RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
ये कहते हुए रुक्मणी राज की गोद से खड़ी हुई, और राज का हाथ पकड़ कर उसे बेड रूम की तरफ ले जाने लगी…..अनीता भी उसके पीछे रूम में आ गयी…..रुक्मणी ने रूम में पहुँच कर राज को बेड पर धक्का दे दिया.....और अनीता ने पीछे से रूम के डोर को लॉक कर दिया….
रुक्मणी बेड पर चढ़ि, और राज के ऊपेर झुकते हुए बोली…..”तो राज जी ज़रा हमे भी बताए कि, आप क्या-2 जानते है……” दूसरी तरफ अनीता भी बेड पर राज के दूरी तरफ करवट के बल लेट गयी…..और राज के चौड़े सीने पर एक हाथ से सहलाते हुए, अपनी टाँग उठा कर राज की टाँगों पर रख दी…
..”जी सब जानता हूँ…..” राज ने अपने दोनो तरफ लेटी हुई मस्त चुदैल औरतों को देख कर कहा…..”अनु तुम्हे मॅंगो फ्लेवर बहुत पसन्द है ना…..” रुक्मणी की ये बात सुन कर राज चोंक गया….अब साला मॅंगो फ्लेवर बीच में कहाँ से आ गया….राज ने मन ही मन में सोचा…..
अनीता: हां यार बहुत पसंद है…….
रुक्मणी: तो उस ड्रॉयर में तेरे लिए कुछ है….जा निकाल कर ले आ……
अनीता उठी, और ड्रॉयर खोलने लगी…..उसमे आमरस की बोतल पड़ी हुई थी…..उसे देख कर अनीता की आँखों में चमक आ गयी….अनीता बोतल को लेकर बेड पर आकर बैठ गयी….उसने एक बार रुक्मणी की ओर मुस्कराते हुए देखा….तो रुक्मणी ने राज के टवल को पकड़ कर खेंचा. पर टवल राज के वजन से दबा हुआ था…..राज ने खुद ही अपना टवल अपने बदन से अलग कर फेंक दिया….राज का 8 इंच से लंबा और 4 इंच मोटा मुनसल जैसा लंड झटके खाते हुए फूंकारने लगा….जिसे देख दोनो रांडो के मुँह से सिसकारी निकल गयी….”आह रुक्मणी ये तो बहुत तगड़ा घोड़ा है……..” अनीता ने राज के लंड को देखते हुए कहा……
रुक्मणी: हां सच यार साले ऐसे घोड़े की तो सवारी करने में मज़ा है…..आज तो अपनी किस्मत खुल गयी…..यार राज पहले पता होता कि, तू अपनी टाँगों के बीच इतना लंबा घोड़ा छुपाए हुए है, तो पहले दिन ही तुमसे से चुदवा लेती…..
ये कहते हुए रुक्मणी ने हाथ बढ़ा कर राज के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. और उसके लंड के आगे की चमड़ी पीछे की तरफ सरकी, तो राज के लंड का सुपाडा लाल टमाटर की तरह चमकने लगा…..जिसे देख कर दोनो की बुर कुलबुलाने लगी…..रुक्मणी ने जल्दी से आमरस की बोतल खोली, और राज के लंड के ठीक ऊपेर लाते हुए, उस पर रस टपकाने लगी. ठंडे रस को अपने लंड पर गिरता महसूस करके राज एक दम से सिसक उठा…..”क्या हुआ राज बाबू…..?” रुक्मणी ने राज को सिसकते हुए देख कर कहा…..”आहह बहुत ठंडा है” राज ने रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा…..
रुक्मणी: थोड़ा सा इंतजार करो….अभी देखना अब तुम्हारे इस लंड को कितनी गरमी मिलने वाली है…..
राज का लंड पूरी तरह से आमरस से भीग गया….अनीता ने बोतल बंद की, और उसे नीचे रख कर राज की जाँघो के पास मुँह करके पेट के बल लेट गयी…..दूसरी तरफ ठीक वैसे ही रुक्मणी भी, लेट गयी……अनीता राज के लंड पर झुक गइेव…..और अपने होंटो को राज के लंड के मोटे सुपाडे पर लगा दिया….राज मस्ती से सिसक उठा….आज तक उसके लंड को किसी ने नही चूसा था…..फातिमा वो पहली औरत थी…..जिसे राज ने चोदा था…..राज ने अनीता के खुले हुए बालो को कस्के पकड़ लिया….अनीता ने इस बात का बुरा नही माना. और अपने होंटो को राज के लंड के सुपाडे के चारो तरफ कस्ति चली गयी…..
