Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:44 AM,
#18
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
बबलू ने अपने होंठो को मीना के होंठो पर रख दिया और होंठो को चूसने लगा 

बबलू:अच्छा जाने मन चलता हूँ 

और बबलू मीना के घर का नंबर लेकर वहाँ से चला आया



दूसरी तरफ सीमा दोपहर का खाना तैयार कर चुकी थी और कपड़े धो कर 

सुखाने के लिए छत पर चली गयी यहाँ अमन छत पर एक पतला सा बिस्तर लगा 

कर लेट कर धूप का आनंद ले रहा था सीमा अमन की तरफ देखने लगी और 

दोंनो की नज़रें आपस में टकरा गयी सीमा ने कपड़े सुखाने के लिए डाल दिए 

और अमन के पास आ कर नीचे बिस्तर पर बैठ गयी धूप से गर्मी के कारण 

अमन के गाल एक दम लाल हो चुके थे उसके गालों को देख सीमा का दिल ललचा 

गया और झुक कर अमन के होंठो को अपने मुँह में ले कर चूस लिया अमन ने 

भी उसे बाहों में भर लिया और सीमा के होंठो को चूसने लगा अमन के हाथ 

सीमा की चुचियों को मसल्ने लगे सीमा ने सलवार कमीज़ पहना हुआ था 

अमन:मौसी एक बार और दो ना 

सीमा:मुस्करते हुए) क्या दूँ 

अमन:शरमाते हुए) चूत 

सीमा:तो खुल के कह ना शर्मा क्यों रहा है तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो 

में और मेरी चूत पर सबसे पहला हक तुम्हारा है सीमा अमन की बगल में 

लेट गयी और अपनी सलवार का नाडा खोल दिया अमन बैठ कर सब देखने लगा नाडा 

खोलने के बाद सीमा ने अपनी गान्ड को हल्का से ऊपर उठा कर सलवार को सरका कर 

नीचे घुटनो तक कर दिया अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपर की ओर उठा लिया 

सीमा की सलवार उसके घुटनो से नीचे थी 

सीमा:चल जल्दी कर कोई ऊपर ना आ जाए 

अमन लेकिन मौसी अपनी सलवार तो उतारो

सीमा:नही अगर कोई आ गया तो जल्दी में सलवार नही पहनी जाएगी तू मेरे 

पैरो के सामने आ जा 

अमन सीमा के पैरो के सामने की तरफ़ आ गया और सीमा के कहने पर उसने 

सीमा के पैरो को अपने कंधे पर रख दिया अब सीमा की चूत बिल्कुल अमन के 

लंड के सामने आ गयी थी सीमा ने हाथ नीचे लेजा कर अमन के लंड को पकड़ 

कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया और अमन ने अपने लंड को अंदर धकेल दिया 

लंड एक ही बार में सीधा चूत के अंदर समा गया अब सीमा के गान्ड बिस्तर 

से 2 इंच ऊपर हवा में उठ चुकी थी और अमन सीमा की टाँगों को उठा कर 

चोद रहा था सीमा को इस सब में बड़ा मज़ा आ रहा था और अमन पूरी ताक़त से 

सीमा की चूत को पेल रहा था अमन के झटके हर पल तेज हो रहे थे और 5 मिनट 

में अमन ने सीमा की चूत में पानी छोड़ दिया और सीमा भी उसके साथ ही 

झाड़ गयी अमन ने लंड निकाल कर सीमा की टाँगों को कंधों से नीचे उतारा और 

सीमा ने अपनी सलवार को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपर किया और गान्ड उठा कर फिर 

