RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
जब उसने अपना सांड़ मेरी चूत में डाला तो वो अंदर जाते ही ऊधम मचाने लग गया। मैं सिसकारियाँ लेते हुए उसकी हाट सेक्सी मस्क्युलर बाडी को देख रही थी।
मैंने कहा- “फक मी हार्डर लाइक फकिंग बिच, फक माई डर्टी लिटिल पुस्सी, मेक इट बिग्गर, फक इट हार्डर…”
उसने मेरे पैर ऊपर कर लिए और मुझे पे चढ़ गया।
क्या चोदा फिर उसने क्या कहूँ ? बस निहाल हो गई। फिर मैं भी उसकी हरामज़ादी चुप ना बैठी, मेरी रण्डी चूत मेरे मुँह से ना जाने क्या-क्या बुलवाने लगी- “फक… हेल एस्स…”
इतनी देर बाद मुझे मोम की मोजूदगी का एहसास हुआ की मैं तो भूल ही गई थी उन दोनों के बारे में। मोम डागी स्टाइल में अनुराग की धमाकेदार स्पीड से मरी जा रही थी। उसने मोम को गर्दन और कमर से फकड़कर रखा हुआ था की ये कुतिया चूत के फटने के डरकर भाग ना जाए। दो हट्टे कट्टे इंसॉफ चुदक्कड़ माँ बेटी की चीखें निकाल देने वाली ठुकाई कर रहे थे।
मोम- “एस एस दैट फकिंग चूत एस्स फॅक्क आह्हह… आह्हह… आह्हह… आह्हह…”
मैं- “ओह्हह… यू बिग बाय योर बिग काक नील्स सो गुड इन माइ लिटिल कंट…”
मोम- “प्लीज़्ज़… फक मोर… मोर आऽऽ लशट…”
मैं- “माई होर कंट वांटस डीप डीप इनसाइड मी एआह्हह… राइट देयर या… या… उन्ह… उन्ह… ऊऊओ फॅक्क मी… ओह्हह गोड… योर बिग फकिंग डिक टियरिंग माई लिटिल चूत आह्हह…”
जब हम दोनों अपनी चूत से पानी निकाल चुकी थी तब हम चारों अंदर गये। अब बेडरूम तक कौन जाए, मैं और मोम उनके खड़े गर्म लन्डों को पकड़कर सामने काउच की तरफ ले गईं। मैं कापेट पे घुटनों के बल बैठ गई और तुषार मेरे सामने।
अनुराग काउच पे लेटा और मोम उसके लण्ड पे बैठ गईं। फिर उसने मोम की गाण्ड पकड़कर अपने लण्ड पे मोम की चूत घिसने लगा।
तुषार ने मेरा सिर पकड़कर मेरे गले से चोकिंग आवाज़ पैदा करनी शुरू की। उसने मुझे घूमने को कहा और मैं घूमी फिर तुषार ने मुझे पीछे झुकाया और फिर लण्ड मेरे मुँह में डाला। इस तरह मेरा मुँह चोदने लगा। वो बहुत डीप में जा रहा था और उसकी बाल्स मेरी नाक से लग रही थीं।
रूम में मेरी चोकिंग और मोम की गाण्ड की फट-फट की आवाज़ के साथ मोनिंग भी मूड को और हाट बना रही थी। फिर हमने पोज़ीशन चेंज करने के लिए मोम और अनुराग को रोका। मोम और मैं कमर के बल लेटी 69 हो गई। तुषार और अनुराग हमारे पीछे लेटे और हमारी टांगे ऊपर करके चोदने लगे।
मोम और मैं एक दूसरे की चूत को नज़दीक से चुदते हुए देख सकते थे, और फिर हमने एकदूसरे की क्लिट को चाटना शुरू कर दिया। हमारे मर्द कुछ आपस में बोल रहे थे और हँसते हुए शाट मार रहे थे। पर मुझे मोम की ठुकाई के शोर की वजह से कुछ भी सुनाई नहीं दिया।
मोम ने मेरी क्लिट को जोर से चुसते हुये जीभ से मसला की मेरी चूत पानी निकालने को तैयार होने लगी। मैंने भी मोम की क्लिट को मुँह से दबोच लिया। अब मुझे भी मेरी टांगों के बीच से मोम की चीख सुनाई देने लगी। हम दोनों आह्हह… उन्न्ह… की घुटी हुई आवाज़ों से झड़ने लगी।
अनुराग के लण्ड को मोम की चूत से निकाल के मैंने अपने मुँह में ले लिए, मोम के जूस ने उसका टेस्ट बढ़ाया था, या फिर वो था ही एरोटिकली स्वीट। अनुराग ने मोम को कहा- “निशा कितनी भूखी है लण्ड की…”
मोम ने कहा- “चलो तुम दोनों निशा की गाण्ड और चूत एक साथ मारो…”
अनुराग मुझे काउच की तरफ ले गया और खुद बैठाता। मैं जब उसके लण्ड पे बैठी तो उसने कहा- “योर चूत इस सो वेट, यू वांटेड मी आल दिस टाइम?”
