RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया का दिल राज की बातें सुन कर मचलने लगा…..नाजिया की कई सहेलियाँ थी…. जो अपने बाय्फ्रेंड के किस्से उसे सुनाया करती थी, कि कैसे उसके बाय्फ्रेंड ने उसे बाहों में भरा कैसे उसे किस की, कहाँ-2 हाथ लगाया….ये सब बातें सुन सुन कर नाजिया का दिल भी मचलने लगता था….पर नाजिया अपने ख़ूसट बाप अंजुम से डरती थी…..और ख़ास्स्तोर पर बदनामी के डर से भी वो लड़को से दूर ही रहती थी…..
नाजिया: जी पता नही ……पर मेरी एक सहेली ने बताया था कि, सहर के हाइवे पर एक बहुत बड़ा नॅशनल पार्क है…..जंगल टाइप है….पर बहुत सारे लोग वहाँ घूमने जाते है…..
राज: तो फिर वहाँ चले…..
नाजिया: जी…..
दोनो थोड़ी देर में ही शहर से बाहर आ चुके थे….रास्ता एक दम वीराना था…..और कुछ आगे जाने पर वो उस जंगल में पहुँच गये…..जैसे ही वो उस जंगल में पहुँचे, तो वहाँ राज को एक बाइक स्टॅंड नज़र आया….उसने नाजिया को नीचे उतरने के लिए कहा….नाजिया नीचे उतरी, और राज बाइक पार्क करने के लिए स्टॅंड में चला गया…..जैसे ही वो बाइक स्टॅंड पर पहुँचा तो उससे वाहा उसका एक क्लास मेट मिल गया…..उसने राज को देखते ही पहचान लिया…उसका नाम रवि था…..
रवि: (राज को पीछे से आवाज़ लगाता है) अर्रे राज तुम यहाँ ?
राज: (घूम कर रवि को देखते हुए) अर्रे रवि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो ?
रवि: कुछ नही यार, मुझे यहाँ पर पार्किंग का ठेका मिला है…..बस यही अपनी रोज़ी रोटी है. और तू सुना तू यहाँ क्या कर रहा है….
राज: यार मुझे रेलवे में जॉब मिल गयी है….और मेरे पोस्टिंग इसी शहर में है….
रवि: यार ये तो बहुत अच्छी बात है कि तुझे गवर्नमेंट जॉब मिल गये हैं…..और फिर पार्क में घूमने आए हो……
राज: हां यार आज फ्री था….सोचा चलो घूम आउ….
रवि: अकेले हो या कोई और भी साथ में है……
राज: हां यार मेरी फ्रेंड है साथ में….
रवि: ओह्ह हो नौकरी और छोकरी…..यार तुझे ये दोनो बड़ी जल्दी मिल गये…..भाई यहाँ पर घूमना तक तो ठीक है….पर ध्यान रखना यार पार्क में हर समय गार्ड गश्त करते रहते है..यहाँ पर फॅमिलीस आती है….इसलिए यहाँ पर वो बहुत सख्ती बरतते है……
राज: ओह्ह अच्छा….यार फिर तू किस दिन काम आएगा….
रवि: ह्म्म बेटा में तेरी बात समझ गया….चल तू भी क्या याद करेगा…..तू इस पार्किंग के पीछे वाले रास्ते से चले जाना…..यहाँ से और कोई नही जाता….आगे जाकर काफ़ी घना जंगल है. वहाँ पर कोई नही होता….
राज: थॅंक्स यार…..
रवि: इट्स ओके यार दोस्त हो इतना तो तुम्हारे लिए कर ही सकता हूँ….
उसके बाद राज ने बाइक पार्क की, और नाजिया को इशारे से आने के लिए कहा…..फिर वो नाजिया को लेकर रवि के बताए हुए रास्ते पर जाने लगा…..नाजिया उसके पीछे चलते हुए थोड़ा-2 घबरा भी रही थी….वो इस तरह पहली बार किसी लड़के के साथ अकेली थी…वो भी स्कूल बंक करके आई थी….एक और उसके दिल में राज के साथ समय बिताने की लालसा भरी हुई थी, और दूसरी ओर उसे ये डर सता रहा था कि, ये बात उसके घर में किसी को पता ना चल जाए.
