RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
उसका लण्ड अब मुझे अपनी बच्चेदानी से टकराता हुआ महसूस होता है। मैं अत्यधिक उत्तेजना में अपने पूरे नाखून उसकी पीठ पे गड़ाते हुए झड़ जाती हूँ। उसकी 18-20 मिनट की चुदाई में मैं 3 बार झड़ चुकी होती हूँ। फिर अचानक एक जोर का झटका देकर वो अंदर ही रुक जाता है, और उसका फौवारा मेरी चूत में चल जाता है। मेरी चूत पूरी तरह उसके माल से भर जाती है। फिर वो अपना लण्ड निकल लेता है। उसका माल मेरी जांघों पर बहने लगता है। मैं उठकर खड़ी होने को होती हूँ पर मेरे पैर लड़खड़ाने लगते हैं।
अकरम मुझे संभालता है और बेड पर लिटा देता है। फिर बाहर जाता है और मेरे लिए जूस लेकर आता है। मैं जूस पीती हूँ और रिलैक्स करती हूँ। अब हमारी बातें शुरू होती हैं।
अकरम- “अब बता अपने बारे में?”
मैं- “मैंने अभी कुछ दिन पहले ही आदित्य ग्रुप जाय्न किया है और पहली बार आपके यहां ही पेमेंट लेने आई हूँ। प्लीज़्ज़… आप दे दो, नहीं तो मेरी नौकरी चली जाएगी…”
अकरम- “पहले तो वहां से कोई और आता था…”
मैं- “सर, मुझे नहीं पता…”
अकरम- “कोई बात नहीं, मैं तुझे एक पार्ट दे देता हूँ पेमेंट का…”
मैं- “थैंक्स सर…”
अकरम मुझे 5 लाख का चेक देता है और बोलता है- “अपना नंबर दे दो, अगले पेमेंट के लिए तुम्हें काल कर दूँगा…”
मैं- “थैंक्स सर…” कहकर मैं अपने कपड़े ठीक करती हूँ और बाहर को निकल जाती हूँ।
बाहर सब लोग मुझे घूरकर देख रहे होते हैं। मैं लड़खड़ाती हुई अपनी कार तक आती हूँ। मेरे पैर काँप रहे होते हैं। किसी तरह मैं घर तक पहुँचती हूँ। मेरा भाई घर पर नहीं होता। मैं अपने रूम में सो जाती हूँ। सपने में मुझे सिर्फ अकरम ही अकरम दिखाई पड़ता है। मैं उसके लण्ड की पूरी तरह दीवानी हो चुकी होती हूँ।
शाम को 5:00 बजे आदित्य (मेरा भाई) लौट कर आता है और मुझे जगाता है। मैं उठती हूँ और लड़खड़ाते हुए बाथरूम तक जाती हूँ, और जब लौट कर आती हूँ।
तब, भाई पूछता है- “क्या हुआ दीदी?”
मैं- “कुछ नहीं…”
भाई- “फिर आप ऐसे क्यों चल रही हो? और क्या हुआ पेमेंट का?”
मैं- “मैं हील वाली सैंडल पहनकर गई थी वहां, स्लिप हो गई। उसी की वजह से दर्द है। और हाँ एक गुड न्यूज है की 5 लाख मिल गये हैं…”
भाई- “सच दीदी?”
मैं- “हाँ… और बाकी पेमेंट के लिए वो मुझे काल करेगा…”
भाई- “सच दीदी, मोम सुनेंगी तो खुश हो जाएंगी…”
मैं- “नहीं, उनको कुछ मत बोलना। वरना तुझे ही डांट पड़ेगी की मुझे वहां क्यों भेजा था?”
भाई- “ओके दीदी, चलो आज इसी खुशी में पार्टी करते हैं…”
मैं- “कहां?”
भाई- “चलो दीदी डिस्को चलते हैं…”
मैं- “ओके…”
भाई- “जाओ आप चेंज करके आ जाओ…”
मैं- “ओके… क्या पहनूं?”
भाई- “कुछ सेक्सी सा पहनो…”
मैं चेंज करने चली जाती हूँ, मैं एक ब्लैक मिनी पहनती हूँ और एक पिंक टैंक-टाप ऊपर जैकेट- “ओके भाई, मैं तैयार हो गई…”
भाई- “क्या बात है दीदी? आज आप बड़ी हाट लग रही हो…”
मैं- “चुप कर, कुछ शर्म कर अब चल…”
भाई- “ओके दीदी… पर दीदी कार तो मेरा दोस्त लेकर गया है वहीं डिस्को में मिलेगा…”
मैं- “ओके… नो प्राब्लम बाइक से चलते हैं…” और हम निकल पड़ते हैं। मैं उससे चिपक कर बैठती हूँ शायद उसे मजा आ रहा था, हम डिस्को पहुँच जाते हैं।
वहां उसके कुछ दोस्त मिलते हैं। वो मुझे मेरे भाई की गर्लफ्रेंड समझते हैं। हम ड्रिंक करके डान्स फ्लोर पर जाते हैं, और डान्स करते हैं। उसके दो दोस्त मुझसे कुछ ज्यादा ही चिपकने की कोशिश करते हैं। आदित्य कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर लेता है।
उसका दोस्त हमें हेल्प करके कार तक ले जाता है और कहता है- “चलो मैं तुम दोनों को घर ड्राप कर देता हूँ…” वो हमें घर छोड़ता है, आदित्य को उसके बेडरूम मैं लिटाता है, और मुझसे हाथ मिलाता है। मैं उसे थैंक्स बोलती हूँ और वो अचानक से मुझे गाल पर किस करता है और निकल जाता है।
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