RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
थोड़ी देर में कुछ और लोग भी पूल साइड आ जाते हैं, और अपनी-अपनी टेबल्स पर बैठ जाते हैं।
मोम और हैदर पानी में हँसी मजाक कर रहे होते हैं। तभी दिखता है की पूल में एक कपड़ा तैर रहा होता है, ओह्ह्ह… ये तो मोम का ब्लाउज़ था। मैं समझ जाती हूँ कि मोम और हैदर अब नंगे हैं, पर लाइट कम होने के कारण बहुत साफ-साफ नहीं दिख रहा था।
फहीम मेरे बुरके में हाथ डालकर मेरी चूचियां दबाता है, मुझे किस करता है। तभी हैदर बाहर आता है और मोम को पूल से बाहर आने को बोलता है। मोम कोने पर आकर रुक जाती हैं, बाहर नहीं आती। वो तौलिया लेकर खड़ा हो जाता है और कहता है की आकर ले जाओ।
मोम धीरे से बोलती है- “मैंने कुछ भी नहीं पहना है, जो पहना भी था वो आपने उतार दिया, बाहर कैसे आऊँ?”
हैदर कहता है- अब शर्माना क्या? आ जाओ।
मोम झेंपते हुए बाहर आती है और सबसे पहले अपने चेहरे पर हिजाब बांधती हैं, फिर नंगी ही अपनी बाडी को पोंछती हैं।
हैदर, फहीम और अयाज कहते हैं- “तुम लोग रूम में जाओ, हम अपना काम निपटाकर आते हैं…” और वो वहां से चले जाते हैं। हम वापस लौट रहे होते हैं। जब हम बाउंसर्स के पास से गुजरते हैं तो वो दोनों बाउंसर्स हमारी गाण्ड पर चपत लगाते हैं।
मोम- “आउच…”
मैं- “ऊवू…” मैं उनको घूरकर देखती हूँ तो वो आँख मारते हैं।
मोम- “मोना चलो यहां से…”
मैं- “ओके…” और हम रूम में आ जाते हैं।
मैं- “मोम मजा आ रहा है?”
मोम- “बेटा, मजा तो आ रहा है पर कोई हमें पहचान ना ले?”
मैं- “मोम, हमें ऐसे कैसे कोई पहचान लेगा? बिना टेन्शन के एंजाय करो, बाकी बाद में देखेंगे…” हम थक चुके होते हैं और सो जाते हैं।
रात 10:30 बजे वो लोग लौट आते हैं। फिर हम खाना खाते हैं। तभी रूमबाय खाना लेकर आता है और हमारी ओर ध्यान से देखता है। पहली बार किसी ने होटेल में हमारा चेहरा देखा होता है। मैं उसको स्माइल पास करके खाना खाने लगती हूँ।
आधे घंटे बाद फहीम मुझे लेकर बेड पर लेट जाता है और मुझे किस करने लगता है। मेरा बुर्क़ा उतारता है और मेरी चूचियां जोर-जोर से दबाता है, और दाँतों से निप्पल्स को काटता है। मेरे निप्पल्स का साइज 1½” इंच है, और हाफ इंच पफी है।
मैं- “इस्स्स्स… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… धीरे, दर्द हो रहा है…”
फहीम- “यार, तुम झड़ बहुत जल्दी जाती हो, इस कारण मजा नहीं आ पाता…”
मैं- “तो मैं उसमें कुछ नहीं कर सकती ना… कंट्रोल ही नहीं हो पाता…”
तभी अयाज कोई ज़ेल जैसी चीज मेरी और मोम की चूत में डालता है और कहता है- “अपनी चूत को साँस खींचकर अंदर की ओर सिकोड़ो…”
हम वैसा ही करते हैं और चूत के अंदर कुछ थोड़ा ठंडा सा हो जाता है। मैंने पूछा- “ये क्या था?”
अयाज- “चिंता मत करो कुछ नहीं होगा…”
मेरी चूत में हल्की-हल्की खुजली सी होती है। हैदर मुझे लण्ड चूसने को बोलता है और मैं उनका लण्ड मुँह में ले लेती हूँ। फहीम चूत चाटता है और मुझे डागी पोज में आने को बोलता है, तो मैं एक हाथ से हैदर का पैर पकड़ती हूँ एक हाथ से बेड का कोना और झुक जाती हूँ।
फहीम अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत पर लगाता है और ऊपर से रगड़ने लगता है, पर डालता नहीं। थोड़ी देर में मेरी उत्तेजना बढ़ने लगती है तो मैं हल्की सी अपनी गाण्ड आगे-पीछे करती हूँ। वो समझ जाता है की मैं बहुत ज्यादा गरम हो गई हूँ, और अपना लण्ड थोड़ा सा पुश करता है। मैं दाँत भींचकर साँस रोक लेती हूँ। वो थोड़ा सा और पुश करता है और मेरे मुँह से घुटी हुई चीख निकल पड़ती है ‘ऊऊओऽ’
फिर एक और धक्के में उनका लण्ड पूरा अंदर चला जाता है। मुझे थोड़ा एहसास होता है की इसका लण्ड मेरी चूत में काफी गड़ रहा होता है।
तभी मोम मेरे पास आकर बैठती है, और कहती है- “तू मुझसे पूछ रही थी ना की जब ये मेरी गाण्ड मार रहा था तो मुझे कैसा लग रहा था? अब तुझे पता चलेगा की मुझे दर्द क्यों हो रहा था?” और मेरी ओर देखकर आँख मारती है।
मैं कुछ नहीं समझ पाती, और फहीम से कहती हूँ- “आप रुक क्यों गये?”
