Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
10-17-2018, 11:40 AM,
#3
RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
बबलू ने देखा उसने पैंटी नही पहनी हुई थी शोभा ने अपना पेटिकॉट ठीक किया और अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी बबलू लेटे हुए शोभा को देख रहा था पर शोभा को पता नही था बबलू जगा हुआ है 5 मिनट बीत गये शोभा सोए नही थी और बबलू ये बात जानता था बबलू उठा और छत के उसी कोने की तरफ जाकर खड़ा हो गया जहाँ शोभा ने कुछ देर पहले मूता था बबलू ने अपने पयज़ामे को घुटनो के नीचे तक कर दिया शोभा ये सब देख रही थी बबलू उससे कुछ 5-6 फुट की दूरी पर था शोभा की आँखें बबलू के लंड पर अटक गयी शोभा ने आज कई सालों बाद किसी मर्द के लंड को देख रही थी और जो लंड उसने 7 साल पहले अपनी पति का देखा था बबलू का लंड उससे काफ़ी बड़ा और मोटा था शोभा का दिल जोरो से धड़कने लगा बबलू ने पेशाब करने के बाद जान बुझ कर अपने लंड को हाथ से तीन चार बार आगे पीछे किया गोरे लंड पर जैसे बबलू के हाथ चल रहे थे लंड की चमड़ी पीछे होती और गुलाबी सुपाडा शोभा के सामने आ गया आज कई सालों बाद सुधा की चूत में हलचल होने लगी बबलू ने अपना पाजामा पहना और वापिस अपने बिस्तर पर आकर लेट गया पयज़ामा लंड की जगह पर उभरा हुआ था शोभा करवट के बल लेटी हुई थी और बबलू पीठ के बल और शोभा की नज़र उभरे हुए लंड पर गढ़ी हुई थी कुछ देर बाद दोनो नींद के आगोश में समा गये सुबह जब बबलू की आँख खुली तो सब नीचे जा चुके थे बबलू ने अपना बिस्तर इकट्ठा किया और नीचे आ गया और फ्रेश होने के लिए चला गया जब बबलू नहा कर बाथरूम से निकल कर अपने कमरे के तरफ जा रहा था तब शोभा उसे नाश्ते के लिए ऊपेर बुलाने के लिए नीचे आई उस समय बबलू ने सिर्फ़ अंडरवेर पहना हुआ था बबलू का गोरा और गठीला बदन देख एक बार फिर से शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा उसकी आँखें बबलू के अंडरवेर के उभरे हुए उभार पर जम गयी बबलू ने इस बात को नोटीस किया 

शोभा:नाश्ता तैयार है जल्दी ऊपर आ जाना 
और जवाब सुने बिना ही शोभा वापिस चली गयी ऊपेर किचन में आकर शोभा सोचने लगी ये मुझे क्या हो गया है मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए ये ग़लत बात है उसके बाद बबलू ऊपेर आकर नाश्ता करने लगा नाश्ता करने के बाद बबलू ने अपना पर्स निकाला और उसमे से 3000 रुपये निकाल कर शोभा को देते हुए बोला ये आप का अड्वान्स रेंट शोभा ने बबलू से पैसे ले लिए

बबलू:मैं आज शाम को लेट हो जाउन्गा आप मेरा खाना मेरे रूम में रख देना में 10 बजे तक आ जाउन्गा
और ये कह कर बबलू घर से निकल पड़ा स्टेशन पर सारा दिन उसके दिमाग़ में शोभा का गठीला बदन घूमता रहा काम कुछ ज़्यादा था 9 बजे काम ख़तम कर बबलू शराब के ठेके पर पहुँचा और एक हाफ लेकर पीने लगा जब बबलू घर पहुँचा तो रात के 10 बज चुके थे गेट बंद था उसने डोर बेल बजाई तो शोभा ने गेट खोला बबलू अंदर आके अपने रूम में चला गया शोभा ने गेट बंद किया और बबलू के रूम में आई
शोभा:में खाना गर्म करके लाती हूँ 