से ऊपर करके नाडा बाँध लिया और बैठते हुए अमन के होंठो को चूस्ते हुए बोली 

जब तुम्हारा दिल करे मुझे चोद लेना और आज के बाद तुम अकेले में मुझे सीमा कह 

कर बुलाना और सीमा नीचे आ गयी अमन वहीं लेटा रहा और उसे नींद आने 

लगी शाम को अमन उठ कर नीचे आ गया नीचे घर में शांति फैली हुई थी 

कोई आवाज़ नही आ रही थी अमन किचन में गया सीमा चाइ बना रही थी अमन 

ने सीमा को पीछे से जाकर बाहों में भर लिया सीमा ने सारी पहनी हुई थी 

और पीछे से हाथ आगे लेजा कर सीमा की चुचियों को पकड़ लिया

सीमा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उठ गये 

अमन:हान्णन्न् दादा दादी जी कहाँ गये हैं

सीमा:वो यहीं नज़दीक के पार्क में घूमने गये हैं 

अमन:सीमा मुझे अभी चूत चहाए 

सीमा:क्या हुआ आज बहुत मूड में हो

अमन:चल दे ना क्यों नखरे कर रही है और अमन ने सीमा की चुचियाँ को मसल 

दिया 

सीमा:अहह ये हुईईईई ना बात चल बाहर जाकर सोफे पर बैठ में अभी आती 

हूँ 

अमन सोफे पर आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद सीमा चाइ लेकर आ गयी और चाइ 

टेबल पर रख दी और बड़ी अदा के साथ अपनी सारी को पेटिकोट के साथ अपनी कमर 

तक उठा दिया नीचे सीमा ने ब्लू कलर की वी शेप पैंटी पहनी हुई थी जो सिर्फ़ 

उसकी चूत को ही ढक पा रही थी सीमा डॉगी स्टाइल में सोफे पर आ गयी 

और अमन उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया अमन ने सीमा की छोटी सी पेंटी को साइड 

से पकड़ कर उसकी जाँघो तक नीचे कर दिया और अपना शॉर्ट्स को उतार दिया और अमन 

ने अपना लंड सीमा की चूत की छेद पर रख कर हलका सा झटका मारा सीमा के 

मुँह से आ निकल गयी और सीमा की आँखें बंद हो गयी सीमा ने पीछे की 

ओर अपनी गान्ड को धकेला लंड चूत के अंदर समा गया अब अमन अपना लंड डाले 

वैसे ही खड़ा था और सीमा घोड़ी बनी आगे पीछे हो कर अमन का लंड अंदर 

बाहर कर रही थी लंड सीमा की चूत के पानी से चिकना हो कर आसानी से अंदर 

बाहर जा रहा था अमन ने सीमा के चुतड़ों को कस के पकड़ लिया और अपनी कमर 

हिलाने लगा 

सीमा:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननणणन् 

तुम्हेन्ंनननननणणन् आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब जनीईईई नही दूऊऊन्गि 

अहह तूँ कहा थाआआआआअ आब्ब्ब्ब्ब्बबब तक्क्क्क्क्क्क तेरी मौसी की 

चूत्त्त्त्त्त के प्यास टनईयीईयीई बुजाइइ है अहह और ज़ोर सीईईई 

चोद्द्द्द्द्द्द्द अहह और जोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर से फद्द्द्द्द्द्दद्ड दीईईई मेरी 

