Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:49 AM,
#30
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
अगली सुबह दूसरी तरफ सीमा के घर में सीमा का हज़्बेंड हाल में सोफे पर बैठा चाइ पी रहा था अमन अभी अपने रूम से बाहर नही आया था सीमा किचन में ब्रेकफास्ट तैयार कर रही थी तभी फोन की रिंग बजी सीमा के हज़्बेंड ने उठ कर फोन उठाया और बात करने लगा सीमा को कुछ सुनाई नही दे रहा था सीमा अपने काम में व्यस्त थी थोड़ी देर बाद सीमा का हज़्बेंड किचन में आया 

सीमा:क्या हुआ किसका फोन था 

महेश: वो रीमा का फोन था (रीमा महेश की बेहन यानी सीमा कि ननद थी)

सीमा:क्या हुआ सब ठीक तो है (अपने पति को थोड़ा परेशान देख कर)

महेश: नही कोई खास बात नही बस वो रीमा की सास की हालत खराब है वो बोल रही थी एक बात उनका हाल चाल आकर पूछ लेते 

शोभा:तो चले क्यों नही जाते 

महेश : नही तुम तो जानती हो आगे ही बहुत लीव ले चुका हूँ ऐसा करो तुम ही हो आओ और अमन को साथ ले जाओ वो भी घूम आएगा

सीमा:ठीक है में अमन को साथ लेकर चली जाती हूँ पर हां अगर रीमा ने कुछ दिन रुकने के लिए कहा तो मैं वहाँ कुछ दिन रुक कर आऊँगी 

महेश:ठीक है तुम अमन को बता दो ताकि वो तैयार हो जाए और तुम भी तैयारी कर लो अगर टाइम से घर से निकलो गी तो शाम तक वहाँ तक पहुँच जाउन्गी

सीमा:ठीक हैं मैं अमन को तैयार होने के लिए बोलती हूँ 

और ये बोल कर सीमा अमन के रूम में चली गयी आज अमन को आए हुआ दूसरा दिन था पर सीमा को अमन के साथ अकेले में एक पल भी नही मिला था सीमा ने अमन के रूम का डोर नॉक किया पर अमन अंदर नही था महेश ने बाहर से चिल्लाते हुए सीमा से बोला 
महेश :आररी हां मैने अमन को ऊपर छत पर जाते हुए देखा है 

सीमा छत की तरफ जाने लगी सीडीयाँ चढ़ते सीमा खुशी से भरी हुई थी जैसे ही सीमा ऊपर के मंज़िल पर पहुँची तो अमन छत से नीचे की तरफ आ रहा था सीमा अमन को देख मुस्कराने लगी सीमा ने अमन को एक साइड में खींच लिया और अमन से लिपट गयी अमन ने भी अपनी बाहें सीमा की कमर मे कस ली सीमा अमन के गालों को चूमते हुए बोली 
सीमा:अमन आज में बहुत खुश हूँ 

अमन:क्यों क्या हुआ मौसी 

सीमा:तुम्हें मेरे साथ आज ही रायपुर चलना है 

अमन:रायपुर क्यों 

सीमा:वहाँ मेरी ननद रहती है उसकी सास की तबीयत बहुत खराब है उनसे मिलने जाना है 

अमन:तो इसमे खुश होने की क्या बात है 

सीमा: वो जब तुम मेरे साथ चलोगे तो पता चल जाएगा 
और सीमा ने अपने होंठो को अमन के होंठो पर रख दिया अमन सीमा के होंठो को चूसने लगा सीमा अमन से अलग हुई और अमन को जल्दी तैयार होने को कहा अमन और सीमा दोनो जल्दी नीचे आ गये अमन अपने रूम में जाकर तैयार होने लगा और सीमा भी तैयार होने लगी करीब एक घंटे में दोनो अपने बॅग्स पॅक करके तैयार थे

दोस्तो मैं आप को ज़रा रीमा के बारे में कुछ बता दूं फिर ही आप को रीमा के पास ले कर चलूं ताकि आप समझ सको सीमा रीमा के पास जाने के लिए खुश क्यों थी रीमा सीमा की ननद जिसकी शादी को करीब 15 साल हो चुके थी और सीमा के हज़्बेंड यानी महेश से 4 साल बढ़ी थी रीमा का पति पेशे से किसान था गाओं में काफ़ी ज़मीन ज़्यादाद थी पर शादी के कुछ सालों बाद ही रीमा का पति ज़्यादा ज़मीन होने के कारण दिन रात काम में लगा रहता था उसके गाओं के आस पास किसी के पास इतनी ज़मीन ज़्यादाद नही थी और रीमा शहर में पड़ी लिखी लड़की थी उसने अपनी चूत की आग बुझाने के लिए उसने अपने जेठ से नज़ायज़ संबंध बना लिए थे जिसे रीमा ने कभी ग़लत नही माना था क्योंकि रीमा खुले विचारों वाली औरत थी वो तो बस अपनी चूत की आग बुझाना जानती थी चाहे वो कैसे भी हो रीमा के पति हरिओम को रीमा की करतूतों का पता चल गया था पर रीमा का पति समाज में अपनी खिल्ली उड़ाने से बचाने के लिए चुप रहा पर उसके मन में कहीं ना कहीं द्वेष ज़रूर था पर रीमा की जवानी को फिर भी तरसना ही लिखा था 8 साल पहले उसके जेठ का देहांत भी हो चुका था एक बार तो रीमा के पति हरी ओम ने सीमा से अपनी पत्नी के बारे में सब कुछ बता दिया था ताकि वो रीमा को समझा सके यानी कि उसके बाद सीमा रीमा की राज दार बन गयी रीमा का संबंध एक दो और आदमियों से बना पर वो भी बहुत ज़्यादा लंबा ना चला और रीमा जब भी सीमा यानी अपने भाई के घर आती थी तो सीमा और रीमा दोनो एक दूसरे की चूत चाट कर चूत में उंगली कर एक दूसरे के गरमी को शांत करने के कोशिश करती थी


