Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:41 AM,
#6
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
घड़ी पर 11 बज रहे थी रेणु और अमन स्कूल से 2 बजे वापिस आते थे उस दिन बबलू ने शोभा को 1बजे तक कई बार चोदा और शोभा ना जाने कितनी बार झड़ी घर का कोई कोना कोई हिस्सा नही बचा था जहाँ इन तीन चार घंटों मे बबलू ने शोभा को नही चोदा शोभा की चूत भी सूज गयी थी 2 बजे जब रेणु और अमन वापिस आए तो बबलू नीचे था उसने गेट खोला तो रेणु और अमन अंदर आ गये रेणु बबलू को घर पर देख कर थोड़ी हैरान ज़रूर हुई लेकिन सीधा ऊपर आ गयी शोभा ने किसी तरह दोपहर का खाना बना लिया था जब बबलू ऊपर आया तो चारों बैठ कर खाना खाने लगे तभी शोभा ने खाना खाते हुए रेणु और अमन को बताया कि आज उनके मासी यानी शोभा की बहन सीमा का फोन आया था उसके देवर की शादी सनडे को है उसने हमे इन्वाइट किया है पर लगता है कि मैं नही जा पाउन्गी बहुत से कपड़े सिलने वाले पड़े है

अमन: लेकिन माँ मुझे जाना है कितने महीने हो गये हम कहीं घूमने भी नही गये सारी सम्मर वकेशन भी घर पर ही बिता दी 

अमन जिद्द करने लगा रेणु भी शोभा से बोली माँ हमें जाना है अब तो कई साल हो गये हमें एक भी शादी नही देखी है प्लीज़ माँ जाने दो ना हम अकेले चले जाएँगे

शोभा:ठीक है ठीक लेकिन अकेले नही अगर बबलू साथ में जाएगा तो मुझे भी परेशानी नही हो गी 

अमन:ये ठीक रहेगा में बबलू भैया के साथ खूब मस्ती करूँगा

शोभा: क्यों बबलू तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही 

बबलू: (बेमन से) ठीक है में चला जाउन्गा 

खाना खाने के बाद शोभा ने अपनी बेहन सीमा को फोन किया 

शोभा: हेलो सीमा कैसी हो 

सीमा:में ठीक हूँ तो दीदी कल तुम आ रही हो ना 

शोभा:नही में नही आ पाउन्गी घर पर बहुत सा काम पड़ा है पर बच्चे आ रहे हैं

सीमा: क्या अकेले 

शोभा:नही नही हमने नीचे का रूम एक लड़के को रेंट पर दे रखा है बहुत ही अच्छा लड़का है उसी के साथ आ रहे है तुम संभाल लेना

सीमा: ठीक है दीदी अगर तुम आती तो मुझे बहुत अच्छा लगता

शोभा: अच्छा में फोन रखती हूँ

उसके बाद शोभा ऊपर छत पर आ गयी रेणु और अमन अपना बॅग पॅक करने में लगे हुए थे दोनो बहुत खुश थे जब शोभा ऊपर आई तो बबलू पहले से ऊपर अपना बिस्तर लगा कर लेटा हुआ था शोभा बिना कुछ बोले बिस्तर लाने स्टोर रूम के अंदर चली गयी बबलू भी उसके पीछे आ गया बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया 

शोभा: छोड़ो क्या कर रहे हो बच्चे नीचे हैं अगर ऊपर आ गये तो 

बबलू: तुमने मुझे क्यों जाने के लिए बोला उनके जाने के बाद हमारे पास रात को टाइम ही टाइम होता 

शोभा: लेकिन बच्चे अकेले कैसे जाते और मुझे भी दो तीन दिन के रेस्ट चाहिए 

बबलू : क्यों क्या हुआ मन भर गया 

शोभा: तुम्हें नही पता तुमने तो मेरी चूत सूजा कर रख दी अब ठीक होने में थोड़ा टाइम तो चाहिए इसलिए तुम्हें वहाँ भेज रही हूँ 