चूत्त्त्त्त्त अहह अमन धना धन धक्के लगाने लगा सीमा भी पीछे 

की तरफ गान्ड धकेल-2 कर अमन का लंड अंदर ले रही थी सीमा झाड़ गयी 

और अमन ने भी सीमा की चूत में अपना पानी छोड़ दिया अमन का वीर्य बह कर 

सीमा की चूत से बाहर आकर उसकी पैंटी के ऊपर गिरने लगा सीमा अपनी सारी और 

पेटिकोट को थामे खड़ी हुई और अपनी पैंटी को पकड़ कर ऊपर कर ली और दोनो 

बैठ कर चाइ पन लगे तभी डोर बेल बजी 

सीमा:लगता है माँ और पिता जी आ गये 

सीमा उठ कर गेट खोलने गयी सीमा ने गेट खोला तो सामने सीमा का देवर 

और देवरानी खड़े थे 

सीमा: एक दम चोन्क्ते हुए)अर्रे तुम कब आए फोन तो कर देते आओ अंदर आओ

और पीछे सीमा के सास ससुर भी आ गये सीमा ने उन्हें सोफे पर बैठाया 

और अपनी देवरानी से अमन को मिलवाया सीमा अपने देवर और देवरानी को देख कर 

खुश भी थी पर अब उसे अमन के साथ चुदाई मोका नही मिलने वाला था सीमा 

ने उन्हे चाइ बना कर दी और उनसे बातें करने लगी सीमा के देवर ने बताया कि 

वो आर्मी के किसी काम से लखनऊ आया था इसलिए वो अपनी पत्नी पूजा को भी साथ ले 

आया था और कल वापिस जाने वाले थे सीमा ने ये सुन कर राहत की साँस ली क्यों 

कि अब अमन की छुट्टियाँ ख़तम होने में कुछ ही दिन बचे थी और वो इन कुछ 

दिनो में चुदाई का पूरा मज़ा लेना चाहती थी



दूसरी तरफ बबलू शाम को उठ कर 

फ्रेश हो चुका था इतने में रेणु और शोभा भी घर आ चुकी थी बबलू रात 

का खाना खा कर घर से बाहर निकल गया बाहर आकर उसने पीसीओ से मीना के घर 

पर फोन किया

मीना:हेलो कॉन 

बबलू: में बोल रहा हूँ बबलू

मीना:ओह्ह्ह्ह तुम क्यों फोन किया 

बबलू:तुम्हारा पति घर में हैं 

मीना:हां हैं बुलाऊ 

बबलू: फिर कब मुलाकात हो गी

और बबलू स्टेशन पर आ गया और अपने काम में जुट गया रात के 10बज रहे थे 

बबलू स्टेशन के प्लॅटफॉर्म पर टहलता रहा था उसकी नज़र उस दिन वाली औरत पर पड़ी 

जो उस रात सुसमा के साथ थी औरत ने बबलू के तरफ देखा बबलू ने इशारे से उसे 

एक कोने में बुलाया 

औरत : जी बाबू जी क्या बात है

बबलू:तुम्हारा नाम क्या है 

औरत:जी मेरा नाम बिंदिया है 

वो औरत अधेड़ उम्र की थी लगभग 45 साल के करीब थी 

बबलू:वो सुसमा नज़र नही आ रही आज कल

बिंदिया: जी वो अपनी बेहन के पास गयी हुई है

बबलू:कब तक आए गी

बिंदिया:जी पता नही कुछ बोल कर नही गयी बिना कुछ बोले चले गई 

बबलू:ठीक है तुम जाओ

और बिंदिया आगे चली गयी थोड़ी दूर जाने के बाद बिंदिया ने पीछे मूड कर बबलू 

की तरफ देखा और बबलू अपने लंड को पेंट के ऊपर से मसल कर बिंदिया को दिखाने 

लगा बिंदिया मुस्कराने लगी बबलू भी बिंदिया के पीछे हो लिया दोनो थोड़े फंसले 

पर चले जा रहे थी कुछ दूर जाकर प्लॅटफॉर्म ख़तम हो गया और बिंदिया आगे 

बढ़ती रही सर्दी के मौसम में धुन्ध छाई हुई थी थोड़ा सा और आगे जाकर 

बिंदिया धीरे हो गयी बबलू उसके एक दम पास आ गया और अपना एक हाथ उसके 

मतकते हुए चुतड़ों पर रख कर मसल दिया

बिंदिया:हाई राआआअम क्या कर रहे हैं बाबू जी कोई देख लेगा 

बबलू:चल फिर कहीं ऐसे जगह चलते हैं यहाँ कोई देखे ना

बिंदिया नीचे सर करके शरमाने लगी और फिर आगे बढ़ने लगी कुछ दूरी पर 

