RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
महक की बातें सुन के रेणु का मन थोड़ा सा हलका हो गया स्कूल के बाद जब रेणु घर आई तो शोभा ने उसके बर्ताव में कुछ परिवर्तन महसूस किया पर वो अभी भी शोभा से बात नही कर रही थी जब शोभा दोपहर के खाने के लिए कहने गयी तो बबलू ने उसे अगले प्लान के बारे में बताया
बबलू: देखो अगर रेणु को अपने इस रिश्ते के लिए सहमत करना है तो मुझे उसके साथ कुछ टाइम चाहिए और इस बात ख़याल तुम्हें रखना है अब तुम अमन को लेकर थोड़ी देर के लिए कहीं जाओ मुझे उसे मनाना ही पड़ेगा
शोभा: वो तो ठीक लेकिन कुछ गड़बड़ हो गयी तो
बबलू:मुझे पर भरोसा करो कुछ नही होगा में संभाल लूँगा
शोभा:ठीक है ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )
और दोपहर के ख़ान के बाद शोभा अमन को साथ लेकर मार्केट चली गयी उनके जाने के बाद बबलू गेट बंद करके के ऊपर रेणु के रूम में आ गया रेणु पहले से महक की कहानी सुन कर काफ़ी गरम हो चुकी थी वो अभी भी उसे बारे में सोच-2 काफ़ी गर्म हो रही थी इसी चक्कर में अभी तक उसने अपनी यूनिफॉर्म चेंज नही की थी आज उसने वाइट कलर की शर्ट और ब्लू स्कर्ट पहन रखी थी बबलू ने रेणु के डोर को नॉक किया जो कि खुला था रेणु ने बबलू की तरफ देखा और फिर अपनी नज़रें नीचे कर ली
बबलू: मे आइ कम इन
रेणु कुछ नही बोली और बिना कोई जवाब सुने बबलू अंदर आ गया और रेणु के पास आकर बेड पर बैठ गया
बबलू: अपना हाथ रेणु की जाँघ पर रखते हुए ) अब भी नाराज़ हो
रेणु: बबलू का हाथ हटाते हुए) मुझे तुमसे कोई बात नही करनी
बबलू ने एक बार ऊपर से नीचे तक रेणु के बदन पर नज़र दौड़ाई उसकी स्कर्ट उसकी जाँघो तक आ रही थी
बबलू ने फिर से अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया
बबलू: आइ रीयली लव यू जान में तुमसे सच में प्यार करता हूँ (और धीरे-2 रेणु की जाँघो को सहलाने लगा) अगर तुम मुझसे नही बोलना चाहती तो ठीक है में कल यहाँ से चला जाउन्गा
रेणु: अगर तुम मुझे इतना ही प्यार करते हो तो मुझे धोका क्यों दिया( बबलू का हाथ अभी भी उसकी जाँघ पर था और रेणु चाहते हुए भी उसके हाथ को हटा नही पाई)
बबलू: मैने कोई धोका नही दिया है तुम्हें समझना चाहिए कि तुम्हारी माँ ने क्या कुछ सहा है हर दिन अपने अरमानो का खून किया तुम्हारे लिए अब अगर उन्होने ने अपने लिए कुछ पल जी लिए तो उसमे क्या पहाड़ टूट पड़ा
रेणु: हां और उनकी तुमने बहुत अच्छे से मदद की
बबलू : रेणु की जाँघो से हाथ हटा कर उसके चेहरे को अपने हाथों में लेता हुआ) में ये सब नही जानता बस इतना जानता हूँ कि में तुम्हें सच में प्यार करता हूँ
