RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
दोस्तो यहाँ तक आपने जो भी सुना मेरी ज़ुबानी सुना….कि मेरे साथ क्या हुआ….अब मैं जो सुनाने जा रही हूँ….वो राज और नाजिया के बीच मे हुआ था….जो बाद मे मुझे पता चला. अब मैं उनके बारे मे आपको बताने जा रही हूँ….हां तो उस दिन नाजिया कुछ ज़्यादा ही राज की तरफ देख रही थी…..बीच मे कभी जब राज नाजिया की तरफ देखता तो वो नज़रें झुका कर मुस्कुराने लग जाती……राज ने पहले फातिमा की फुद्दि मारी थी और फिर बाद मे मेरी…..राज ने उससे पहले सेक्स नही किया था….पर कुछ नालेज उसे थी…एक बात का उसे और पता चल गया था कि, औरत जिसके बच्चे ना हो और जो कम चुदि हो उनकी बुर ज़्यादा टाइट होती है….
और आप तो जानते ही हो जब एक जवान लड़के को सेक्स की लत लग जाती है….तो वो कही नही ठहरती.. ख़ासतौर पर उन लड़कों के लिए जिन्होने ऐसी औरतों से सेक्स संबंध बनाए हों….जो उन्हे किसी तरह के बंधन मे ना बाँध सकती हो….जैसे कि मैं….वो जानता था कि, मैं उसे किसी तरह अपने साथ बाँध कर नही रख सकती….अब वो उस आवारा सांड़ की तारह हो गया था…जिसे सिर्फ़ चूत चाहिए थी….हर बार नयी…बिना किसी बंधन के…
उस दिन भले ही मेरे दिमाग़ मे ये सब बातें नही थी…..वरना जो हुआ शायद ना होता…. और अगर ना होता तो शायद आज हम इतने खुशहाल ना होते….मेने सोचा कि उम्र ही ऐसी है…चलो छोड़ो मैं काम मे लग गयी…..राज ने नाश्ता किया…..और बाइक बाहर निकालने लगा. नाजिया दौड़ी किचन मे आए और बोली…..”अम्मी राज से कह दीजिए ना कि वो मुझे स्कूल छोड़ आए…” मैं बाहर आई और राज से कहा कि, क्या वो नाजिया को स्कूल छोड़ सकते है तो राज ने हां कर दी….राज ने बाइक स्टार्ट की और नाजिया उसके पीछे बैठ गयी….और फिर जो हुआ वो मुझे नाजिया से पता चला……
राज के पीछे बैठी, नाजिया बहुत खुश थी…..भले ही दोनो मे अभी कुछ नही था…..पर नाजिया राज की पर्सनॅलिटी से उसकी तरफ बहुत आकर्षित थी….दोनो मे कोई भी बात चीत नही हो रही थी…..नाजिया का स्कूल घर से काफ़ी दूर था….स्कूल से घर तक के रास्ते मे बहुत सी ऐसी जगह भी आती…..जहाँ पर एक दम वीराना सा होता…..थोड़ी देर बाद स्कूल पहुँचे, तो नाजिया बाइक से नीचे उतरी, और अपने बॅग को अपने कंधे पर लटकाते हुए राज से बोली….”थॅंक्स” राज ने नाजिया की तरफ नज़र डाली, उसकी स्कर्ट से उसकी मांसल गोरी चिकनी जांघे सॉफ नज़र आ रही थी….उसके मम्मे उसकी शर्ट के अंदर ब्रा मे एक दम कसे हुए पर्वतों की तरह तने हुए थे…..नाजिया अपनी जिंदगी के सबसे नाज़ुक मोड़ पर थी…..
जब उसने राज को अपनी तरफ यूँ घूरता पाया, तो वो सर झुका कर मुस्कुराने लगी….और फिर पलट कर स्कूल की तरफ जाने लगी…..राज वहाँ खड़ा नाजिया को अंदर जाते हुए देख रहा था….शायद पीछे नाजिया के चुतड़ों को घूर रहा था…..नाजिया ने अंदर जाते हुए तीन-2 चार बार पलट कर राज को देखा….और हर बार वो शरमा कर मुस्कुरा देती…..तभी नाजिया के सामने से दो लड़के गुज़रे और स्कूल से बाहर आए…..दोनो आपस मे बात कर रहे थे….उन्हे नही पता था कि, आज नाजिया राज के साथ आई है……
उनमे से एक लड़का बोला… “यार नाजिया तो एक दम पटाखा होती जा रही है….श्ह्ह साली की जांघे देखी, कैसी मोटी-2 और गोरी हो गयी है…..”तो दूसरा बोला……”हां यार साली की गान्ड पर भी अब बहुत चर्बी चढ़ने लागी है….देखा नही साली जब चलती है, तो कैसे उसकी गान्ड मटकती है…बस एक बार बात बन जाए तो उसकी गान्ड ही सबसे पहले मारूँगा…”
राज खड़ा उन दोनो की बातें सुन रहा था……पर राज कुछ ना बोला, उसने बाइक स्टार्ट की, और जॉब पर चला गया…..राज के दिमाग़ उन लड़को की बातें घूम रही थी…और उनकी बातें याद करते हुए, उसका लंड उसकी पेंट में अकड़ने लगा था….राज ने करीब 1 बजे तक काम किया, और फिर लंच किया…..अगली ट्रेन शाम 4 बजे की थी….और स्टेशन पर रुकने वाली आखरी ट्रेन थी….जब उसे अपना टिकेट काउंटर 3 बजे खोलना था…..और वो दो घंटो के लिए फ्री था…..सुबह से उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था….