चलने पर बिंदिया एक लोहे के गेट के सामने आकर रुक गयी बिंदिया ने गेट खोल 

सामने सीडीयाँ थी जो ऊपर जाती थी 

बिंदिया:आए बाबू जी हमारे ग़रीब खाने में 

और बिंदिया और बबलू ऊपर आ गये बिंदिया ने गेट वापिस बंद कर दिया ऊपर छत 

पर छोटा सा एक कमरा था और आगे खुल्ली छत थी जो बहुत ही तंग थी 

कमरे के आगे एक तरपाल से बना एक किचन टाइप था बिंदिया ने दरवाजा 

खटखटाया थोड़ी देर बाद अंदर लाइट जली और दरवाजा खुल गया सामने बिंदिया की 

बेटी खड़ी थी बिंदिया की बेटी छोटे कद की थी उसकी हाइट 5 के करीब थी 

बेटी:माँ ये कॉन है(अपना मूँह बनाते हुए) इसे यहाँ क्यों लाई हो इस समय 

बिंदिया: ये हमारे स्टेशन पर छोटे शाब हैं बेटा इन्हे नमस्ते बोलो ये मेरे बेटी 

है साहब रिंकी 

रिंकी: मूँह बनाते हुए) नमस्ते 

बबलू मन में सोचने लगा साली अकड़ तो ऐसे रही है जैसे कहीं की राजकुमारी हो 

रिंकी छोटे कद की लड़की थी उसका जिस्म एक दम भरा हुआ था **** उम्र में उसकी 

चुचियाँ अभी छोटे संतरों के आकार की थी लेकिन गान्ड बहुत भारी थी 

बिंदिया:आइए बाबू जी जा रिंकी बाबू जी के लिए चाइ बना ले

बबलू:नही -2 मुझे चाइ नही पीनी बस एक ग्लास पानी पिला दो 

रिंकी पानी ले आई और बबलू की तरफ पानी का ग्लास बढ़ाया बबलू ने पानी लेते हुए रिंकी 

के हाथ को मसल दिया और आँख मार दी रिंकी अपना मूँह बनाने लगी और 

बुदबुदाते हुए नीचे बिछे बिस्तर पर लेट गयी 

बबलू ने इशारे से बिंदिया को पूछा बिंदिया ने इशारे से बबलू को बाहर आने को 

कहा बबलू बाहर चला गया और बिंदिया ने लाइट बंद कर दी बाहर आकर बिंदिया ने 

बबलू से कहा बाबू जी आप थोड़ी देर बाहर घूम आइए में तब तक रसोई में 

बिस्तर लगा लेती हूँ और रिंकी भी तब तक सो जाएगी में नीचे का गेट खुला छोड़ 

देती हूँ 


बबलू नीचे उतर कर बाहर आ गया और सिगरेट जला कर पीने लगा 10-15 मिनट 

घूमने के बाद बबलू फिर से वहाँ पहुँचा उसने गेट खोला तो गेट खुल गया 

बबलू ने अंदर आकर बिना आवाज़ किए गेट बंद कर दिया और दबें पाँव ऊपर आ 

गया जहाँ बिंदिया चारो तरफ तरपाल से धकि रसोई में बिस्तर बिछा कर लेटी हुई 

थी बबलू रसोई में घुस गया रसोई का दरवाजा नही था रसोई में लालटेन जल 

रही थी

बस तरपाल तंगी हुई थी बिंदिया जाग रही थी बबलू ने अपनी पेंट और अंडरवेर को 

उतार कर नीचे पैरो तक सरका दिया और अपने फन्फनाते हुए लंड को हाथ में लेकर 

घुटनों के बल बिंदिया के सर की तरफ बैठ गया और बिंदिया के सर के नीचे हाथ 

डाल कर अपना लंड उसके मूँह में दे दिया बिंदिया बबलू के लंड को चूसने लगी 

बबलू सीधा खड़ा हुआ और बिंदिया पंजों के बल बैठ गयी और बबलू बिंदिया का सर 

पकड़ कर उसके मूँह में अपना लंड आगे पीछे करने लगा बबलू ने अपना लंड 

उसके मूँह से निकाला और बिंदिया को सीधा लेटा कर उसका पेटिकॉट को कमर पे चढ़ा 

दिया और उसकी टाँगों को उठा कर उसकी जाँघो के बीच बैठ गया और अपने लंड के 

सुपाडे को बिंदिया की चूत के छेद पर लगा दिया 

बिंदिया:सीईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह बाबू जीईईईईई जल्दीीईईईईईईईई 