बबलू -पर तब तक में क्या करूँ मुझे बर्दास्त नही होता एक बार दे दो ना फिर में चला जाउन्गा

शोभा :नही बच्चे नीचे हैं 

बबलू: (अपना लंड पयज़ामा नीचे करके बाहर निकाल लिया और शोभा के हाथ में पकड़ाते हुएबोला) देख ना कैसे खड़ा है अब तो इसका हल कर दे

शोभा ने बबलू के लंड को छोड़ कर स्टोररूम के डोर के पास आकर बाहर देखा फिर लाइट ऑफ करके स्टोर रूम की खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया और बबलू को अपने पास बुलाया और खुद नीचे बैठ गयी और बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में भर ली और चूसने लगी शोभा का सर तेज़ी से बबलू के लंड पर आगे पीछे हो रहा था शोभा के जीभ का दबाव बबलू के लंड के सुपाडे पर बढ़ता जा रहा था बबलू ने शोभा के सर को दोनो हाथों से कस के पकड़ लिया और शोभा तेज़ी से बबलू का लंड मुँह के अंदर बाहर करने लगी 5 मिनट की चुसाइ के बाद बबलू के लंड ने पानी शोभा के मुँह में छोड़ दिया शोभा ने जल्दी से बाहर थूक दिया और साड़ी के पल्ले से अपना चेहरा सॉफ किया बबलू तो जैसे स्वर्ग की सैर कर वापिस आया था


फिर दोनो बाहर आ गये थोड़ी देर बाद रेणु और अमन भी ऊपर आ गये और सब लोग सो गये अगले सुबह नाश्ते के बाद बबलू अमन और रेणु जाने के तैयारी में जुट गये करीब 2 बजे तीनो बस स्टॅंड पर पहुँच गये और लखनऊ के लिए बस पकड़ ली सीमा का घर लखनऊ सिटी से थोड़ा बाहर था तीनो बस में बैठ गये अमन विंडो सीट की तरफ बैठा था उसके बाद रेणु और फिर बबलू बैठा हुआ था पूरे रास्ते में बबलू की जांघे रेणु की जाँघो से रगड़ खाती रही और कई बार बबलू की कोहनी रेणु की अन्छुई चुचियों से रगड़ खा गयी शाम के करीब 6 बजे रेणु अमन की मोसी के घर पहुँच गये सीमा रेणु और अमन को देख कर बहुत खुस हुई सीमा ने तीनो को अंदर ड्राइंग रूम में बैठा दिया घर में मेहमानो के काफ़ी भीड़ थी चाइ नाश्ते के बाद रेणु और अमन अपने रिश्तेदारो से मिलने और बातें करने में मशरूफ हो गये और बबलू एक कोने में चेयर पर बैठा सब देख रहा था रेणु और बबलू की नज़रें आपस में बार-2 टकरा रही थी रेणु के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती पर बबलू समझ नही पा रहा थे कि वो अपनी कज़िन से बात पर मुस्करा रही है या उसे देख कर बबलू अमन के पास गया 
बबलू: अमन ज़रा बात सुनना

अमन : जी भैया 

बबलू : में ज़रा बाहर घूम कर आता हूँ 

अमन: जी ठीक है भैया

और बबलू घर से निकल पैदल चलता हुआ मार्केट में आ गया और ठेके से एक हाफ लेकर दारू पी ली जब बबलू घर वापिस आया तो रात के 9 बज रहे थे घर में लॅडीस संगीत चल रहा था सब लोग नाच गा रहे थे बबलू एक कोने में चेयर पर जाकर बैठ गया रेणु अपनी रिलेटिव्स के साथ नाच रही थी उसने महरून कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था रेणु एक दम कयामत लग रही थी बबलू उसके गोरे रंग को देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन बबलू का मन नही लग रहा था उसे नींद आने लगी उसने अमन को हाथ से इशारा किया अमन बबलू के पास आया और बोला जी भैया क्या बात है 

