RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
उसने एक तेज झटके से अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया, और मैं चीख पड़ी, उसने लण्ड पूरा अंदर तक डाला और धीरे से बाहर निकाला, फिर तेज झटके से डाला और मेरी चीख से उसको मजा आने लगा।
मैं- “फक मी फास्ट आंड हार्डर…”
हर्ष ने मेरी गाण्ड को पकड़कर और जोर का धक्का मारा, और तेजी से फिर एक फिर एक फिर एक “आ फक फक एस्स हार्डर हार्डर, रैम योर फकिंग काक…” मेरी चूचियां झूलने लगीं, बेड बजने लगा, उसके बाल्स मेरी चूत को मारने लगे और उसका लण्ड मेरी चूत मारने लगा। वो मेरे बाल पकड़कर मुझे कुतिया की तरह चोदने लगा, मेरी चूत उसके लण्ड को और तेजी से लेना चाहती थी। मैंने अपनी चूत की मसल्ज़ को सिकोड़ के लण्ड की हर नसश को महसूस करने लगी।
हर्ष- “आ फक वाह… वाट आ टाइट कंट…” उसने कहा, फिर मुझे पे झुक गया- “आह्ह… शिट आह्ह…” कहकर वो झड़ रहा था।
मैंने पीछे देखा और उसको किस किया, उसके बाद वो हटा और चूत से अपना लण्ड निकाल दिया, मैं घूमकर उसकी तरफ हो गई, कंडोम को उतार के साइड में फेंक कर लण्ड को मुँह में ले लिए।
हर्ष बोला- “मेक इट हार्ड अगेन…”
मैं उसको बेड पे लेटाकर लण्ड चूसने लगी और वो मुझे देखने लगा। मैंने अपने बाल झटते और फिर सेक्सी लुक के साथ उसके लण्ड को जीभ से कम हियर के इशारे से फेरने लगी, वो इस स्टाइल से हाट होने लगा और लण्ड में फिर से ब्लड भरने लगा, उसके पूरे तन जाने पर मैं उठी और कंडोम कहां पे है का इशारा किया।
उसने बताया और मैं अब खुद सवारी करने के मूड में थी, कंडोम चढ़े लण्ड को मैंने मिजाइल लांचिंग मोड पे खड़ा किया, मैं उसपे बैठने वाली थी पर पहले मैंने उसको अपनी चूत के होंठ खोलकर उसकी तरफ देखा और कहा- “नाउ यू विल्ल नो मी कंप्लीटली…” और उस लण्ड पे आह्ह… करती बैठने लगी।
और वो लण्ड लांच होकर मेरी चूत में दूर अंदर जाने लगा। अब मैं उसके ऊपर कूदने लगी और पट-पट की आवाज रूम में भर गई, मेरी चूचियां मजे से झूल रही थीं- “ओह्ह… फकिंग डैम इट…” मैंने अपनी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगी।
हर्ष नीचे मजे ले रहा था- “यू वांट दिस बेबी?”
मैं- “ओह्ह… येस…” कहकर मैं आगे झुकी और हर्ष उनको मसलके चूमने लग गया, कुछ देर बाद मैं उठी- “यू वांट सी माई बिग बट? वाइल आई अम फकिंग योर डैम काक?” और फिर मैं उठी और घूम के फिर उसके लण्ड पे बैठ गई।
हर्ष- “ओह्ह… माई गोड, आई लोव योर बट आंड टिनी लिटिल गाण्ड का छेद…” उसने उनको पकड़कर कहा।
मैंने बाल झटक के पीछे देखकर कहा- “पुट योर उंगली इनसाइड माई आस…” और उसने उंगली डाल दी और मैं उसके लण्ड पे धीरे-धीरे हिलने लगी- “उउउह्ह… नाउ रिमूव दैट उंगली आंड पुट योर थंब…” मैंने आर्डर दिया।
हर्ष ने किया, फिर मैं अपनी गाण्ड उठा-उठाकर लण्ड पे पटकने लगी। उसने कहा की मैं उसके ऊपर लेट जाऊँ, मैं धीरे से पीछे की तरफ हुई और उसने मेरी चूचियां पकड़कर मुझे ऊपर ले लिया। फिर उसने मेरी गाण्ड को पकड़कर उठाया और अपने चूतड़ों को हिलाकर मेरी चूत में लण्ड डालने लगा। अब मेरे दोनों पैर हवा में उपर हो गये और वो ह्म याअ उह्ह… ताकत लगाकर मेरी चूत मारने लगा। मेरी हालत खराब होने लगी, उसका लण्ड गाजाब की स्पीड में मेरी चूत में डालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी, हम दोनों आवाजें निकाल रहे थे।
हर्ष “हाँ… हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ…”
मैं- “आह्ह… मेरी चूत आह्ह फक… मर गई… ओ माँ…” और मेरी चूत से फुहार निकाल पड़ी। उसके जस्ट बाद वो भी झड़ गया, और हम बेड पे ढेर हो गये। अपनी आँखें बंद की, हमारा सीना तेज साँस लेते हुए ऊपर-नीचे हो रहा था।
कुछ देर बाद हम होश में आए, उसने मुझे देखा और मैंने उसको, हम हँसने लगे- “दैट वाज आसम…”
“यस रियली इस वाह…”
उसके बाथरूम में बाथटब में गरम पानी में नहाया। मेरे बदन में कुछ ताकत आई, ताकी मैं चल सकूं, उसके बाद बाहर आकर मैंने अपने कपड़े पहने, उसके बाद मैंने उसको किस दिया और मुझे उसने हजार के 40 नोटों की गड्डी।
“थैंक्स…” हर्ष ने कहा।
मैंने अपना पर्स उठाया और पैसे उसमें रखे और उसको हग करके मुख्य दरवाजे तक गई।
तब हर्ष ने मुझसे पूछा- “डू यू वांट अनदर डेट?”
