RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया को समझ नही आ रहा था कि, वो क्या करे और क्या ना करे….एक तरफ राज ने उसे अपना दोस्त कह कर उसके दिल पर एक बड़ा वार किया था….प्यार की पहली मंज़िल दोस्ती होती है. शायद नाजिया के दिमाग़ में यही सब चल रहा था….पर दिमाग़ के एक कोने में डर भी था. “अगर आप ने किसी को बता दिया तो….” नाजिया ने अपना डर जाहिर करते हुए कहा…
राज: अब भला में क्यों बताने लगा…..प्लीज़ दिखा दो ना….अपने दोस्त की इतनी सी भी बात नही मान सकती…चलो मत दिखाओ…..में आगे से तुमसे कुछ नही कहूँगा….
राज ने फिर से उसे इमोशनली ब्लॅकमेन्ल किया…..”पक्का किसी को पता तो नही चलेगा….” राज बेंच से खड़ा हो गया…और इधर उधर देखते हुए बोला…..”मुझ पर भरोसा रखो नही पता चलेगा…..”
नाजिया: अगर इधर कोई आ गया तो ?
राज: (इधर उधर देखते हुए, उसकी नज़र थोड़ी आगे घनी झाड़ियों पर पड़ती है….वो झाड़ियाँ कोई 10 फीट उँची जंगली घास की थी….) तुम उन झाड़ियों के बीच में चली जाओ….वहाँ ऐसे बैठना जैसे पेशाब करते हुए बैठते है…..में तुम्हारे पीछे आता हूँ….
नाजिया बिना कुछ बोले खड़ी हुई, और डरते हुए झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगी….राज वही खड़ा इधर उधर देख कर जायज़ा लेता रहा….तभी उसकी नज़र दूसरी तरफ की झाड़ियों पर लटक रही तिरपाल पर पड़ी….शायद किसी ट्रक के ऊपेर रखे समान को कवर करने वाली तरपाल का फटा हुआ टुकड़ा था….राज ने आगे बढ़ कर उस तिरपाल को उठाया….और उसे लपेट कर इधर उधर देखने लगा.
उसके दोस्त रवि ने बतया था कि इधर कोई नही आता… थोड़ी देर बाद वो भी झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगा….झाड़ियाँ बहुत घनी और उँची थी…..राज जगह बनाता हुआ आगे बढ़ा….तभी उसे नाजिया उकड़ू बैठी नज़र आई…..राज को देखते ही उसके फेस का रंग लाल सेब जैसा हो गया….राज उसके पास जाकर खड़ा हुआ, और उसने वहाँ की झाड़ियों को जल्दी से हटा कर थोड़ी जगह बनाई, और उस तिरपाल को बिछा दिया…नाजिया खड़ी होकर ये सब देख रही थी….
आगे क्या होने वाला है, ये सोच-2 कर उसकी बुर में तेज सरसाहट से होने लगी थी….राज तिरपाल पर घुटनो के बल बैठ गया….और नाजिया को पास आने का इशारा क्या…नाजिया धड़कते हुए दिल के साथ सहमी सी राज के पास आ गयी….”पक्का सिर्फ़ देखोगे ना…..प्लीज़ कुछ और मत करना….” उसने राज की और देखते हुआ कहा….
.”हन -2 कुछ नही करूँगा सिर्फ़ देखूँगा… जल्दी करो उतरो अपनी कच्छि…..” नाजिया फिर से बुरी तरह शरमा गयी…उसने अपनी स्कर्ट के अंदर नीचे से हाथ डाले, और अपनी वाइट कलर की चड्डी की इलास्टिक में उंगलियाँ फँसा कर धीरे-2 नीचे सरकाना शुरू कर दिया….
फिर उसने अपनी पैंटी निकाल दी….राज ने उसके हाथ में लटक रही पैंटी को पकड़ कर तिरपाल पर रख दिया….और उसे कमर से पकड़ कर बैठने को कहा….नाजिया सहमी सी डरते हुए नीचे अपने चुतड़ों के बल बैठ गयी….राज ने उसकी टाँगों को उसकी पिंडलयों से पकड़ कर फेला दिया…..और उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला….”अब दिखाओ भी……”
नाजिया ने अपने काँपते हुए हाथ से अपनी स्कर्ट को नीचे से पकड़ा और धीरे-2 ऊपेर करने लगी….नाजिया की गोरी चिकनी टाँगे और जाँघ देख कर राज का लंड उसकी पेंट में कुलाँचे भरने लगा.
