RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
अगले दिन सनडे था…..अंजुम ने रात को खाने में मुझे बताया कि, उनके मामा की मौत हो गयी है….और कल सुबह हमें उनके घर जाना है….शाम को हम 4-5 बजे तक आ जाएँगे…एक पल के लिए मुझे सब बेकार होता नज़र आया….पर ये सोच कर मन को तसल्ली मिली के शाम को तो हम वापिस आ ही जाएँगे…..अब कल के प्लान के मुताबिक अब राज को किसी बहाने से वही सहर में 8 बजे तक रुकना था. और विमला भाभी को मुझे अपने घर सोने के लिए अंजुम को कहना और मनाना था…..अगली सुबह अंजुम और में उनके मामा के गाँव के लिए निकल गये.
राज भी हमारे साथ ही घर से निकला था स्टेशन को जाने के लिए…..स्टेशन में हमे ट्रेन में चढ़ा कर वो अपने कॅबिन में चला गया…..अब मेरे पीछे राज जानता था कि, नाजिया घर पर अकेली है…..और में इस बात से अंजान थी कि, राज और नाजिया इतने करीब आ चुके है कि वो सेक्स भी कर चुके है…..में और अंजुम करीब 11 बजे उनके मामा के घर पहुँचे….पर हमें वहाँ देर हो गयी, और हमारी लास्ट ट्रेन मिस हो गयी….
मेने और विमला भाभी ने जो भी प्लान बनाया था……वो मुझे सब मिट्टी मिलता हुआ नज़र आ रहा था….मुझे समझ में नही आ रहा था कि, में क्या करूँ……उधर नाजिया घर पर अकेली थी. मेने नाजिया कभी रात भर के लिए अकेला नही छोड़ा था…..मुझे उसकी चिंता सताने लगी थी. मेने अंजुम से कहा कि, वो नाजिया को घर पर फोन कर दें…..और उसे बता दें कि, हम आज रात नही आ पाएँगे….कल सुबह आएँगे…..इसलिए वो विमला भाभी के यहाँ सो जाए….
मेरे जेहन में अजीब सा डर था….राज को लेकर….कहीं वो नाजिया के साथ कुछ ग़लत ना कर दे. इस बात से अंजान कि वो किस हद तक आगे बढ़ चुके थे….मेरी परेशानी समझते हुए अंजुम ने घर पर नाजिया को फोन क्यिया….और उसे बताया कि, ट्रेन मिस हो गयी है..इसलिए वो विमला भाभी के घर सो जाए….उसके बाद मेने अंजुम से मोबाइल लेकर विमला भाभी को फोन किया….और सारी बात बताई….और कहा कि, नाजिया को आज रात अपने घर सुला ले….और राज के आने पर उसे घर की चाभी दे दी…..
विमला भाभी ने मुझे निश्चिंत रहने के लिए कहा….मेने दिल ही दिल में शूकर किया कि, चलो विमला भाभी की वजह से मुझे नाजिया की फिकर नही करने पड़ेगी…..पर जो में सोच रही थी. शायद उससे भी बदतर होने वाला था….शाम के 5 बजे के करीब विमला भाभी हमारे घर जाने के लिए अपने घर से बाहर निकली…..ताकि वो नाजिया को साथ लेकर अपने घर आ सके….जैसे ही विमला भाभी अपने घर से बाहर निकली, तो उन्होने देखा कि राज बाइक पर था…थोड़ी देर बाद डोर ओपन हुआ, और राज ने बाइक अंदर कर डी…फिर डोर बंद हुआ…..
अब विमला भाभी तो थी ही ऐसी…..वो हर बात में कुछ ना कुछ उल्टा ज़रूर सोचती थी. वो तेज़ी से चलते हुए हमारे घर के पास आई, और डोर के पास ऐसे खड़ी होकर रिएक्ट करने लगी जैसे वो डोर नोक करने के बाद डोर खुलने का वेट कर रही हो….फिर उसने गली में इधर उधर देखा….और फिर थोड़ा सा आगे होकर गेट के पल्लों के बीच की झिर्री में अंदर झाँकने लगी…..
