RE: Antarvasna kahani चुदासी चौकडी
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गतान्क से आगे…………………………………….
उस ने एक नमकीन उठाई अपनी उंगलियों से मेरे मुँह के अंदर डाला ..मैने उसका हाथ थाम लिया , नमकीन दाँतों से काटा और साथ में उसकी लंबी पतली उंगलियाँ भी अपने मुँह के अंदर ले लिया ..और उन्हें चूसने लगा .....
बिंदु ने हाथ हटाने की नाकामयाब कोशिश की ..मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी ...
मैं उन्हें चूस्ता रहा ....
" भाई तू कितना प्यार करता है हम सब से ..? तुझे मेरी उंलगलियाँ भी इतनी प्यारी हैं..?''
मैने उसकी उंगली अपने हाथ से पकड़ा रहा पर उंगलियाँ मुँह से निकालते हुए कहा ..
:" हां री बिंदु ..बहुत ...मैं तेरे लिए कितना तड़प रहा था कल से ...मेरा वश चले तो तुझे नंगा कर के पूरे का पूरा खा जाऊं बिंदु ..सही में ...."
" चल गंदे..ऐसा भी कोई करता है... मेरा हाथ छोड़ो..चाइ तो पूरी पी लो भाई ."
" बिंदु प्यार में कुछ भी गंदा नहीं होता ..सब अच्छा लगता है रे ..." मैं फिर चाइ की चुस्की ली और उसकी उंगलियाँ चूसने लगा .....
" तू मान ने वाला नहीं ठीक है बाबा तू चाइ और मेरी उंगलियों का ही नाश्ता कर ..." हारते हुए उस ने अपना वो हाथ मेरे हवाले छोड़ दिया और खुद चाइ और नमकीन खाती रही ...
मैं नमकीन भी खाता..चाइ की चूस्कियाँ भी लेता उसकी उंगलियाँ भी चूस्ता रहा ....
बिंदु भी काफ़ी गर्म हो गयी थी ..उसकी आँखों में एक हल्का सा शुरूर सा छा गया था ...
वो भी अब मस्ती के अलाम में थी..
चाइ पीने के बाद मैने सोचा के वो थाली रखने कोने की ओर जाएगी ..पर अब उसे मेरे साथ की इतनी प्यास थी..उस ने थाली नीचे फर्श पर रखते हुए उसे खाट के अंदर ही सरका दिया ..और एक नशीली मुस्कुराहाट अपने चेहरे पर लाते हुए मेरी ओर देखती रही ....मानो मेरे अगले कदम का उसे इंतेज़ार हो...
मैं भी उसे देखता रहा..एक टक..उस ने नज़रें झुका लीं ..मैं उसके इस अदा पर मर मिटा..
उसकी खाट से नीचे लटकती टाँगों को उठाते हुए अपनी गोद पर ले आया ...इस तरह कि उसकी चूतड़ मेरी गोद में थी और टाँगें खाट पर ..उसकी पीठ को जकड़ता हुआ अपनी तरफ खिचा ..अपने सीने से लगाया और बूरी तरह उस से चिपक गया ..उसके होंठ चूमने लगा..उसकी गर्दन चूमने लगा ..उसकी छाती चूमने लगा ..बिंदु ने अपनी बाहें मेरी गर्दन के गिर्द लपेट ली और मेरे से और भी चिपक गयी ....
सिसकारियाँ निकल रही थी ...उसके मुँह से ....मैने अब उसके होंठों को जोरों से चूसना शुरू कर दिया और अपनी जीभ भी उसके होंठों के बीच लगाया ...उसके होंठ चाटने लगा ....उस ने अपना मुँह खोल दिया मैं टूट पड़ा उसके मुँह के अंदर ....जीभ पूरा अंदर कर दिया और अंदर उसके मुँह का रस, लार सब कुछ जीभ से चाट ता जाता ...उसके तालू पर जीभ फिराता ..उसके गालों के अंदर चाट ता ....उफफफफफ्फ़ ..एक अजीब ही स्वाद था बिंदु का ...
वो आँखें बंद किए मेरे गले में बाहें डाले मस्ती में थी ..सिसक रही थी...
