RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
रुक्मणी ने अपने सामने राज के फेस के ऊपेर बैठी अनीता को अपनी बाहों में जाकड़ लिया…और अनीता के होंटो को अपने होंटो में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अनीता भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी…दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के होंटो को चूसने लगी….ये देख राज ने अनीता की बुर के दाने को अपने होंटो में और ज़ोर-2 से दबा कर चूसना शुरू कर दिया….अनीता एक दम से मचल उठी…..उसने अपने होंठो को रुक्मणी के होंटो से अलग किया….”ओह राजर आह राज मेरी फुद्दि आह हइई ओह्ह्ह्ह सीईईईईईईई उंह राजरररर ले मेरी फुद्दि के पानी का स्वाद चख अह्ह्ह्ह ओह”
अनीता की बुर से पानी बह निकला. वो काँपते हुए झड़ने लगी….और थोड़ी देर बाद निढाल होकर राज की बगल में लूड़क गयी….रुक्मणी ने भी अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर नीचे हुए उछालते हुए राज के लंड पर उछलना शुरू कर दिया…और थोड़ी देर बाद ही रुक्मणी की बुर ने भी राज के लंड पर पानी छोड़ना शुरू कर दिया….रुक्मणी भी राज के ऊपेर लूड़क गयी…..तीनो आपस में लिपटे हुए थोड़ी देर तक अपनी सांसो को दुरस्त करते रहे.. “ओह्ह्ह राज तूने तो कमाल ही कर दिया…..में अभी मूत कर आती हूँ….” ये कह कर अनीता बेड से उठ कर बाथरूम में चली गयी…..और मूतने के लिए बैठ गयी….अभी कुछ ही पल हुए थे कि, उसे बाहर से रुक्मणी के तेज सिसकने की आवाज़ आई….
अनीता: साली रांड़ लगता है फिर से लंड बुर में ले लिया है…
अनीता मूतने के बाद हाथ धो कर बाहर आई तो उसने देखा, कि रुक्मणी बेड पर कुतिया की तरह अपनी गान्ड पीछे की ओर निकाल कर अपनी कोहानियों को बिस्तर पर टिकाए हुए थी…और राज बिस्तर पर अपने घुटनो को मोड़ कर कुतिया बनी रुक्मणी के ऊपेर चढ़ा हुआ था… राज का लंड रुक्मणी की गान्ड के छेद में बुरी तरह फँसा हुआ था……”आह राज धीरे ओह्ह्ह्ह तेरा लौडा तो मेरी गान्ड ही फाड़ देगा…..हाई मर गयी में….” पीछे खड़ी अनीता ये सब देख कर मुस्कुराते हुए बेड पर चढ़ि…..और राज की पीठ को सहलाते हुए बोली…..”शाबाश राज बाबू…..अब बजा दे साली की गान्ड का ढोल…..पूरे घर में उसकी गान्ड बजने का ढोल सुनाई देना चाहिए…..”
रुक्मणी: अह्ह्ह्ह चुप कर साली……जब तेरी गान्ड में घुसेगा ना इसका लौडा तब देखना ऐसी बातें दिमाग़ में आती है कि नही….ओह्ह्ह्ह मारा डाला री….”
राज का अभी आधा लंड ही रुक्मणी की गान्ड में उतरा था….और रुक्मणी को दर्द की तेज लहर अपनी गान्ड में महसूस होने लगी थी…..राज धीरे-2 अपना आधा लंड ही रुक्मणी की गान्ड के अंदर बाहर करने लगा…….”राज बाबू ऐसे मज़ा नही आएगा….हमारी रुक्मा को.. ज़ोर से चांप साली की गान्ड को देख फिर कैसे इसकी गान्ड फटने की आवाज़ आती है…..राज अनीता की तरफ मुस्कुराते हुए देखता है….”तुम क्यों फिकर कर रही हो मेरी जान…..तुम्हारी गान्ड का ढोल भी आज बजा दूँगा….
अनीता: ओह्ह्ह राज ये साली तेरा लौडा छोड़े तब ना …..पहले इसकी गान्ड फाड़…..
राज अब नॉर्मल स्पीड से रुक्मणी की गान्ड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था….थोड़ी देर बाद रुक्मणी को मज़ा आने लगा….और उसने भी अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया….”अहह ओह हइई राज और तेज मार मेरी गान्ड पूरा का पूरा घुसा दे अपना लौडा…..कर ले अपने दिल के अरमान पूरे ओह्ह्ह्ह….में भी देखू कि कितनी अकड़ है तुम्हारे लंड में” आह अहह…….राज अब पूरी ताक़त के साथ अपना मोटा मुनसल जैसा लंड रुक्मणी की गान्ड के छेद में अंदर तक पेलने लगा…..और रुक्मणी भी किसी मन्झि हुई रंडी की तरफ अपनी गान्ड को पीछे की तरफ राज के लंड पर फेकने लगी…..
