RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
थोड़ी देर बाद राज अंदर आया तो, मेने हल्की से नज़रे उठा कर उसकी तरफ देखा, तो वो सिर्फ़ अंडरवेर पहने हुए था….मेने फिर से नज़रें झुका ली, राज ने एक बार मेरी तरफ देखा, पर ना तो वो मुझे देख कर कुछ बोला और ना ही हैरान हुआ…..शायद वो समझ गया था कि, में उसके रूम में क्या कर रही हूँ……राज ने बेड के पास रखे टेबल लॅंप को ऑन किया, और मेन लाइट ऑफ कर दी, फिर टवल उठा कर अपने हाथ पोन्छते हुए मेरे सामने आकर खड़ा हो गया…..वो मेरी तरफ ही देख रहा था….पर कुछ बोल नही रहा था…और ना ही मेरी हिम्मत हो रही थी कि, में उससे कुछ बात कर सकूँ…..
राज ने एक हाथ से टेबल लॅंप की रोशनी को बेड की तरफ कर दिया….और फिर से अपने हाथों को टवल से पोंछते हुए बोला…..”उतरो….” मेने चोंक कर उसकी तरफ देखा, तो उसने फिर से हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा….”अपनी सलवार उतारो….” उसकी बात सुनते ही मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा….और ना जाने मुझे क्या हो गया था…पता नही राज ने मुझ पर क्या जादू कर दिया था कि, मेने वैसे ही बैठे-2 अपनी कमीज़ के नीचे से हाथ डाल कर अपनी सलवार का नाडा खोलना शुरू कर दिया….मेने सलवार का नाडा खोलते हुए एक बार राज की तरफ देखा तो वो अपने अंडरवेर के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था….मेने अपनी सलवार उतार कर बेड के एक तरफ रख दी…..
राज ने भी एक झटके में अपना अंडरवेर उतार फेंका, और फिर नीचे झुक कर मेरी टाँगों को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया…..जिसके कारण में पीछे की तरफ लूड़क गयी…राज ने मुझे टाँगों से खींच कर बेड पर सीधा लिटा दिया….और मेरी टाँगों को खोल कर जाँघो के बीच में आ गया….उसने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ और मेरी बुर की फांको पर रगड़ते हुए, अपनी एक उंगली को मेरी बुर के छेद के बीच में घुसाया, और बोला…..”नजीबा तुम्हारी बुर तो पहले से ही लार टपका रही है……”
राज की बात सुन कर में बुरी तरह से झेंप गयी, और उसकी चौड़ी छाती में मुक्का झाड़ दिया. और उसने मेरे मुक्के के जवाब में अपने लंड को मेरी बुर में एक धक्के के साथ पेल दिया. “सीईईईई हाईए सामीएर ओह उंह अहह” में सिसक कर उससे चिपक गयी……राज ने झुक कर मेरे होंटो को अपने होंटो में भर लिया, और तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए, मेरे होंटो को चूसने लगा…..में मस्ती के सागर में गोते खाते हुए, उसके नीचे मचल रही थी….और वो मेरी टाँगों को उठा कर लगतार अपना मुन्सल मेरी बुर में चला रहा था…..उसके लंड की रगड़ मुझे अपनी बुर की दीवारो में बहुत सुखद अनुभव दे रही थी….मेरे हाथ खुद ब खुद उसके पीठ पर कसते चले जा रहे थे…..
मेरी गान्ड बेकाबू होकर अपने आप ऊपेर की ओर उछलने लगी थी…..10 मिनिट की चुदाई में ही में सतावें आसमान में उड़ रही थी…..और फिर मेरी बुर में तेज संकुचन होने लगा…..और मेरी बुर ने राज के लंड के टोपे को चूमते हुए, उस पर अपना प्यार भरा रस न्योछावर करना शुरू कर दिया….राज भी चन्द और झटकों के बाद मेरी बुर में ही झड़ने लगा…..और फिर थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपेर से हट कर बगल में लेट गया…..झड़ने के बाद मुझे बेहद सकुन मिल रहा था….शाम से जिस के लिए तड़प रही थी… उस एक चीज़ ने मुझे 10 मिनिट्स में दुनियाँ भर की जन्नत दिखा दी थी…..
थोड़ी देर बाद जब मेने राज की तरफ देखा, तो वो आँखें बंद किए हुए लेटा हुआ था…और लंबी-2 साँसे ले रहा था….हम दोनो के बीच कोई बात नही हुई, शायद वो सो गया था. में बेड से नीच उतरी, और अपनी सलवार पहन कर नीचे आ गयी……नीचे आकर मैं बेड कर लाइट गयी……भले ही सेक्स और वासना के नशे में ये सब कुछ कर रही थी….पर दिल के एक कोने में ये ख़याल आ रहा था कि, यही मेरा वजूद है….मैं राज में अपना प्यार ढूँढ रही थी. पर राज के लिए शायद में सिर्फ़ सेक्स करने की ज़रूरत हूँ…..क्या राज मुझे मेरे बदन के लिए चाहता है….और मैं भी क्या से क्या बन गयी हूँ...
ये बात किस शादीशुदा औरत को शोभा देती है, कि आधी रात को किसी जवान लड़के के कमरे में जाए, और उसके एक बार कहने पर अपनी सलवार उतार कर उसके सामने अपनी टांगे और बुर खोल कर उससे चुदवा ले, और उसके वीर्य से भरी बुर और बच्चेदानी को लेकर वापिस आ जाए…ये मैं क्या कर रही हूँ…..ये सब क्यों कर रही हूँ….वो तो जवान लड़का है….आज यहाँ कल पता नही कहाँ….और तुम नजीबा….तुम क्यों उसके पीछे बदनाम होना चाहती हो…..
यही सब उधेड़बुन मेरे दिमाग़ में चल रही थी कि, मैं अंजुम और नाजिया को भी धोका दे रही हूँ….जिस प्यार के लिए मेने अपना जिस्म राज को सोन्पा था….शायद वो मुझे राज से नही मिलने वाला है….पता नही मुझे कब नींद आई…..सुबह मैं 7 बजे जाग गई, मैं उठ कर फ्रेश हुई, और नाश्ता तैयार करने लगी….नाजिया भी आ गयी……नाजिया जल्दी से तैयार हुई, और फिर राज नाजिया और मेने एक साथ नाश्ता क्या….जैसे ही राज नाश्ता करके उठा तो उसने नाजिया से कहा…..” तुम्हे स्कूल जाना हो तो छोड़ दूं….” नाजिया ने राज की बात सुनते हुए, मेरी तरफ देखा….में उसे राज के सामने मना नही कर सकती थी……
इसलिए मेने हां में सर हिला दिया……”ठीक है में दो मिनिट में आता हूँ…तुम तैयार रहना..” ये कह कर राज ऊपर चला गया…..नाजिया ने अपना बॅग पॅक किया….और फिर वो राज की बाइक के पीछे बैठ कर चली गयी….दोस्तो अब राज नाजिया को अपने नीचे लिटाने की फिराक में था…और उन दोनो के बीच जो भी हुआ था….वो बाद में मुझे नाजिया से पता चला था….वही में यहाँ बयान करने की कॉसिश कर रही हूँ…..
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