राज ने एक बार घड़ी की तरफ नज़र डाली, और फिर उठ कर बाहर आ गया…..उसने अपनी बाइक स्टार्ट की, और घर की तरफ चल पड़ा….उन लड़को की बातों ने राज का दिमाग़ सुबह से खराब कर रखा था….वो जानता था कि, नाजिया का स्कूल 3 बजे ऑफ होगा……और उसे घर पहुँचने मे भी बस से आधा घंटा लगेगा…..इसीलिए नजीबा इस समय अकेली होगी…..राज की बाइक हवा से बातें कर रही थी…..और 1:15 पर वो घर के बाहर था…….उसने घर की दीवार के साथ बाइक लगाई, और डोर बेल बजाई….थोड़ी देर बाद मेने गेट खोला तो, सामने राज को खड़े देख कर हैरान होते हुए बोली…..”क्या हुआ आज इस समय….” राज ने मेरी बात का जवाब नही दिया. और घर के अंदर आ गया……मैं गेट लॉक करने लगी…
जैसे ही मेने गेट लॉक किया…..राज ने मुझे पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया. “अह्ह्ह्ह क्या करते हो……कोई देख लेगा…..” राज मेरी ये बात सुन कर झुंजला गया. पर अपने आप पर कंट्रोल करते हुए बोला…..”अब बंद घर के अंदर हमे कॉन देख सकता है…” ये कहते हुए, उसने मुझे बाहों मे उठा लिया….मैं ना ना करती ही रह गयी……वो मुझे उठा कर मेरे रूम मे ले आया, और मुझे सोफे के सामने खड़ा करते हुए, मुझे पीछे से बाहों मे भर लिया, और मेरी गर्दन पर अपने होंटो को रगड़ने लगा….मैने मस्ती मे आकर अपनी आँखे बंद कर ली……”छोड़ो ना राज ये कॉन सा वक़्त है…..” पर राज शायद किसी और ही धुन मे था…उसने मेरी गर्दन पर अपने होंटो को रगड़ना जारी रखा….और फिर एक हाथ से मेरी गान्ड को पकड़ कर मसलने लगा……
जैसे ही उसने अपने हाथों से मेरे चुतड़ों को दोबच कर मसला, तो मेरी तो साँसे ही उखड़ गयी….आज वो बड़ी बेदर्दी से मेरे दोनो चुतड़ों को अलग करके फेला रहा था…और मसल रहा था…..उसके कड़क मर्दाना हाथों से अपनी गान्ड को यूँ मसलवा कर मैं एक दम कामविहल हो गयी…..मेरी आँखे बंद होने लगी…..दिल धक-2 करने लगा……फिर अचानक ही उसने अपने दोनो हाथों को आगे मेरी सलवार के जबरन तक पहुँचा दिया….जब मैं राज आया था, तो मैं सो रही थी….इसीलिए मेने एक पतली सी इलास्टिक वाली सलवार पहनी हुई थी…. जैसे ही उसे अहसास हुआ कि, मेने इलास्टिक वाली सलवार पहनी है, तो उसने दोनो तरफ सलवार मे अपनी उंगलियों को फँसा कर….मेरी सलवार नीचे सरका दी…..
नीचे पैंटी भी नही पहनी थी……जैसे ही सलवार नीचे हुई, राज ने मुझे सोफे की ओर धकेला….और मैं सोफे की ओर लूड़क गयी……मेने सोफे के बॅक पर अपने दोनो हाथों को जमा लिया, और दोनो घुटनो को सोफे पर रख लिया…..”हाई क्या आज राज मेरी पीछे से लेगा.” ऐसे करने से तो उसे पीछे से मेरी गान्ड का सिकुड़ता और फेलता हुआ छेद भी नज़र आएगा……” ये सोच कर मैं शरमसार हो गयी…….”ओह्ह्ह्ह राज मत करो ना….बेड पर चलते है….” मेने लड़खड़ाती हुई ज़ुबान से राज को कहा……..
पर राज नही माना…..उसने पीछे से मेरी कमीज़ का पल्ला उठा कर मेरी कमर पर चढ़ा दिया…..मेरी सलवार पहले से ही मेरी जाँघो मे अटकी हुई थी….फिर मुझे कुछ सरसराह की आवाज़ हुई…..राज थोड़ा पीछे हटा….और पास मे ही ड्रेसिंग टेबल पर पड़े हेरआयिल को उठा लिया….उसने अपनी पेंट और अंडरवेर नीचे किया…..और ढेर सारा तेल अपने लंड पर गिरा कर उसे मलने लगा…..मैं अपने चेहरे को पीछे घुमा कर अपनी नशीली आँखों से उसे ये सब करता हुआ देख रही थी….फिर उसने वो आयिल की बोतल को टेबल पर रखा….मेरे पीछे आकर खड़ा हुआ, अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ कर झुका…..और अगले ही पल उसके लंड का मोटा गरम सुपाडा मेरी बुर की फांको को फेलाता हुआ, मेरी बुर के छेद पर आ लगा…..
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