मैने अपने हाथ उसकी पीठ पर ले जाते हुए उसकी ब्लाउस के हुक खोले ...उसके बाहों से अलग करते हुए उतार दिया .....उफफफफ्फ़ उस ने ब्रा भी नहीं पहना था ...उसकी भारी भारी चुचियाँ उछलते हुए मेरे सीने से लगीं .....अयाया ..कितना मुलायम , और भरा भरा था ..मैं उसके मुँह के अंदर जीभ फिरना चालू रखा ..अपने हाथ उसकी चूचियों पर रखा और मसल्ने लगा..उसकी घूंदियों पर अपनी उंगलियाँ चलाता रहा ..घुमाता रहा ....
बिंदु मेरी गोद में तड़प रही थी ...इसी तड़प में उस ने मेरी जीभ अपने होंठों से पकड़ लिया और जोरों से चूसने लगी ..मानो अपनी तड़प मेरी जीभ से चूस चूस मिटाना चाह रही हो..उसके हाथ मेरे गले में और , और टाइट होते जा रहे थे ...वो मुझ में समा जाना चाह रही थी ...
मैं मुँह को उसके मुँह से हटाया ..उसका उसकी पीठ अपने हाथों से थामा और मुँह उसकी चूची पर लगा जोरों से चूसने लगा
"आअहह ......उफ़फ्फ़ हाइईईईई ...ऊवू भाई ...आआआआः क्या कर रहे हो....." बोले जा रही थी , उसका चेहरा पीछे की ओर लटक गया था ..आँखें बंद थीं ....सर हिलाए जा रही थी और मैं उसकी एक चूची चूस रहा था दूसरी मसल रहा था ....
उसके पैर भी कांप रहे थे मेरी गोद में ...उसकी चूतड़ भी उछल रही थी ...जितना चूस्ता उतना ही काँपती और चूतड़ उछालती ...
" भाई ..मैं मर जाऊंगी ..ऊवू भाई ये क्या है ....आआअह्ह "
मेरा लौडा भी उसके चुतडो के बीच फनफना रहा था ..
मैने उसकी कमर से सारी ढीली कर दी ....पेटिकोट का नडा खोल दिया ...वो भी समझ गयी और अपने चूतड़ उपर कर दी....
मैने एक झटके में ही उसकी पेटिकोट और सारी टाँगों से बाहर कर दी ..वो मेरी गोद में बिल्कुल नंगी थी .....
मैने सब कुछ छोड़ उसके नंगे बदन निहार रहा था ...हम दोनो बस हाँफ रहे थे ..एक दूसरे को देखे जा रहे थे ....
मैं उसे फिर से अपनी बाहों में लिया और खाट पे लिटा दिया और खुद भी अपने कपड़े उतार उसके उपर आ गया..
आआआह दो नंगे बदन आपस में चिपके ..दोनो एक दूसरे में समाए को बेताब ..दोनो एक दूसरे की गर्मी और शरीर की नर्मी महसूस कर रहे थे ...
मैने फिर से उसे चूमना शुरू कर दिया ..उसकी चुचियाँ मेरे सीने से चिपकी थीं ..मेरी जाँघ उसकी जाँघो पर थी ..मेरा लौडा उसकी अब तक बूरी तरह गीली चूत दबाए जा रहा था और मेरे होंठ उसके होंठ चूस रहे थे ....अब वो भी मुझ में समा जाने की जोश में अपने हाथों से मेरी पीठ को जाकड़ लिया था और अपनी तरफ दबाए जा रही थी और मेरे होंठ चूसे जा रहे थी ..चूसे जा रही थी ..
" उफफफ्फ़ भाई.....भाई ..क्या हो रहा है..मेरे अंदर ...लगता है सब कुछ बाहर निकल जाएगा ...ऊवू भाई ..कुछ करो ना ....आआआः.." बिंदु कुछ भी बोले जा रही थी ....
अब मेरा भी धीरज छूट रहा था ..
मैं उसकी जांघों के बीच आ गया ..उसकी टाँगें फैला दीं ''उफ़फ्फ़ क्या टाइट फुद्दि थी बिंदु की ...थोड़ी और चौड़ी सिंधु से और ज़्यादा फूली फूली ....
रस से सराबोर ....मैने अपनी उंगलियों से उसकी फुद्दि की फाँक अलग की ....वोई गुलाबीपन ..वोई चमकीला गुलाबी .....मैं देखता रहा ..
बिंदु आँखें बंद किए लंबी लंबी सांस ले रही थी
मैने उसे और भी गीली करना चाहता था ''जिस से उस कुँवारी चूत में मेरा मोटा लंड बिना ज़्यादे मुश्किल के चला जाए ..
