RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
सुबह के 10 बज रहे थे घर में अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की आँख खुली और उसने अपने आप को कमरे में बेड पर नंगा पाया शोभा शरमाने लगी रूम का डोर भी खुला हुआ था शोभा ने बेड से उठ कर डोर लॉक किया और सीधा बाथरूम में घुस गयी फ्रेश होने के बाद शोभा नाइटी पहन कर किचन में आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बनाते हुए उसके दिमाग़ में सुबह 4 बजे की सारी घटनाए सामने आने लगी और शोभा खड़ी-2 शरमाने लगी शोभा मन में सोचने लगी कि अब वो रेणु का सामना कैसे करेगी चाइ बन कर तैयार हो गयी पर शोभा ने बबलू और रेणु को उठाना ठीक नही समझा और खुद अपने रूम में आकर चाइ पीने लगी चाइ पीने के बाद शोभा नाश्ता तैयार करने लगी सुबह के 11 बज रहे थी रेणु और बबलू भी उठ चुके थी रेणु फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आई उसके बदन पर केवल छोटा सा टवल था उसने अलमारी से साड़ी निकाली और पहनने लगी पर बबलू ने उसे साड़ी पहनने से मना कर दिया
बबलू: रेणु यार इतनी गरमी है और तुम साड़ी पहन रही हो कल रात वाली नाइटी ही पहन लो
रेणु:तो क्या मैं घर में वो नाइटी पहन कर घूमूं
बबलू: तुम मेरे लिए ये भी नही कर सकती
रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी उसने साड़ी को अलमारी में वापिस रख दिया और ब्रा उठा कर पहनने लगी बबलू उठ कर बाथरूम में घुस गया जब बबलू 15 मिनट बाद बाहर आया तो रेणु रूम में नही थी बबलू रूम से बाहर आ गया और किचन के सामने हाल में सोफे पर बैठ गया शोभा और रेणु दोनो किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी दोनो आपस में कोई बात नही कर रही थी ना ही दोनो में से किसी की हिम्मत हो रही थी बबलू सोफे पर बैठा अपनी किस्मत पर इतरा रहा था बबलू उठ कर किचन में आ गया रेणु और शोभा दोनो की पीठ बबलू की तरफ थी दोनो ने पीछे मूड कर बबलू को देखा रेणु ने स्माइल किया पर शोभा ने रिएक्ट नही किया बबलू शोभा के पीछे आकर शोभा से सट कर खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथों को शोभा के बड़े-2 चुतड़ों पर रख कर सहलाने लगा शोभा ने नाइटी के अंदर कुछ नही पहना था शोभा के दिल की धड़कने तेज हो गयी रेणु अपनी कनखियो से बबलू को देख रही थी रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी बबलू शोभा की गान्ड को मसल्ने जा रहा था शोभा ने अपने हाथों से सेल्फ़ को कस्के पकड़ लिया
शोभा:धीमी आवाज़ में”)छोड़ो क्या कर रहे हो
बबलू ने शोभा की नाइटी को उठाना चालू कर दिया शोभा बेचारी चुप चाप खड़ी रही बबलू ने उसकी नाइटी को उसकी कमर तक उठा दिया शोभा के बड़े-2 चूतड़ बाहर आ गये बबलू दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को फैला कर मस्ल रहा था रेणु सर झुकाए खड़ी सब देख रही थी रेणु से रहा नही गया और रेणु मूड कर बाहर की तरफ जाने लगी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ लिया
बबलू:अर्रे तुम तो अभी भी शरमा रही हो
बबलू ने उसे सेल्फ़ के पास खींच कर खड़ा कर दिया रेणु की पीठ सेल्फ़ की तरफ थी जबकि शोभा का फेस सेल्फ़ की तरफ था
रेणु: बहुत धीमी आवाज़ में)प्लीज़ मुझे जाने दो