मैंने कहा- “असल में आई वांट डू यू इन माई गाण्ड, लेकिन यू फक माई चूत फर्स्ट…”
जब मैं उसके लण्ड पे उछल रही थी तो मोम की चूत तुषार के मुँह में थी। मेरी चूत अनुराग के लण्ड से खुश हो जाने के बाद मेरी गाण्ड भी उसके लण्ड को परखना चाहती थी की वो उसकी कितनी बना सकता है।
अनुराग- “इट्स सो टाइट…”
मैं- “हाँ मेरी गाण्ड का छेद बहुत छोटा है, प्लीज़्ज़… मेक इट बिग्गर ओह्हह… य रियली बिग ओउ…” फिर धीरे-धीरे और रिलेक्स होकर उसने मेरी गाण्ड में अपना लण्ड डाला और फिर धीरे-धीरे मैं अपनी कमर मटकाने लगी और लण्ड को गाण्ड में घुमाने लगी।
अनुराग- “या बेबी फक माई डिक, मूव योर गाण्ड लाइक जस्ट्रपर, ओह्हह… युवर सो हाट…”
मैं- “यू लाइक दैट हाँ?”
अनुराग- “या आई लोव योर बिग बट…” हम किस करते हुए आराम से चुदाई करने लगे।
लेकिन दूसरी ओर मोम किसी पॉर्न-स्टार की तरह लग रही थी। अब लगने लगा की दोनों और टिके नहीं रह सकते इसलिए अब तुषार मेरे ऊपर झुक के मेरी चूत चोदने लगा और मोम सोफे के ऊपर चढ़कर मेरे चेहरे के पास बैठ गई। मेरे दोनों छेद दो बड़े-बड़े लण्ड झेल रहे थे और मैं पैशिेटली मोम की क्लिट चाट रही थी। मोम हाई होने लगी।
उस पतली सी चमड़ी के दोनों और दो लण्ड पिस्टन की तरह मुझे घिस रहे थे। मैं अपना होश खाने लगी, इतनी बेरहमी से वो मेरी बना रहे थे। मुझे कुछ खयाल नहीं रहा, मैं कहा हूँ ? क्या हो रहा है? कुछ पता नहीं था। मुझे बस अपनी चूत और गाण्ड में कुछ घुसता और निकलता महसूस हो रहा था।
मोम मेरे गाल पे थपथपा के होश में लाई- “बेचारी की हालत तो देखो, सबसे ज्यादा मजे इसी को आ रहे हैं…” मोम ने कहा और सब हँसने लगे।
मैं स्माइल के साथ सोचने लगी की क्या सच में मैं एक पल के लिए बेहोश हो गई थी। मुझे फिर सब कुछ महसूस होने लगा और मैंने अपने होंठों पे मोम की चूत देखी तो मैंने उसको चाटना चालू किया।
मोम झुक कर तुषार को किस कर रही थी। फिर मोम अनुराग को किस करने लगी। पर वो दोनों लगातार मेरी मारे जा रहे थे। रूम में सबसे ज्यादा मेरी ही आवाज़ें सुनाई दे रही थी।
मोम हटकर अनुराग के चेहरे पे ऊपर आ गई। मोम तड़प के झड़ गई।
और फिर अनुराग ने कहा- “मैं झड़ने वाला हूँ …”
मैंने कहा- “तुम मेरी गाण्ड में भर दो…”
उसके बाद तुषार भी बोला दिया- “मैं झड़ने वाला हूँ …”
तब मोम ने कहा- “तुम भी निशा की चूत में अपना माल भर दो…”
वो दोनों जब ‘आह्हह’ करते हुए मेरे दोनों फक होल में खाली होने लगे तो मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं पहले से ही दो लण्ड से भरी हुई थी और अब मुझे वो गर्म वीर्य अपने अंदर महसूस हो रहा था- “ओह्हह गोड… ओह्हह गोड… फक… दिस इस अमेजिंग। आई लव यू बोथ आज य गाइस…”
15 मिनट हम यहां वहां लेटे रहे, सबके चेहरा पे स्माइल थी क्योंकी इतने मिदार सेक्स और मस्त कर देने वाले ओर्गज्म से सकून मिल गया था।
तुषार ने कहा- “चलो पूल में जाकर रिलेक्स करते हैं…”
पर मुझसे तो खड़ा भी नहीं हुआ ना रहा था तो अनुराग ने मुझे उठा लिया। इसपर मैं शरारत से हँसने लगी।
उसको देखकर तुषार ने भी मोम को उठा लिया- “चलो दोनों को पूल में फेंकते है…”
“नहीं नहीं नहीं आअह्हह…”
“छपाक्…” फिर दो और छपाक् की जोरदार आवाज़ से वो दोनों भी कूद गये। हमने मजे करते हुए आराम किया और हूँ सी मज़ाक करने लगे।
तुषार ने मोम को कहा- “पानी के अंदर आप कितनी देर ब्लो-जोब कर सकती हैं?”