और अगले ही पल राज का मुँह खुला का खुला रह गया…..नाजिया की कुँवारी गुलाबी बुर देखते ही राज का लंड झटके पे झटके खाने लगा….झांट तो दूर बाल का एक रोया भी नही था…एक दम चिकनी गुलाबी बुर…..दोनो फांके आपस में कसी हुई थी…..राज से रहा नही गया….उसने अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच रख कर फिरा दिया.
.”श्ह्ह्ह्ह उंह ये क्या कर रहे है राज आप…..” नाजिया ने लड़खड़ाती हुई आवाज़ में कहा…और राज का हाथ पकड़ कर हाथ हटाने की कॉसिश करने लगी…..राज ने धीरे-2 उसकी बुर की फांको के बीच अपनी उंगली रगड़ते हुए पूछा……
राज: इस पर तो एक भी बाल नही है…..बोल उस्तरे से सॉफ किया था…..या क्रीम से….
नाजिया को जवानी का ऐसा मज़ा पहली बार मिल रहा था….उसका पूरा बदन कांप रहा था.. उसके हाथ में इतनी ताक़त नही बची थी, कि वो राज का हाथ हटा पाए,…..”आह सीईईईई उईईइ मत करिए अहह” राज ने जैसे ही अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच में दबाया तो उसकी उंगली उसकी बुर के रस टपका रहे छेद पर जा लगी…..नाजिया का पूरा बदन थरथरा उठा.. “बोलो ना कैसे सॉफ की तुमने झांट…”
इस बार राज ने अपनी उंगली को सख्ती से रगड़ा तो नाजिया की बुर पिघल उठी…..”उईईइ माँ सीईईईई क्रीम से…..”
राज: क्यों……
नाजिया: (मस्ती में सिसकते हुए) वो दो दिन बाद मेरे मेनेसी आने वाली थी……इसलिए…..
तभी नाजिया को कुछ सरसराहट सुनाई दी….उसने अपनी आँखे खोल कर देखा, तो राज अपनी पेंट और अंडरवेर उतार रहा था….नाजिया ये देख कर एक दम से घबरा गयी…..”ये ये आप क्या कर रहे है…..सीईईई”
राज: कुछ नही मेरे जान तेरी बुर का उद्घाटन करने की तैयारी कर रहा हूँ……
नाजिया: नही ये ठीक नही प्लीज़ मुझे जाने दो…..
राज: प्लीज़ नाजिया एक बार…….
ये कहते हुए, राज घुटनो के बल नीचे झुक गया….और नाजिया की तमतमा रही लाल बुर की फांको पर अपना मुँह रख दिया….
.जवान लौन्डिया को जैसे ही जवानी का मज़ा मिला वो एक दम से पिघल गयी…..वो पीछे की तरफ लूड़क गयी….उसकी स्कर्ट उसकी कमर पर इकट्ठी हो गयी. “नही ओह्ह्ह्ह ईए आप हाईए सीईईईईईईईईई उंघह” नाजिया जैसी जवान लड़की के लिए ये सब बर्दास्त से बाहर था…..आज तक उसे किसी लड़के ने छुआ तक नही था….और कहाँ आज वो अपनी जवानी के अनमोल खजाने को राज के सामने खोल कर बैठी थी….
नाजिया की आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…..उसने सिसकते हुए दोनो हाथ से राज के सर को पकड़ लिया….और उसके फेस को पीछे करने की नाकाम कॉसिश करने लगी…नाजिया की बुर में तेज सरसराहट और मस्ती की लहरें दौड़ने लगी…..बुर फक फक करने लगी….आख़िर कार उसने बुर की आग के आगे हथियार डाल दिए…और बुरी तरह काँपते सीसियाते हुए, पीछे की तरफ लेट गयी….नाजिया की कमर अब उसके काबू में नही थी….रह रह कर उसकी कमर झटके खाती, और उसकी गान्ड ऊपेर की और उछल जाती….बुर से रसीला रस बह बह कर बाहर आने लगा..
राज ने नाजिया की बुर को चूस्ते हुए, उसकी शर्ट में क़ैद दोनो कबूतरों को पकड़ लिया, और धीरे-2 मसलने लगा….नाजिया ने एक दम से अपने हाथ राज के हाथों के ऊपेर रख लिए. पर राज नही रुका….उसने नाजिया की शर्ट के बटन एक-2 करके खोलने शुरू कर दिए….
