Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:41 AM,
#5
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
रेणु का पूरा बदन कांप ने लगा बबलू ने अपनी दो उंगलियों को रेणु की गान्ड में ड्ररार में रगड़ने लगा रेणु के मुँह से घुटि हुई आह निकल गयी बबलू की उंगलियाँ रेणु की गान्ड की दरार में ऊपर से नीचे तक का सफ़र तय कर रही थी रेणु बहुत गरम हो चुकी थी उसे पहले कभी किसी लड़के ने नही छुआ था धीरे –2 बबलू ने अपनी उंगलियों को रेणु की चूत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया बबलू की उंगलियों और रेणु की गान्ड के बीच सिर्फ़ एक सलवार और पैंटी थी बबलू ने उंगलियों से उसकी चूत के छेद को सहलाने की कोशिश की पर पैंटी कसी हुई थी इतने में रेणु और अमन का स्कूल आ गया था इसलिए उनको नीचे उतरना पड़ा रेणु की नज़रें झुकी हुई थी उसका फेस एक दम लाल हो चुका था आँखों में वासना का नशा सॉफ झलक रहा था वो बिना नज़र मिलाए स्कूल में चली गयी और अपना बॅग क्लास में रख कर सीधा टाय्लेट में चली गयी

टाय्लेट के अंदर आते ही उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे कर दी और फिर ब्लॅक कलर की टाइट पैंटी को नीचे कर के देखने लगी उसकी चूत में गाढ़ा लिसलिसा पानी बहकर उसकी पैंटी पर लगा हुआ था रेणु ने अपने साथ लाए टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और फिर पैंटी और सलवार पहन कर बाहर आ गयी रेणु का पूरा दिन क्लास में मन नही लगा रात को जब बबलू घर आया तो उस रात भी बबलू को शोभा को चोदने का मोका नही मिला रेणु भी बबलू से नज़रें नही मिला रही थी बबलू को समझ में नही आ रहा था कि आख़िर रेणु के दिल में क्या है अगले दिन जब तीनो नाश्ता करके स्कूल के लिए निकले तो इसबार बस में कल की तरह ही भीड़ थी रेणु कल की तरहा अमन के पीछे खड़ी थी और उसके पीछे बबलू खड़ा था धीरे-2 बस में भीड़ बढ़ने लगी बबलू एक बार फिर से रेणु के पीछे से उसके साथ सट गया


बबलू ने अपना हाथ नीचे किया और रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से डाल कर उसकी मखमली गाल्ड के ऊपर रख दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की गान्ड पर पड़ा रेणु के अंदर करेंट सा दौड़ गया एक झटका बबलू को भी लगा आज वो रेणु की गान्ड को और अच्छी तरह महसूस कर रहा था क्योंकि आज उसने सलवार के नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी बस उसके हाथ और रेणु की नरम मुलायम गान्ड के बीच एक पतली सी वाइट कलर की सलवार थी रेणु को कल से ज़्यादा आज अपनी गान्ड पर बबलू की हथेलिया महसूस हो रही थी बबलू की तो जैसे लॉटरी निकल आई हो इस बार बबलू बिना देर किए अपनी उंगलियों को उसकी गान्ड दरार में रगड़ने लगा रेणु की साँसें भारी होनी लगी धीरे-2 गर्म होने लगी बबलू उंगलियों से गान्ड की दरार को रगड़ते हुए आगे चूत की तरफ बढ़ने लगा बबलू ने महसूस किया कि रेणु की जांघे पहले आपस में सटी हुई थी जो अब धीरे-2 खुलने लगी थी उनमे करीब 2 इंच का गॅप बन गया था उंगलियों को आगे बढ़ाते हुए वो सीधा रेणु की चूत पर पहुँच गया पतली सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर बबलू की उंगलियों के पड़ते ही रेणु के जिस्म ने एक ज़ोर दार झटका लिया जिसे बबलू भी महसूस कर सकता था उसके पूरे बदन के रोंगटे खड़े हो गये रेणु के पूरा जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी उसकी साँसे तेज हो गयी उसने आगे खड़े अमन के कंधों को कस के पकड़ लिया अमन ने रेणु की तरफ देखा रेणु की आँखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे जो अमन के लिए समझना नमुनकीन था 