मोम ने 30 सेकंड तक करके दिखाया। लेकिन मैं 20 सेकंड ही कर पाई और फिर मोम ने इस चेलेंज को 1:27 मिनट करके तुषार को चेलेंज किया कि वो कितनी देर तक मोम की चूत को चूस सकता है? वो 40 सेकंड तक करके बाहर निकला फिर अनुराग को बोला। अनुराग ने मेरी चूत 25 सेकंड तक चूसी लेकिन जब बाहर निकला तो खाँसते हुए बेहाल हो गया।
स्ट्रांग, हम्म्म… उसकी बाहों में यूँ पानी में रिलेक्स करना कितना अद्भुत था।
मोम भी आँखे बंद की तुषार की बाहों में थीं। मुझे अनुराग के शील्ड जैसे स्ट्रांग सीने पर प्यार आ रहा था, मैं उसको सहलाने लगी और चूमने लगी। हमारी किसिंग के बाद मोम मुझे देख रही थी। मैं तैरती हुई मोम के पास गई और उनको किस करने लगी। तुषार और अनुराग दोनों दिलकश मुश्कान के साथ हम माँ बेटी का लेस्बियन रूप देख रहे थे।
जब हम उन दोनों के पास आए तो पता चला की वो कितने हाट थे। मैंने और मोम ने मिलकर दोनों लण्डों को पानी के अंदर सहलाते हुए एक दूसरे को किस करने लगे।
फिर मैंने कहा- “अब राखी की बारी है डबल मज़ा लेने की…:”
उन दोनों ने मोम का सैंडबिच बना दिया। मुझे अपनी चूत के लिए पूल से बाहर निकलना पड़ा। मैं किनारे पे अपने पैर फैलाकर बैठ गई और मोम- “फक आह्हह… आआ एयेए…” करती हुई मेरी चूत चूसने लगी।
पूल में मोम को उठाकर चोदना थोड़ा मुश्किल था उन दोनों के लिए। इसलिए हम वापस घर में चले आए और तौलिया से खुद को पोंछकर हम बेडरूम में गये।
ये दूसरा राउंड था, इसका मतलब पहले से ज्यादा मज़ा। इतना कि मैं बता नहीं सकती। संछेप में पहले मोम की चूत और गाण्ड मारने के बाद मैंने अपनी गाण्ड और चूत की दूसरी बार जब पूजा करवाई तो उन दोनों पंडितों ने ऐसे मंत्र पढ़े की देवी खुश क्या… देवी की हालत खराब हो गई। छोटी देवी मर ना जाएं और बड़ी देवी रूठ ना जाएं, तो उन पंडितों ने और जम के मेहनत से बड़ी देवी को खुश कर दिया।
बारी-बारी से तुषार और अनुराग ने मेरी और मोम को डबल पेनेट्रेशिन सेक्स से बेहाल कर दिया। दूसरे राउंड में मेरी दूसरी बार डी॰पी॰ मैं बहुत थक गई और मेरा बदन तो गजब का दिन करने लगा, इसलिए मैं लेटकर मोम की तीसरी बार डी॰पी॰ देखने लगी।
गाण्ड-चूत फाड़ चुदाई में मोम की आँखे ऊपर हो गई और एक पल बाद नॉर्मल हो गईं। लेकिन ये सिर्फ़ एक बार और मोम के साथ नहीं हुआ। काफ़ी देर मोम की चुदाई देखकर, भले ही मेरी बाडी की खड़े होने की हालत नहीं थी, लेकिन मैं आखिरी बार चुदना चाहती थी।
मुझे तुषार ने पीछे से और अनुराग ने आगे से चोदा और मेरे लास्ट लेकिन सबसे बिग ओर्गज्म के बाद उन दोनों ने मोम को पकड़ा।
तब मोम ने कहा- “लेट्स फिनिश दिस ब्वायस…”
पिछली बार की ही तरह, लेकिन इस बार मोम को उन दोनों ने अपने वीर्य से भर दिया।
कुछ देर बाद मैंने मोम से पूछा - “रात यहीं सो जाते हैं…”
मोम ने कहा- “कल ओफिस जल्दी जाना है। वैसे भी अभी 11:30 ही बजे हैं…” हमने आराम नहीं किया, अगर करते तो नींद आ जाती और नींद आती तो मॉर्निंग में उठना मुश्किल हो जाता। हम किसी तरह से कपड़े पहन कर कार में बैठे।
मोम ने हाइवे तक का रास्ता बताया फिर बाकी मैं ड्राइव करते हुए हमें घर ले आई। हम लड़खड़ाते हुए अंदर आये, जैसा की हमने जाने से पहले भाई को कहा था की हम लड़खड़ाते हुए ही आएंगे। मोम के रूम में हम गये तब मैंने भाई के सीढ़ियों से नीचे आने की आवाज़ सुनी। मैंने दरवाना बंद कर दिया ताकी वो हमें यूँ ना देखे और सवाल पूछने लग जाए। मैंने मोम की ड्रेस उतारी और फिर खुद की भी और फिर मैं उनके पास लेट गई।
मोम ने धीरे से कहा- “आज कितना मज़ा आया ना, मैंने कभी तुझे फेंट होते नहीं देखा…”
मैं- “और मैंने आपको…” और फिर हम सो गये।
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