बबलू: अमन मुझे नींद आ रही है 

अमन: भैया आप रुकिये में मौसी को अभी कहता हूँ 

और अमन अपनी मौसी सीमा के पास चला गया और अपनी मौसी को बताया थोड़ी देर बाद सीमा अमन के साथ एक ओर आ गये और अमन ने बबलू को इशारे से बुलाया बबलू उन्दोनो के पीछे चला गया सीमा अमन और बबलू को ऊपर के एक कमरे में ले गयी वो रूम शादी के समान से भरा पड़ा था वहाँ बहुत कम जगह थी सीमा ने दो गद्दो को नीचे ज़मीन पर बिछा दिया और बोली अमन तुम लोग यहीं सो जाना और अमन तुम मेरे साथ चलो में खाना देती हूँ तुम अपने भैया को ऊपर खाना दे जाना और अमन अपनी मौसी सीमा के साथ नीचे आ गया उसकी मौसी ने खाना डाल कर अमन को दे दिया अमन बबलू का खाना वहीं उसके रूम में दे आया बबलू ने तब तक कपड़े चेंज कर लिए थे और शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर खाना खाने लगा और खाना खाने के बाद वो लेट गया थका होने के कारण उसे नींद आ गयी नीचे नाच गाना चल रहा था देर रात बबलू को प्यास लगी उसकी नींद टूटी तो कमरे में अंधेरा छाया हुआ था बाहर से हल्की रोशनी अंदर आ रही थी


बबलू खड़ा हुआ और अंदाज़े से लाइट्स के बटन के पास पहुँच कर लाइट ऑन की जैसे ही लाइट ऑन हुई सबसे पहले उसकी नज़र दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी रात के 2 बज रहे थे पूरे घर में सन्नाटा पसराहुआ था बबलू ने बिस्तर की तरफ देखा तो वो एक दम हैरान रह गया उसके बगल में रेणु लेटी हुई थी और उसके आगे अमन लेटा हुआ था बबलू ने पानी पीया और एक बार फिर से रेणु को देखा उसके गोरे गालों पर बाल बिखरे हुए थे वो बहुत ही हसीन लग रही थी बबलू मन में सोचने लगा काश ये मुझ से पट जाए तो लाइफ बन जाए पर इसका कुछ पता नही चलता कि इसके मन में क्या है 

बबलू लाइट ऑफ करके वहीं वापिस अपनी जगह लेट गया उसका लंड यही सोच कर खड़ा हो गया था कि उसकी बगल में रेणु लेटी हुई है बबलू सोचने लगा कि क्या रेणु जानबूझ कर उसकी तरफ सोई हुई थी अमन को उसने बीच में क्यों नही सुलाया क्या रेणु भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ बबलू नेसोचा आज अच्छा मोका है अपना लक आज़माने का वो रेणु के करीब खिसक गया रेणु करवट केबल लेटी हुई थी उसकी पीठ बबलू की तरफ थी उसने वाइट कलर की शर्ट और पाजामा पहना हुआ था बबलू धीरे -2 उसकी ओर खिसकताचला गया आख़िर कार बबलू रेणु के साथ सट गया उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सट गयी और लंड रेणु के पयज़ामे के ऊपर से उसकी गान्ड के साथ सट गया थोड़ी देर बबलू बिना हिले पड़ा रहा फिर हिम्मत जुटा कर उसने अपना राइट हॅंड रेणु के कूल्हे पर रख दिया और धीरे -2 अपनी कमर हिलाने लगा बबलू का लंड रेणु की गान्ड के दरार में रगड़ खाने लगा बबलू उतेजना और डर के मारे काँप रहा था उसका लंड एक दम तन चुका था