राज ने रुक्मणी की गान्ड को चोदते हुए, एक दम से अपने लंड को पूरा बाहर निकाला. तो उसने देखा कि, रुक्मणी की गान्ड का छेद और आसपास का हिस्सा एक दम लाल हो चुका था….और अगले ही पल उसने फिर से अपने लंड को एक ही बार में रुक्मणी के गान्ड के छेद में पेल दिया. जैसे ही राज के लंड का मोटा सुपाडा रुक्मणी की गान्ड के छेद के अंदर की तरफ हवा को दबाते हुए बढ़ा…..और जड तक अंदर घुसा…..तो हवा गान्ड के छेद से पूर्र की आवाज़ करते हुए, बाहर निकली…..जिसे सुनते ही रुक्मणी की गान्ड और फुद्दि के छेद में सरसराहट दौड़ गयी……”सीईईईई राज ओह्ह्ह्ह तूने तो कमाल ही कर दिया ह अब मार मेरी गान्ड और ज़ोर से अह्ह्ह्ह ओह हां ऐसे ही सबाश मेरे शेर ओह्ह्ह्ह और तेज फाड़ दे राज फाड़ दे मेरे गान्ड ओह्ह्ह्ह ओह्ह…..”
राज अब बिना किसी परवाह के रुक्मणी की गान्ड में अपना लंड तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था….और बीच -2 में रुक्मणी की गान्ड में से हवा बाहर निकल कर पररर-2 की आवाज़ करती…और राज की जाँघ रुक्मणी के मोटे चुतड़ों के साथ टकराते हुए थप-2 की आवाज़ करती….जो रूम के अंदर गूंजने लगी….थोड़ी ही देर में रुक्मणी को अपनी गान्ड और बुर के छेद में सरसराहट बढ़ती हुई महसूस हुई, और फिर रुक्मणी की बुर ने अपना लावा उगलना शुरू कर दिया….रुक्मणी आगे की तरफ लूड़क गयी….राज का लंड रुक्मणी की गान्ड से बाहर आकर हवा में झटके खाने लगा…..
दूसरी तरफ अनीता ये सब देखते हुए अपनी बुर को रगड़ रही थी….जैसे ही उसने रुक्मणी का काम होते देखा,उसने राज को बाथरूम में जाकर अपना लंड धो कर आने को कहा…..राज बेड से उठ कर बाथरूम में चला गया…..और अपना लंड धो कर बाहर आया…और जैसे ही बेड पर चढ़ा, अनीता ने उसे बेड पर धक्का दे कर लिटा दिया. राज का लंड वियाग्रा के असर के कारण अभी भी आकड़ा हुआ था…..जैसे ही राज पीठ के बल लेटा, अनीता भूखी कुतिया की तरफ राज के ऊपेर चढ़ गयी….और जोशीले अंदाज़ में राज के लंड को पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर टिका दिया…..और गॅप से राज के लंड पर अपनी बुर को दबाते हुए बैठ गयी…..एक ही पल में राज का लंड रुक्मणी की बुर की गहराइयों में समा चुका था…..
अनीता: ओह्ह्ह्ह राज तेरा लौडा तो सच में बहुत बड़ा है सीईईईईई हाई कमीना नाभि तक पहुँच गया है…….
राज: क्यों तुम्हे अच्छा नही लगा…..
अनीता: (झुक कर राज के होंटो को चूमते हुए) ओह्ह्ह्ह राज अच्छा पूछा मत यार ऐसा लौडा पाने के लिए नज़ाने कितने ख्वाब देखे है…..काश कि तुम 10 साल पहले मिले होते ओह्ह्ह राज, जवानी में तुम्हारे जैसे लंड वाले लड़के से चुदने का मज़ा ही कुछ और होता.
राज: तो अब आप कॉन सा बूढ़ी हो गयी हो…..
अनीता: अर्रे मेरी जान तेरी उम्र का मेरा बेटा है…..बूढ़ी नही तो जवान कहाँ से हूँ….
अनीता ने अपने हाथों को राज की चौड़ी छाती पर रखा, और अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया….राज का लंड अनीता की पनियाई हुई बुर में रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा….दो बार झाड़ चुकी रुक्मणी अपनी नशीली आँखों से उन दोनो को देख कर फिर से सरूर में आने लगी थी….राज अनीता की बुर में अपना लंड पेलते हुए, उसकी गान्ड को अपनी हाथों से दबा -2 कर मसलने लगा….ये देख रुक्मणी अनीता के पीछे आ गयी……”राज चल इस साली रांड़ की गान्ड को खोल दे……मैं इसकी गान्ड को नरम कर दूं….फिर इसकी गान्ड का ढोल भी बजाना है…..”
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