बबलू धीरे – 2 उसकी चूत की फांकों को रगड़ने लगा रेणु की मस्ती की कोई सीमा ना थी रेणु की कमर रह –2 कर तेज और हल्के झटके खा रही थी जिसे दूसरे खड़े लोग नही देख पा रही थी उसकी कुँवारी चूत से पानी निकल कर उसकी सलवार को गीला करने लगा लेकिन स्कूल आ चुका था मजबूरन तीनों को बस से उतरना पड़ा जब तीनो नीचे उतर आए तो बबलू ने अपनी उंगलियों को नाक के पास लाकर सूँगा जो रेणु सब देख रही थी रेणु ने ये सब देख अपनी नज़रे नीचे कर ली रेणु और अमन को स्कूल छोड़ने के बाद बबलू स्टेशन आ गया उसके दिमाग़ में बस घटना ही चल रही थी उसे समझ में नही आ रहा था कि किया रेणु ने आज जान बुझ कर पैंटी नही पहनी थी या ऐसे ही भूल गये या फिर कोई धूलि हुई पैंटी ना हो बस वो अभी इसी सोच विचार में था उसका मन काम में नही लग रहा था उसने अपने इंचार्ज से तबीयत का बहाना बना कर छुट्टी ले ली और रास्ते में आते हुए एक क़्वार्टर दारू पी ली 


शोभा घर का काम ख़तम कर चुकी थी

आज शोभा को भी दो दिन हो चुके थे बबलू से चुदवाये हुए अभी वो नहाने की तैयारी कर रही थी शोभा ने टाइम देखा 10 बज चुके थे शोभा ने अपने धुले हुए कपड़े उठाए और बाथरूम की तरफ जाने लगी तभी डोर बेल बजी शोभा ने बाल्कनी में आकर देखा नीचे बबलू खड़ा था शोभा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी वो तेज कदमों से चलती हुई नीचे आ गयी और गेट खोला
शोभा:क्या बात आज घर वापिस आ गयी 

बबलू: अंदर आते हुए) बस काम में दिल नही लग रहा था 

शोभा: ने गेट बंद कर दिया) क्यों क्या हुआ तुम्हारे दिल को 

बबलू: बस इस दिल को तुम्हारी चूत ने दीवाना बना दिया है 

शोभा: धात्त कैसी बाते करते हो 
और शोभा ऊपर आने लगी बबलू भी शोभा के पीछे ऊपर आ गया ऊपर आते ही उसने शोभा को पीछे से बाहों में भर लिया शोभा बबलू की बाहों से निकलते हुए अपने रूम में आ गयी बबलू भी उसके पीछे रूम में आ गया शोभा बबलू की तरफ पलटी कमरे में खामोसी छाई हुई थी दोनो एक दूसरे से लिपट गये शोभा पागलों की तरह बबलू के होंठो को चूमने लगी दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस लिया 

शोभा: अहह बबलू तुमने मुझे क्या कर दिया है में एक पल भी तुम्हारे बिना नही रह सकती 

बबलू: (शोभा की चुचियों को मसलते हुए) क्यों मैने ऐसा लिया कर दिया है 

शोभा : अहह तुमने मेरे अंदर आग लगा कर रखी है 

बबलू ने शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने शुरू कर दिए और एक –2 करके सारे हुक्स खोल दिए शोभा ने बिना देर किए ब्लाउस को बाहों से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया बबलू शोभा से अलग हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा शोभा ने भी अपना पेटिकोट निकाल कर फेंक दिया कुछ ही पलों में दोनो एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे शोभा की बड़ी –2 चुचियाँ साँस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी बबलू ने शोभा को बेड पर धक्का दे दिया और खुद शोभा के ऊपर चढ़ गया पागलों की तरह उसकी चुचियों को मसलने लगा 

शोभा: अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आराम सीईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू शोभा की एक निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे चुचि को मसलने लगा 