फहीम- “नहीं, जब तक तू नहीं बोलेगी मैं कुछ नहीं करूँगा…”
मैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ फक मी…”
फहीम- “सोच ले, अगर मैं एक बार करने लगा तो तू चाहे रोए चीखे मैं नहीं रुकूंगा…”
मैं- “ओके, नहीं रोकूंगी प्लीज़्ज़… चोदो मुझे…”
फहीम- “सोच ले एक बार फिर?”
मैं- “सोच लिया…”
फहीम धीरे से अपना लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींचता है और एक जोर का धक्का देता है।
मैं- “उउइईई माँऽऽऽ मर गई…”
ऐसे ही दो-तीन झटकों के बाद उसकी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ती है। मेरी चीखों की आवाजें तेज हो जाती हैं, अब मुझे एहसास होता है की मोम को इतना दर्द क्यों हो रहा था? उसका लण्ड टेढ़ा था, जो चूत के अंदर की दीवारों को बुरी तरह से रगड़ रहा होता है, ऐसा लगता है जैसे किसी ने उंगली टेढ़ी करके अंदर से घी निकालना हो। दर्द बहुत बुरी तरह से बढ़ जाता है, आँख से आँसू आ जाते हैं, जिसे मोम पोंछती है। फहीम की स्पीड बढ़ने लगती है और मेरी चीखें भी।
मैं- “आअह्ह्ह… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… रुक जाओ… नहीं बर्दास्त कर पा रही मैं…”
फहीम रुकते हुए- “डार्लिंग, मैंने पहले ही तुमसे पूछा था, तुमने हाँ की तभी डाला, अब झेलो…” और वो जोर-जोर से झटके मारने लगा।
मैं- “आआह्ह्ह… आअह्ह्ह… आआह्ह्ह… उफफ्फ़… उफफ्फ़… बस बस बस… प्लीज़्ज़…” उसकी स्पीड से मेरी चूचियां बहुत तेजी से आगे-पीछे होने लगती हैं। बेड से मेरा हाथ छूट जाता है और मेरा पूरा ऊपर का शरीर बेड पर लेट जाता है, बस पीछे से गाण्ड उठी हुई होती है।
तभी वो मेरे बाल पकड़कर खींचता है और फुल स्पीड में चोदने लगता है, फट-फट फट-फट की आवाजें आने लगती हैं।
मैं बहुत बुरी तरह से थक चुकी होती हूँ, और मैं अब चीखती हूँ- “अब बस बस बस… अब और नहीं… हर धक्के पर ऐसा लगता है की मेरी चूत का मांस बाहर आ जाएगा… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ आई एम बेगिंग यू प्लीज़्ज़…”
फिर वो लण्ड को पूरा जड़ तक अंदर तक डालकर रुक जाता है। मुझे उसका फौवारा अपनी चूत में छूटता हुआ महसूस होता है। एक मिनट बाद वो अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है, तब जाकर मुझे थोड़ी राहत सी महसूस होती है, मैं निढाल होकर बेड पर लेट जाती हूँ। पर मैं संतुष्ट नहीं हो पाई थी, क्योंकी इतनी देर की चुदाई में मैं एक बार भी झड़ी नहीं थी। 5 मिनट के आराम के बाद मैं सीधी हो जाती हूँ, मेरी साँसें बहुत तेज होती हैं, मेरी उत्तेजना अभी खतम नहीं हुई होती, और मैं उत्तेजना में बुरी तरह से काँप रही होती हूँ, और बेड पर अपनी गाण्ड उठा-उठाकर तड़पने सी लगती हूँ।
अयाज- “मुझे पता था कि ऐसा ही होगा तू झड़ेगी नहीं और अभी फिर से हमसे चुदने की भीख माँगेगी इस ज़ेल ने तेरा पानी बाहर आने से रोक दिया है…”
थोड़ी देर के लिए मैं उत्तेजना में बुरी तरह से तड़पने लग जाती हूँ जैसे पानी बिना मछली।
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