RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
***** *****अगले दिन
भाई- “गुड मार्निंग दीदी…”
मैं गुस्से में- “गुड मार्निंग, इतनी क्यों पीते हो जो हजम नहीं होती?”
भाई- “सारी दीदी…”
मैं- “इट्स ओके…”
भाई- “मोम आ गई?”
मैं- “अभी नहीं…”
भाई- “आप तैयार हो जाओ मोम आती होंगी…”
तभी मोम आ जाती है- “हाय बच्चों…”
मैं- “हाय मोम, कैसे हो, कैसा रहा आपका टूर माँ?”
मोम- “बहुत अच्छा बेटा। बेटा, मैं नहाकर तैयार होकर आती हूँ, मुझे एक मीटिंग में जाना है…”
मैं- “ओके मोम…”
एक घंटा बाद मोम तैयार होकर बाहर आती है। लुक्स स्टनिंग इन सैंडो टाप आंड जीन्स, जिसमें उनकी ब्लैक ब्रा साफ-साफ दिखती है, और उन्होंने अच्छा खासा मेकप किया हुआ होता है और हमें बाइ करके निकल जाती हैं।
तभी मुझे अनजान नंबर से काल आती है।
मैं- “हेलो…”
अनजान- “कैसी हो जान?”
मैं- “आप कौन?”
अनजान- “नहीं पहचाना, अकरम…”
मैं- “ओह्ह्ह… हाय कैसे हैं आप?”
अकरम- “तू सुना कैसी है?”
मैं- “मैं ठीक हूँ, कैसे याद किया?”
अकरम- “हाँ… तेरे आफिस से कोई आ रहा है पेमेंट लेने…”
मैं- “ओह्ह्ह… ओके। पर प्लीज़्ज़… किसी को मत बताना की मैं आई थी आपके पास, और आप प्लीज़्ज़ मोबाइल में उसकी फोटो ले लेना, मैं भी तो देखूं कौन आया है?”
अकरम- “ओके, और सुन आ रही है आज रात को, तेरी बड़ी याद आ रही है…”
मैं- “पर?”
अकरम- “पर वर कुछ नहीं, तू आ रही है बस…”
मैं- “ओके, कोशिश करती हूँ…”
मोम शाम को थकी हुई आती हैं, और वो अपने रूम में चली जाती हैं।
मैं- “मोम आप काफी थकी हुई लग रही हो, आराम कर लो। मैं रात को अपनी दोस्त के यहां पार्टी में जाऊँगी और रात वहीं रुकूंगी…”
मोम- “ओके बेटा बाइ…”
मैं- “बाइ मोम…”
मैं तैयार होने अपने रूम में चली जाती हूँ और ड्रेस चेंज करती हूँ। मैं सफेद हाल्टर टाप पहनती हूँ और फिर मिनी और स्टाकिंग्स वित थांग्ज़ और स्ट्रैपलेश ब्रा और डार्क सा मेकप करके फिर मैं अकरम के पास जाने के लिये निकलती हूँ। जब मैं उसके क्लब के रोड पर पहुँचती हूँ तो वहां रोड पर काफी चहल-पहल होती है, पर उसकी गली में जाते ही एकदम सन्नाटा हो जाता है।
मुझे थोड़ा डर सा लगने लगता है। पर मेरे कदम खुद-ब-खुद उस ओर चले जा रहे होते हैं। मेरी हाई हील की खटर-पटर पूरी गली में गूँज रही होती है। मैं उसके गेट पर पहुँचकर उसे काल करने के लिए मोबाइल निकालती हूँ और उसे काल करती हूँ।
अकरम बोलता है- गेट खुला है सीधे अंदर आ जा।
मैं सीधे उसके रूम में चली जाती हूँ। वो गेट से थोड़ा अंदर ही खड़ा होता है और मुझे वहीं रोक लेता है और मेरा टाप और मिनी उतार देता है। अब मैं सिर्फ ब्रा-पैंटी और स्टाकिंग में खड़ी होती हूँ। वो मुझे किस करने लगता है। तभी वो मेरा हाथ पीछे करके मुझे किसी का लण्ड पकड़ता है। मैं जैसे ही पीछे मुड़कर देखती हूँ तो कोई 18-19 साल का लड़का खड़ा होता है, पर मैं कुछ नहीं बोल पाती।
वो मुझे किस करता है फिर अकरम मुझे गोद में उठाकर बेड पर पटक देता है, और फिर दोनों मिलकर मुझे दबाने सहलाने लगते हैं। मैं बहुत उत्तेजित हो जाती हूँ और उनका पूरा साथ देती हूँ। अकरम मुझे किस करता है और वो लड़का मेरी चूचियां दबा रहा होता है। 5 मिनट बाद अकरम मुझे अपने लण्ड पर झुकाता है और चूसने को बोलता है।
मैं चूसने लगती हूँ पर उसकी मोटाई के कारण पूरा मुँह में नहीं ले पाती। थोड़ी देर की चुसाई के बाद अकरम मुझे सीधा लेटाता है, दूसरा लड़का मेरी चूचियां मसलता है, अकरम मेरी दोनों टाँगें फैलाता है और उस लड़के से पकड़ने को बोलता है, और मुझसे बोलता है- “तुम तैयार हो बेबी?”
