Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
10-12-2018, 01:18 PM,
#44
RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
अगली सुबह इनायत का फोन आया. उस वक़्त मैं ब्रेकफास्ट कर रही थी. मैने सोचा कि यहाँ अम्मा के सामने ये सब बातें करना ठीक नही होगा इसलिए मैं छत पर चली आई.
इनायत:"कैसी हो मेरी जान"
मैं:"जान तो तुम्हारी वो ताबू है, मैं तो बस तुम्हारा मकसद पूरा करने के लिए एक ज़रिया थी इनायत"
इनायत:"अच्छा, तो ये बात है, इसलिए मेडम इतने दिनो से नाराज़ सी लग रही थीं"
मैं:"इनायत ये कोई छोटी बात नही है, तुम मुझे क्या बेवकूफ़ समझते हो, तुमसे अच्छा तो तुम्हारा भाई शौकत है जो कुछ है वो सामने है, लेकिन तुमने तो मेरी पीठ मे छुरा भोंका है"
इनायत:"मैं जानता हूँ कि मेरा तुमसे ये बात छिपाना बहोत ग़लत था लेकिन क्या करूँ मेरी जान ये बात मेरे दिमाग़ से बिल्कुल ही निकल गयी थी"
मैं:"झूट एकदम झूट"
इनायत:"मैं सच कहता हूँ, तुम्हारे प्यार ने मुझे ये बिल्कुल भुला दिया था कि मैं किसी और लड़की से कभी क़ुरबत रखता था"
मैं:"तुम सब मर्द एक से हो, तुमको सिर्फ़ औरत की टाँगो के दरमियाँ वाली चीज़ से मोहब्बत होती है बस"
इनायत:"मेरी मोहब्बत को गाली ना दो"
मैं:"गाली तो तुमने दी है मेरे भरोसे और उम्मीदो को"
इनायत:"तुम घर पर आ जाओ, मिलकर बात करेंगे, फोन पर इस तरहा बात करना ठीक ना होगा"
मैं:"मेरा जी नही है घर आने को"
इनायत:"तो ठीक है जब जी चाहे आ जाओ, मैं इंतेज़ार कर रहा हूँ"
मैं:"ठीक है, चलो बाइ"

ये कहकर मैने फोन काट दिया. अभी मैं नीचे ही जा रही थी कि फिर फोन आया लेकिन इस बार शौकत का था. मैने फोन रिसीव किया.

शौकत:"हेलो आरा"
मैं:"हां बोलिए"
शौकत:"देखो बुरा मत मांन_ना, मैं अभी इनायत के साथ मे ही हूँ और मैने तुम दोनो की सारी बात सुन ली है"
मैं:"अच्छा तो मिया बीवी की बात को सबके सामने ज़ाहिर करने मे इनायत साहब की शर्म नही आई"
शौकत:"आरा अब हम लोगो में शर्म कैसी, तुम और हमसब दोस्त हैं और दोस्तो में क्या छिपता है"
मैं:"देखो शौकत मुझे अभी भी इनायत से ही मोहब्बत है और अभी भी मुझसे थोड़ी प्राइवसी चाहिए, तुम सब लोगो को हमारी प्रोवसी की रेस्पेक्ट करनी ही होगी वरना इन सब चीज़ो को मैं खुद ही ख़तम कर दूँगी"
शौकत:"देखो मैं जानता हूँ, लेकिन इनायत बिल्कुल बेक़ुसूर है, वो तो चाहता था कि ताबू कभी इस घर की बहू ही ना बने लेकिन बार बार ताबू के इसरार करने पर वो खामोश हो गया"
मैं:"बात इतनी सीधी नहीं है, बात है भरोसे की और इनायत ने मेरा भरोसा तोड़ दिया है"
शौकत:"देखो आरा बात को समझो, ये बात मुझे भी तकलीफ़ दे रही थी कि मुझे अंजान रखा गया लेकिन सच तो ये है कि ताबू एंजाय्मेंट के लिए चाहे इनायत से साथ कुछ पल बिता रही हो लेकिन अभी भी वो सिर्फ़ मुझसे ही प्यार करती है और तुम भी इनायत से ही प्यार करती हो"
मैं:"मैं फिलहाल इस टॉपिक पर कोई बात नही करना चाहती , मैं बाद मे बात करूँगी अच्छा बाइ"