बबलू:मैने आप से कहा था आप मेरा खाना मेरे रूम में रख दें आप तकलीफ़ क्यों करती है

शोभा:कोई बात नही

शोभा ऊपेर चली गयी जब वो वापिस आई उसके हाथ में खाने की थाली थी बबलू बेड पर बैठा हुआ था शोभा ने सामने रखे टेबल पर खाना रखा जैसे ही वो खाना रखने के लिए झुकी उसकी साड़ी का पल्लू का नीचे गिर गया और उसकी बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आने को बेताब थी बबलू को एक और झटका लगा शोभा ने जल्दी से अपना पल्लू ठीक किया 

शोभा:खाना खा कर अपना बिस्तर लेकर ऊपेर आ जाना 
और शोभा वापिस चली गयी जब बबलू खाना खा कर ऊपेर गया तो सब सो चुके थी बबलू ने अपना बिस्तर लगाया और लेट गया बबलू को नींद नही आ रही थी शराब का नशा और अभी –2 हुए शोभा की चुचियों के दर्शन बबलू की नींद उड़ा चुके थे

बबलू ने दूसरी तरफ करवट बदल ली ताकि वो सो सके पर बार शोभा की गान्ड और चुचियाँ उसके जहन में आ रही थी तभी उसे पीछे से कुछ आहट हुई बबलू बिना हिले पड़ा रहा शोभा उठ कर फिर छत के कोने की तरफ जा रही थी जो बबलू से सिर्फ़ 4-5 फुट दूर था शोभा अपनी साड़ी उतार कर पेटिकोट और ब्लाउस में सोती थी शोभा ने कोने के पास जाकर अपने पेटिकोट को ऊपर कमर तक कर दिया उसकी बड़ी गान्ड एक बार फिर से बबलू के सामने थी और शोभा मूतने के लिए बैठ गयी मूतने की आवाज़ बबलू को और पागल बना रही थी उसका लंड एक दम खड़ा हो चुका था बबलू मन में सोच रहा था कि कहीं शोभा ये सब जान बुझ कर तो नही कर रही शोभा मूतने के बाद खड़ी हुई और अपने पेटिकोट को कमर से पकड़े रखा ताकि वो नीचे ना गिरे और उसने अपनी टाँगों को थोड़ा सा फैलाया और पेटिकोट के नीचले हिस्से से अपनी चूत को सॉफ करने लगी फिर उसने पेटिकोट को छोड़ दिया और पेटिकोट नीचे आ गया और शोभा वापिस बिस्तर पर आकर लेट गयी बबलू का बुरा हाल था 


बबलू: मन में)साली दिन में शरीफ बनती है और अब अपनी गान्ड दिखा कर मेरे लंड को खड़ा कर रही है अब ज़रा में भी इसे अपने लंड के दर्शन करा दूं 

बबलू उठ कर उसी कोने में चला गया और अपना पाजामा नीचे घुटनों तक कर लिया उसके बड़ा तना हुआ लंड हवा में झटके खाने लगा शोभा ये सब देख रही थी इसबार भी बबलू ने पेशाब करने के बाद अपने लंड को 4-5 बार हिलाया और वापिस अपने बिस्तर पर लेट गया बबलू चाहता था कि शोभा पहल करे ताकि उसके ऊपर कोई बात ना आए पर कुछ नही हुआ ऐसे ही अगला दिन भी बीत गया बबलू को कुछ समझ में नही आ रहा था इसलिए उसे इन्सब से बचने के लिए वहाँ से ध्यान हटा दिया


एक दिन बबलू को घर आते हुए रात के 10:30 बज गये जब शोभा ने गेट खोला तो बबलू शराब के नशे में धुत्त था बबलू अंदर आ गया और अपने कमरे में चला गया शोभा गेट बंद करके वापिस उसके रूम में आई

