RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
अब कुछ ही दिन बचे थे जाने को. मेरा मूड अब कहीं घूमने को जाने को नही करता था. सुबह हम नाश्ते के लिए होटेल के केफे मे जाते थे लेकिन आज मैने ब्रेकफास्ट रूम मे ही मंगवा लिया.
ब्रेकफ़ास्ट खाने जा ही रही थी डोर पर नॉक हुई,इनायत ने डोर खोला और मैने शौकत और ताबू को अंदर आते देखा, फॉरमॅलिटीस के लिए मैने उन्हे ब्रेकफ़ास्ट मे जाय्न होने को कहा. नाश्ता ख़तम करने के बाद मैने टीवी ऑन कर ली और उनसे नज़रे चुराने के लिए मैने टीवी पर ध्यान देना शुरू कर दिया. ताबू ने मेरे हाथ से रिमोट छीन लिया और मेरी तरफ देख कर कहा
ताबू:"मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है"
मैं:"क्या"
ये कहते ही ताबू ने जो टीशर्ट और लेगिंग पहने थे वो एक झटके मे उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गयी,मेरा मूह खुला का खुला रह गया, मैने इनायत की तरफ देखा वो भी मेरी तरहा अपनी आँखो पर यकीन नही कर पा रहा था. और ये जैसे कुछ नही था कि ताबू ज़ोर ज़ोर से खिल खिला कर हंस रही थी. इनायत जैसे किसी नशे मे था.ताबू काफ़ी आगे और कभी पीछे होकर हंस हंस कर सब दिखा रही थी. मैने नोटीस किया कि इनायत बुत बना सॉफ देखा जा सकता था.
शौकत:"कल रात मेरी ताबू से बात हुई और वो आख़िर मान ही गयी कि अब हम लोगो को एक दूसरे से कुछ नही छिपाना चाहिए"
ताबू:"इनायत होश मे आओ, तुम तो लग रहा है कोमा मे चले गये हो"
इनायत सच मच मे कोमा मे ही लग रहा था, उसके हाथ काँप रहे थे मैने उसको झटका दिया तो वो सकपका कर बोला
इनायत:"ये तो मैने कभो सोचा ही नही था"
ताबू:"अच्छा, अब मुझे तो घूर कर नंगा देख लिया, तुम भी तो अपनी गन दिखाओ, बड़ी तारीफ सुनी है आरा के मूह से तुम्हारी गन की"
ताबू इनायत के पास आकर उसकी पॅंट खोल रही थी और शौकत मेरे पास आकर मुझसे बोला
शौकत:"मेडम आप भी कुछ दिखाएँगी या अभी भी नाराज़ ही रहेंगी"
मैने ताबू की हरकत को बिल्कुल भी आंटिसिपेट नही किया था और मैं भी लगभग सिड्यूस ही हो गयी थी, मैने भी बिजली सी तेज़ी दिखाई और झटपट नंगी हो गयी. अब इनायत और ताबू एक दूसरे से लिपट चुके थे और मैं और शौकत भी एक दूसरे के होन्ट चूस रहे थे.
ताबू:"वो देखो दो पुराने प्रेमी कैसे मिल रहे हैं, है आज मेरी चूत मे आख़िर कार इनायत का लंड जाएगा, इनायत आज अपनी भाभी की जम कर चुदाई करो, वैसे भी तुमको भाभी चोदने का ख़ास एक्सपीरियेन्स है, हाहहाहा"
ताबू आज एक दम पागल सी लग रही थी, यकीन करना मुश्किल था कि क्या ये वही तबस्सुम है वो भोली सी खामोश रहने वाली लड़की थी.
इनायत:"हां क्यूँ नही भाभी जी आपका ही हथियार है जब चाहे इस्तेमाल करो"
ताबू:"हां सही कहा, चलो ज़रा बैठ जाओ मैं तुम्हारा हथियार चख लूँ"
मैं:"एक मिनिट ताबू, इनायत तुम बेड पर बेड हेड के सहारे बैठ जाओ, मैं भी वो चूत चखना चाहती हूँ जिसमे मेरे शौहर का हथियार जाएगा"
शौकत:"और मैं, मैं क्या करू"
मैं:"तुम मेरी चाटो यार, चख लो पुरानी वाइन, कहीं टेस्ट तो बदला नही है"
और इस तरहा ताबू इनायत को ब्लो जॉब दे रही थी और मैं ताबू के नीचे उसकी चूत चाट रही थी. मेरी चूत शौकत चाट रहा था.
मैं:"वाह ताबू क्या टेस्ट है यार, तुम्हारी चूत ने ही शौकत का मूड बदला है"
इनायत:"मुझे यकीन नही हो रहा कि इतनी खूबसूरत ताबू मुझे ब्लो जॉब दे रही है"
ताबू:"ब्लो जॉब ही क्यूँ आगे आगे देखो क्या क्या देती हूँ"
इनायत ताबू के बालो मे प्यार से उंगलियो से कंघी कर रहा था और शौकत मेरे चुतडो मे उंगली भी डाल रहा था. इसी तरहा थोड़ी देर तक चूत चाटने के बाद मैं झाड़ सी गयी और मेरे बाद ताबू और इनायत भी झाड़ गये, शौकत मे मुझे लगे से लगा लिया था और ताबू को इनायत ने.
शौकत:"जानती हो मेरी जान, मेरे लंड ने तुम्हारे लिए कितने आँसू बहाए है, अब मैं तुम्हे कहीं नही जाने दूँगा अब तुम मेरे पास भी आया करो"
मैं:"हां मेरी जान, मैं जानती हूँ लेकिन अब तुम चाहे तो मेरा जिस्म इस्तेमाल करो लेकिन मेरी रूह तो इनायत की ही है"
ताबू:"ऑफ ओह क्या बोरिंग सी बात कर रहे हो, चल आज हम औरतें इन मर्दो के टॉप पर हो जाती है"
|