करूऊऊऊऊऊऊऊऊ अंदर डालो नाआआअ अपना लौदाअ मेरी भोसड़ी 

मेंन्नणणन् और बबलू ने अपने लंड को अंदर पेल दिया लंड एक ही झटजे में बिंदिया 

की चूत के अंदर समा गया बबलू ने जूते नही उतारे थे इसलिए बबलू को बिंदिया 

को चोदने में दिक्कत हो रही थी बबलू ने लंड को चूत से निकाला और खुद लेटकर 

बिंदिया को ऊपर आने को कहा बिंदिया बबलू के ऊपर आ गयी और अपने पैरो को 

बबलू के दोनो तरफ करके बबलू के लंड के ऊपर अपनी चूत को टिका कर नीचे होने 

लगी लंड धीरे-2 अंदर सरकने लगा 

बिंदिया:हाए दयीईअ ओह सीईईईईईईईईईईईई और बबलू का पूरा लंड फिर से बिंदिया 

की चूत में समा गया बिंदिया अपनी काली मोटी गान्ड को बबलू के लंड के ऊपर 

उछालने लगी बबलू ने दोनो हाथों से बिंदिया के चुतड़ों को पकड़ कर मसलना चालू 

कर दिया बिंदिया अपनी कमर को ऊपर नीचे उछाल रही थी और अपनी चूत को 

बबलू के लंड के ऊपर पटक-2 कर चुदवा रही थी अंदर बिंदिया की सिसकारियाँ सुन 

कर रिंकी उठ गयी और दबें पाँव दरवाजा खोला कर बाहर आ गयी अब उसे अपनी 

माँ बिंदिया की सिसकारियाँ सॉफ सुनाई दे रही थी

बिंदिया:अहह बाबू जीईईईई और ज़ोर से चोदीईईए अहह 

बबलू:लीईई सलिइीईईईईई लीईईई और मेरा लुंद्द्द्द्ड अह्ह्ह्ह

बिंदिया:बाबू जीईई बहुत मज़ा एयाया रहा हाईईईई आपका लंड सीधा मेरी 

बच्चेदानी से टकरा रहा हाईईईईई अज्ज मेरी चूत को सूजा दूऊव अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

बबलू: नीचे पूरी ताक़त से लंड पेलता हुआ) ले बेहन की लोदी और लीईई ले मेरा 

लंड रंडी अहह ले कुतिया आज के बाद तू रोज मेरे लंड को अपनी चूत में 

लेगीई तेआप्प्प्प्प्प्प

बिंदिया:हाां बाबू जीईईई में तो आपके लंड को अपने चूत से निकलने नही 

दूँगीईए अहह ओह सीईईईईईईईईईईईईईईई हाए दएया अहह 

बाहर खड़ी रिंकी का दिल अपनी माँ की बातें सुन कर जोरों से धड़कने लगा था 

उसकी चूत भी चुदाई की आवाज़ सुन कर पानी छोड़ने लगी थी रिंकी ने तरपाल को ज़रा 

सा हटा कर अंदर देखा तो उसके सामने जो नज़ारा था वो जिंदगी में पहली बार देख 

रही थी बिंदिया बबलू के ऊपर बैठी हुई उछल-2 कर अपनी चूत को बबलू के लंड पे 

पटक रही थी बबलू ने उसके चुतड़ों को पकड़ कर फैला रखा था जिससे बिंदिया की 

गान्ड का छेद भी रिंकी को सॉफ नज़र आ रहा था उसकी माँ की बड़ी और काली गान्ड 

ऊपर की तरफ होती तो बबलू का गोरा और 8 इंच लंबा लंड चूत से सुपाडे तक बाहर 

आ जाता और फिर से बिंदिया अपनी गान्ड नीचे की ओर पटकती तो बबलू का लंड स्टाक 

से बिँया की चूत के अंदर चला जाता रिंकी की चूत पानी छोड़ रही थी अचानक 

बबलू का ध्यान बाहर खड़ी रिंकी पर चला गया बिंदिया की पीठ अपनी बेटी की तरफ 

थी इसलिए वो रिंकी को देख नही पा रही थी बबलू के होंठो पर शैतानी मुकसान आ 

गयी बबलू बिंदिया के चुतड़ों को पकड़ और तेज़ी से झटके मारने लगा 

बिंदिया:अहह ओह मररर्र्र्र्र्र्र्र्ररर 

गइईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईई हेययययययययययययी माआआआआआआआआ 