रेणु बबलू की आँखों में देखने लगती है बबलू के हाथ के अंगूठे रेणु के होंठो पर खेलने लगते हैं रेणु पिघलने लगती है रेणु की आँखें नम हो जाती है इससे पहले कि रेणु कुछ बोलती बबलू ने अपने होंठो को रेणु के होंठो पर रख दिया रेणु ने अपनी आँखें बंद कर लेती है रेणु की चूत दोपहर हाफ टाइम से पानी छोड़ रही थी बबलू रेणु को होंठो को चूस्ता हुआ धीरे-2 उसे बेड पर लेटा देता हैं और खुद उसके ऊपर लेट जाता हैं रेणु की बाहें अपने आप ही बबलू की कमर पर कसने लगती हैं रेणु अपने होंठो को ढीला छोड़ देती हैं और अपना मुँह खोल देती हैं बबलू इसका पूरा फ़ायदा उठाता है और रेणु के होंठो को जी भर के चूस्ता है बबलू अपना एक हाथ नीचे लेजाता है और रेणु की जाँघो को सहलाने लगता है जाँघो को सहलाते हुए धीरे-2 उसकी स्कर्ट को ऊपर करने लगता है और अंत में उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगता है रेणु के मुँह से अहह निकल जाती है रेणु बबलू को अपनी बाहों में कस लेती है दोनो एक दूसरे को पागलो की तरह किस कर रहे होते हैं कि तभी डोर बेलबज उठती है बबलू जल्दी से नीचे आता है और गेट खोलता है सामने शोभा और अमन खड़े होते हैं बबलू को बहुत गुस्सा आता हैं और शोभा की तरफ देखता है शोभा अमन की तरफ इशारा कर देती है जैसे कह रही हो ये पीछे पड़ गया था इसलिए आना पड़ा
शोभा: जाओ बेटा ऊपर जाओ में अभी आती हूँ
अमन: जी मम्मी
शोभा; ये मान ही नही रहा था बाहर बहुत गर्मी थी इसलिए आना पड़ा
बबलू: रेणु काफ़ी हद तक मान गयी है बस अब सब तुम पर है रात को तुम्हें मुझे और रेणु को अकेले में मिलने का इंतज़ाम करना होगा
शोभा:क्यों तुम कुछ ग़लत तो नही करने वाले
बबलू: देखो अगर तुम चाहती हो कि हम खुल कर अपने खेल को अंजाम दे तो ये ज़रूरी है
शोभा: ठीक है लेकिन तुम हमें धोखा तो नही दोगे
बबलू: मेरी जान तुम्हें मुझ पर विश्वास नही है क्या में रेणु को अपनी पत्नी और तुम्हें अपनी रखेल बना कर रखूँगा और मेरे इस लंड पर तुम दोनो का हक़ होगा
शोभा बेचारी बबलू के मोहज़ाल में बुरी तरहा फँस चुकी थी और मुस्करा कर ऊपर चली गयी
शाम के 5 बज रहे थे बबलू सो रहा था तभी उसे बाहर से कुछ आवाज़ सुनाई दी बबलू उठ कर बैठ गया शोभा किसी औरत से हँस कर बात कर रही थी और उस औरत की आवाज़ उसे जानी पहचानी लग रही थी बबलू ने बाहर आकर देखा तो सामने सीमा खड़ी थी शोभा की छोटी बेहन जिसके घर बबलू शादी में गया था सीमा को देख बबलू का सारा प्लान खराब हो गया रात के वक़्त शोभा बबलू को खाना नीचे ही दे गयी बबलू खाना खा कर स्टेशन ड्यूटी पर चला आया बबलू मन ही मन में सीमा को गालियाँ दे रहा था खैर रात के 12 बजे काम ख़तम कर बबलू स्टाफ रूम में आ गया और साथ लाई हुई शराब को पीने लगा शराब पीने के बाद उसका दिल और तड़पने लगा उसे नींद तो आ नही रही थी इसलिए वो बाहर आकर प्लॅटफॉर्म पर घूमने लगा छोटे शाहर के स्टेशन होने के कारण लगभग खाली था इक्का दुक्का लोग ही बैठे थी बबलू चलता हुआ प्लॅटफॉर्म के अंत तक आ गया लेकिन बेखयाली में वो आगे बढ़ता रहा अब वो प्लॅटफॉर्म से उतर कर आगे बढ़ने लगा स्टेशन