RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
सनडे को मेरे टाप में टी-शर्ट और बाटम में शार्टस या पैंटी पहने देखना भाई और मोम को आदत थी। लेकिन अगले कुछ दिनों में हम लोगों को मोम की टांगों को देखने की आदत डालनी पड़ी, या उनको दिखाने की।
एक मार्निंग को हम सब ब्रेकफास्ट कर चुके थे और सनडे होने की वजह से हम घर पे ही थे। भाई अपने आफिस की फाइल्स लेकर मेरे लेफ्ट में बैठा हुआ था और दायें में मोम। मोम और मैं टीवी देख रहे थे और मैं मेरी गोदी में तकिया को यूँ ही घुमा रही थी।
भाई- “राकेश ने जो रिपोर्ट दी थी वो आपने मुझे दी नहीं…”
मोम ने जवाब नहीं दिया तो मैंने कहा- “मोम, भाई कुछ कह रहा है?”
मोम- “हाँ? क-क्याऽऽ?”
“रिपोर्ट मोम, जो राकेश ने दी थी आपको? कहाँ है?” भाई ने बोरियत वाली टोन से पूछा।
मोम- “दी तो थी ना…”
मैं उनके बीच बैठकर सच में पक जाती हूँ, जब वो दोनों आफिस की बातों से परेशान करते हैं, आज भी ऐसा हो रहा था।
भाई- “किधर?”
मोम- “ओफफ्फ हो… तेरे बैग में देख ना…”
भाई- “ये सारी फाइल्स बैग से ही निकली हैं…”
मोम ने मेरे पास से झुकते हुए हाथ से इशारा करते हुए कहा- “ये… ये ग्रे वाली कौन सी है?”
भाई- “ये आ…”
मोम- “सामने पड़ी है फिर भी पूछ रहा है, और सन्डे को क्या लेकर बैठ गया तू? आज सनडे ही है ना मोना?”
“हाँ…” मैंने कहा।
मोम- “ऐसा तो नहीं आज मंडे हो और सिर्फ हम दोनों ही काम नहीं कर रहे?”
“ओह्ह… शटअप…” भाई चिढ़कर बोला।
मोम- “तू अपने दोस्तों के यहां क्यों नहीं जाकर आता, या फिर?” बातें कर रही मोम का ध्यान नहीं रहा की उनका एक टिट बाहर झाँक रहा था।
मैंने लेफ्ट में देखकर भाई को देखकर इशारा किया। अभी भाई मोम को कुछ कह रहा था पर अटक कर बात करने लगा।
मोम को महसूस हो गया, और वो वापस मेरे दायें में सही से बैठ गई। भाई फिर से अपने काम में लग गया। मोम को मैंने स्माइल दी और मेरा दायां हाथ उनसे टच हुआ और… और डम। नो पैंटी डे है क्या आज? मेरी माँ चाहती क्या है? मैंने तकिया की आड़ में अपने हाथ को मोम की ड्रेस में घुसाकर चूत के होंठ को पकड़कर हल्के से मरोड़ दिया।
“आह्ह…” मोम ने शरारती चेहरे से मुझे देखा।
मैं मोम की आँखों में देखते हुए बोली- “आज गर्मी बहुत बढ़ी हुई लग रही है, है ना भाइ?” फिर मैंने भाई की तरफ मुँह कर लिया।
भाई बस हाँ में सिर हिला दिया।
मोम ने भाई से पूछा- “आजकल तू जिम नहीं जाता है, कोई इंजुरी तो नहीं हो गई?”
मेरा हाथ अब भी वहीं था।
भाई ने फाइल से नजर ना हटते हुए कहा- “नहीं टाइम नहीं है…” फिर वापस लिखने लगा।
मैं और मोम एक दूसरे का चेहरा देखते रहे।
मोम- “बेटा अपनी सेहत का खयाल तो रखा कर, देख मोना पहले कहाँ पे एक्सर्साइज करती थी, अब तो जल्दी भी उठती है…”
मैंने कुछ महसूस किया और मोम की तरफ देखा। मोम ने अपने दायें से ड्रेस ऊपर कर दी थी और दायें हाथ से अपनी चूत सहला रही थी। मेरी गोदी में तकिया की वजह से भाई को मोम का ऊपर पार्ट और जांघें ही दिख सकते थे।
मोम ने मुझे आँख मारकर भाई से आगे आर्डर देने वाली टोन में कहा- “आदी अब कल से तू भी जल्दी उठेगा…”
भाई ने मोम की तरफ देखकर कहा- “वो क्यों?”
