Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:51 AM,
#39
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
ये बातें सुन कर काजल को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसके पैरो तले से ज़मीन खिसक जाएगी वो शरम के मारे जैसे ज़मीन में गढ़ी जा रही थी डर और लाज से उसका चहरा लाल हो चुका था 

अमन; में आप से प्यार करने लगा हूँ 

काजल: एक दम सकपका गयी ) नही अमन ये ठीक नही है में अपने पति से धोखा नही कर सकती मेरी शादी हुई उनसे मैने उनका साथ देने की कसम खाई है नही में ऐसा नही कर सकती ये ग़लत है अमन ये ग़लत हैं 

और काजल ने अपना हाथ अमन के हाथ से छुड़ा लिया काजल मूड कर रूम से बाहर जाने लगी 

अमन:एक मिनिट रूको में कब कह रहा हूँ कि तुम अपने पति से धोका करो मेने तो बस अपने दिल की बात तुम्हें यानी अपने दोस्त को बताई है ये ज़रूरी नही है कि जो फीलिंग्स मेरे दिल में आपके लिए है वैसी ही आप के दिल में मेरे लिए हो हम लवर्स ना सही पर फ्रेंड्स तो बन सकतें हैं 

काजल ने राहत की साँस ली अमन काजल के नज़दीक आकर उसके पीछे खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथों को काजल के कंधों पर रखते हुआ बोला सॉरी मैने अपने दिल की बात बताने में कुछ जल्दी कर दी काजल अपने कंधों पर अमन के हाथ महसूस करके सिहर उठी उसकी पीठ अमन की तरफ थी काजल को अमन की चेस्ट अपनी पीठ पर सटी हुई महसूस हो रही थी काजल चाह कर भी हिल नही पा रही थी वो सोच रही थी आख़िर उसे क्या हो रहा है जब भी वो अमन के पास होती है उसे क्या हो जाता है अमन ने काजल के कंधों को पकड़ कर उसे अपनी तरफ घुमा लिया काजल की आँखें लाल हो चुकी थी गाल एक दम लाल हो चुके थे 

अमन: आइ आम सॉरी प्लीज़ एक बार और मुझे माफ़ कर दो 

काजल काँपती आवाज़ में) कोई बात नही 

अमन के हाथ अभी काजल को उसके कंधों से थामे हुए थे जो अब थोड़ा सरक कर उसकी बाहों पर आ चुके थे काजल का बदन जैसे दोहरा होता जा रहा था वो चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी 

अमन: चलो प्यार ना सही पर क्या आप अपने इस दोस्त की एक हसरत को पूरा कर सकती हैं 

काजल सोच में पड़ गयी काजल सोचने लगी अब अमन कोई ऐसे वैसे बात नही करेगा क्योंकि मैने उसे मना कर दिया है वो अपनी दोस्ती की हद में रह कर ही कुछ बोलेगा 

काजल:जी बोलिए में ज़रूर पूरी करूँगी

अमन:सोच लो दोस्ती की है फिर मना मत करना 

काजल: नही करती 

अमन: (कुछ देर चुप रहने के बाद ) में चाहे आप को पा ना सकूँ पर मेरे दिल की ये हसरत है कि में एक बार आपके लाल गुलाबी गालों को चूमू बस एक बार आप मेरी इस हसरत को पूरा कर दो में दुबारा कभी आपको तंग नही करूँगा मुझे दुनिया का सबसे कीमती तोहफा मिल जाएगा जिसे में कभी नही भूलूंगा प्लीज़ मना मत करना 

काजल एक दम से घबरा गयी उसे समझ में नही आ रहा था कि वो कैसे रिक्ट करे क्या जवाब दे काजल अपना सर झुकाए खड़ी थी 