शोभा:इतनी देर क्यों लगा दी आज और कितनी शराब पी रखी है तुमने आगे से लेट मत आना
और शोभा खाना लाने चली गयी खाना देकर शोभा वापिस चली गयी बबलू ने खाना खाया और वहीं सो गया और सुबह नाश्ता किए बिना ही अपने काम पर चला गया उस दिन रेणु और अमर का स्कूल स्टार्ट हो चुका था 3 दिन ऐसे ही चलता रहा बबलू रोज रात को लेट आता शोभा उसे बहुत समझाती पर वो कोई बात ना मानता एक दिन रात को बबलू दारू पीकर वहीं स्टेशन पर ही सो गया अगले दिन जब उठा तो उसका काम में मन नही लग रहा था उधर शोभा बबलू के लिए परेशान थी

बबलू अपने इंचार्ज से छुट्टी लेकर घर आ गया जब शोभा ने गेट खोला तो वो उसपर बरस पड़ी 

शोभा: कहाँ था तू कल आया क्यों नही शराब पी कर कहीं गिर गया था ऐसे यहाँ नही चले गा अपनी उम्र तो देखो क्या हालत बना रखी है घर पर कोई नही था रेणु और अमर स्कूल गये हुए थे शोभा ने उस वक्त सफेद रंग का ब्लाउस और पेटिकोट पहन रखा था उसकी चुचियाँ काफ़ी हद तक बबलू को नज़र आ रही थी शोभा की बातों को अनसुना करते हुए वो सीधा अपने रूम में आ गया और पंखे का स्विच ऑन किया पर लाइट नही थी शोभा उसके पीछे आई
शोभा:मेरी बात का जवाब नही दिया देख कैसी हालत बना रखी है 

बबलू: आप यहाँ से जाए मेरा मूड ठीक नही है
और ये कह कर बबलू छत पर आ गया बादल आसमान पर छाए हुए थी अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी शोभा उसके पीछे आ गयी दोनो छत पर भीग गये 

शोभा:कुछ बात है तो बता ना कहाँ था कल

बबलू: अभी भी दोनो बारिश मे खड़े थे और पूरी तरह भीग चुके थे ) तुम्हे इन्सब से क्या मतलब तुम जाओ यहाँ से

शोभा: ऐसे कैसे जाऊ कल मुझे तुम्हारी बहुत फिकर हो रही थी आख़िर बात क्या है 
शोभा का ब्लाउस और पेटिकोट भीग कर उसके बदन से चिपके हुए थे उसकी चुचियाँ और निपल्स सॉफ दिखाई दे रहे थे

बबलू से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू दूसरी तरफ घूम गया शोभा ने उसको बाजू से पकड़ कर झटके से सीधा किया
शोभा; चुप क्यों है 

बबलू: बबलू से अब बर्दास्त नही हो रहा था दोनो छत पर बने स्टोर रूम के साथ खड़े थे बबलू ने अपने बाजू को झटकते हुए उससे अपना हाथ छुड़ा लिया और शोभा को धक्का देकर स्टोर रूम की दीवार से सटा दिया 

बबलू:तू क्या मेरी बीवी है साली जो मुझसे इतने सवाल जवाब कर रही है 

शोभा;क्या कहा तुमने (और शोभा ने उसे एक चाँटा झाड़ दिया)

बबलू गुस्से से लाल हो गया और उसने आगे बढ़ कर शोभा के कंधों से पकड़ कर दीवार से सटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने उसे ज़ोर लगा कर धक्का दिया और एक चाँटा बबलू के गाल पर झाड़ दिया

बबलू की नज़रें शोभा की चुचियों पर गढ़ी हुई थी जो सॉफ दिख रही थी जब शोभा को अपनी हालत का पता चला तो उसने सर झुका लिया और स्टोर रूम के अंदर आ गयी बबलू भी उसके पीछे अंदर आ गया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रहा था और बबलू उसके पीछे खड़ा था शोभा ने सोचा अगर उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही है तो उसका पेटिकॉट भी बहुत पतला है और उसने नीचे पैंटी भी नही पहन रखी है ये सोच कर उसका दिल जोरों से धड़कने लगा बबलू शोभा के करीब आने लगा 

