RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
अच्छा हुआ उसने मोम की तरफ नहीं देखा जो उसके जाते ही अपनी टाँगें खोल दी और धीमे से विसेता वाली आवाज में बोली- “एइस्स्स… ये बात हुई ना मेरी जान…” और मुझे किस करके फिर वापस सही से बैठ गई।
मैं मोम की तरफ मुँह खोले देख रही थी- “इसमें इतना खुश होने की क्या बात थी?” मैंने मोम से पूछा।
लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया, और वो मुझे एक बार फिर होंठों पे किस करके अपने बेडरूम में चली गई, मैंने सोचा पक्का अब एक बड़ा सा डिल्डो मोम की चूत में घुसने वाला है और अगर मोम ज्यादा खुश हैं तो शायद एक गाण्ड में भी।
शाम को भाई बड़े डम्बलस ले आया, मिड और उससे हल्क वेट के घर में पहले से ही हैं। मैंने उसका बैग देखते हुए कहा- “कोई टाइट अंडरवेर नहीं ली…”
भाई ने पूछा- “वो क्यों…”
तब मैंने उसको वार्निंग देते हुए कहा- “अब से कोई है जो कभी बैठ नहीं पाएगा…” कहकर उसके लण्ड पे हाथ फेरा और आँख मार दी।
रात को तैयार होकर मैं अपनी दोस्तों के यहां गई सन्डे मनाने। शाट्स लगाने में मैं पायल से जीत गई, पर मेरी दोस्तों ने मुझे ड्राइव करने से मना कर दिया। पर मैंने कहा- “मैं होश में हूँ…”
फिर भी इस वजह से मुझे शगुफ्ता ने घर ड्राप किया। जाने से पहले उसने मुझसे परेशान होकर पूछा- “मेरी मोम मुझे डाँटेंगी तो नहीं?”
मैंने कहा- “डोन्ट वरी, शी’स कूल…”
शगुफ्ता- “रियली। लकी यार, मेरी मोम तो पूरा घर उठा लेती हैं, चल ओके बाइ…”
मैं कार से उतरी, और आस-पास देखा, फिर मैंने शगुफ्ता से कहा- “एक हाट दृश्य देखेगी?”
शगुफ्ता- “क्याऽऽ? अच्छा दिखा…”
मैंने कहा- “पर तुझे देखने के लिए कुछ देना पड़ेगा…”
शगुफ्ता बोली- ऐसा क्या दिखाने वाली है?
मैंने उसको कहा पर उसने माना नहीं की मैं ऐसा कर सकती हूँ। तो मैंने उसको बेट लगाने को बोला की अगर कोई लफड़ा हुआ तो मैं हार गई और नहीं हुआ तो मैं जीत जाऊँगी।
शगुफ्ता- “अच्छा जीतने वाले को क्या मिलेगा?”
मैं- “वो एक दिन का गुलाम, जो कुछ करवाना हो करा सकेगा…”
उसको लगा की वो जीतने वाली है। मुझे भी कुछ पर्सेंट डाउट था, बुत आई नो आई विल्ल बी द विन्नर।
शगुफ्ता- “ओके चल काल कर…”
मैं वापस कार मैं बैठ गई और मोम को काल किया। मोम के आने से पहले मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।
दो मिनट में मोम मुख्य दरवाजा खोलते हुए आई, और कहा- “ओह्ह… माई गोड मोना, तू नंगी क्यों है?”
मैं- “हाय मोम…”
मोम- “तेरे कपड़े कहाँ हैं?”
शगुफ्ता बोली- “आंटी, वो ये अपने कपड़े भी हार के आ गई…”
मोम- “क्याऽऽ? मोना तू?”
मोम कुछ बोले उससे पहले मैं कार से उतर गई, और “बाइ शगुफ्ता” बोलकर पर्स हाथ में लिए, घर की तरफ चल पड़ी। मोम आस-पास देखने लगी। चाँदनी रात में मेरा गोरा बदन चमक रहा था। बदकिश्मत पड़ोसी अपने घर में मोबाइल में घुसे हुए थे। शगुफ्ता भी कार से उतरकर पीछे आने लगी। उसको लगा की मेरी मोम अंदर पहुँचते ही मुझ पर टूट पड़ेगी।
मैं कुछ लड़खड़ते हुए अंदर गई और- “हाय भाइ…” मैंने कुछ नशे में झूमते हुए कहा।
पीछे से दरवाजा बंद हुआ और शगुफ्ता ने तमाशा देखने के मूड से अपने हाथ सीने पर बाँध दिए।
मोम ने शगुफ्ता से कहा- “तुम बोलो हुआ क्या था?”
शगुफ्ता छोटी सी बच्ची की तरह राग में बताने लगी- “मोना ने ज्यादा पी ली और फिर खेल में वो अपने सारे कपड़े हार गई…”
मोम ने भाई को देखकर गुस्से में कहा- “आदी, अपने रूम में जाओ, अभी…”
पर आदी अपनी जगह से हिला तक नहीं।
मोम- “उफफ्फ़… मोना, तू अपने रूम में जाएगी?”
मैं यही सुनना चाहती थी- “गुड नाइट एवरीवन…” और जाते हुए मैं पीछे शगुफ्ता के रंग उड़े हुए चेहरे को देखकर मुश्कुरा कर चली गई।
मैंने मोम को शगुफ्ता को थैंक्यू बोलते सुना फिर दरवाजा बंद होते।
मैं रूम में पहुँची, और फिर शगुफ्ता को काल लगाया। तभी मोम रूम में आई। शगुफ्ता ने फोन उठाया और मैंने मोम को अपने होठों पर उंगली दिखाई और फोन स्पीकर पे किए और वाल्यूम कम की।
शगुफ्ता- “अरे यार तूने ये कैसे किया?”
