RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कमीना पार्ट - II Incest--5
सोनू- पहले अपनी गंद के नीचे तकिया तो लगा तभी तो तेरे इस मस्त भोस्डे की मस्त ठुकाई होगी,
कविता- तकिया गंद के नीचे रखते हुए, देखो बहुत दिन हो गये है ज़रा आराम से करना, जाओ पहले तेल लगा लो अपने लंड
पर फिर अंदर डालो, मैने अपने लंड पर तेल लगा लिया और कविता की चूत मे धीरे से अपना लंड अंदर उतार दिया और धीरे
धीरे धक्के मारने लगा,
कविता- ओह सोनू कितने दिनो के बाद मेरी चूत को लंड नसीब हुआ है, आग लगे तुम्हारी ऐसी नौकरी को अब मैं तुम्हे नही जाने
दूँगी, और दिन रात तुमसे ऐसे ही चुदवाउन्गि,
सोनू- मेरी रानी फिकर मत कर अब जल्दी ही मैं तुझे यहाँ से अपने साथ ले जाउन्गा और फिर रोज तेरी चूत मारूँगा, तू नही जानती
अकेले रह रह कर लंड हिलाने के सिवा कोई चारा भी नही रहता है और तू तो मेरे लंड को जानती है इसको कितनी ही चूत मिल जाए
अगले दिन बराबर खड़ा हो कर चोदने के लिए मचलने लगता है, अब तो बस बसी बड़ी रंडियो की चूत सोच सोच कर मूठ
मारने के अलावा कोई कम नही बचा है,
कविता- ओह आ आह थोड़ा तेज तेज करो ना,
सोनू- आराम से रानी अभी तेज तेज मार दूँगा तो कहेगी रुक जाओ रुक जाओ मेरा निकलने वाला है,
कविता- अच्छा नही कहूँगी अब थोड़ा तेज तेज धक्के मारो और मेरे दूध भी दबाओ ना,
मैं कविता के मोटे मोटे दूध को दबाते हुए गहरे धक्के उसकी चूत मे मारने लगा और वह अपनी गंद उठा उठा कर
मेरे धक्को का जवाब देने लगी, ओह ओह आ आ आ सोनू प्लीज़ प्लीज़ रुक जाओ रुक जाओ,
मैं कविता की बात सुन कर और तेज उसकी चूत ठोकने लगा और उसने मेरे हाथ को अपने दूध से एक दम से हटाते हुए कहा,
सोनू रुक जाओ नही तो मैं अभी निकाल दूँगी, मैं उसकी बात सुन कर अपने लंड को रोक लिया और उसके रसीले होंठो को चूसने लगा 5
-10 सेक. बाद मैने फिर से लंड को और गहराई तक डालना शुरू कर दिया और उसकी गंद के नीचे दोनो हाथ ले जाकर उसे अपने
हाथो मैं उठा कर उसकी चूत मारने लगा,
कविता- सोनू अब मुझसे नही रहा जाता अगर मैं ज़रा भी हिली तो मेरा निकल जाएगा,
सोनू- अच्छा चल एक बार निकाल लेते है क्योकि बहुत दिनो की प्यास है ना इसलिए जल्दी ही पानी छूटने के कगार पर आ चुका और
और फिर मैने कविता की चूत मे ताबड़तोड़ धक्के मारते हुए पानी निकाल दिया और कविता मुझसे बुरी तरह चिपक कर हफने लगी,
कुछ देर पड़े रहने के बाद मैं बाथरूम से वापस आया तब तक कविता बिस्कुट और नमकीन खाने लगी, मैं उसे देख
कर मुस्कुराया, क्यो कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो हम सब ने खाना खाया था,
कविता मेरी मुस्कुराहट देख कर समझ गई मैं क्यो मुस्कुरा रहा था और अपना मूह बना कर कहने लगी, इसमे मेरी कोई
ग़लती नही है तुम मेरी ठुकाई ही इस कदर करते हो कि मुझे करने के बाद भूख लग आती है,
सोनू- हाँ तो खा ले ना मैने कब मना किया है,
कविता- मुस्कुराते हुए, एक बार मे ही मस्त कर देते हो तुम दुबारा की इच्छा ही नही रह जाती, आख़िर कहाँ से सीखा है तुमने
इतनी मस्त तरीके से चुदाई करना,
सोनू- मम्मी को देख देख कर
कविता- मुस्कुराते हुए, मैं देख रही हू अपनी मम्मी की गंद और भोसड़ा सोच सोच कर तुम कुछ ज़्यादा ही तेज तेज ठोकने
लगते हो,
पता नही अगर उनकी गंद और फूला हुआ भोसड़ा पा जाओ तो किस कदर उनकी गंद और भोसड़ा ठोकोगे,
तभी कविता ने मेरे लंड को देखा और उसे फिर से दबाते हुए कहा देखो अभी झाड़ा है और अपनी मम्मी की मोटी गंद और
चूत याद करते ही कैसा डंडे जैसा तन गया है,
सोनू- क्या करू रानी मोम की मोटी गंद और चूत को सोचते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है उपर से तू मुझसे मेरी मम्मी की
नशीली चूत और गुदाज गंद की बात करती है तो एक अलग ही मज़ा आने लगता है,
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