अमन: बोलो दोगी ना 

काजल बिना कुछ बोले सहमी सी खड़ी रही 

अमन: कोई ज़बरदस्ती नही है चलो सिर्फ़ हां या ना बोल दो 

पर काजल तो मानो जैसे बोलना ही भूल गयी हो 

अमन: ओके एक काम करतें हैं अगर आप को बताने में शरम आ रही हैं तो में आपकी तरफ पीठ करके खड़ा हो जाता हूँ
अगर आप 1 मिनट के बाद भी मैने आपको यहीं पाया तो आप का जवाब हां है और अगर आप नही चाहती तो आप यहाँ से चली जाना में समझ जाउन्गा कि आप ये नही चाहती बस एक किस वो भी गाल पर 

और अमन ने काजल के कंधों को छोड़ दिया और उसकी तरफ पीठ करके खड़ा हो गया काजल का जिस्म काँप रहा था उसके दिल की धड़कने तेज हो चुकी थी उसे समझ में नही आ रहा था आख़िर वो क्या करे काजल ने अपना कदम वापिस जाने के लिए उठाया पर कदम आगे ना बढ़ा सकी काजल शरम उतेजना डर और मान मर्यादा के घेरे में जैसे फँस कर रह गयी उसका एक दिल कर रहा था कि ये ग़लत है उसे बाहर चले जाना चाहिए पर ना जाने वो क्यों हिल नही पा रही थी फिर ये सोच कर उसने अपना उठाया हुआ कदम वापिस नीचे रख लिया कि अमन नाराज़ ना हो जाए वो नज़ाने क्यों अमन को उदास नही देख पाई थी काजल वहीं नज़रें झुकाई खड़ी रही 

अमन: अब में वापिस घूमने वाला हूँ जल्दी अपना फैंसला कर लो 

काजल के दिल के धड़कने बढ़ गयी अमन उसकी तरफ पलटा और उसके होंठो पर ख़ुसी से भरी मुस्कान आ गयी 

अमन;आज भगवान ने मेरी सुन ली आप जानती नही हो में कितना खुश हूँ 

अमन काजल के पास आ गया काजल का बदन काँपने लगा और आने वाले वक़्त के बारे में सोच कर उसका जमीर तक अंदर से हिल गया अमन ने अपने दोनो हाथों से काजल के खूबसूरत चहरे को अपने हाथों में ले लिया और उसे ऊपर की ओर उठा लिया काजल अपनी अध खुली आँखों से अमन को देख रही थी पर वो अमन से नज़रें नही मिला रही थी अपने गालों पर अमन के हाथ का स्पर्श पा कर काजल एक दम से सिहर गयी उसे लग रहा था जैसे उसका दिल धड़कना बंद कर देगा अमन अपने होंठो को काजल के गालों के पास ले गया अमन की गरम साँसें अपने होंठो और गालों पर पड़ते ही काजल के रोएँ खड़े हो गये पूरे बदन में मस्ती की लहर सी दौड़ गयी आँखें मस्ती में बंद होने लगी अपनी पूरी ताक़त लगा कर काजल अपने आँखों को खोलने की कोशिस कर रही थी 

अमन: कर लूँ 

काजल: बिना कुछ बोले खड़ी रही

अमन ने अपने होंठो को काजल के होंठो के बिल्कुल पास उसके गाल पर लगा कर एक दम से हटा लिया 

काजल के पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया अमन का लंड उसके शॉर्ट्स में तन कर खड़ा हो चक्का था जो काजल की लेफ्ट जाँघ पर साड़ी के ऊपर से रगड़ खा रहा था काजल को ऐसा लगा रहा था जैसे उसके पैरों में जान नही बची हो अमन जो एक बार उसके गाल को हल्के से चूम चुका था अभी भी उसके फेस को अपने हाथों में थामे हुए था अमन ने फिर से एक बार काजल के गालों को किस किया इस बार अमन के होंठ काजल के होंठो के बिल्कुल नज़दीक थे काजल वासना में डूबने लगी थी उसकी आँखें बंद हुई जा रही थी उसके बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी 