की लाइट्स अब धीमे होने लगी थी और रेलवे लाइन्स के आर पार खेत शुरू हो चुके थे वहाँ दूसरा और कोई ना था अचानक चलते हुए बबलू को पेशाब आ गया और वो खड़ा हो कर पेंट की ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल कर मूतने लगा तभी उसे दूसरी तरफ से किसी के कदमों के आहट सुनाई दी दूर स्टेशन के बल्ब जल रहे थे जिसकी हल्की रोशनी वहाँ तक नाममात्र ही पहुँच रही थी बबलू ने देखा दो औरतें उसकी तरफ आ रही थी जब बबलू ने ध्यान से देखा तो उसे याद आया कि ये दोनो औरतें उसी स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनो में खाने का समान बेचती है और वहीं स्टेशन पर इधर उधर सो जाती थी बबलू ने पहले तो मूतने के बाद अपना लंड अंदर करना चाहा पर सोचा चलो कुछ इनसे ही मज़ा लूटा जाए और बबलू अपने लंड को ऐसे ही हिलाने लगा जैसे अक्सर मूतने के बाद आदमी हिलाते हैं बबलू के लंड में तनाव आने लगा और एक दम तन कर खड़ा हो गया वो दोनो औरतें बिल्कुल पास आ चुकी थी पास आते हुए एक औरत ने धीरे-2 से बोला
औरत: अरी सुषमा ये कॉन खड़ा अपना लंड हिला रहा है
सुसमा: अरे ये तो यहाँ के छोटे साहिब है दिन में कई बार देखा है
बबलू को उनकी बातें सुनाई पड़ गयी जब दोनो औरतें बिल्कुल पास से गुज़री तो उनकी नज़र बबलू के खड़े लंड पर गढ़ गयी और धीरे -2 आगे निकल गयी थोड़ी आगे जाते ही सुसमा ने दूसरी औरत के कान में कुछ कहा और उस औरत ने उसे धीरे से धक्का देते हुए बोला चल हॅट फिर दोनो में कुछ ख़ुसर फुसर हुई जो बबलू देख रहा था बबलू अपना लंड पेंट के अंदर कर चुका था और वहीं खड़ा देख रहा था तभी सुसमा थोड़ा धीरे-2 चलने लगी और कोई 15-20 फुट की दूरी पर रुक गयी वहाँ से वो बिल्कुल भी ठीक से दिखाई नही दे रही थी बस जैसे कोई साया दिख रहा हो बबलू ने सोचा चल बेटा लगता है चूत का इंतज़ाम हो गया बबलू उसकी ओर बढ़ने लगा सुषमा बाजरे के खेत के किनारे खड़ी हो गयी और अपना सलवार का नाडा खोल कर सलवार घुटनो तक नीचे कर ली और मूतने लगी बबलू अब करीब आ चुका था सुसमा पेशाब करने के बाद खड़ी हुई तो बबलू उसके पीछे कोई 5 फुट की दूरी पर खड़ा था और सुसमा खड़ी हो चुकी थी उसकी मोटी गोरी गान्ड बबलू को सॉफ दिखाई दे रही थी सुसमा कुछ पलों के लिए वैसे ही खड़ी रही जैसे वो अपनी गान्ड को बबलू को दिखा रही हो और फिर उसने अपनी सलवार ऊपर कर ली और फेस घुमा कर पीछे की ओर देखा और एक कामुक मुस्कान उसके फेस पर थी
फिर उसने झुक कर अपनी गठरी उठाई और सामने के बाजरे के खेत में घुस गयी बबलू भी उसके पीछे खेत में घुस गया खेत के थोड़ा अंदर जाने के बाद सुसमा रुक गयी और अपनी गठरी नीचे रख कर उसमे से एक पुरानी सी चादर निकाल कर नीचे बिछा दी इतने में बबलू भी वहाँ पहंच गया सुसमा चादर के ऊपर खड़ी थी बबलू को देख कर मुस्कुराने लगी
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