उसने धीरे -2 अपना हाथ ऊपर लेजाना चालू कर दिया उसने अपना हाथ रेणु की टी-शर्ट के अंदर करके ऊपर करना चालू कर दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की नंगी कमर पर पड़ा रेणु की साँसें भारी हो गयी उसकी साँसें अब बबलू को सॉफ सुनाई दे रही थी धीरे-2 बबलू का हाथ रेंगता हुआ ऊपर की तरफ बढ़ने लगा रेणु करवट के बल लेटी हुई थी उसकी एक बाजू कोहनी तक उसकी बगल के ऊपर थी 


जैसे ही बबलू टी-शर्ट के अंदर से अपना हाथ ऊपर की ओर कर रहा था तब रेणु के बाजू बगल के ऊपर होने के कारण उसका हाथ वहीं रुक गया जैसे ही बबलू ने थोड़ा सा हाथ और आगे किया तभी रेणु का बाजू हल्का सा ऊपर हो गया जैसे रेणु खुद बबलू के हाथ को आगे बढ़ने की जगह दे रही हो बबलू सोच में पड़ गया क्या रेणु जाग रही है अब जो होगा देखा जाएगा धीरे-2 बबलू का हाथ रेणु की कमर और मखमली पेट से ऊपर की ओर चुचियों की ओर बढ़ रहा था रेणु की साँसें इस बात की गवाही दे रही थी कि वो जागी हुई है आख़िर कार बबलू का हाथ रेणु की नरम मुलायम राइट चुचि तक पहुँच गया और उसकी उंगलियाँ रेणु के ब्रा के नीचले हिस्से से टकरा गयी बबलू ने सारी हिम्मत जुटा कर अपना हाथ उसकी चुचि पर रख दिया और थोड़ी देर बाद धीरे-2 बबलू रेणु की चुचि को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु की चुचि को सहलाना शुरू किया रेणु की पीठ बबलू की ओर झुकने लगी उसके मुँह से घुटि हुई अहह निकल गयी बबलू ने अपना हाथ थोड़ा नीचे किया और ब्रा के कप्स को ऊपर उठाने की कोशिश करने लगा पर ब्रा बहुत टाइट थी वो ब्रा के कप्स को ऊपर उठा कर रेणु की चुचि को बाहर निकालना चाहता था फिर उसने अपने हाथ टी-शर्ट के अंदर से ही रेणु की पीठ पर ले आया और ब्रा की हुक्स खोलने की कोशिश करने लगा पर वो ब्रा के हुक्स भी खोल नही पा रहा था तभी अचानक अमन के खांसने की आवाज़ आई बबलू ने जल्दी से हाथ बाहर निकाले और सीधा लेट गया कमरे में अंधेरा था करीब 10मिनट गुजर गये कोई हरकत या हलचल नही हुई बबलू फिर से रेणु की तरफ करवट बदल कर लेट गया बाहर से आती हल्की रोशनी से बबलू ने गॉर से रेणु की तरफ देखा वो सीधी पीठ के बल लेटी हुई थी बबलू रेणु के बिल्कुल पास लेटा हुआ था उसने अपना हाथ धीरे से रेणु के पेट पर रख दिया रेणु की टीशर्ट नाभि से थोड़ा ऊपर तक उठी हुई थी बबलू ने फिर से टीशर्ट के नीचे से अपना हाथ घुसा दिया और उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने लगा जैसे ही उसके हाथ उसकी चुचि से टकराए उसे महसूस हुआ कि उसकी ब्रा ढीली हो गयी है बबलू ने ब्रा के नीचे अपना हाथ आगे बढ़ा दिया 