अमन:बोलो ना कर लूँ (अब तक अमन काजल के गाल को दो बार चूम चुका था 

काजल:हुउँ (बस काजल इतना ही बोल पे और उसने अपनी आँखें बंद कर ली)

अमन ने अपने होंठो को काजल के गाल से सटा दिया और धीरे-2 अपने होंठो को काजल के गाल पर रगड़ने लगा काजल का जिस्म मचल उठा चूत में सिहरन होने लगी बरसो की तड़प रही चूत और तडफ कर चुलबुलाने लगी चूत में गीला पन महसूस होने लगा काजल मस्ती के सागर में डूबने लगी बदन में करेंट सा दौड़ने लगा अमन ने हिम्मत जुटा कर अपने होंठो को धीरे से काजल के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठो से लगा दिया एक नरम और सॉफ्ट किस करने के बाद अमन ने अपने होंठो को फिर से काजल के होंठो के पास चिन पर रगड़ने लगा अपने होंठो पर अमन के होंठ महसूस करके काजल और ज़्यादा वासना में डूबने लगी काजल ने दोनो हाथों से अमन की कमर के पास टी-शर्ट को पकड़ लिया उसकी उतेजना इतनी बढ़ चुकी थी कि उसने अमन की टी-शर्ट को कस के पकड़ लिया अमन ने देखा कि काजल एक दम गरम हो चुकी है अब वो बिल्कुल विरोध नही कर रही तो अमन ने मोके का फ़ायदा उठाते हुए फिर से अपने होंठो को काजल के होंठो पर रख दिया और छोटे -2 किस करने लगा जैसे ही अमन काजल के होंठो को 2 सेकेंड तक चूम कर अपने होंठो को हटाता तो काजल आँखें बंद किए अपने काँपते होंठो को फिर से अमन के होंठो के छूने का इंतजार करने लगती अमन बार -2 काजल के होंठो को चूम रहा था काजल भी मस्त हो चुकी थी 3 4 बार अपने होंठो पर अमन के होंठो को महसूस करके इसबार काजल ने अपने होंठो को थोड़ा सा खोल लिया 

अमन ने जब काजल के काँपते हुए तड़पते होंठो को देखा तो अमन और गरम हो गया और अपने होंठो को काजल के होंठो से लगा दिया इस बार अमन ने अपने होंठो को हटाया नही काजल कसमसा गयी और आँखें बंद किए हुए अपने होंठो को खोल कर अमन के होंठो को सोन्प दिया अमन धीरे-2 काजल के होंठो को चूसने लगा काजल मस्ती से सरोबार हो चुकी थी काजल ने अपने हाथों से अमन के हाथों को पकड़ कर ज़ोर लगा कर पीछे किया अमन के होंठ काजल के होंठो से अलग हो गये काजल ने अपनी आँखों को खोला जिसमे वासना के लाल डोरे तैर रहे थी उसकी साँसें तेज़ी से चल रही थी दोनो की नज़रें मिली काजल ने अपनी नज़रें झुका ली और बोली अब बस पर अमन ने अपने हाथों से काजल के गालों को थामे रखा और फिर से अपने होंठो को काजल के होंठो से लगा दिया काजल छूटने के लिए थोड़ा कस्मसाइ पर फिर शांत पड़ गयी