फद्द्द्द्द्द्द्दद्ड दीईईईईए मेरईईईईईईईई चॉट अहह 

ओह में झड़ने वाली हुन्न्ञननननननननणणन् 

अहह और बबलू ने अपना आख़िर झटका मारा और बिंदिया की 

चूत में पानी छोड़ दिया बिंदिया बबलू के ऊपर लेट कर हाँफने लगी

बिंदिया:अहह मज़ाआअ आ गया बाबू 

जीईईई आपने तो मेरी चूत को हिला कर रख दिया अह्ह्ह्ह्ह्ह्त

तभी रिंकी और बबलू दोनो की नज़रें मिल गयी रिंकी घबरा गयी और जल्दी से अंदर 

चली गयी बिंदिया बबलू के ऊपर से उठ कर साइड में लेट गयी दोनो ने रज़ाई ओढ़ 

ली और लेट गये अंदर रिंकी का बुरा हाल था उसकी आँखों में बार अपनी माँ के 

दोनो छेद और बबलू का लंड आ रहा था जो उसकी माँ की चूत से अंदर बाहर हो 

रहा था रिंकी का हाथ सरक अपनी सलवार के अंदर चला गया और अपनी अन्छुई बुर पर 

आ गया जिसे वो धीरे-2 सहलाने लगी रिंकी बहुत गरम हो चुकी थी उसकी चूत 

से पानी निकल कर उसकी उंगलियों को भिगोने लगा रिंकी से रहा नही गया वो फिर से 

बिना आवाज़ किए उठी और बाहर आ गयी और लटक रही तरपाल को हटा कर रसोई में 

झाँकने लगी अंदर अंधेरा था बिंदिया ने सोने से पहले लालटेन बुझा दी थी 

अचानक रिंकी को जो कि थोड़ा सा झुक कर अंदर झाँक रही थी उसे अपने कुल्हो पर 

कुछ महसूस हुआ जैसे उसको किसी ने अपने हाथों से पकड़ रखा था वो एक दम 

घबरा कर सीधे हो गयी सामने बबलू खड़ा था रिंकी के दिल की धड़कने बढ़ गयी 

बबलू ने अपने हाथो को रिंकी के चुतड़ों पर रख कर अपनी तरफ खींच कर अपने से

चिपका लिया बबलू का तना हुआ लंड रिंकी की नाभि के ऊपर रगड़ खाने लगा वो एक 

दम से घबरा गयी उसने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया 

बबलू: रिंकी के चुतड़ों को अपने हाथ से मसलते हुए) क्या देख रही थी चोदि-2

रिंकी: हकलाते हुए)नही वू कुछ नहियिइ मेिइ पानी पीने 

रिंकी पीछे हाथ कर कमरे में जाने लगी बबलू ने उसके हाथ को पकड़ लिया और 

दीवार के साथ सटा दिया 

रिंकी:छोड़ो मुझेजाने दो 

बबलू:चली जाना पर मेरी प्यास तो बुझा दो

रिंकी:तमीज़ से बात करो में माँ को उठा दूँगी

बबलू: वो मेरा क्या उखाड़ ले गी तुमने देखा नही कैसे मेरे लंड को उछल-2 कर अपनी 

चूत में ले रही थी तुम्हें नही चाहिए मेरा लंड

रिंकी का दिल बबलू की ऐसे बातें सुन कर जोरों से धड़कने लगा उसके हाथ पैर 

काँपने लागे 

रिंकी:देखो प्लीज़ मुझे जाने दो माँ उठ जाएगी 

बब्ल्लू: चली जाना मेरी जान बस एक बार मुझे अपने होंठों का रस तो पिला दो 

रिंकी:नही में ऐसी वैसी लड़की नही हूँ मुझे छोड़ो

बबलू:प्लीज़ एक बार फिर में तुम्हें छोड़ दूँगा

और बबलू ने दोनो हाथों से पकड़ कर रिंकी के फेस को ऊपर किया और अपने होंठो को 

रिंकी के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा रिंकी की साँसें तेज हो गयी उसके दिल की धड़कने 