थोड़ी ही देर में राज के लंड का सुपाडा अनीता के मुँह में था, और वो उसे अपने होंटो से दबा-2 कर चूसने लगी…..दूसरी तरफ लेटी रुक्मणी ने भी देर ना की, और अपनी जीभ और होंटो से राज के लंड के नीचले हिस्सो को चाटने लगी…..राज के लंड को अब दोहरी मार पड़ रही थी….राज का लंड एक दम अकड़ गया था….राज ने अपने दूसरे हाथ से रुक्मणी के खुले हुए बालो को पकड़ लिया….दोनो औरतें राज के लंड पर कुतियों की तरह टूट पड़ी….अनीता तो राज के लंड को चूसने में मगन थी…..और रुक्मणी कभी राज के लंड की लंबाई पर अपनी जीभ फिराती, तो कभी के राज के बॉल्स को पकड़ कर मुँह में भर कर चूसने लगती….
राज आँखें बंद किए हुए जन्नत सा मज़ा ले रहा था…..रुक्मणी और अनीता जिस जोशीले अंदाज़ में राज के लंड को चूस चाट रही थी……देखने से लग रहा था…..जैसे सामने किसी पॉर्न मूवी का सेसेन चल रहा हो…..थोड़ी ही देर में राज का लंड दोनो के थूक से सन गया….जैसे ही अनीता ने राज के लंड को मुँह से बाहर निकाला, रुक्मणी ने उसे अपने मुँह में भर लिया…….पक-2 गलप -2 जैसी आवाज़ें पूरे रूम में गूंजने लगी…. “रुक्मणी यार बहुत मज़ा आ रहा है…..आज तक ऐसे जवान लंड का स्वाद नही चखा…..”
रुक्मणी: (राज के लंड को मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से हिलाते हुए) हां सच अनु मेने भी ऐसे लंड को कभी नही चूसा, मज़ा आ गाया यार…..दिल करता है रोज इस के चुप्पे लगाऊ…..(ये कहते हुए उसने फिर से राज के लंड को मुँह में भर लिया….और चूसना शुरू कर दिया….)
रुक्मणी का बेड रूम चुदाई की आवाज़ों से भर गया था…..”अनु बोल पहले तू इस लंड की सवारी करेगी “ रुक्मणी ने राज के लंड मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से हिलाते हुए कहा….तो अनीता बिना कुछ बोले उठ कर बैठ गयी…..उसने अपना बाथरोब निकाल कर फेंक दिया……दूसरी तरफ रुक्मणी ने भी अपना बाथरोब उतार कर फेंक दिया…दोनो राज की बगलो में लेट गयी, और उसके ऊपेर झुक गयी……दोनो की बड़ी-2 गुदाज चुचियाँ राज के चेहरे के ऊपेर झूलने लगी….जिसे देख राज की आँखों में चमक आ गयी…..रुक्मणी के निपल कुछ ज़्यादा ही लंबे और मोटे थे….देख कर ऐसा लग रहा था…..जैसे चीख-2 कर कह रहे हो….आओ हमे मुँह में भर कर निचोड़ लो…..राज ने भी एक पल की देर ना की, और
अपने सर को थोड़ा सा ऊपेर उठा कर रुक्मणी की चुचि के निपल को मुँह में भर लिया….रुक्मणी राज के ऊपेर झुक गयी…..और अपनी चुचि को और ज़्यादा राज के मुँह में ठेल दिया….राज ने भी उसकी चुचि और निपल को अपने होंटो में दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया….”अहह हाआँ चूस्सो राज अहह बहुत अच्छा लग रहा है……” और उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर राज के लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया….दूसरी तरफ लेटी, अनीता राज के बॉल्स के साथ खेलने लगी…..राज ने कभी सोचा ना था कि, ये दोनो औरतें उसे इतना मज़ा देंगी……रुक्मणी की चुचि को थोड़ी देर चूसने के बाद उसने चुचि को मुँह से बाहर निकाला, और अनीता की तरफ देखा….
अनीता ने अपनी एक चुचि को हाथ में पकड़ कर अपने निपल को और नोकदार बनाते हुए, उसे राज के मुँह से सटा दिया….राज ने भी मुँह खोल अनीता की चुचि को मुँह में भर लिया……और चूसना शुरू कर दिया…..अनीता की मस्ती में आँखे बंद होने लगी….उसका हाथ राज के चौड़े सीने पर तेज़ी से घूमने लगा….दूसरी तरफ लेटी, रुक्मणी उठ कर राज के ऊपेर आ गयी….और अपने घुटनो को राज की कमर के दोनो तरफ रख कर बैठते हुए राज के लंड को हाथ से पकड़ लिया…..और अपनी बुर की फांको पर जैसे ही उसने राज के लंड के सुपाडे को रगड़ा, तो वो एक दम से सिसक उठी….”आह राज तेरा लंड तो बहुत गरम है साले….” रुक्मणी की आवाज़ सुन कर अनीता ने भी अपने मम्मे को उसके मुँह से बाहर निकाला…..और राज के सर की तरफ जाकर उसके सर के दोनो तरफ अपने घुटनो को बेड पर रखा.