.”सीईईई उमनघह सीईइ मत करईए नाआअ मुझीए कुछ हो रहा है….” नाजिया ने सिसकते हुए राज को हटाने के लिए कहा……और फिर जैसे ही राज ने नाजिया की शर्ट के बटन खोले, राज ने उसकी ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया…..नाजिया की 32 साइज़ की मोटी और कसी हुई चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी….एक दम सख़्त और तनी हुई चुचि पर हाथ लगते ही नाजिया फिर से सिसकारियाँ भरने लगी……
राज ने अपना मुँह नाजिया की बुर से हटाया…..और ऊपेर की ओर आते हुए, नाजिया के राइट साइड के मम्मे को मुँह में भर लिया….और उसके निपल को होंटो और जीभ से चुलबुलाने लगा….. नाजिया का बुरा हाल हो रहा था….नाजिया का पूरा जिस्म आग की तरह तपने लगा था…..राज अपने नीचे कुवारि लौंडिया के एक दम तने हुए मॅमन को देख कर पागल सा हो गया था. वो जितना अपने मुँह में उसकी चुचियों को भर सकता था….उतना भर कर ज़ोर-2 से उसके मम्मों को चूसने लगा…….
राज ने देखा कि, अब नाजिया पूरी तरह से गरम हो चुकी है…..उसने उसकी बुर से मुँह हटाया, और नाजिया की जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठ गया….उसने नाजिया की चिकनी टाँगों को अपने कंधो पर चढ़ाया…..और अपने लंड का मोटा सुपाडा उसकी बुर की फांको के बीच में दो तीन बार रगड़ा….जैसे ही नाजिया को अपनी बुर के छेद पर राज के लंड का गरम सुपाडे के स्पर्श का अहसास हुआ, नाजिया बुरी तरह से मचल उठी…..इससे पहले कि नाजिया कुछ कर पाती……राज ने नाजिया के कंधो को पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से नाजिया की बुर पर दबा दिया….गच की आवाज़ से राज के लंड का मोटा सुपाडा नाजिया की कुँवारी बुर को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा…..
इतना मोटा लंड का मोटा सुपाडा जैसे ही नाजिया की बुर की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुसा दर्द के मारे नाजिया एक दम से तड़प उठी….उसकी साँसे अटक गयी….मुँह ऐसे खुल गया…..जैसे उसकी साँस बंद हो गयी हों…..आँखे एक दम से पथरा गयी…..”घच-गच” फिर से दो बार और ये आवाज़ आई, और साथ ही राज का पूरा का पूरा लंड नाजिया की बुर की गहराइयों में उतर गया…”अहह अम्मी ओह” नाजिया एक दम से चिल्ला उठी….
पर अगले ही पल राज ने झुक कर नाजिया के रसीले नाज़ुक गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंटो को अपने होंटो में भर लिया….और उसके होंटो को अपने दाँतों से हलका सा चबाते हुए, चूसना शुरू कर दिया…..कुँवारी जवान लौंडिया के होन्ट और बुर दोनो का पा कर राज एक दम मस्त हो चुका था….”बस मेरी जान बॅस हो गया…..” राज ने ये कहते हुए, फिर से नाजिया के होंटो को चूसना शुरू कर दिया…..ताकि वो चीख भी ना सके….और फिर अपने मोटे मुन्सल जैसे लंड को अंदर बाहर करने लगा…..नाजिया ने दर्द के मारे राज के कंधो पर अपने नाख़ून गढ़ा दिए…..पर राज को कोई फरक नही पड़ा….वो अपने मुन्सल जैसे लंड को उस कुँवारी कली की बुर में पागलो की तरह पेलने लगा…..
राज ना रुका…..पर नाजिया का दर्द अब धीरे-2 कम होने लगा था….उसकी बुर अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी….लंड के सुपाडे की टाइट बुर की दीवारो पर हर रगड़ नाजिया को जन्नत की ओर लेजाने लगी….5 मिनिट बाद ही नाजिया ने मस्ती में आकर सिसकना शुरू कर दिया…और वो भी धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछालने लगी…..ये देख राज ने उसकी टाँगों को अपने कंधो के ऊपेर से उतारा, और अपना लंड बाहर निकाल कर एक झटके में उसे कुतिया की तरह घुटनो पर कर दिया….और फिर पीछे से अपना मुन्सल लंड उसकी बुर में पेल दिया. और फिर क्या था….राज के जबरदस्त झटको से उसका लंड नाजिया की बुर के अंदर बाहर होने लगा.
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