अंदर का नज़ारा देख कर विमला भाभी के होंटो पर एक कमीनी मुस्कान फेल गयी…अंदर राज ने नाजिया को गेट के कुछ ही फाँसले पर अपनी बाहों में भरा हुआ था….नाजिया और राज एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे…नाजिया अपने पैरो की एडियाँ उठाए हुए, राज से किसी बच्ची की तरह लिपटी हुई अपने होंटो को चुसवा रही थी….राज का एक हाथ नाजिया की सलवार के अंदर था…..और वो उसकी बुर को मसल रहा था….
नाजिया: ओह्ह्ह्ह राज ये आप ने मुझे क्या कर दिया है……
राज: ओह्ह नाजिया मेरी जान….बहुत दिनो बाद आज तुम मेरे हाथ आए हो…..
नाजिया: राज प्लीज़ हट जाओ….विमला आंटी आने वाली होंगी…अम्मी ने विमला आंटी को फोन करके बताया है कि वो आज घर नही आने वाली तो वो मुझे अपने साथ अपने घर सुला लें…
राज: ओह्ह ये क्या बात है……..साला आज इतना अच्छा मौका था…..
नाजिया: अब में क्या कर सकती हूँ…में तो खुद आप से मिलने के लिए तड़प रही थी….
तभी विमला भाभी ने गेट नॉक किया….राज और नाजिया दोनो हड़बड़ा गये…राज जल्दी से ऊपेर चला गया…..नाजिया ने अपने आप को ठीक किया और गेट खोला तो सामने विमला भाभी खड़ी थी….”नाजिया क्या कर रही थी…”
नाजिया: कुछ नही आंटी पढ़ रही थी….
विमला: अच्छा वो लड़का जो ऊपेर किराए पर रहता है आ गया क्या ?
नाजिया: जी….
विमला: कहाँ है वो ?
नाजिया: जी ऊपेर है…..
विमला: अच्छा एक काम कर तू जल्दी से उसके लिए चाइ बना दे…..में उसे छाई दे आती हूँ. और उसे बता दूँगी, आज तेरे अम्मी और अब्बू नही आएँगे और तुम मेरे साथ मेरे घर पर सोने जा रही हो…खाना वो होटेल में खा लेगा…..
नाजिया: जी ठीक है….
उसके बाद नाजिया ने चाइ बनाई, और विमला भाभी राज को चाइ देने ऊपेर चली गयी…राज अपने बेड पर बैठा कुछ सोच रहा था….विमला भाभी ने उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा “चाइ रखी है आपके लिए पी लेना….वो आज नजीबा और अंजुम भाई साहब नही आ पाएँगे….इसलिए नाजिया को में अपने साथ अपने घर ले जा रही हूँ….किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बता दो…..”
राज: जी कोई बात नही में मॅनेज कर लूँगा…..
विमला भाबी पलट कर जाने लगी…फिर वो रुकी और राज की तरफ पलटी….”वैसे राज नजीबा ने जो आज प्लान बनाया था. वो तो हाथ से गया…..पर अगर तुम चाहो तो रात को 9 बजे आ सकते है….में 9 बजे तक इंतजार करूँगी…..” विमला भाभी ने कॅटली मुस्कान के साथ राज की तरफ देखते हुए कहा…..
राज: पर नाजिया वो तो आपके घर ही जा रही है……
विमला: तुम उसकी फिकर ना करो…..तुम ठीक 9 बजे हमारे घर की बैठक के डोर के बाहर आ जाना….में उसका डोर अंदर से खुला छोड़ दूँगी…..बैठक में आने के बाद अंदर से डोर लॉक कर लेना…और वही बैठे रहने…जब नाजिया सो जाएगी..तो में वहाँ आ जाउन्गी….
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