अमन जी भर कर के काजल के होंठो को चूस रहा था 2 मिनट और काजल के होंठो का रस्पान करने के बाद अमन ने अपने होंठो को हटा लिया काजल तेज़ी से साँसें ले रही थी उसने अपनी आँखें खोली पर वो अमन की तरफ ना देख पाई अमन के हाथ अभी भी उसके फेस पर थे अमन ने थोड़ी देर काजल के काँपते होंठो को देखा और फिर से अपने होंठो को काजल के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा काजल के होंठ अमन के होंठो का सपर्श पाने के लिए तड़प उठे और काजल ने अपनी आँखें बंद कर के अपने काँपते होंठो को थोड़ा सा खोल दिया लेकिन तभी किसी ने बाहर से दस्तक दी काजल एक हड़बड़ा कर घबरा गयी और जल्दी से पीछे हट कर बाहर आ गयी और सीधा अपने रूम में गयी और शीशे के सामने खड़ी हो कर खुद को देखने लगी और रुमाल से अपने होंठो पर फैली लिपस्टिक को सॉफ किया और बाहर आकर दरवाजा खोला सामने पड़ोस की आंटी खड़ी थी जिसके घर पर सीमा और रीमा गयी थी उस औरत के हाथ में एक प्लेट थी जिसमे कुछ मिठाइयाँ रखी हुई थी और वो प्लेट काजल को देकर चली गयी काजल डोर लॉक करके प्लेट को किचन में रख कर अपने रूम में आ गयी और डोर को अंदर लॉक कर लिया

काजल बेड पर बैठ गयी वो सोचने लगी हे भगवान में ये क्या करने जा रही थी ये मुझे क्या होगया था अब में विजय के सामने कैसे जा पाउन्गी नही में उनके साथ धोखा नही कर सकती वो मेरा कितना ख्याल रखते हैं में आगे से सब कुछ नही होने दूँगी पर पता नही जब में अमन के साथ होती हूँ तो में क्यों मंत्रमुग्ध हो जाती हूँ क्यों में खुद ही उसकी तरफ खींची चली जाती हूँ में उसको रोक क्यों नही पे मुझे उसे रोक देना चाहिए था काजल के मन में इन्ही सवाल का तूफान उमड़ा हुआ था जिनका जवाब खुद काजल ही को देना था दूसरी तरफ अमन बहुत खुश था और खाना खा रहा था अमन ने सोचा चलो आज मैने काजल को पाने के लिए पहला कदम तो बढ़ा दिया और मुझे जीत ही मिली अब चाहे कुछ भी हो जाए में काजल को हासिल करके ही रहूँगा अमन खाना खा कर लेट गया अमन ख़ुसी में पागल हुआ जा रहा था अमन बेड पर लेटा हुआ सो गया उसकी आँख कब लगी उसे पता नही चला शाम के 5 बाज चुके थे पर अमन उठा नही था सीमा और रीमा वापिस आ चुकी थी पर सीमा ने उसे उठाया नही था काजल ने शाम के लिए चाइ तैयार कर ली रीमा और सीमा आँगन में चारपाई पर बैठी बातें कर रही थी काजल चाइ की ट्रे लेकर उनके पास आई और दोनो को चाइ दी 

काजल:माजी ये चाइ अमन के लिए है आप दे आओ

रीमा;क्यों तुझे क्या हुआ मेहमानो से अब काम करवाओगी जा खुद ही देकर आ 

काजल: (अपनी सास का कड़ा रुख़ देख कर थोड़ा घबरा गयी) जी मा जी

और काजल चाइ लेकर कमरे के तरफ जाने लगी अंजाना डर उसके मन को खाए जा रहा था उसे समझ में नही आ रहा था की वो अब अमन के सामने कैसे जाए काजल काँपते हुए कदमों के साथ अमन के रूम की तरफ बढ़ रही थी जैसे -2 कमरा नज़दीक आ रहा था उसके हाथ पैर और तेज़ी से काँपने लगे काजल रूम के डोर के पास पहुँच कर खड़ी हो गयी उसके कदम रूम की दहलीज पर मानो जैसे जम से गये हों रीमा और सीमा आँगन में बैठी ये सब देख रही थी और मुस्कुरा रही थी 

