RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
हर्ष पहले ज्यादा सेक्सी दिख रहा था, हल्की बियर्ड और मसटेक जंच रही थी, फिर हम बात करने लगे, वो किसी मैगेजीन में जूनियर एडिटर था, उसकी आँखें मुझे दीवाना बना रही थीं, ऐसे लग रहा था की वो मुझे अपने काबू में कर लेंगी। अफ्फ… बड़े दिनों बाद कोई ढंग का लड़का मिला था।
तभी सब गड़बड़ हो गया, उस फैन्सी रेस्टोरेंट में एक सूटेड आदमी के पीछे कुछ मवाली टाइप का बंदे ने मुझे देख लिया और मेरी तरफ आ गया। मेरी धड़कन बढ़ गई- “अरे ये तो वोही अकरम के क्लब वाला लड़का है जो अपने साथियों के साथ हमारे रूम में घुस आया था और फिर उन्होंने हमें चोदा था…”
वो मेरे पास आया और अपनी सारी बकवास उड़ेलने लगा, कहने लगा की उस रात को बहुत मजा आया और इस वाले की तो रात रंगीन होने वाली है। फिर कब आओगी वहाँ पे? हर्ष उठाने को हुआ की मैंने उस मवाली की गुड्डी पकड़ी और पूछा- “अपना नाम बता?”
आस-पास के कुछ लोग हमें देखने लगे।
लड़का- “ओह्ह… इतनी भी बेचेनी हो रही है, किशन नाम है मेरा…”
मैंने अब धीरे से उसको गुस्से में कहा- “सुन भोसड़ी के, छुप जा जाकर कहीं पे, क्योंकी तेरे बाप को मैं बताने वाली हूँ तेरे बारे में, वो तुझे गाड़ के रख देगा, तो हरामजादे अपनी जान बचा ले…” और उसको धक्का दे दिया।
हर्ष मुझे देखता रह गया, और वो साला लपकेबाज डर से मुझे देखकर वहाँ से चला गया। मैं क्या-क्या सोच रही थी और सब कचरा हो गया, मैंने अपना पर्स उठाया और जाने लगी।
हर्ष- “अरे कहा जा रही हो?”
मैं उदास आवाज में बोली- “घर, थैंक्स फार एवरीथिंग, गुड नाइट…”
हर्ष उठा और मेरा हाथ पकड़ लिया- “हमारी डेट पूरी नहीं हुई अभी तक…”
मैं- “तुम मुझ… मुझसे अब भी बात करना चाहते हो, वो सब सुनने के बाद भी?”
हर्ष ने मुझे वापस चेयर पे बिठाने के लिए चेयर आगे की, पर मैंने आसपास के लोगों की तरफ देखा और कहा- “हर्ष मैं यहां नहीं रुकना चाहती…”
ये सुनकर हर्ष ने कहा की चलो। फिर हम बाहर निकले और हर्ष ने कहा की उसकी कार में बैठते हैं। मैं सोच रही थी की वो अब भी मुझसे क्या चाहता है? फिर भी मैं उसके साथ उसकी कार में बैठ गई। उसने मुझसे पूछ की मैं ठीक हूँ? मैंने जवाब नहीं दिया।
उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा- “मोना, तुम अपना मूड मत खरा करो, वैसे भी तुम जैसी ब्यूटिफुल गर्ल को देखकर रास्ते पे भी लोग हूटिंग करते होंगे, पर तुम उनपे ध्यान कभी देती हो? इस पर भी मत ध्यान दो…”
मैं- “थैंक्स…”
हर्ष- “वैसे तुमसे सच कहूँ तो मैं कल किसी कालगर्ल से मिलने वाला हूँ…”
मैं अपना माथा पीटना चाहती थी, यार ये लड़के भी ना? पर कम से कम ये हर्ष तो वैसा नहीं लग रहा था। कोई बात नहीं ये अब बायफ्रेंड बनाने लायक तो नहीं, पर साला हैंडसम होने की वजह से एक रात तो बिताने लायक है।
हर्ष- “तुम सच में ये काम करती हो?”
मुझे अब कोई फर्क नहीं पड़ता की ये मेरे बारे में क्या सोचता है फिर मैंने कहा- “हाँ…”
हर्ष- “वाउ… तुम तो कल वाली से भी ज्यादा हाट आंड हाई लगती हो हाँ, और मैं यहाँ उसको टीज देने वाला था…”
मैंने सीट पे आराम से धंसते हुए उसको देखा।
हर्ष बोला- “क्या?”
मैं- “हर्ष, तुम एक नंबर के कमीने हो। पता है तुमको?”
वो हँस पड़ा- “वो कैसे?”
मैं- “तुम एक लड़की को डेट पे ले जाते हो, जबकी अगले दिन एस्कार्ट के साथ डेट फिक्स है। तुम दूसरे लड़कों से भी गिरे हुए हो…” मैंने कुछ स्माइल से कहा।
हर्ष भी स्माइल के साथ बोला- “एस्कार्ट तो रात तक रहती है, गर्लफ्रेंड उससे ज्यादा, पर तुम मुझे उससे भी ज्यादा रुकने वाली लग रही थी…”
मैं- “ओह्ह… हो हो, साहब को गर्लफ्रेंड चाहिए?”
