RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
मैं उनको ऐसे देखने का नाटक करने लगी की ये सब उनकी गलती है, उनकी गाण्ड देखकर पागल हुए भाई ने मेरी गाण्ड पकड़कर मेरी चूत लगभग फाड़ ही दी। ये सब उनकी ही गलती है, इस तरह की बातों को अपने चेहरे पे लाते हुए मैं अपनी मोम की आँखों में देखने लगी। पर मोम के चेहरे पर कोई बात नहीं दिख रही थी।
फिर मोम ने मेरे पास झुक के कहा- “अब नाटक बंद कर…”
मैंने हैरान होकर पूछा- “आपको कैसे पता चला की मैं नाटक कर रही थी?”
मोम ने मुश्कुरा कर कहा- “अभी-अभी पता चला, तूने ही तो बताया…”
मैं अपना सिर पकड़कर- “अरी यार…”
मोम हँसने लगी- “भले ही तू घर में मोम होने का नाटक कर ले, पर इस घर में सिर्फ मैं ही माँ हूँ समझी हाहाहा…”
मैं- “जरा कपड़े पहन लो, वरना सच में भाई अपनी माँ को चोद देगा…”
मोम ने शरारती होकर कहा- “और अगर मैं ऐसा ही चाहूं तो?”
मैं- “हाँ… मोम यू सच आ…” कहकर मैंने उनको पकड़कर मेरे ऊपर गिरा दिया और अपने नीचे करके खुद उनके चेहरा पर बैठ गई- “तो ये लो फिर…”
मोम ने मुझे हटाने की खूब कोशिश की पर वो मुझे हटा नहीं पाई। मैंने पीछे झुक के दोनों हाथ पकड़ लिए और मोम ने कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला ही था की मेरी भाई के रस से भरी चूत उनके होंठों पे लग गई। मोम एकदम से रुक गई जैसे साँप सूंघ गया हो, सीना ऊपर-नीचे हो रहा था और मेरी क्लिट पर गर्म साँसें पड़ रही थीं। मोम खुद को रोके हुए थी, तभी मुझे एक गीला एहसास हुआ, एक नर्म कातिलाना इस्स्स… वो चीज शर्माकर घबराती धीरे-धीरे मुझे छू रही थी, आ इस्स्स… हाँ उसका डर चला गया था, उसकी शर्म चली गई थी, वो दिलेरी से मेरी गुफा में बढ़ चली, आ कितना मजेदार था।
पहले मोम ने अपनी चूत से किसी पराए का टेस्टी रस पिलाया था और अभी मैं मोम को उनके ही बेटे का रसीला वीर्य पिला रही थी, हिसाब बराबर नहीं था। पर एक दिन हो जाएगा इसका मुझे पक्का यकीन था, मेरा दाँव बड़ा था, मुझे भी मोम के दाँव का इंतेजार रहेगा।
मैंने मोम के हाथ छोड़ दिए और उनके चेहरा की तरफ देख रही थी, जो मेरी जांघों के बीच था। मोम आँखें बंद किए थी, दो मिनटों बाद मेरी चूत के अंदर एक मस्तानी, लपलपाती जीभ सैर करते हुए सारा खजाना निकालने में जुट गई, मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था।
मैं- “ओह्ह गोड शिट… आई लाइक इट सक दिस होल, इट्स युवर्ज़ टोटली युवर्ज़, आह्ह… आई लोव यू, आह्ह… उम्म… उन्ह… इस्स्स…”
मोम ने सारा सामान निकाल लिया था, तब उन्होंने अपनी आँखें खोली और मेरी आँखों में देखने लगी। सो सेक्सी, सो हाट सो ब्यूटीफुल। मैं कुछ ऊपर हुई और उंगली डालकर बाकी बचा निकालने लगी और मोम बेशर्म होकर पूरा मुँह खोलते हुए इंतजार कर रही थी। हम एक दूसरे को सेक्सी स्माइल पास कर रहे थे।
तभी दरवाजे पर नाक हुई- “दीदी, मैं नहाने जा रहा हूँ, आप भी आ जाओ…”
मैंने अपनी जांघों के बीच मोम की आँखें देखते हुए कहा- “तू चल मैं आई…” तभी कुछ आखिरी बूंदें मोम के मुँह में जा गिरी, भाई के जाने के बाद मैं मोम के ऊपर से हट गई।
मोम ने जीभ को होंठों पे फेरते हुए कहा- “नाइस ट्रीट…”
मैंने सोचा- “ओह्ह… गोड यकीन नहीं होता, मोम कैसी औरत हैं?”
मैं- “यू फकिंग होर… और चाहिए तो बुला लेते हैं उसे, वो डाइरेक्ट आपको पिला देगा…”
मोम हँसकर बोली- “कैसे पिलाएगा, अभी तो तुझ पे खाली किया है?”