बबलू ने ना में सर हिला दिया और रेणु की रेड कलर की शॉर्ट नाइटी जो कि उसके जाँघो तक ही आ रही थी उसे ऊपर उठा दिया शोभा कनखियों से रेणु को देख रही थी रेणु की गोरी जांघे उसे सॉफ नज़र आ रही थी और दोनो जाँघो के बीच रेणु के वी शेप रेड कलर की पैंटी उसकी जाँघो को और सुदार बना रही थी बबलू जो कि शॉर्ट्स में था उसने अपना शॉर्ट्स नीचे सरका कर निकाल दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खा रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर शोभा की जाँघो को थोड़ा सा फैला दिया और शोभा को सेल्फ़ पर झुका दिया और खुद थोड़ा सा अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु सर झुकाए सब देख रही थी रेणु ने शोभा के फेस की तरफ देखा शोभा अपनी आँखें बंद किए हुए थी और उसने अपने होंठो को अपने दाँतों में भींच रखा था बबलू ने दो चार धक्को में अपने लंड को जड तक शोभा की चूत में घुसा दिया शोभा की चुचियाँ सेल्फ़ के ऊपर हिल रही थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर रेणु को अपनी तरफ खींचा और रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी कमर हिलाने लगा बबलू की जांघे शोभा की गान्ड से टकराने लगी और थप-2 की आवाज़ से पूरा घर गूंजने लगा बबलू ने एक हाथ नीचे लेकर रेणु की वीशेप पैंटी के अंदर डाल दिया और अपने हाथ से उसकी चूत की फांको को सहलाने लगा रेणु मचलने लगी बबलू ने जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से धक्के लगाने चालू कर दिए
शोभा:अहह ओह धीरीईई बब्लुउउुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रेणु अपनी माँ शोभा की सिसकारियों को सुन कर गरम होने लगी थी बबलू ने रेणु के होंठो से अपने होंठ हटाए
बबलू:हन्ंननणणन् बोल मेरे रानी कैसा लग रहा मेरा लौडा तेरी भोसड़ी में
रेणु बबलू के मुँह से ऐसे बातें सुन कर हैरान तो हो रही थी पर उसे बबलू की बातों से और मज़ा आ रहा था
शोभा बिना कुछ बोले अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर और ताक़त से अपना लंड शोभा की चूत में पेलने लगा
बबलू:बोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साली रांद्द्द्दद्ड कैसा लग रहा हाईईइ बोल
शोभा से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू का लंड सीधा शोभा की बच्चेदानी पे जाकर ठोकर मार रहा था
शोभा:ओह भ्तुउउउउउउउ अच्छा लगा र्हाअ हाईईइ मेरीई चूत्त्त्त को फद्द्द्दद्ड दूओ मीरीईई जमाइईईईईई राजा अहह ओह और्र्र्र्ररर चोद्द्द्द्द्द्द्द और चोद अपनी सास को
रेणु आँखे फाड़ कर ये सब देख और सुन रही थी
बबलू:चल साली खड़ी क्या हाईईईईई चल अपनी गान्ड हिला में थक गया हूँ
और शोभा ने अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया
शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननननणणन् झड़ने वाली हुन्न्ञननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा झड गयी और लंबी साँसें लेने लगी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए और उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया कुछ देर बाद बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला और रेणु को इशारे से नीचे बैठने को कहा शोभा पहले से नीचे घुटनो के बल बैठी अपनी साँसें दुरस्त कर रही थी दोनो माँ बेटी पास में बैठ गयी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो अब ढीला पड़ चुका था