शोभा :आ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाआअँ पीईए जऊऊओ इनका साआआराआ रस्स्सस्स ओह और मसलूऊऊओ अहह 

बबलू ने शोभा की चुचि का जी भर कर रस्पान किया और धीरे नीचे आने लगा और शोभा की नाभी को चाटने लगा

शोभा: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह बहुत मज़ा आ रहा है 

शोभा के हाथ बबलू के बालों में खेल रहे थे बबलू ने शोभा की टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया जिसे शोभा की चूत ऊपर की और हो गई बबलू शोभा के नाभि से होता हुआ नीचे आने लगा और उसकी चूत के छेद पर मुँह लगा दिया

शोभा: ओह मररर्र्र्र्ररर गीईईईईई माआआआआआअरीईईईई उंहहह सीईईईईईईईईईईईईईईईई ये किय्ाआआअ हााआआ नाहह उफफफफफफफफफफफ्फ़ अहह शोभा की गान्ड ऊपर की तरफ झटके खाने लगी शोभा अपने हाथों से बबलू के सर को अपनी चूत से दूर धकेलने लगी पर बबलू ने पूरी ताक़त से शोभा की चूत को चाट रहा था आख़िर हार कर शोभा ने अपने हाथों से तकिये को कस के पकड़ लिया और नोचने लगी बबलू ने शोभा की चूत के दाने को मुँह में ले लिया और चूसने लगा
शोभा:उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मत कार्रर्र्र्र्र्र्ररर में पागलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊऊओ अहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआ रीईईईईईईई उफफफफफफफफफफफ्फ़ बबलू सीधा हो गया और शोभा की बगल में लेट गया और शोभा की गर्दन के नीचे हाथ डाल के बैठा दिया और अपने लंड पर उसके सर को झुकाने लगा शोभा को समझते देर नही लगी कि बबलू क्या चाहता है जब शोभा का पति जिंदा था था तब शोभा ने कई बार अपने पति का लंड चूसा था पर बेमन से और ना ही उसके पति ने उसकी चूत को चाटा था आज से पहली बार सुधा की चूत को किसी ने चाटा था शोभा ने बिना एक पल देर किए बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में ले लिया और चूसने लगी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ लिया शोभा बबलू के लिए कुछ भी करने को तैयार थी धीरे-2 शोभा की जीभ बबलू के लंड पर अपना कमाल दिखाने लगी अब शोभा बबलू का आधा लंड मुँह में अंदर बाहर कर रही थी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ कर ऊपर किया बबलू का लंड शोभा के मुँह से बाहर आ गया शोभा बबलू की तरफ देखने लगी उसकी आँखों में मदहोशी भरी हुई थी बबलू ने शोभा को सीधा लेटा दिया और उसकी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया और अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त से ज़ोर दार धक्का मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया

शोभा; हइईईईईईईईई मारीईईईई रीईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ धीरीईई फद्द्द्द्द्द्द्दद्ड डाली उफफफफफफ्फ़

पर बबलू पर इसका कोई असर नही हुआ बबलू ने अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से एक ही झटके में पूरा लंड थॅप की आवाज़ करता हुआ शोभा की चूत में घुस गया 

शोभा; उफफफ्फ़ क्या कर रहे हो में कहीं भागी जा रही हूँ तूऊऊ
इससे पहले कि शोभा आगे बोल पाती बबलू ने फिर से एक ज़ोर धार धक्का मारा शोभा अंदर तक हिल गयी इसके बाद बबलू ने बिना रुके ताबड तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि शोभा ऊपर नीचे हिलने लगी उसकी बड़ी-2 चुचियाँ ऊपर नीचे हिल रही थी वो अहह ओह उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईई कर रही थी करीब 5 मिनट की जबरदस्त की चुदाई से शोभा झड गयी उसकी चूत में पानी की धार बह निकली लेकिन बबलू अभी नही झडा था उसने शोभा की चूत से लंड निकाला जो कि पूरी तरह शोभा के काम रस से भीगा हुआ था 

