RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
उस दिन जब दोनो बाइक पर निकले, तो नाजिया के दिमाग़ में उस शाम की बातें घूम रही थी. जब राज ने उससे कहा था कि, उसके क्लास के लड़के उसे देख कर गंदे-2 कॉमेंट्स कर रहे थे….नाजिया जवानी की दहलीज पर खड़ी थी….और गंदा वर्ड भी उसे अंदर तक हिला जाता था….नाजिया ने राज की बाइक पर पीछे बैठे हुए कहा…..”उस दिन आप ने ये क्यों कहा था कि, वो लड़के जो भी मेरे बारे में गंदे कॉमेंट्स कर रहे थे….वो सही हैं….क्या में आपको ऐसी लड़की लगती हूँ…..”
राज: नही मेरा मतलब वो नही था….
नाजिया: तो फिर आपका मतलब क्या था…..अगर कोई बोले कि में एक चालू लड़की हूँ तो आप सच मान लोगे…..
राज: नही बिल्कुल नही….में किसी की कही हुई बातों पर यकीन नही करता….
नाजिया: फिर आप ने क्यों कहा कि, वो लड़के जो भी कह रहे थी सच कह रहे थे…
राज: हां सच कह रहे थे…वो तुम्हारे जिस्म के बारे में कुछ ग़लत वर्ड्स यूज़ कर रहे थे….पर उन्होने जो भी तुम्हारे फिगर के बारे में कहा एक दम सच कहा था….
नाजिया राज की बात सुन कर बुरी तरह शरमा गयी….दोनो में कुछ देर कोई भी कुछ ना बोला…..नाजिया का दिल जोरो से धड़क रहा था….उसका मन बार-2 गुदगुदा रहा था…..”वैसे क्या बोल रहे थे वो कमीने मेरे बारे में….” नाजिया का दिल अब राज से अपने बारे में सुनने को बेचैन होता जा रहा था…
.”वो कमीने जो भी बोल रहे थे, उसे छोड़ो में नही बता सकता”
नाजिया: क्यों…..?
राज: क्यों कि इस तरह तो में भी कमीना हुआ ना…?
नाजिया: आप क्यों मेने आप को थोड़े ही ना कहा है……
राज: कहा तो नही पर मुझे उनकी बातें सही लगी…..अगर तुम सुनोगी तो तुम्हे लगेगा कि में भी उनकी तरह ही कमीना हूँ….क्योंकि में भी उनके बातों को सच मानता हूँ….
नाजिया: तोबा में आपको ऐसा नही कह सकती…..
राज: चलो छोड़ो सब…तुम्ह ख़ामाखाँ परेशान होगी……
नाजिया: नही एक बार पता तो चले वो हरामजादे कह क्या रहे थे…..
राज: अभी नही….अभी तुम्हारा स्कूल आने वाला है……
थोड़ी देर बाद नाजिया का स्कूल आ गया……नाजिया ने एक बार राज की तरफ देख कर स्माइल की, और फिर स्कूल की तरफ जाने लगी…..”नाजिया तुम्हारा स्कूल ऑफ कितने बजे होता है…..”
नाजिया ने राज की तरफ मूड कर देखा और बोली…..”2:30 बजे……क्यों……”
राज ने एक बार गहरी साँस ली, और फिर हिम्मत करते हुए बोला….”मेरे साथ घूमने चलो गी…..”
जैसे ही राज ने नाजिया से ये बात कही…..नाजिया के दिल धड़कने बढ़ गयी…..आज तक नाजिया ने किसी लड़के की तरफ आँख भी उठा कर नही देखा था….”बोला ना चलो गी….”
नाजिया: (नर्वस होते हुए) अगर अम्मी को पता चला तो…..
राज: नही पता चलेगा….तुम 12 बजे छुट्टी लेकर आ सकती हो……
नाजिया ने हां में सर हिला दिया……”पक्का ना घर पर तो किसी को पता नही चलेगा…..” नाजिया तो खुद ही राज के साथ समय बिताने को बेताब थी…..पर शरम हया और घर मर्यादाएँ अभी तक उसे बाँधे हुए थे…..और नाजिया अब जब कि उसके सपनो का शहज़ादा उसे खुद साथ में चलने को कह रहा था, तो वो भला कैसे मना कर सकती थी….”
नाजिया: ठीक है में 12 बजे आ जाउन्गी….
राज: स्कूल में क्या बोलोगी…..
नाजिया: कह दूँगी कि तबीयत ठीक नही है…..
उसके बाद राज स्टेशन पर आ गया….राज ने 11 बजे तक वहाँ काम किया, और फिर वो उठ कर अनीता के पास चला गया…..”आओ राज बाबू…बैठो….कैसे हो ?
राज: में ठीक हूँ…..अनीता जी मेरा एक काम करेंगी…..?
अनीता: राज बाबू आपके लिए तो जान भी हाज़िर है…बोलिए क्या काम है..?
राज: अनु मुझे आज बहुत ज़रूरी काम है…और मुझे थोड़ी देर बाद निकलना है, क्या तुम मेरे जाने के बाद टिकेट काउंटर संभाल लोगी…..
अनीता: हां-2 क्यों नही….ये भी कोई बात है…..अर्रे आप जान माँग लो गे तो वो भी हम हंसते हुए देदेंगे…..
उसके बाद राज 11:30 पर आजमल से लीव लेकर नाजिया के स्कूल की ओर चल पड़ा….
राज ठीक 12 बजे नाजिया के स्कूल के बाहर पहुँच गया…थोड़ी देर वेट करने के बाद उसे नाजिया स्कूल से बाहर आती हुई नज़र आई, नाजिया ने स्कूल के गेट से बाहर आकर एक रिक्शे वाले को रोका और उस पर बैठ गयी…..राज सोच में पड़ गया कि, आख़िर माजरा है क्या…..जैसे ही रिक्शा चला, नाजिया ने उसे इशारा किया…..राज ने उस रिक्शे वाले के पीछे अपनी बाइक लगा दी…..थोड़ी दूर जाने के बाद रिक्शा रुक गया, राज ने भी थोड़े फँसले पर अपनी बाइक रोक ली….नाजिया ने रिक्शे वाले को पैसे दिए….और रिक्शे वाला चला गया….राज ने अपनी बाइक नाजिया के सामने जाकर रोक दी….नाजिया बिना कुछ बोले उसके पीछे बैठ गयी…
राज ने बाइक चलाई……पर राज को समझ नही आ रहा था कि, वो नाजिया को लेकर कहाँ जाए. “ कहाँ चले….” राज ने आगे रास्ते पर देखते हुए कहा……
.”कही भी जहाँ आप का दिल करे वहाँ ले चलिए”
राज: तुम्हे कोई ऐसे जगह पता है…..जहाँ पर हम दोनो अकेले कुछ देर तक बातें कर सकें.
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