रीमा(उँची आवाज़ में ) अब क्या हो गया खड़ी क्यों है 

काजल एक दम से घबरा गयी और रूम के अंदर चली गयी रीमा और सीमा दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगी काजल ने देखा अमन अभी भी सो रहा था उसने चाइ के कप को टेबल पर रख दिया और बेड के पास गयी जैसे ही वो बेड के पास पहुँची उसके कदम वहीं जम गये अमन का लंड शॉर्ट्स में एक दम तन कर टेंट बनाए हुआ था काजल की नज़र वहीं अटक गयी दिल में एक बार फिर से खलबली मचलने लगी हाथ पैर मानो सुन्न पड़ गये हों काजल अपनी चूत में हो रही सरसराहट को महसूस कर रही थी अब उसे अमन को उठाना था काजल ने धीरे से उसे पुकारा पर अमन मानो जैसे घोड़े बेंच कर सो रहा था काजल की नज़रें कभी शॉर्ट्स में उठे हुए उभार को देखती तो कभी अमन के भोले मासूम से दिखने वाले चेहरे को अमन के गुलाबी होंठ देख कर उसको दोपहर की घटना याद आ गयी जब अमन अपने गुलाबी होंठो से काजल के नरम मुलायम होंठो को चूस रहा था उसे ऐसा लग रहा था जैसे मानो अमन अभी उठ जाएगा और अपने होंठो से उसके तड़पते होंठो की प्यास बुझा देगा फिर काजल ने हिम्मत करके अमन के हाथ को पकड़ कर हिलाया अमन अचानक से उठ कर बैठ गया अपनी आँखों के सामने काजल को देख कर अपनी आँखों को मलते हुए कहा 

अमन:कहीं में सपना तो नही देख रहा कि दुनिया के सबसे हसीन और खूबसूरत लड़की मुझे उठाने आई है वाहह आज का दिन तो में कभी नही भूलूंगा 

काजल ये बात सुन कर शरमा कर मुस्कराने लगी 

काजल;चलो चाय पीलो 

अमन एक दम से बेड से नीचे उतरा और काजल के हाथ को अपने दोनो हाथों में पकड़ लिया काजल एक दम से घबरा गयी अमन दोनो घुटनों के बल काजल के सामने बैठ गया और काजल के हाथ को चूम लिया काजल के बदन में मानो जैसे करेंट दौड़ गया काजल ने अपना हाथ वापिस खींचा और बोली कि माँ जी घर पर हैं और ये कह कर जल्दी से बाहर चली गयी अमन वहाँ खड़ा मुस्कराने लगा अमन चाइ का कप उठा कर बाहर आँगन में आ गया अमन का लंड अभी भी तना हुआ था जो उसके शॉर्ट्स में इधर उधर हिल रहा था अमन को बाहर ऐसे देख सीमा और रीमा की नज़रें उसके तने लंड पर जा अटकी दोनो मुस्कराने लगी 

रीमा:भाभी में ज़रा अंदर जाती हूँ तुम अमन से पूछो मामला आगे बढ़ा कि नही 
और रीमा उठ कर अंदर चली गयी सीमा ने अमन को आवाज़ देकर अपने पास बुला कर चारपाई पर बैठा लिया
सीमा:धीरे से) बता ना क्या हुआ 

अमन:क्या होना था कुछ नही 

सीमा: मज़ाक ना कर जल्दी बता फिर हम आगे के बारें में सोचे 

अमन ने सीमा को सारी बात विस्तारपूर्वक बता दी सीमा के होंठो पर मुस्कान आ गयी 

सीमा:बस अब ये समझ ले मंज़िल नज़दीक हैं घबराना नही 

अमन: मैने आप से सीखा है मौसी में घबरा नही सकता 

सीमा मुस्कराने लगी 

अमन: में ज़रा अपनी जान से तो मिल लूँ 

सीमा:हां जाओ किसने रोका है किचन में ही है में और दीदी ज़रा बाहर खेतों की तरफ सैर कर आते हैं मौसम भी बहुत अच्छा है और सीमा ने रीमा को इशारे से अपने पास बुलाया और दोनो घर से निकल गये दोनो के जाने के तुरंत बाद अमन ने झट से में डोर अंदर से बंद कर लिया और किचन की तरफ चल पड़ा अमन जैसे ही किचन में पहुँचा तो देखा काजल बर्तन सॉफ कर रही थी उसकी पीठ अमन की तरफ थी अमन अंदर आ गया और चाइ का कप सेल्फ़ पर काजल के पास रख दिया 