शोभा:वहीं रुक जाओ ये ठीक नही है मुझसे बुरा कोई नही होगा अगर एक कदम भी
और शोभा वहीं बोलते-2 रुक गयी क्योंकि बबलू उसके साथ एक दम सट गया था उसे अपने चुतड़ों की दर्रार में कोई सख़्त चीज़ की चुभन महसूस हो रही थी और शोभा जानती थी कि ये गरम अहसास बबलू के लंड का है बबलू ने शोभा को दोनो हाथों से कंधो से पकड़ लिया शोभा एक दम घबरा कर आगे हो गयी और वो स्टोर रूम के अंदर की दीवार के बिल्कुल पास थी और ना ही आगे बढ़ने की जगह थी 

शोभा: देखो तुम जाओ यहाँ से ये ठीक नही में शोर मचा दूँगी 

थोड़ी देर तक कोई हरकत नही हुई शोभा का दिल जोरों से धड़क रहा था उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था शोभा ने डरते हुए पीछे देखा जैसे ही उसने पीछे देखा तो वो मंज़र देख शोभा का दिल और जोरों से धक-2 करने लगा पीछे बबलू अपना 8 इंच का लंड हाथ में लिए खड़ा था जिसकी नसें एक दम फूली हुई थी शोभा ने अपनी नज़रें आगे कर ली

इससे पहले के शोभा कुछ बोलती बबलू फिर से उसके पीछे आ गया अब शोभा के आगे बढ़ने के जगह नही थी बबलू उसके पीछे से उसके साथ चिपक गया और अपने दोनो हाथ उसकी कमर से आगे करते हुए उसके पेट पर रख दिए और पीछे से ब्लाउस के ऊपेर की खुली पीठ पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा 


शोभा:अहह क्या कर रहे हो छोड़ दूओ उंह

शोभा ने विरोध किया लेकिन बबलू ने उसे कस के पकड़ा हुआ था शोभा जितना आगे हो सकती थी वो आगे सरक गयी अब वो दीवार के साथ सट गयी थी बबलू अपने हाथों को ऊपेर की और लेजाने लगा पर शोभा ने अपनी चुचियों को हाथों से ढक रखा था बबलू की नज़र पेटिकोट के बाहर लटक रहे नाडे पर पड़ी बबलू ने बिजली की गति से नाडे को पकड़ कर खींच दिया इससे पहले कि शोभा अपने हाथों से पेटिकोट को पकड़ती बबलू ने शोभा के दोनो हाथों को पकड़ लिया और ढीला होते ही पेटिकोट सरकता हुआ नीचे गिर गया अब शोभा नीचे से बिल्कुल नंगी थी बबलू ने एक हाथ से शोभा के हाथ को छोड़ दिया और उसे दीवार के साथ सटा दिया अब शोभा बबलू और दीवार के बीच में धँस गयी थी बबलू ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और थोड़ा सा नीचे झुक कर शोभा की चूत में घुसाने के लिए आगे करने लगा पर शोभा ने अपनी टाँगों को भींच रखा था जिससे बबलू अपने लंड को उसकी चूत के पास नही ले जा पा रहा था शोभा अब भी विरोध कर रही थी बबलू ने अपने लंड को शोभा की गान्ड की दरार में रगड़ने लगा और हाथ से पकड़ लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर टिका दिया


शोभा:ओह अहह शोभा के बदन ने झटका लिया उसके बदन में बिजली दौड़ गयी अपनी गान्ड के छेद पर गर्म लंड के सुपाडे को महसूस करके उसके अंदर हल चल होने लगी बबलू साथ में उसकी पीठ को चाट रहा था करीब 5 मिनट तक बबलू अपने लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर रगड़ता रहा शोभा से अब बर्दास्त नही हो रहा था उसकी टाँगें ढीली पड़ने लगी और खुद ब खुद खुलने लगी बबलू ने मोका देखते हुए नीचे झुक कर लंड को पकड़ कर शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे –2 अंदर करने लगा जैसे ही बबलू का लंड शोभा की चूत के छेद पर लगा उसके बदन में करेंट दौड़ गया एक ज़ोर के झटके के साथ उसका बदन काँप गया और जिससे उसके बदन ने झटका खाया बबलू के लंड का सुपाडा शोभा की चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया 