मैं उसकी फैली टाँगों के बीच झूक गया ..उसकी फुद्दि उंगलियों से अलग की और अपनी जीभ वहाँ लगा दी ...और एक बार उपर नीचे किया ..
बिंदु एक दम से उछल पड़ी ...उसकी टाँगें थरथरा गयी " ऊऊऊउउउउह भाई ....अया क्या किया तू ने .....सहा नहीं जाता भाई ......." उसकी चूत से पानी रीस्ता जा रहा था ..मैं थोड़ी देर तक अपनी जीभ फुद्दि पर चलाता रहा ..वो तड़प उठ ती हर बार .... उसकी फुददी के अंदर कपकपि होने लगी ..चूतड़ उछलने लगे ......
" भाई ..भाई कुछ करो ना ...करो ना ..अब सहा नहीं जाता ..मैं मर जाऊंगी भाई ...मर जाऊंगी ....हाई रे ..आह ये क्या है....भाई रहेम करो मेरे पर ..कुछ करो ना ....." बिंदु तड़प रही थी ...
मैं भी तड़प रहा था ...
" बिंदु ,,,देख थोड़ा दर्द होगा ..तू संभाल लेना ..." मैने कहा
" हां भाई मैं जानती हूँ ..तू फिकर मत कर भाई ...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तू डाल दे अब ..डाल ना रे ...डाल दे ना देर मत कर .."
मैं घुटनों के बल बैठ गया , अपना तन्नाया लौडा हाथ से थामते हुए उसकी संकरी फुद्दि के मुँह में लगाया और हल्के से दबाया...बिंदु की चूत इतनी गीली थी और मेरी जीभ चलाने से शायद उसके मसल्स ढीले हो गये थे ..फतच से सुपाडा अंदर चला गया ....
बिंदु सिहर गयी ... मैं रुक गया ...
" मत रूको भाई ..पूरा डाल दो कुछ नहीं होगा ....बस डाल दो "
उस ने मेरी चूतड़ अपने हाथों से थाम लिया और अपनी ओर दबाया ..उसी के साथ मैने भी धक्का लगाया ...साला लंड फथचफाचता हुआ अंदर चला गया ..आधे से भी ज़्यादा ..
पर बिंदु की दबी सी चीख निकल गयी और आँखों से आँसू टपकने लगे ..
मैं रुक गया ..उसे अपने से और भी चिपका लिया और उसके होंठ चूसने लगा..उसकी चुचियाँ हल्के हल्के मसल्ने लगा ..
वो शांत हो गयी ...अब मैने अपना लौडा बाहर निकाला सिर्फ़ सुपाडे तक ..और फिर जोरों से धक्का दिया ..बिंदु ने भी मेरे चूतड़ दबाए ..पूरा लंड अंदर था ...
बिंदु कांप रही थी ..उसकी फुद्दि भी कांप रही थी ..उस ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख दबाई थी ...मैं लौडा अंदर लिए लिए ही पड़ा रहा थोड़ी देर ..
मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने बड़ी जोरों से अपनी मुट्ठी से मेरे लौडे को जाकड़ रखा हो ...
मैं बिंदु को चूमे जा रहा था ..चूसे जा रहा था , उसे अपने सीने से चिपकाए रखा ..
अब फिर थोड़ी देर बाद धीरे धीरे अंदर बाहर , अंदर बाहर का खेल चालू हो गया ...बिंदु पसीने से लत्पथ थी ...
अब उसे अंदर लेने में कोई परेशानी नहीं थी ...." हां भाई अब डालते जाओ ..रूको मत ..हां भाई अब दर्द नही है भाई ..तू कितना अच्छा है ..मेरा सोना भाई..मेरा राजा भाई ,,हां रे मैं निहाल हो गयी ...हां अब करते जाओ ..करते जाओ ...एयाया हाआँ रे मत रुक .."
उसकी ऐसी बातें सुन सुन मैं मस्त होता जा रहा था और मेरे धक्के भी ज़ोर पकड़ते जा रहे थे....
मेरा भी बुरा हाल था ...टाइट चूत में लंड भी काफ़ी अकड़ जाता है ....काफ़ी घिसाई के मारे सारा मज़ा वहाँ लंड के अंदर जमा होता जाता है ....बाहर निकलने को बेताब ..
बिंदु हाई हाई कर रही थी ..कांप रही थी .उसकी चूत बहुत गीली थी
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