बबलू:एक बार इस मूँह में लो ना मेरी जानणन्न्
रेणु ने अपना मुँह खोल कर बबलू के लंड को अंदर ले लिया और चूसने लगी रेणु को अपनी माँ और बबलू के पानी का स्वाद का अजीब ही मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और बबलू नीचे बैठ गया और रेणु के होंठो को चूसने लगा दोनो माँ बेटी ने आँखें बंद कर रखी थी बबलू ने रेणु के होंठो को छोड़ा और शोभा के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना चालू कर दिया 1 मिनट तक शोभा के होंठो को चूसने के बाद बबलू ने अपने होंठो को हटाया और रेणु के कान में बोला
बबलू:एक बार मेरे सामने अपनी माँ के होंठो को चूसो
रेणु ने अपनी आँखें खोली और बबलू के तरफ देखा उसके फेस पर सावलिया निशान थी पर फिर रेणु में नज़ाने कहाँ से हिम्मत आ गयी उसने आगे बढ़ कर अपने हाथों से शोभा के फेस को पकड़ कर अपने होंठों को शोभा के होंठो पर रख दिया जैसे ही रेणु के होंठ शोभा के होंठो पर पड़े शोभा के दिल की धड़कने बढ़ गई शोभा ने अपनी आँखें खोल कर देखा रेणु उसके होंठो को चूस रही थी शोभा ने अपने होंठो को आपस में सटा रखा था शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली और कुछ देर बाद अपने होंठो को खोल दिया रेणु को भी बहुत अच्छा लग रहा था जैसे ही शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ा रेणु ने शोभा के ऊपर वाले होंठ को होंठों में लेकर चूसना चालू कर दिया और शोभा रेणु के नीचे वाले होंठ को चूसने लगी दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी दोनो को किस करते हुए 2 मिनट हो चुके थी बबलू पास में बैठा देख कर मुसकरा रहा था
बबलू;अर्रे भाई बस भी करो तुम माँ बेटी तो मुझे भूल ही गयी
दोनो जैसे नींद से जागी हों एक दम से अलग हो गयी शोभा खड़ी हो कर जल्दी से बाहर चली गयी रेणु वहीं सर झुकाए नीचे बैठ हुई थी उसके गाल शरम के मारे लाल हो चुके थे
बबलू:क्यों कैसा लगा मेरे हजूर
रेणु: शरमाते हुए) सच बताऊं
बबलू:हां
रेणु:पहले कुछ अजीब सा लगा पर बाद में अच्छा लगाने लगा था
बबलू:चलो एक काम करतें है नाश्ता करने के बाद कहीं घूमने चलते हैं और दोपहर का खाना भी किसी रेस्टोरेंट में कर लेंगे
रेणु:ठीक है में तैयार हो कर आती हूँ आप माँ को भी बता देना
तीनो नाश्ता करने लगे और तैयार होकर घर से निकल पड़े
रेणु:हम जा कहाँ रहे हैं
बबलू: पहले तो चल कर किसी माल में शॉपिंग करतें है और बाद में मूवी देखने चले जाएँगे
रेणु;हां ये ठीक रहेगा और लास्ट मे लंच करके घर वापिस चलेंगे
कुछ ही देर में तीनो एक शॉपिंग माल में पहुँच गये शोभा बबलू और रेणु से कुछ आगे चल रही थी बबलू ने रेणु के कान में कुछ कहा रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी रेणु एक लॅडीस अंडरगार्मेंट की शॉप के सामने आ कर खड़ी हो गयी रेणु ने शोभा को आवाज़ दी शोभा ने पीछे मूड कर देखा तो रेणु ने उसे इशारे से शॉप में आने के लिए कहा शोभा रेणु के पीछे शॉप में चली गयी बबलू ने शोभा से बोला आप शॉपिंग करो में ज़रा घूम कर आता हूँ शॉप के अंदर जैसे ही शोभा आई तो अपने चारो तरफ डिज़ाइनर ब्रा देख कर शोभा हैरान हो गयी शोभा ने जिंदगी में पहली बार इस तरह की ब्रा देखी थी दोनो काउंटर पर खड़ी हो गयी एक 18 19 साल की लड़की उनके पास आई और पूछा मेडम क्या चाहिए आपको
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