रीमा को एक बेटा और बेटी थे और बेटी की शादी हो चुकी थी और बेटे की भी शादी हो चुकी थी बेटे की शादी को 3 साल हो चुके थे पर रीमा अब तक अपने पोते का मूँह नही देख पे थी उसका कारण ये था कि उसका बेटा जब जवान होने लगा था एक दिन उसके ही घर की भैंस ने रीमा के बेटे के गुप्ताँग पर सींग मार दिया जिससे बहुत बढ़ा घाव हो गया था और कई दिनो के इलाज के बाद घाव तो भर गया पर उसके लंड का विकास रुक गया रीमा के बेटे का लंड खड़ा तो होता पर 4 इंच का लंड कमजोर और ढीला था 

अब में आप को स्टोरी पर वापिस ले चलता हूँ सीमा और अमन तैयार होकर महेश के साथ घर से निकल पड़े महेश ने उन्हें बस स्टॅंड पहुँचा कर बस में बैठा दिया बस चल पड़ी सीमा ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी और साथ में मॅचिंग स्लीवलेशस ब्लाउस पहना हुआ था होंठो पर रेड लिपस्टिक और हल्का सा मेकप किया हुआ था अमन अपने आप में बहुत प्राउड फील कर रहा था कि उसने सीमा मौसी जैसी सुंदर औरत के जिस्म को भोगा है बस कई मर्द सीमा के खूबसूरती के कियल हो गये और बार -2 सीमा को देख रहे थी सीमा के खुशी उसका चाहेरा बयान कर रही था सीमा बहुत खुस थी क्योंकि ननद रीमा के घर पर उसे और अमन के साथ काफ़ी टाइम मिलने वाला था और सीमा अपनी ननद रीमा से भी मिलना चाहती थी सीमा और अमन दोनो बैठ कर बातें कर रहे थे कोई 3 घंटे के सफ़र के बाद बस एक छोटे से कस्बे में पहुँची वहाँ से उतर कर अमन और सीमा ने एक लोकल बस रायपुर गाओं के लिए पकड़ी बस की हालत बहुत खराब थी और एक दम ठसा ठस भरी हुई थी किस्मेत से दोनो को सीट मिल गयी और कोई 2 घंटे के धीमे सफ़र के बाद सीमा खड़ी हो गयी बस रुकी और अमन और सीमा नीचे उतर गये मेन रोड से बाएँ तरफ एक कच्चा रास्ता जा रहा था सीमा और अमन अपना बॅग उठा कर उस रास्ते पर चलने लगे सीमा तो पहले भी कई बार रीमा के ससुराल आ चुकी थी पर अमन पहली बार यहाँ आया था कच्चा रास्ता जिसके एक तरफ खेत ही खेत और किनारे पर घने घने पेड़ लगे हुई थी दूसरी तरफ एक नहर (नदी) और नहर के तरफ भी घने-2 पेड़ और झाड़ियाँ थी जैसे अमन और सीमा कच्चे रास्ते पर आगे बढ़ रहे थी हरियाली बढ़ने लगी दोनो इधर उधर की बातें कर रही थी उस कच्चे रास्ते पर दूर-2 तक कोई दिख नही रहा था दोपहर के 3 बज रहे थे गर्मी बहुत थी पर घने पेड़ो की छाँव में उन्हे ठंडक मिल रही थी सीमा अमन के आगे-2 चल रही थी 

अमन:और कितनी दूर चलना पड़ेगा मौसी

सीमा: अमन अब यहाँ कोई है जो तुम मुझे मोसी कह रहे हो 

अमन:सॉरी सीमा

सीमा मुस्कुराने लगी और अपने बॅग को छोड़ कर नीचे रख दिया और पलट कर अमन के पास आई सीमा क्या कयामत लग रही थी और सीमा ने अपनी बाहें अमन के गले में डाल दी अमन ने अपने दोनो हाथों को सीमा की कमर पर रख दिया और सीमा आँखें बंद करके अपने होंठो को अमन के होंठो की तरफ बढ़ाने लगी अमन ने सीमा के होंठो को अपने होंठो में ले लिया सीमा की लिपस्टिक के स्वाद से अमन का मूँह भर गया कुछ देर किस करने के बाद सीमा पीछे हुई और अमन की तरफ मुस्करा कर देखा और फिर पलट कर अपना बॅग उठाया और चलने लगी अमन भी बॅग उठा कर सीमा के साथ चलने लगा दोनो आपस में बातें करतें चल रहे थे आख़िर कार दोनो गाओं पहुँच गये अमन ने अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसा गाओं देखा था गाओं काफ़ी पिछड़ा हुआ महसूस हो रहा था गाओं के ज़्यादातर घर कच्चे थे लोगो की हालत बेकार लग रही थी जब दोनो गाओं की गली में आगे बढ़ रहे थे तो लोग उन्हे घूर कर देख रहे थे 
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