बबलू:चल उल्टी हो कर कुतिया बन जा 

शोभा बेचारी बबलू के लंड की दीवानी हो चुकी थी और बिना कुछ बोले घुटनो और हाथों के बल उल्टी हो गयी बबलू शोभा के पीछे आ गया शोभा ने पीछे से अपनी गान्ड ऊपर कर दी बबलू ने एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और बिना देर किए एक झटकेके साथ पूरा का पूरा लंड चूत में पेल दिया बबलू ने शोभा के खुले हुए बालों को एक हाथ से पकड़ लिया और धना धन धक्के लगाने लगा एक बार फिर फतच-2 थॅप-2 की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी बबलू के लंड का सुपाडा सीधे शोभा की बच्चेदानी पर टकरा रहा था पूरे रूम में शोभा की कामुक सिसकारियाँ गूँज रही थी शोभा अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी 

शोभा:अहह ओह लगताा हाईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज तुम मेरी चूत को सूजा डालोगे ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्ररर गाईईईई

शोभा की आज तक इतनी ज़बरदस्त चुदाई नही हुई थी करीब 6-7 मिनट बाद शोभा दूसरी बार झड गयी थी लेकिन बबलू अभी भी शोभा को बिना रुके चोदे जा रहा था शोभा दो बार झड चुकी थी उसे बहुत तेज पेशाब लगी थी

शोभा: अहह ओझहह मुझीई पेशाब्ब्ब्बबब जाना है रूको

लेकिन बबलू रुकने का नाम नही ले रहा था शोभा आगे की तरफ हो गयी बबलू का लंड पुतछ की आवाज़से बाहर आ गया शोभा जल्दी से बेड उतर कर बातरूम की तरफ जाने लगी अभी वो बाथरूम के डोर की दलहीज़ को भी पार नही कर पाई थी कि बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया और थोड़ा सा नीचे झुक कर पीछे से शोभा की चूत में लंड घुसा दिया और आगे हाथ लेजा कर शोभा की चुचियों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा

शोभा: अहह क्या कर रहीईईईई हो पेशाब तो कारणेनंनननननननणणन् अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू के धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि थोड़ी देर बाद शोभा और बबलू बाथरूम के अंदर की सामने वाली दीवार के पास पहुँच गये शोभा ने अपने हाथ दीवार से टिका दिए और आगे पंजो के बल खड़ी हो गयी बबलू ने शोभा की कमर को कस के पकड़ लिया और तेज़ी से धक्के लगाने लगा

शोभा: ओह ओह मुझे बहुत तीईईईज्ज्ज्ज्ज्ज पेशाब्ब्ब्ब कारणेनंनणणन् दूओ 

बबलू:मेरी जान अहह ऐसी हीईए मूत ले में भी तुम्हारे मूतने की आवाज़ सुनू 
इस दरमिया शोभा तीसरी बार झड चुकी थी वो एक दम बहाल हो गयी और उसने वहीं खड़े -2 मूतना चालू कर दिया नीचे शोभा की चूत में अभी भी बबलू का लंड अंदर बाहर हो रहा था बबलू ने एक कस के धक्का मारा और अपना सारा पानी उसकी चूत में निकाल दिया शोभा अभी भी मूत रही थी जब शोभा का मूतना ख़तम हुआ तो बबलू का लंड सुकड कर बाहर आ गया शोभा ने राहत के साँस ली शोभा ने अपनी जाँघो को फैला कर देखा उसकी काली झांटेँ एक दम भीगी पड़ी थी शोभा ने पानी से पहले अपनी चूत और टाँगों को सॉफ किया और उसके बाद बबलू के लंड और जाँघो को सॉफ किया बबलू बाहर आकर बॅड पर लेट गया थोड़ी देर बाद शोभा अपनी मोटी गान्ड मटकाती हुई बाहर आई उसकी हाथ में टवल था उसने बड़े प्यार से बबलू के सुकड़े हुए लंड को पोन्छा फिर उसकी बगल में लेट गयी दोनो काफ़ी थक गये थे
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