हर्ष- “अच्छा तो फिर तुम यहाँ पे क्यों आई?”
मैं- “तुम बोलो? मैं क्यों आई?”
हर्ष ने मुझे एक सेक्सी सा लुक देकर कहा- “सेम, तुम भी बायफ्रेंड ढूँढ़ रही हो…” मेरे चेहरा को देखकर कहा- “सही कहा ना? तुम भी किसी के साथ रहना चाहती हो, कम से कम कुछ हफ्ते के लिए? नहीं?”
मैं कुछ देर तक उसको देखने के बाद बोली- “पर तुम वो लड़के नहीं हो जिसको बायफ्रेंड बनाऊँ…”
हर्ष कुछ पास आकर बोला- “हाँ… रेट ना सही तो एक रात ही सही, बायफ्रेंड नहीं तो कस्टमर ही सही…”
मेरा दिल धड़कने लगा और मेरे मुँह से निकला तो मुझे भी हैरानी हुई- “ठीक है फिर मिस्टर कस्टमर… क्या? मैं क्या बोल रही हूँ?
हर्ष हँस के पीछे हुआ- “अपनी रेट बताओ…”
मैं- “40, दो घंटे के लिये…”
हर्ष- “ओके, ओके, चलो फिर…” उसने अपनी कार स्टार्ट की।
मैं- “हे मैं अपनी कार से आई हूँ…”
उसने अपनी कार रोकी और मैं जाकर अपनी कार में बैठ गई, स्टियरिंग ह्वील को पकड़कर मैं अपने तेजी से भागते हुए दिल को संभालने लगी। मोना तू क्या कर रही है, अभी के अभी घर चल। पर पता नहीं क्यों मैंने कार स्टार्ट की और उसकी कार के पास लाकर रोकी और कहा- “गाइड मी…”
उसके पीछे चलते हुये मेरा दिमाग बार-बार मुझे रोक रहा था, पर मुझे लगा की एक रात की ही तो बात है। नहीं एक रात की नहीं, वो फिर काल करेगा, तो उसको जवाब नहीं दूँगी। अरे घर चल बड़ी आई कालगर्ल बनने वाली। किसी को पता नहीं चलेगा। हे हे ये वाली गली में मुड़ जा, सीधा घर की तरफ जाती है, ओह्ह… शटअप, एक रात और पैसे भी और मजा भी, मोम को भी बताऊँगी नहीं इस बारे में, जा जो करना है कर? और फिर मेरा दिल नार्मल हो गया।
उसने लाइट ओन की, जब उसके घर के अंदर पहुँचे, उसने कहा की बेडरूम में चलते हैं। और फिर मैं उसके पीछे चल पड़ी। बेडरूम के अंदर पहुँचते हुए मुख्य दरवाजे पे रुक गई। उसने लाइट ओन नहीं की पर रूम में हाल की और बाहर की रोडलाइट अंदर आ रही थी, वो मुझे 8 फीट दूर खड़ा मुझे देख रहा था, किसी सेक्सी फिल्म की तरह का दृश्य लग रहा था।
मैं रूम में एक कदम बढ़ा के अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया। हर्ष मेरे पास आने लगा। मैंने लाइट का स्विच देखा और लाइट ओन करने के लिए हाथ बढ़ाया। पर हर्ष मेरे एकदम पास पहुँच गया और उसने मेरा हाथ रोक दिया। उसके मजबूत हाथ ने मुझे दरवाजे पे धक्का दिया और मेरे दोनों हाथों को मेरे सिर के ऊपर कर दिए, उसके होंठों ने मेरे होंठों को चूम लिया और मेरी बाडी उसकी बाडी से दब गई।
उसके दूसरे फ्री हाथ ने मेरी जांघों पे सरकते हुए हेम को ऊपर करने लगी फिर वो मेरी चूचियों तक पहुँच गया और मेरी दाई चूची को कस के पकड़ लिया, फिर वो अपना हाथ मेरे बालों पे ले गया और उनको पकड़कर नीचे धकेलने लगा, ताकी मैं अपने घुटनों के बल बैठ जाऊँ। उसने जिस हाथ से मेरे दोनों हाथ पकड़े हुए थे उससे अपनी पैंट को खोलकर उसने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया। मैंने अपना मुँह उसकी ओर ले जाना चाहा पर मेरे बालों को पकड़े हाथ ने मुझे रोके रखा।
खिड़की से आती रोडलाइट कमरे में पड़ रही थी, उस डिम लाइट में मैं देख सकती थी की उसके लण्ड के सुपाड़े पर प्री-कम की एक बूँद, मेरे चखे जाने का इंतेजार कर रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, अपने होंठ काटते हुए कातिल नजरों से उसको देखना चाहा की उसने मुझे उस मोती से दूर रखकर वो अच्छा नहीं कर रहा।
|