जिससे अनीता की बुर ठीक राज के मुँह के ऊपेर आ गयी….अनीता रुक्मणी दोनो एक दूसरे की तरफ फेस करके राज के ऊपेर बैठी हुई थी….अनीता ने अपनी बुर के होंटो को फेलाते हुए, अपनी बुर के दाने (क्लिट) को दिखाते हुए कहा…..”राज ये है औरतों की ट्रिग्गर. जानते हो….ये औरतों का सबसे सेन्सिटिव पार्ट होता है….” राज आँखें फाडे अनीता की गुलाबी बुर के छेद और दाने को अपने आँखो के 4 इंच के फँसले पर देख रहा था….”चलो अब तुम्हारी बारी है हमें मज़ा देने की…..इसे चूसो…..”
राज: पर मेने कभी ऐसा नही किया है….(राज ने अजीब सा चेहरा बनाते हुए कहा)
रुक्मणी: अर्रे चाट ले….इस रस का स्वाद पाने के लिए तो कई मर्द तरसते रह जाते है….
अनीता: देखो राज ये वो चीज़ है……जिससे हर लड़की और औरत पिघल जाती है….एक बार तुमने किसी के बुर या दाने को चूस लिया…..तो लड़की खुद ब खुद तुम्हारे लंड के नीचे आ जाएगी……मेरे बात याद रखना…..
राज ने बेमन से अनीता की बुर के छेद पर अपने होंटो को लगा दिया….कुछ पलों के लिए राज को थोड़ा अजीब सा लगा…..पर जैसे ही उसने अनीता की बुर के छेद पर अपने होंटो को लगाया, तो अनीता का पूरा जिस्म कांप उठा…..उसकी कमर झटके खाने लगी….”आहह राज ओह अहह सीईईईईईई अहह उमाआ ओह राज ईससस्स सक मी….अह्ह्ह्ह” राज को समझते देर ना लगी कि अनीता जो कह रही है….वो एक दम सच है… अपने ऊपेर अनीता को यूँ तड़पता देख कर उसने अनीता की बुर के दाने को अपने होंटो में भर कर और ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया…..अनीता एक दम से मचल उठी…..
अनीता: ओह्ह्ह्ह राज अह्ह्ह्ह अहह सच में बहुत अच्छा लग रहा है…..हाई मेरी फुद्दि आह ओह सीईइ हइईई….
दूसरी तरफ राज को अपना लंड किसी गीली और गरम चीज़ में घुसता हुआ महसूस हुआ….”आह राज तेरा लंड तो सच में बहुत मोटा है रे…..अह्ह्ह्ह मेरी फुद्दि ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..” रुक्मणी धीरे-2 राज के लंड पर अपनी बुर को दबाती जा रही थी….और राज के लंड का मोटा सुपाडा रुक्मणी की बुर के अंदर उसकी दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाने लगा था…..रुक्मणी का जिस्म अपनी बुर की दीवारो पर राज के लंड की रगड़ को महसूस करके थरथरने लगा…..उसने अपने आप को किसी तरह से संभालते हुए, अनीता के कंधो पर हाथ रख दिया…..जो उस वक़्त राज के मुँह के ऊपेर बैठी उससे अपनी बुर चुसवा कर मस्त हो चुकी थी…..”हाईए अनु ये लौडा तो नाभि तक अंदर आ जा रहा है.
अनीता: आह तो साली ले ले ना पूरा का पूरा अंदर अहह मेरी तो फुद्दि बुरी तरह से फुदक रही है….अह्ह्ह्ह राज चुस्स्स ना……
रुक्मणी ने अब धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करते हुए राज के लंड पर अपनी बुर को पटकना शुरू कर दिया था……राज का लंड कुछ ही पलों में रुक्मणी की बुर के पानी से भीग कर चिकना हो गया, और तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा……”अहह साला ऐसा लौडा नही लिया मेने आज तक अपनी फुद्दि में अहह ओह्ह्ह्ह ओह अनु मेरी चूत आहह फटने वाली है……….राज भी अब तेज़ी से अपने लंड को ऊपेर की तरफ उछालने लगा. रुक्मणी की बुर में राज का लंड फ़च-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर होने लगा…
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