गई।
भाई तो चलो मोम के साथ काम भी करता था इसलिए उनके बीच नॉर्मल जैसा ही था। लेकिन अगले कुछ दिनों तक भी मोम का मुझ पर से गुस्सा कम नहीं हुआ। बस एक दूसरे को चीज़ें देने, ज़रूरी काम करने को कहने के अलावा हमने बात नहीं की। मैं एक्सरसाइज़ रूम गई नहीं लेकिन भाई ने मुझसे कहा की वो अकेला ही एक्सरसाइज़ कर रहा है और हम नहीं। मैंने घर पे भी आउटडोर आउटकिट पहन, ताकी मोम को कोई बात कहने का मौका ना मिले।
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