मैं- “अच्छा बड़ी आई, तो फिर अंदर क्यों बैठी रही, बाहर आ जाती…”
मोम ने शर्माकर कहा- “चल जा अब…” और बात खतम हो गई।
मैं उठी और दरवाजे को बंद करके निकल रही थी। मैंने देखा मोम बेड पे लेटी हुई छत की तरफ घूर रही थी, उनका चेहरा अपने एमोशन्स को दबा रहा था। मुझे पता था, आज मोम के साथ एक बड़ी बात हो चुकी थी और उसको आक्सेप्ट करने में मोम को टाइम लगेगा। पता नहीं मोम को जितना मैं जानती हूँ वो या तो फ्यूचर में भाई से करवा लेगी, या फिर हो सकता है वो मुझे करने से रोकेगी, पर जो भी हो मोम को नींद तो नहीं आएगी, कम से कम आज रात, और फिर मैं मोम को अकेला छोड़कर भाई के रूम की तरफ चली गई।
बाथरूम में भाई और मैंने क्वालिटी टाइम बिताया लेकिन कोई सेक्स नहीं। उसने मुझे कहा- “थैंक्स दीदी, आपने मोम बनकर क्या मजेदार बना दिया दिया…”
मैं- “लेकिन आइडिया तो तेरा ही था ना? लेकिन ये तो बता तुझे ये सूझा कैसे? कहीं हाहाहा?” मैंने मजा लेते पूछा।
भाई कुछ शर्माकर बोला- “प्लीज़्ज़… आप मोम को मत बताना, असल में मैं कभी-कभी मोम को मोम की तरह नहीं देखता हूँ, ऐसा लगता है की आई वांट हर उम्म… क्या कहूँ? मैं उनको चाहता हूँ…”
मैं- “क्या-क्या फिर से बोल मैं समझी नहीं…” भाई चाहता है मोम को मतलब सभी बच्चे अपनी मोम को नहीं चाहते क्या?
भाई- “आपने ईडाइपस कांप्लेक्स के बारे पढ़ा है?”
मैं हैरान होकर बोली- “कैसा कांप्लेक्स? कोई बीमारी है?”
भाई- “रहने दो…”
मैं- “अरे बोल ना? चल चल मैं मजाक नहीं करूँगी…” लेकिन मुझे हँसी भी आ रही थी।
भाई मुझे घुमा फिर बोलने लगा- “ईडाइपस कांप्लेक्स में बेटे में अपनी मोम के लिए फीलिंग पैदा होती हैं, सेक्सुअल वाली…”
मैं- “ओह्ह… तो तुझे ये बीमारी हुई है और तू मोम के साथ सोना चाहता है, वाउ…”
भाई- “शटअप… आप समझोगी नहीं…”
मैं- “लुक, तू मोम को चाहता है, सेक्सुअली, तो अब आगे क्या मोम को जाकर बोलेगा?”
भाई- “वो देखेंगे कभी, पर मैं ये कह रहा था की आपका चेहरा आंड फिगर मोम की तरह ही है, तब मैंने ऐसा आज किया, समझी?”
मैं- “अच्छा समझी, लेकिन कहीं तू मेरे साथ मोम की वजह से तो नहीं?”
भाई- “मोम के लिए मेरी फीलिंग अलग है, और आपके लिए अलग, आई लोव यू, बोथ आफ यू…”
मैं सोच में पड़ गई, फिर भाई ने मुझे गले लगाया और मेरी भीगी चूचियां उसके सीने पे दब गईं- “दीदी आप मेरी बड़ी सिस्टर हो, मेरी दोस्त और गर्लफ्रेंड भी, लेकिन मैं मोम को अलग तरह चाहता हूँ, आई लोव हर सो मच…”
मेरा दिल धड़क रहा था और मैंने प्यार से पूछा- “सच में?”
भाई- “एस…”
मैं- “तो फिर तुझे जरूर मोम को बताना चाहिए, अपने आपको दबाकर मत रख, हो सकता है मोम भी तेरी फीलिंग समझ जाएं…”
भाई- “थैंक्स दीदी, मुझे समझने के लिए…”
मैं- “और हाँ अगर तू चाहे तो, तू मुझे मोम मानकर भी प्यार कर सकता है, शायद मैं तेरी हेल्प कर सकूं…”
भाई- “रियली आप ऐसा करोगी मेरे लिए?”
मैं- “हाँ… तेरे लिए कुछ भी मेरी जान…” मैंने उसको एक लम्बा किस किया और भाई ने मुझे पूरी ताकत से जकड़ के किस किया, हम फिर अलग हुए। मैंने कहा- “लेकिन एक शर्त है?”
भाई- “ओह्ह… तेरे लिए कुछ भी… एनी टर्म आंड कंडीशन अप्लाई? हा?” उसने हँसते हुए कहा।
मैं शरारती होकर अपनी एक टाँग भाई के लण्ड पे लगाकर बोली- “मैं मोम बनूँगी अगर तू मुझे वैसे ही मस्त चोदेगा जैसे आज चोदा है…”
भाई ने मेरी चूचियां अपने दोनों हाथों में भर लिए- “ओह्ह… रियली? यू लाइक दैट?”
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