अमन:ये लीजिए में अपना खाली कप यहाँ ही ले आया 

काजल एक दम से सकपका गयी वो बिना कुछ बोले वहीं खड़ी बर्तन सॉफ करती रही काजल को कुछ ना बोलता देख अमन काजल के पीछे खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथ उसके कंधो के पास उसकी बाहों पर रख कर पकड़ लिया काजल एक दम कांम्प गयी 

काजल:छोड़ो मुझे माँ जी आ जाएँगी 

अमन:तुम अपनी माँ जी से इतना डरती क्यों हो कुछ नही होता नही आएँगी अंदर वो बाहर मौसी के साथ बैठ कर बातें कर रही है 

काजल: कसमसाते हुए) नही ये बात नही है भगवान के लिए में तुम्हारे सामने हाथ जोड़ कर कहती हूँ मुझे छोड़ दो मुझे सब अच्छा नही लगता प्लीज़ छोड़ दो ये ठीक नही है में ऐसा नही कर सकती बाहर जाओ(अमन अब तक समझ चुका था कि घी सीधी उंगली से निकलने वाला नही है) 

अमन:ठीक है चला जाता हूँ बस एक बार और अपने होंठो का रस पिला दो 

काजल: अमन बस बहुत हो गया मुझे तुमसे कोई दोस्ती नही करनी जाओ यहाँ से अगर माँ जी को पता चल गया तो हम दोनो के लिए ठीक नही होगा जाओ बाहर जाओ कोई अंदर ना आ जाए 

अमन: में ऐसे नही जाउन्गा बस एक बार 

काजल: रुआंसी सी होकर) प्लीज़ अमन तुम ऐसे क्यों कर रहे हो मेरे लाइफ बर्बाद मत करो में शादीशुदा हूँ और में अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करते हैं 

अमन: में कुछ नही जानता में बस इतना जानता हूँ कि में तुमसे प्यार करता हूँ 

काजल:पर में तुम से प्यार नही करती तुम बाहर जाओ में कह रही हूँ ना माँ जी अंदर आ जाएगी

अमन:पहले एक किस दे दो में चला जाता हूँ 

काजल: देखो जो दोपहर में हुआ बस मेरी एक भूल थी अब में वो भूल दोबारा नही कर सकती बच्चो की तरह ज़िद ना करो मेरी मजबूरी को समझो जाओ यहाँ से

अमन: नही जब तक किस नही दोगी में नही जाउन्गा 

काजल: देखो बच्चों जैसे बात ना करो 

अमन;मुझे कुछ नही सुनना बस एक किस 

और अमन ने काजल के कंधों को दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी तरफ घुमा लिया और अपने होंठो को काजल के होंठो के तरफ बढ़ाने लगा काजल पीछे की तरफ झुकने लगी और उसकी पीठ मुड़ने लगी और सेल्फ़ पर झुक सी गयी अमन भी आगे की तरफ झुकता गया 

काजल: अमन प्लीज़ नही कोई आ जाएगा प्लीज़

और अमन ने काजल के होंठो को अपने होंठो में ले लिया काजल ने अपनी आँखें बंद कर ली और मन में दुआ करने लगी कि कोई अंदर ना आए अमन ने काजल को होंठो को होंठो को चूसना चालू कर दिया काजल अपने होंठो को आपस में भींचे हुए थी अमन अपनी जीभ को काजल के मुँह में धकेलने लगा काजल ने अमन से जल्दी छुटकारा पाने के लिए अपना मूँह खोल लिया और अमन काजल के होंठो का रस्पान करने लगा काजल ना चाहते हुए भी गरम होने पर उसके दिमाग़ में किसी के अंदर आ जाने का डर भी लगा हुआ था काजल ने अमन को पीछे धकेल दिया
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