“नो…” मैंने दरवाजा बंद करते हुए स्माइल के साथ कहा, और वहाँ से चली आई।
घर पे पहुँचने पर अजीब महसूस हो रहा था, लाइक में क्या करके आई हूँ? उस टाइप से, नहीं तो रात की ठंडी हवा से मुझे अब अच्छा महसूस हो रहा था। दरवाजे पे खड़े होकर मैंने सोचा की अभी तो 11:40 हुए हैं, भाई मोम टीवी देख रहे होंगे, जो भी हो अभी मैं ठीक दिख रही हूँ कोई प्राब्लम नहीं, फट से अपने रूम में चली जाऊँगी।
जब मुख्य दरवाजे से अंदर आई तो देखा मोम और भाई अपने रूम में ही हैं, दरवाजा बंद कर रही थी तब मैंने देखा की भाई मोम के रूम से बाहर आ रहा था, उसने मुझे देखा और रुक गया, उसके नीचे टेंट बना हुआ था, पर क्यों?
मैं- “तू मोम के रूम में क्या कर रहा था?”
भाई धीमे से बोला- “श…”
मैं उसके पास और गई, और उसके लण्ड की तरफ इशारा करके धीरे से पूछा- “बोल…”
भाई ने पीछे मोम के रूम की तरफ देखा, फिर स्माइल के साथ बोला- “मैं मोम से बात करने उनके रूम में गया पर वो बाथरूम में हैं…”
मैं अपना सिर हिलाकर बोली- “और तूने उनको देखा, क्यों?”
भाई- “मैंने सुना की… …”
तभी मोम अपने रूम से बाहर आई- “क्या सुना?”
भाई मोम की तरफ घूमने वाला था पर मैंने उसके कंधे पकड़ लिए ताकी मोम भी उसके टेंट को ना देख लें। मैंने मोम की तरफ देखकर कहा- “कुछ नहीं भाई फालतू की बात कर रहा था…”
फिर भाई की तरफ देखकर- “आंड आई एम नोट इंट्रेस्टेड…” फिर मैं मुड़ गई और अपने रूम में जाने लगी।
तभी मोम ने पूछा- “कैसी रही तेरी डेट?”
मैंने बिना मुड़े कहा- “मैं डेट पे नहीं गई थी मोम…” और सीढ़ियां चढ़ के अपने रूम की तरफ चली गई।
मैंने दरवाजा बंद किया और सीने पे हाथ रख लिया। फिर मुझे हर्ष का मुझे चोदना याद आया- “हाँ…”
मैं आगे बढ़ी और अपने सारे कपड़े उतारने लगी, उनको डम्पस्टोर में डालने के बाद बेड के एक कोने पर बैठ गई। मुझे फिर मेरा उसके लण्ड को पकड़ना याद आया, और फिर उसका मुझे पैसे देना, मैंने पर्स लिया और उसमें से रूपये निकले और उनको देखने लगी- “कल इनको बैंक में डालना होगा…” मैं धीरे से बोली- “पर अभी कहां रखूं?”
मैंने उठकर कपबोर्ड खोला और नीचे मेरे कुछ पर्स पड़े थे उसमें से एक में मैंने वो पैसे रख दिए, और फिर मैं बाथरूम चली गई। क्योंकी मुझे अब भी ठीक नहीं लग रहा था, नहाते-नहाते मुझे खयाल आया की जो भी मैंने किया वो बुरा भी नहीं था, मतलब पहले भी तो मोम के साथ मिल के। और हमें पैसे भी तो मिले थे, और फिर तो लड़का भी मुझे पसंद था, नहीं तो एस्कोर्टस को कैसे लोगों के साथ रहना पड़ता है, चाहे पसंद हो या ना हो उनको झूठ-मूठ का स्माइल करते रहना मजबूरी होती है, पर मेरे साथ तो ऐसा नहीं था, लड़का भी ठीक था और सेक्स तो मजेदार था ही।
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