ये कहकर मैं नीचे आ गयी. दो पहर को आरिफ़ का फोन आया उसने मुझसे कहा कि वो आज लंच पर घर नही आ पाएगा तो मैं उसका लंच ले कर शॉप पा आ जाउ. मैने अम्मा से कहा तो अम्मा ने वापिस आरिफ़ को फोन किया और उससे घर आने को कहा. अम्मा ने कहा कि वो खाला के यहाँ जा रही है इसलिए घर पर कोई होना चाहिए. आरिफ़ कुछ देर बाद घर पर आ चुका था. अम्मा खाला के यहाँ निकल गयी. मैं आरिफ़ के लिए खाना निकालने किचन में गयी ही थी कि आरिफ़ किचन मे आ गया और उसने पीछे से मेरे चुतडो पर अपना खड़ा हुआ लंड टिका दिया, मैने चौंक कर पीछे देखा तो वो मुस्कुरा रहा था.

मैं:"अच्छा जनाब को इतना कॉन्फिडेन्स आ गया है कि अब उनका खड़ा ही रहता है"
आरिफ़:"हां मेरी प्यारी बहना आपकी चूत ने इसको ऐसा जाम पिलाया है कि ये अब खड़ा ही रहता है"
मैं:"तो तुम आज लंच के लिए घर क्यूँ नही आ रहे थे?"
आआरिफ:"यहाँ मैं तुम्हे कैसे चोद सकता हूँ"

अब मैं आरिफ़ के लिए खाना निकाल चुकी थी और मैने उससे कहा कि वो खाना खा ले लेकिन उसने कहा कि वो एक बार मुझे चोदना चाहता है.

मैं:"उफ्फ आरिफ़ अभी नही, मुझे बहोत ज़ोर से पेसाब लगी है, खाना भी ठंडा हो जाएगा"

इतना सुनते ही आरिफ़ ने मेरी सलवार का नारा पकड़ कर खींच दिया और मेरी सलवार झट से नीचे गिर गयी. मैं हैरान थी उसकी ये हरकत देख कर, फिर उसने मुझे गोद मे उठाया और एक हाथ से मेरी सलवार उतार दी. अब मैं सिर्फ़ झम्पर मे थी. वो मुझे आँगन मे ले आया है, हॅंड पंप के पास लाकर मुझे बिठा दिया और मुझे वहीं पेशाब करने को कहा. वो अब मेरी चूत को ध्यान से देख रहा था, मैने जैसे ही मूतना शुरू किया उसने अपने चेहरा मेरी चूत के सामने रख दिया जिससे पेशाब की बूँदें उसके चेहरे से टकरा कर वापस मेरी ओर आने लगी. मुझे इस बात का बिकुल अंदाज़ा ना था लेकिन मुझे उसके चेहरे पर पेशाब करना बड़ा अच्छा लग रहा था. बीच बीच में वो अपना मूह खोल कर मेरे पेशाब के कतरे पी भी रहा था. जब मैं पेशाब कर चुकी तो वो मुझे फिर बरामदे मे पड़ी चारपाई पर बिठा दिया और मेरे लिप्स को किस करना लगा. मैं अब अपने पेशाब के कतरो का ज़ायक़ा ले रही थी.इसमे बड़ा मज़ा आ रहा था. आरिफ़ ने मेरा टॉप भी उतार दिया था. मैने ब्रा नही पहनी थी जिसकी वजह से मेरा सीना अब सामने आ गया था, वो कुछ देर तक मेरे सीने को ही चूस्ता रहा, अब मैं भी जोश में आ गयी थी.
मैं अब दीवार की तरफ मूह करके झुक गयी और आरिफ़ को पीछे से आकर मुझे चोदने का इशारा किया लेकिन आरिफ़ के कुछ और ही प्लान थे. वो सोफे पर बैठ गया और मुझसे इशारा किया कि मैं उसकी गोद मे उसकी तरफ पीठ करके बैठू ताकि वो मुझे चोद सके. मैने ऐसा ही किया अब मैं उसकी गोद मे बैठी ही थी और एक दो बार ही उपर नीचे गयी थी कि फोन की रिंग बजी जिससे आरिफ़ घबरा सा गया मैने उसको फोन उठाने को कहा. वो फोन लेकर आया ये इनायत का फोन था. मैने आँखो से आरिफ़ को इशारा किया कि वो सोफे पर बैठ जाए. वो बैठ गया और मैं फिर से उसके लंड पर बैठ गयी. वो हिल नही रहा था तो मैने फिर उसको इशारा किया कि वो मुझे चोदना शुरू करे. वो कन्फ्यूज़ लग रहा था लेकिन उसने मुझे नीचे से चोदना शुरू कर दिया. जैसे ही मैने फोन रिसीव किया तो आरिफ़ एक बार फिर रुक गया, इस बार मैं बोल ही पड़ी.