मैं आँखें बंद कर लेती हूँ, पर कुछ नहीं बोलती। अकरम चूत के बाहर ही अपने लण्ड को घिसता रहता है, अंदर नहीं डालता। मैं तड़पने लगती हूँ उत्तेजना में, पर तब भी वो नहीं डालता और मैं पूरी कांपने लगती हूँ, थोड़ी सी आँखें खोलती हूँ। वो अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर ही रगड़कर मुझे पागल कर रहा होता है।
मैं आँखें फिर से बंद करके बोलती हूँ- “अब डालो ना क्यों तड़पा रहे हो? प्लीज…”
फिर अचानक से आकरम पूरा लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल देता है, उसका लण्ड मेरी चूत की दीवारों को चीरते हुए अंदर चला जाता है।
मैं बुरी तरह से चीख पड़ती हूँ- “मर गईई माँऽऽ…”
अकरम बोलता है- “आज चाहे तू जितना चिल्ला, यहां आज कोई तेरी आवाजें नहीं सुनने वाला…” और फिर पूरा लण्ड बाहर निकालकर फिर एक जोरदार शाट मारता है…
मेरे मुँह से लगातार चीखें निकलती है, जोरदार- “आआह्ह्ह… उफफ्फ़… इस्स्स्स… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़…” और 3-4 मिनट में ही मैं झड़ जाती हूँ।
अब अकरम का लण्ड अंदर-बाहर होने लगता है, मुझे थोड़ी सी राहत मिलती है पर वो ज्यादा देर की नहीं थी। क्योंकी अभी भी उसका ¼ लण्ड अंदर नहीं गया था। फिर वो अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है।
मैं पूछती हूँ- क्या हुआ?
अकरम कुछ नहीं बोलता। वो इशारे से उस लड़के को कुछ लाने को कहता है। वो लड़का उठकर चला जाता है और जब लौटता है तो उसके हाथ में टिश्यू पेपर होते हैं। अकरम उस लड़के से मेरी चूत चाटकर साफ करने को बोलता है। वो लड़का मेरी चूत चाटने लगता है, एक कुत्ते की तरह।
मेरे मुँह से बस- “सस्स… सस्स… सस्स्स…” ही निकल पाता है।
फिर अकरम उसे हटाता है और एक-एक करके 5-6 टिश्यू पेपर से मेरी चूत को बहुत ज्यादा सूखी कर देता है, जिससे की चूत के अंदर पानी की एक बूँद भी ना रह जाए। फिर मुझसे बोलता है- “बेबी गीली चूत चोदने में मुझे मजा नहीं आता, और फिर से पूरा दम लगाकर लण्ड मेरी चूत में पेलता है।
मेरी चूत एकदम सूखी होने के कारण इस बार दर्द बहुत ज्यादा होता है और मैं चिल्लाती हूँ- “प्लीज़्ज़… बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊँगी आआह्ह्ह…” पर उसे शायद मेरे दर्द में ज्यादा ही मजा आ रहा होता है और वो एक जोरदार शाट लगाता है। अबकी बार उसका लण्ड पूरा अंदर तक जाकर मेरी बच्चेदानी से टकराता है।
मैं पूरी कांपने लगती हूँ, और फिर जोर से चीख पड़ती हूँ- “आअह्ह्ह… माऽऽर डाला…” और उसकी स्पीड और बढ़ जाती है। लगातार उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी से टकराता है और मैं फिर एक बार झड़ जाती हूँ और उफफ्फ़… उफफ्फ़… करती रहती हूँ। पता नहीं वो क्या खाता था, जो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था, दर्द से मेरा बुरा हाल था। तभी मुझे अपनी चूत से कुछ बाहर टपकने का एहसास हुआ।
अकरम फिर रुक गया। मेरी आँखें अभी भी आनंद में, मजे में बंद थीं। अब वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था और मेरे मुँह से बस आंहें ही निकल पा रही थीं। थोड़ी देर में उसने अपना सारा माल मेरे अंदर भर दिया और मुझसे अलग होकर लेट गया। मुझे अब 30 मिनट की लगातार चुदाई के बाद आराम करने का मोका मिला था। 5 मिनट बाद जब मैंने आँखें खोली और उठकर बैठी तो डर गई, क्योंकी बेड पर थोड़ा खून फैला हुआ था। सही माने में मैं आज चुदी थी। आज मुझे एहसास हो रहा था की चुदाई क्या होती है?
तभी वो लड़का आया और उसने मेरी चूत से खून साफ किया।
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