RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
लेटे-2 मेरी आँख लग गयी…..अभी सोए हुए 20 मिनिट ही गुज़रे थी कि तेज प्यास लगने से मेरी आँख खुली…..मेने बेड से उठना चाहा तो दर्द की तेज टीस कमर मे उठी….मेने फातिमा को आवाज़ लगाई….पर वो नही आई……मैं किसी तरह से खड़ी हुई, और किचन मे पहुँची, पानी पिया, और फिर दूसरे रूम्स मे देखा पर फातिमा नज़र नही आई…बाहर मेन डोर भी अंदर से बंद था…फिर फातिमा गयी कहाँ…..तभी मुझे फातिमा की सुबह वाली हरकतें याद आ गयी…..हो ना हो डाल मे ज़रूर कुछ काला है….कही वो राज पर डोरे तो नही डाल रही……
ये सोचते ही पता नही क्यों मेरा खून खोल उठा…..मैं बड़ी मुस्किल से पर हिम्मत करके सीढ़ियाँ चढ़ि और ऊपेर आ गयी….जैसे ही मैं राज के डोर के पास पहुँची, तो मुझे अंदर से फातिमा की आहों की पुकार सुनाई दी…….”अह्ह्ह्ह आह धीरे सामीएर बाबू अहह मुझसे भूल हो गयी अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाईए मेरी फुद्दि फाड़ दी रे अहह मेरी बुर ओह फॅट गाईए राजररर”
ये सब सुन कर मैं तो जैसे साँस लेना ही भूल गयी…..क्या मैं जो सुन रही थी वो सच है…. मैं राज के रूम के डोर की तरफ बढ़ी…..जो लॉक नही था और थोड़ा सा खुला हुआ था….अभी मैं डोर की तरफ बढ़ ही रही थी कि, मुझे राज की आवाज़ सुनाई दी…..”साली मुझे नामर्द कहती है……आह आहह ईए ले और ले ले मेरा लौडा अपनी बुर मे साली……अगर नजीबा भाभी घर पर ना होती तो आज तेरी बुर मे लौडा घुसा -2 कर सूजा देता…..”
फातिमा: ह्म्म्म्म हइई सूजा दे मेरीए शेर ओह तेरी ही बुर है…..और तू उस गश्ती की फिकर ना कर मेरे राजा वो ऊपेर चढ़ कर नही आ सकती…..
मैं धीरे-2 काँपते हुए कदमो के साथ डोर के पास पहुँची और अंदर झाँका….. अंदर का नज़ारा देख मेरे होश ही उड़ गये…..अंदर फातिमा बेड पर घोड़ी बनी हुई झुकी हुई थी…और राज उसके पीछे से अपना मुनसल जैसा लंड तेज़ी फातिमा की बुर के अंदर बाहर कर रहा था… फातिमा ने अपना चेहरा बिस्तर मे दबाया हुआ था…उसका पूरा बदन राज के झटको से हिल रहा था…….”अह्ह्ह्ह अहह सामीएरर बाबू मैने तो सारी दुनिया पा ली आह ऐसा लंड आज तक नही देखा अह्ह्ह्ह एक दम जड तक अंदर घुसता है तेरा लौडा अह्ह्ह्ह मेरी बुर के अंदर जाकर बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है…..आह चोद मुझे फाड़ दे मेरी बुर को मेरे राजा”
राज ने अपना लंड फातिमा की बुर से बाहर निकाला और बेड पर लेट गया….फिर उसने फातिमा को उसके खुले हुए बालो से पकड़ कर अपने ऊपेर चढ़ा लिया….फातिमा ने ऊपेर आते ही राज के लंड अपने हाथ मे थाम लिया…..और उसके लंड के सुपाडे को अपनी बुर के छेद पर लगा कर उसके लंड पर बैठ गयी…..और तेज़ी से अपनी गान्ड ऊपेर नीचे उछलाते हुए चुदने लगी…. राज का फेस डोर की तरफ था…..तभी उसकी नज़र अचानक से मुझ पर पड़ी….हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे देख रहे थे….मुझे लगा कि अब गड़बड़ हो गयी है….पर राज ने ना तो कुछ कहा और ना ही बोला…..उसने मेरी और देखते हुए फातिमा के चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर दोनो तरफ फेला दिया…..
फातिमा की गान्ड का छेद मेरी आँखो की सामने आ गया…..जो फातिमा की बुर से निकले पानी से एक गीला हुआ था…..राज ने मेरी तरफ देखते हुए अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछालना शुरू कर दिया….राज का 8 इंच का लंड फातिमा की गीली बुर के अंदर बाहर होना शुरू हो गया…..राज बार-2 फातिमा की गान्ड के छेद को फेला कर मेरी ओर दिखा रहा था…मेरे तो जैसे पैर वही जाम गये थे……मैं कभी फातिमा की बुर मे राज के लंड को अंदर बाहर होता देखती तो कभी राज की आँखो मे …….
राज: बोल रांड़ मज़ा आ रहा है ना ?
फातिमा: हां राज बाबू बहुत मज़ा आ रहा है अह्ह्ह्ह दिल कर रहा है कि मैं सारा दिन तुमसे अपनी बुर ऐसे पेलवाती रहूं…..अह्ह्ह्ह सच मे बहुत मज़ा आ रहा है…..
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