मैं:"आरिफ़ तुम रुक क्यूँ गये, करते रहो" ये कहकर मैने फोन को स्पीकर पर डाल दिया
इनायत:"हेलो ठीक हो, क्या कर रही हो"
मैं:"कुछ नही, आरिफ़ के साथ काम कर रही थी और कुछ नही, अच्छा सुनो तुम्हे मालूम है ना वो ताबू की छोटी बहेन शबनम"
इनायत:"हां क्यूँ"
मैं:"वो उम्म्म्म मैं चा ,,आहह रही,.... थी कि उसकी शादी उफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरे भा भा भाई से हो जाए"
इनायत:"तो ठीक हैं मैं कह दूँगा ताबू से कि तुम्हारे घर वाले आरिफ़ का रिश्ता ले कर आना चाहते हैं उसके घर"
मैं:"उम्म्म्मम हां अयाया...."
इनायत:"बड़ी हाँफ रही हो सच बताओ क्या हो रहा है वहाँ पर"
मैं:"आरिफ़ के लंड पर बैठी हूँ, इसलिए ऐसी आवाज़ आ रही है"

मैने जैसे ही ऐसा कहा तो आरिफ़ की गांद फॅट गयी और इनायत ज़ोर से बोल पड़ा.

इनायत:"क्या, क्या कह रही हो तुम"
मैं:"हां मेरी जान हाहहहा, तुम्हारे साथ मैने कितनी बार आरिफ़ को सोचकर चुदवाया था, तो मैने सोचा क्यूँ ना सच मे चुदवा लूँ, वो शादी करना नही चाहता था, उसको लगता था कि वो नामार्द है लेकिन मैने उसको थोड़ी ट्रैनिंग देने के लिए उससे चुदवा लिया, समझे"
इनायत:"क्या तुम सच कर रही हो,?"
मैं:"यकीन नही आता तो तुम्हारे सामने उसका लंड अपनी चूत मे ले लूँगी"
इनायत:"मुझे अब भी यकीन नही है"

मैं कुछ और कहना चाहती थी कि आरिफ़ ने फोन मुझसे छीन कर कट कर दिया और मुझपर उबल पड़ा.

आरिफ़:"क्या तुम्हारा दिमाग़ खराब है"
मैं:"आरिफ़ , इनायत और मैं इस बारे मे कई बार डिसकस कर चुके हैं, मैने उससे कई बार कहा है कि मैं अपने भाई से सेक्स करना चाहती हूँ और उसको इस बात से कोई एतराज़ नही है"
आरिफ़:"क्या, ऐसा कैसे हो सकता है"
मैं:"इनायत मुझसे प्यार करता है, सिर्फ़ मेरे जिस्म से नही, उसने मुझे पूरी आज़ादी दे रखी है "
आरिफ़:"मुझे यकीन नही होता"
मैं:"अच्छा जो काम बीच मे छोड़ा है उसको पूरा करो , अम्मा आती ही होंगी"

उस दोपहर को मैं झाड़ ही पाई थी कि डोर बेल बज गयी. मैने झट से कपड़े पहने और आरिफ़ को दरवाज़ा खोलने को कहा.
Reply


Messages In This Thread
RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है - by sexstories - 10-12-2018, 01:18 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,525,058 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,057 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,093 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,058 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,667,881 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,125 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,971,415 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,123,135 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,057,481 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,200 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)