RE: Antarvasna kahani चुदासी चौकडी
सिंधु ने मेरी ओर अपना चेहरा झुकाया , मेरी गोद में आ गयी और मुझ से लिपट गयी ....मेरा चेहरा अपने हाथों में लिया उसे उठाया और मेरे दोनो गालों को बारी बारी से चूमते हुए कहा ..
" भाई ..आज पहली बार इतने इतमीनान से तुझे देख रही हूँ... तुम कितने अच्छे हो भाई ..कितने प्यारे हो ...देखने दो ना अच्छे से .... " और फिर अपनी आँखें मेरी आँखों में डाल दी
मेरा लंड फिर से कड़क था और उसकी जांघों के बीच सलामी दे रहा था .....
मैने भी उसके चेहरे को अपने हाथ से थामा , उसके गाल चूमे , जोरों से ,
और कहा " सिर्फ़ देखती रहेगी ..? कुछ करेगी नहीं ..???"
अब तक मेरा लौडा काफ़ी कड़क हो चूका था और उसकी चूत को उसके सलवार के उपर से ही चूम रहा था ....सिंधु इस नये और बिल्कुल नायाब तज़ुर्बे से एक अजीब ही नशे में आ गयी थी ..
उस ने मेरे गले में बाहें डालते हुए मेरे से और भी चिपक गयी ..मेरे कंधों पे अपना सर रख दिया ... फूसफूसाती हुई भर्राइ आवाज़ में कहा:
" भाई ..मैं क्या करूँ ..? तू ही कर ना ....."
मैं उसकी ऐसी भोली बातों से पागल हो उठा ..उसके कंधों को थामता हुआ उसके चेहरे को अपने चेहरे के सामने कर लिया ..उसकी आँखों में देखा ..उसकी आँखें बंद थी ..मानो उसे हमारे कुछ करने का बड़ी बेसब्री से इंतेज़ार हो ..
मैने उसका चेहरा अपने और करीब खिचा ....दोनो की सांस अब टकरा रही थी ....उसके होंठ कांप रहे थे..मुझ से रहा नहीं गया ..मैने उसके सीने को अपने सीने से बूरी तरह चिपका लिया उसकी चुचियाँ मेरे सीने में दबी थी ..उसके काँपते होंठों पर मैने अपने होंठ रख दिए ....और चूसना चालू कर दिया ...उफफफफफफफफफफ्फ़ ..मेरा भी ये पहला तज़ुर्बा था ..कितना मुलायम था उसका होंठ ....कितना गर्म था ... अया
सिंधु मुझ से और भी लिपट गयी ..और उसने भी मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए ....हम पागल हो गये थे .....किसी ने कुछ बताया नहीं था ..पहले कभी कुछ किया ना था ..पर सब कुछ अपने आप हो रहा था ..हम बेतहाशा एक दूसरे को चूमे जा रहे थे .मुँह अपने आप खुल गया था दोनो का ..दोनो के मुँह एक दूसरे को खा जाने को ..एक दूसरे के मुँह में अंदर जाने को तड़प रहे थे...उफफफ्फ़ क्या पागलपन था ... उसका थूक मेरे मुँह में जा रहा था मेरा थूक उसके मुँह में ....
उसके खुले मुँह से मुझे उसकी जीभ दिखी..पतली सी जीभ ..गुलाबी जीभ ..मैने अपने होंठों से उसकी जीभ पकड़ ली ..उफफफ्फ़ कितना गर्म था ...कितना गीला ..मैं उसकी जीभ चूसने लगा ..सिंधु तड़प उठी ....उसकी चूत का गीलापन मेरे लंड पर महसूस हो रहा था ...
हम दोनो हाँफ रहे थे .....लंबी लंबी साँसें ले रहे थे ..कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करें ...मैने फिर से उसे अपने सीने से लगाया ..उसकी चुचियाँ धँसी थी मेरे सीने से ..मुलायम पर कड़क भी ..कसी कसी ..बिना ब्रा के .....मैने उसके कुर्ते के बटन खोले और दोनो हाथों से खिचता हुआ उसकी कमर तक उतार दिया ....
और मैने भी साथ ही साथ अपना टॉप भी उतार दिया ....सिंधु मेरी गोद में ही दोनो टाँगें मेरे कमर से जकड़े खाट पर कर दिया था ..मेरी टाँगें खाट से नीचे लटक रही थी ...
मेरा नंगा सीना , उसकी नंगी चूचियों से बिल्कुल चिपका था ...हम एक दूसरे को जितना हो सकता था..जितना मुमकिन था ..एक दूसरे से चिपकाए थे ..एक दूसरे में अंदर तक घूस जाने को बेचैन थे ......
मैने अपनी हथेलिया दोनो के सीने के बीच घूसेड़ते हुए उसकी मस्त चुचियाँ सहलाने लगा ....उसकी घूंडिया उंगलियों से दबा रहा था ....
"आआआअह भाई ..धीरे दबाओ ना ...दर्द करता है...." उसने मेरे हथेलियों को अपने हाथ से पकड़ते हुए कहा ...मैने दबाना थोड़ा हल्का कर दिया और उस ने अपने हाथों को मेरे सर से लगते हुए अपने चेहरे से लगाया और फिर से मेरे होंठ चूमने और चूसने लगी ....
हम दोनो चिपकी थी ...एक दूसरे को चूम रहे थे ..चूस रहे थे चाट रहे थे ..एक दम पागल थे ...
मेरा लंड पॅंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प रहा था ..उसकी चूत से लगातार पानी रीस रहा था ...वो मेरे लंड पर अपनी चूत घीस रही थी .....और इस कोशिश में थी उसे अपनी फुद्दि में समा ले ......
यह प्यार भी क्या चीज़ है किसी को सीखना नहीं पड़ता ..बस अपने आप होता जाता है ....
मैं तड़प रहा था अंदर डालने को वो बेताब दी अंदर लेने को..... और इस कोशिश में एक दूसरे को चूस रहे थे ..चाट रहे थे और लिपटे जा रहे थे ...
मैने धीरे से उसकी कान में कहा
" सिंधु तेरा सलवार उतार दूं .??."
उस ने बेहोशी सी आवाज़ में कहा
" भाई मत पूछो....कुछ भी कर दो....कुछ भी कर लो भाई ....आआआआआः ...."
और उस ने अपनी चूतड़ उपर कर ली ..मैने उसका नाडा खोला और सलवार नीचे सरका दिया ..वो मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे उपर लटक गयी उसके पैर हवा में थे , मैं उसे अपने दोनो हाथों से उसकी कमर को लपेटे उठाए रखा , और उस ने अपने पैर को झटका दिया ...सलवार नीचे फर्श पर गीरा....
वो पूरी नंगी मेरे सीने से चिपकी थी .अपने पैरों को मेरे कमर के चारों ओर लपेटे ..एक बच्चे के समान मेरी गोद में ....
बेतहाशा चूमे जा रही थी ..मैं उसे गोद में लिए लिए ही उठ गया और उसे नीचे बिस्तर पर बड़ी हिफ़ाज़त से लिटा दिया ...
अपना पॅंट भी एक झटके में उतार दिया ..मेरा लौडा फुंफ़कार्ता हुआ बाहर आया ....
क्रमशः…………………………………………..
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