बबलू सॉफ सुन सकता था उसने रिंकी के होंठो पर अपने होंठ रखने चाहे तो रिंकी ने 

अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया बबलू ने अपने एक हाथ की उंगलियों को रिंकी के होंठो 

फेरना शुरू कर दिया रिंकी की आँखे मस्ती में बंद होने लगी वो बबलू के हाथों 

की कलाईयों को थामें कसमसाने लगी रिंकी की आँखें बंद हो गई पर वो अभी भी 

नही-2 कर रही थी 

बबलू ने फिर से रिंकी के फेस को ऊपर उठाया और उसके काँपते होंठो पर अपने होंठ 

रख दिए रिंकी एक दम कसमसा गयी बबलू ने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल कर 

अपने से सटा लिया और दूसरा हाथ गर्दन के पीछे से ले जाकर उसके सर को पकड़ लिया 

और रिंकी के होंठो के रस को चूसने लगा रिंकी एक दम बबलू की बाहों में कसमसाने 

लगी उसने बबलू की शर्ट को पकड़ लिया और अपनी चुचियों और बबलू की छाती के बीच 

अपनी बाहों को रख कर अपनी चुचियों को बबलू के सीने से सटाने से लिए बचाने 

लगी बबलू ने अपने होंठो को हटाया रिंकी ने अपनी आँखें खोली जो बड़ी मुस्किल से खुल 

रही थी उसकी साँसें तेज चल रही थी बबलू ने फिर से अपने होंठो को रिंकी के 

होंठो पर रख दिया इसबार रिंकी ने अपना फेस नही घुमाया और बबलू उसके होंठो को 

चूसने लगा बबलू अपना हाथ सरकाता हुआ धीरे-2 नीचे लेगया और उसकी सलवार के 

ऊपर से उसकी चूत को अपने हाथ में ले लिया रिंकी बुरी तरह कसमसा गयी और अपनी 

जाँघो को भींच लिया तभी अचानक बिंदिया के करवट बदलने की आवाज़ से दोनो 

हड़बड़ा गये बबलू ने रिंकी को छोड़ दिया और रिंकी जल्दी से अंदर चली गयी बबलू 

वही रसोई में आ गया बिंदिया जाग चुकी थी

बिंदिया :कहाँ गये थी बाबू जी 
बबलू:वो में पेशाब करने गया था और ये कहते हुए बबलू बिंदिया के साथ रज़ाई 

में घुस गया और अपना हाथ बिंदिया की जाँघो पर रख कर बिंदिया के मोटी-2 

जाँघो को सहलाने लगा बिंदिया का पेटिकोट उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था 

बिंदिया की पीठ बबलू की तरफ थी बबलू का हाथ धीरे-2 आगे बढ़ता हुआ बिंदिया 

की गान्ड के ऊपर आ गया और बबलू ने गान्ड की दरार में अपनी उंगलियों को 

चलाना शुरू कर दिया और फिर बबलू अपनी एक उंगली बिंदिया की गान्ड के छेद पर 

डालने लगा 

बिंदिया:अहह क्या कर रहे हो बाबू जीईईई 

बबलू ने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो बबलू की आधी उंगली बिंदिया की गान्ड के छेद में 

चली गयी 

बिंदिया:अहह बाबू जीईए दरद होतााआआअ हैं क्या कर रहीई 

हैंन्नणणन् कहीं मेरी गान्ड मारने का इरादा तो नही हाईईईईईईईईई
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