शोभा: अहह नही बब्बब्ब यीयीईयी उम्ह्ह्ह्ह्ह

इससे पहले कि शोभा और कुछ बोलती बबलू ने दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को पकड़ कर एक और ज़ोर दार झटका मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया और सीधा बच्चेदानी से जा टकराया 


शोभा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह शोभा की आँखें बंद हो गयी उसने अपने दोनो हाथों की हथेलियों को दीवार से टिका दिया बबलू ने धीरे से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से धीरे –2 अंदर करने लगा शोभा की चूत में पानी आने लगा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया बबलू ने फिर से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला पर इसबार उसने वापिस धक्का नही मारा लंड का सुपाडा चूत के अंदर था शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी थी बबलू ने शोभा की नेक पर पीछे चूमना शुरू कर दिया शोभा की चूत बबलू के लंड को अपनी गहराइयों तक अंदर लेने के लिए मचल रही थे इसलिए शोभा मस्ती में आकर धीरे अपनी गान्ड को पीछे की तरफ करने लगी लंड फिर से अंदर जाने लगा जैसे ही लंड फिर से अंदर चला गया शोभा ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया और उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ उसकी मस्ती को बयान कर गयी बबलू को पता चल चुका था कि अब शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी है बबलू ने अपने दोनो हाथ आगे करके शोभा की 38 साइज़ की चुचियों को पकड़ लिया और उन्हे मसलने लगा शोभा अब बिल्कुल चुप खड़ी थी उसका विरोध ख़तम हो चुका था बबलू ने धीरे-2 शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने चालू कर दिए कुछ ही पलों में शोभा की चुचियाँ ब्लाउस से बाहर आ गयी 38 साइज़ की चुचियों पर काले निपल्स एक दम मोटे-2 और तने हुए थी बबलू शोभा के निपल को उंगलियों के बीच में मसलने लगा



शोभा की मस्ती का कोई ठिकाना नही था बबलू ने धीरे-2 धक्के लगाने शुरू कर दिए लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर होने लगा बबलू की रफ़्तार धीरे-2 बढ़ने लगी शोभा हल्की आह आह की आवाज़ निकालने लगी पूरे कमरे में फतच-2 की आवाज़ गूँज रही थी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी शोभा अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी शोभा ने अपने पैरो को खोल लिया और बबलू तबडतोड़ धक्के मारने लगा शोभा का बदन ऐंठने लगा और वो अहह अहह करती हुई झड गयी कुछ ही धक्को के बाद बबलू ने शोभा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया शोभा आज कई सालों बाद झड़ी थी उसके चहरे के भाव उसकी संतुष्टि को बयान कर रहे थी बबलू ने लंड को चूत से बाहर निकाला जो पूरी तरह से भीगा हुआ था और बिना देर किए बबलू ने पेंट पहनी और नीचे चला गया शोभा कुछ देर वैसे ही खड़ी रही फिर वो सीधी हुई और अपनी जाँघो को फैला कर देखने लगी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी जाँघो तक फैला हुआ था उसकी चूत के होंठ अभी भी खुले हुए थे शोभा ने वहाँ पड़े एक पुराने कपड़े के टुकड़े को उठाया और अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जांघे सॉफ की फिर उसने पेटिकोट और ब्लाउस पहना और नीचे आ गयी और नीचे आने के बाद बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतार कर नहाने लगी नहाने के बाद उसने दूसरी साड़ी पहन ली और बेड पर लेट गयी
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RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार - by sexstories - 10-17-2018, 11:40 AM

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