अब हम श्योर थे की मेरी वजह से मोम दिख नहीं रही थी।
मोम- “मैं तुझे 5:30 बजे जगा दूँगी…”
भाई ने कंप्लेंट करते हुए कहा- “5:30 बजे…”
मोम- “अच्छा 6:00 बजे तो चलेगा ना?”
भाई- “नोप। मैं नहीं उटूंगा इतनी सुबह को, आप दोनों ही उठो…”
मोम के हाथ को हिलाते मैं देख रही थी और आगे मोम ने कहा- “एक्सर्साइज नहीं करेगा तो तोंद वाले लड़के की कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनेगी। अच्छा जरा ये तो बता कोई गर्लफ्रेंड है भी या नहीं? ह्म्म…”
भाई चेहरा नीचे करके मोम को इग्नोर करने लगा और मोम इसका फायदा “तेजी” से उठाने लगी।
मोम ने मजे लेते हुए कहा- “अच्छा फिर नहीं है तो हमें ही ढूँढ़नी पड़ेगी, और जब तेरा पेट बाहर लटका हो तो पता नहीं कोई हाँ करेगी भी या नहीं? मोटी चलेगी ना तुझको?”
हम हँसने लगे।
भाई अब चिढ़ गया- “आपका मतलब मैं ऐसे अच्छा नहीं दिखता?”
मोम- “ऐसे ही उठना बैठना रहा तो पेट बाहर आ जाएगा…”
भाई- “पर में थोड़ी बहुत तो एक्सर्साइज करता हूँ ना…”
मैं- “मोम सही तो कह रही हैं, कुछ मक्फो वाचो बन, वैसे कितने दिन जिम गया था? आपको पता है क्या मोम?”
मोम ने आँखें बंद कर ली थी और अपने होंठ काट रही थी। फिर मोम ने नार्मल होकर कहा- “उम्म्म… मुझे याद नहीं…”
मोम भी ना, मैंने भाई का ध्यान मोम पर ना जाए, इसलिए आगे बोलना चालू रखा- “देखा किसी को भी याद नहीं है।
“आउच…” मोम- “ओह्ह… सारी…”
मैंने भाई से आगे कहना शुरू किया की उसको अब बाडी को शेप में रखना चाहिए, जागिंग और बाकी बातें। पर भाई ने वापस अपना चेहरा फाइल में घुसा दिया। मैंने बोलते हुए अपनी गोदी से तकिया हटा दिया तो मोम के होश उड़ गये। उन्होंने जल्दी से ड्रेस सही की और मुझे घूरने लगी।
भाई- “ओके ओके। कल से मैं जाना शुरू कर दूँगा। अब खुश?”
मोम- “जाना शुरू कर दूँगा? तू हमारे साथ ही एक्सर्साइज कर लेना…” मोम ने कहते हुए तकिया को मुझे पकड़ा दिया।
भाई- “आप… आपके साथ?”
मोम- “क्यों हम भी तो एक्सर्साइज करते हैं, हाँ ज्यादा हेवी वेट नहीं उठाते, तू अपने लिए मँगा लेना हेवी एक्विपमेंट…”
भाई- “नहीं वो बात नहीं है। मैं आप औरत लोगों के बीच में…”
मैं बोली- “हाँ… तो मत कर…”
पर मोम ने मुझे कमर पर चिकोटी मार दी।
मैं मोम को समझने की कोशिश करने लगी, मोम क्या कर रही हैं।
मोम- “तुझे अपनी मोम और सिस से शर्म आ रही है?” चिढ़ने की टोन में मोम ने उसको पूछा, ताकी वो हाँ बोल दे।
भाई ने मुझे देखा। मैंने उसको हेल्प नहीं की। फिर भाई ने कहा- “ठीक है, आप मुझे उठा देना…” ये कहकर वो उठा और अपने रूम की तरफ चला गया।
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