दोनो 10 मिनिट तक बिना कुछ बोले चलते रहे……अंदर के तरफ जंगल घना होता जा रहा था….थोड़ी दूर और चलने पर दोनो को एक बेंच दिखाई दी….राज उसके ऊपेर जाकर बैठ गया….नाजिया भी साथ में ही बैठ गयी…..थोड़ी देर दोनो खामोश बैठे रहे….दोनो में से कोई बात नही कर रहा था…..नाजिया इधर उधर देख रही थी…..जैसे अपना ध्यान किसी बात से हटाने की कॉसिश कर रही हो…..पर एक जवान लड़की, जब किसी जवान लड़के के साथ ऐसे सुनसान माहॉल में हो तो, उसके दिल में कुछ-2 होने लगता है……
नाजिया: अब तो आप बता ही सकते हो….
राज: क्या…..?
नाजिया: वो मेरे बारे में क्या कह रहे थे……?
राज: छोड़ो तुम्हे बुरा लगेगा….
नाजिया: नही में बुरा नही मानती…..
राज: देख लो मुझसे बाद में नाराज़ मत होना…..
नाजिया: नही होती…..
राज: वो कह रहे थे कि तुम्हारे वहाँ पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है……
नाजिया: मेरी चरबी और कहाँ……?
राज: अब में तुम्हे कैसे कहूँ….तुम बुरा मान जाओगी…..
नाजिया: में क्यों आपका बुरा मानूँगी….आप ने थोड़े ही ना कुछ कहा….
राज की बात सुन कर नाजिया को कुछ अंदाज़ा तो हो ही गया था…..और उसका दिल धड़क -2 करने लगा था….
”वो तुम्हारी गान्ड पर” राज ने जानबूज कर झेंपने का नाटक करते हुए कहा…
.”क्या “ नाजिया एक दम से चोंक उठी….उसे नही पता था, कि राज ऐसी वर्डिंग यूज़ करेगा…..
”हां वो कह रहे थे कि, तुम्हारी गान्ड पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है…”
ये बात सुनते ही, नाजिया का चेहरा लाल सुर्ख हो गया….उसने अपनी नज़ारे झुकाते हुए राज को कहा….”आप को तो ऐसे बोलने में शरम आनी चाहाए…वो तो है हीं कमीने”
राज: देखा मेने कहा था ना, तुम बुरा मान जाओगी. में इसी लिए तुम्हे नही बता रहा था. ठीक है अब में ऐसी बात नही करता……
नाजिया: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) मेने ये नही कहा, कि आप ग़लत बोल रहे हो….पर आप ऐसी वर्डिंग यूज़ तो ना करें…..
राज: अब मुझे जैसी वर्डिंग आती है, वैसे ही बोलूँगा ना….अगर तुम नही सुनना चाहती तो में नही बोलता…..
नाजिया राज की बात सुन कर चुप हो गयी…अपनी गान्ड पर चर्बी चढ़ने का ही सुन कर उसका दिल गुदगुदा उठा था….दिल बार -2 राज के मुँह से अपने बारे में सुनने के लिए गुदगुदा रहा था…..”अच्छा सॉरी…..में ही ग़लत हूँ….” नाजिया ने राज के गुस्से से भरे चेहरे को देखते हुए कहा…..”अच्छा क्या आप की कोई गर्लफ्रेंड है….” नाजिया ने राज की और देखते हुए बड़ी लालसा से पूछा….और धड़कते हुए दिल के साथ उसके जवाब का इंतजार करने लगी…..
राज भी अपने दिमाग़ के घोड़ो को तेज़ी से दौड़ा रहा था, कि वो नाजिया को क्या जवाब दे. ऐसा जवाब जिसे वो मुर्गी खुद ब खुद ही कटने को तैयार हो जाए…..
नाजिया: क्या हुआ, मेने कुछ ग़लत पूछ लिया क्या ?
राज: नही ऐसी बात नही है…..अब तुम्हे क्या बताऊ…..अगर मानो तो है भी और ना मानो तो नही है….
नाजिया: मतलब में कुछ समझी नही….
राज: हां मेरी गर्लफ्रेंड है……पर वो सिर्फ़ मेरी नही है….?
नाजिया: (हैरान होते हुए) ये कैसे हो सकता है…कि आपकी गर्लफ्रेंड किसी और की भी गर्लफ्रेंड हो ?
राज: गर्लफ्रेंड नही वो किसी की पत्नी है…..
नाजिया: क्या आप का चक्कर एक शादी शुदा औरत के साथ है….
राज: हम दोनो के बीच में कोई कमिट्मेंट्स नही थी….और वैसे भी मैं अब उससे नही मिलता….उसे अपने जिस्म की ज़रूरत और मुझे अपने जिस्म की पूरा करने का हम एक दूसरे के लिए ज़रिया भर थे…इससे से ज़यादा कुछ नही…तब में नादान था…..इसलिए में बिना कुछ सोचे समझे इतना आगे बढ़ गया…….
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