ब्रा के कप्स एक दम ऊपर उठ गये और रेणु की अन्छुई चुचियों में से एक पर बबलू की हथेली थी बबलू धीरे-2 रेणु की चुचि पर अपना हथेली रगड़ने लगा उसकी चुचि के निपल पर बबलू की हथेली रगड़ खा रही थी रेणु के बदन में कंपन सॉफ महसूस किया जा सकता था बबलू ने राइट चुचि को सहलाने के बाद लेफ्ट चुचि को सहलाना शुरू कर दिया रेणु ने एक दम से बबलू के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया लेकिन बबलू ने अपना हाथ हटाया नही और वो रेणु की चुचि को सहलाता रहा तभी अचानक फिर से अमन के खांसने की आवाज़ से बबलू डर गया और अपना हाथ रेणु की टीशर्ट से निकाल दिया अमन उठ कर बैठ गया और दीदी -2 पुकारने लगा थोड़ी देर बाद रेणु ने जवाब दिया 

रेणु: क्या है अमन सो जा

अमन: मुझे नीचे नींद नही आ रही है देखो ना ये गद्दा कितनी पतला है 

रेणु ने उठ कर लाइट ऑन की बबलू अपनी आँखें बंद किए लेटा हुआ था 

अमन: मुझे नींद नही आ रही दीदी 

रेणु: तो फिर अब रात को में क्या करूँ 

अभी बाहर कुछ चहल पहल थी रेणु की मौसी सीमा ने डोर नॉक किया रेणु ने डोर खोला तो सीमा ने पूछा क्या हुआ कोई प्राब्लम तो नही है

अमन:मुझे यहाँ नीचे नींद नही आ रही मौसी 

सीमा: अच्छा ठीक है मेरे बच्चे चल तू आ जा मेरे साथ ही सो जा रेणु तुम्हें यहाँ कोई तकलीफ़ तो नही है अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ मेरे रूम में चलो जगह तंग है पर हम मॅनेज का लेंगे

रेणु: कुछ देर सोचने के बाद) कोई बात नही मौसी में यहीं सो जाउन्गी

सीमा: पक्का ना कि प्राब्लम तो नही

रेणु: नही 

और सीमा अमन को अपने साथ लेकर चली गयी इधर रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी ये सोच कर की आगे क्या होने वाला है उसने काँपते हाथो से डोर को बंद किया जैसे ही रेणु डोर बंद करके पलटी तो उसने देखा बबलू बिस्तर पर बैठा हुआ था रेणु ने नज़रे नीचे कर ली उसके गाल शर्म से लाल हो चुके थे बबलू उठ कर उसके पास आ गया रेणु नीचे फर्श की तरफ देख रही थी और अपने पैर के अंगूठों से फर्श को कुरेद रही थी बबलू ने बिना कुछ बोले उसे अपनी तरफ खींच कर बाहों में भर लिया रेणु के हाथ बबलू की चेस्ट पर थे वो अपनी चुचियों को बबलू की चेस्ट से दूर रखने की कॉसिश कर रही थी 

रेणु: छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो 

बबलू: अच्छा तो अब शर्मा रही हो पहले तो 

और कहते हुए बबलू चुप हो गया रेणु शर्म के मारे मरी जा रही थी बबलू ने रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठो पर किस करने लगा रेणु ने अपना मुँह हटा लिया उसकी आँखें बंद थी बबलू ने लाइट ऑफ कर दी और उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथों से रेणु के दोनो हाथों को पकड़ कर बिस्तर से सटा दिया और ताबड तोड़ चुंबन की बोछार उसके फेस पर कर दी रेणु अपना सर इधर उधर कर रही थी जिसके चलते बबलू उसके होंठो को चूम नही पा रहा था बबलू ने अपना एक हाथ रेणु की गर्दन के नीचे से निकाल कर उसके फेस को पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा थोड़ा विरोध के बाद रेणु शांत पड़ गयी और उसने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू रेणु के होंठो को चूसने लगा उसने बरी-2 रेणु के दोनो होंठो को चूसा और फिर अपनी ज़ुबान को रेणु को मुँह में डालने लगा थोड़ी देर में ही रेणु ने अपना मुँह खोल लिया और अपनी ज़ुबान को बबलू की ज़ुबान से भिड़ा दिया रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू ने एक हाथ नीचे लेजा कर रेणु की टी-शर्ट को एक झटके से ऊपर कर दिया और फिर दोनो हाथों से टी-शर्ट को रेणु की चुचियों से ऊपर तक कर दिया नीचे बबलू की टाँगें रेणु की जाँघो को फैला कर बीच में आ चुकी थी और बबलू का लंड उसके पयज़ामे और पैंटी के ऊपर से चूत पर रगड़ खाने लगा