मैं- “चल अब मैं बेट के हिसाब से तेरी एक दिन की मालेकिन हूँ, और तू मेरी गुलाम…”
शगुफ्ता- “यार ऐसा वैसा कुछ करने को तो नहीं बोलेगी?”
मैं- “देखेंगे… चल अभी के लिए बाइ, मुझे सोचना भी तो पड़ेगा, क्या-क्या करवाना है?” हँसते हुए मैंने कहा।
काल कट किया और मोम को हग किया- “थैंक्स मोम, आपकी वजह से मैं जीत गई…”
मोम- “अच्छा बेटिंग हाँ… पहले पोकर खेलो, और बिना कपड़ों के घर आओ, ऐसे नहीं चलेगा…”
मैंने मोम को पूरी बात बताई, और कहा की पार्टी में मैंने कोई खेल नहीं खेला, आस-पास देखने के बाद ही मैंने बेट लगाई थी। और कपड़े तो उनके आने से पहले कार में ही उतार दिए थे।
मोम- “तो ये बात है, ठीक है फिर…” फिर मोम हग करके चली गई और मैं बेड पे पसर गई। मोम ने भाई को नहीं कहा।
अगले दिन मैं लेट उठी। भाई आफिस चला गया था। मोम कुछ अलग लग रही थी। लगता है मोम-भाई की फर्स्ट योगा क्लास कुछ ज्यादा ही हाट रही होगी। फिर मैं कालेज चली गई। वहाँ पे मैंने कल की बात दोस्तों को बताई और अगली पार्टी में शगुफ्ता के मजे लेने का डिसाइड किया।
मार्निंग में भाई को मोम योगा सिखाती, इससे भाई की हालत ऐसी थी की सामने कुंआं है पर प्यास नहीं बुझा सकते। बाकी टाइम मोम पहले की तरह नार्मल रहती। पहले के आधे घंटे के बाद भाई का तंबू लग जाता, जिसको इग्नोर करना पड़ता था, यानी भाई उसको शांत करके ही रूम में आता था।
फिर रात को भी मोम भाई को तंग करती। कभी उसके पास चिपक के टांगें सिकोड़कर बैठ जाती जिससे उनकी पैर से गाण्ड तक नंगी दिखती। बेचारा… आफिस का मुझे पता नहीं पर मेरे ख्याल से मोम वहाँ कुछ नहीं करती होंगी, क्योंकी वहाँ पे कर्मचारी हैं ना। पर घर पे उफफ्फ… ये बड़ी सी गाण्ड… ओह्ह… गोड।
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अकरम ने फिर एक रात फिक्स की हमारे “धंधे” के लिए। पर ये बहुत ही बोरिंग थी। वो मोटा था, तोंद निकली थी। सेक्स तो एकदम मशीन टाइप था।
हम दोनों 20 मिनट में फ्री होकर आ गये। बिना आर्गैज्म के हमारा मूड आफ था। सोचा की मूड अच्छा करने के लिए बाथ लेने के बाद मैं और मोम एक दूसरे को शांत करेंगे। लेज़्बियन सेक्स से मोम तो “खुश” हो गई और मैं रह गई। मोम ने डिल्डो से मेरी चूत मारी पर मुझे वो मोटा आदमी दिख जाता और मेरा मूड खराब हो जाता।
मैंने मोम से चिढ़ते हुए कहा- “रहने दो…” और मैं सिर पे हाथ रख लेट गई।
कुछ देर बाद मोम ने मुझसे कहा- “तू ज्यादा शोर नहीं करेगी। ओके?”
मैं समझी नहीं।
तब मोम ने कहा- “चल जाकर आदी के रूम में सो…”
मैं एकदम शाक्ड, मोम को देखने लगी। मैं उठी- “सारी मोम मेरे कहने का ये मतलब नहीं था…”
मोम- “मैंने तेरी बात गलत तरीके से ली ही नहीं…” मोम ने प्यार से कहा।
मैं- “तो फिर क्या मतलब है आपके कहने का की जाकर मैं आदी के रूम में सो?”
मोम सोचने लगी फिर भी उन्होंने कहा- “कैसे कहूँ। उम्म… ओके…” मोम मुझे देखते हुए बोली- “अच्छा बता तुझे अभी क्या चाहिए उस बकवास चीज को भूलने के लिए?”
“ओ माई गोड…” मोम क्या कह रही है? पक्का वो बुरा मान गई है।
मैं- “मुझे कुछ नहीं चाहिए…”
मोम- “पक्का कुछ नहीं चाहिए?”
मोम को अब मैं घूरने लगी- “उम्म्म…”
मोम- “हाँ बेटा, क्या?”
मैं- “कुछ नहीं…”
मोम उठी और बाथरोब पहनेकर जाते हुए “गुड नाइट” कहा और एक पल मुझे देखा।
मैं बेड से खड़ी हुई तो मोम वही खड़ी मुझे देखती रही। मैंने कहा- “आपके रूम में ड्रिंक्स हैं?”
मोम ने हाँ में सिर हिलाया, मैंने बाथरूम से बाथरोब पहन के मोम के रूम में गई। मोम एक वाइन का ग्लास मुझे देकर बेड पे बैठ गई। हम नंगी माँ बेटी जम के घूँट-घूंट चुपचाप पिए जा रही थी। मेरा ग्लास खतम हुआ और मैं उठकर बेड के पास टेबल पे रखकर अपने रूम में जाने के लिए मुड़ी और जाते हुए मेरी नजर बेड के कोने पे रखे मेरे बाथरोब पे पड़ी।
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