रेणु ने अपने दोनो हाथों से बबलू के कंधो को कस के पकड़ लिया बबलू ने ब्रा को ऊपर उठा दिया रेणु की अन्छुई चुचियाँ बाहर आ गयी बबलू ने बिना देर के रेणु की एक चुचि का निपल मुँह में ले लिया और चूसने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु का निपल चूसना शुरू किया वैसे ही रेणु के जिस्म में आग लग गयी रेणु ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया उसके जिस्म में करेंट दौड़ घाया और मस्ती के लहर पूरे बदन में कोंध गयी रेणु के हाथ बबलू के कंधो से नीचे हो कर पीठ पर आ गये और रेणु उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह सीईईईईईईईईईईईईईईई करने लगी बबलू पूरे ज़ोर से निपल को चूसने लगा और दूसरी चुचि को मसलने लगा रेणु अपने नखुनो से बबलू की पीठ कुरदेन लगी उसकी चूत की आग भड़क चुकी थी बबलू ने 5 मिनट निपल चूसने के बाद दूसरे निपल को चूसना चालू कर दिया रेणु के निपल एक दम तन चुके थे उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी पैंटी को भिगोेन लगा था बबलू ने रेणु के निपल को मुँह से निकाला और रेणु की टाँगों के बीच घुटनो के बल बैठ गया और दोनो हाथों से रेणु के पयज़ामे के दोनो साइड से अपनी उंगलियों को एलास्टिक में फँसा कर नीचे की ओर सरकाने लगा रेणु एक दम गरम हो चुकी थी


रेणु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा ऊपर कर लिया ताकि पायजामा निकल सकें बबलू ने पयज़ामे को उतार कर एक साइड में रख दिया फिर वैसे ही पैंटी को भी उतार दिया और फिर से रेणु के ऊपर झुक कर उसके होंठो पर किस करने लगा बबलू अपने दोनो हाथों से रेणु की चुचियों को मसल रहा था नीचे बबलू का लंड एक दम तन कर खड़ा था और रेणु की चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था रेणु का जिस्म मस्ती की लहर में तैर रहा था रेणु ने अपनी जाँघो को फैला कर रखा था पूरी तरह गरम होने के कारण चूत के होंठ थोड़ा सा खुल गये थे बबलू ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को रेणु की कुँवारी चूत के छेद पर लगा दिया रेणु के मुँह से आहह निकल गयी और वो बबलू से चिपक गयी और उसके होंठो को चूमते हुए बोल पड़ी आइ लव यू बबलू में तुम से बहुत प्यार करती हूँ 

बबलू: में भी पर क्या तुमने पहले ये सब किया है 

रेणु:धीमी आवाज़ में ) नही 

बबलू:पहली बार थोड़ा दर्द होता है 

रेणु: में जानती हूँ पर में आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ 

बबलू ने रेणु की जाँघो को पकड़ कर ऊपर की ओर कर दिया और अपनी कमर का पूरा ज़ोर लगा कर बहुत तेज धक्का मारा लंड का सुपाडा चूत की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया 

रेणु:अहह माआआआआ बहुत दर्द हो रहााआआ हाईईईईईईईई

बबलू जानता था कि अब रुकना ठीक नही हो गा बबलू ने अपना लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से अंदर पेल दिया रेणु के मुँह से घुटि हुई चीख निकल गयी 

रेणु:अहह निकालूऊऊओ ईसीईईई बहुत दर्द्द्द्द्दद्ड हो रहा हाईईईईईईई
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RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार - by sexstories - 10-17-2018, 11:41 AM

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