RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
इनायत जब उस रात बेड मे आया तो हमारे बीच डिन्नर के वक़्त की चर्चा फिर निकल आई
इनायत:"आज तुम कुछ ज़्यादा ही लेबर्टीस ले रही थी, कुछ ज़्यादा ही बोल्ड थी तुम"
मैं:"क्यूँ, किसी ने भी माइंड नही किया, तुमको बुरा लगा क्या"
इनायत:"नहीं लेकिन शौकत को बुरा लगा होगा"
मैं:"जानते हो मर्द की फ़ितरत होती है कि उसको अपनी थाली मे घी कम नज़र आता है और ये बात औरतो के बारे मे उनकी सोच को एक दम सही नज़र से दिखाती है ये कहावत"
इनायत:"तुम क्या कहना चाहती हो"
मैं:"यही की शौकत मेरी तरफ अट्रॅक्टेड है और तुम ताबू की तरफ"
इनायत:"सॉरी बाबा, मैं अपने आप को अबसे कंट्रोल में रखूँगा"
मैं:"नही मुझे बुरा नही लगेगा जब तक हम हर चीज़ एक दूसरे की मर्ज़ी से करेंगे, ताबू काफ़ी खूबसूरत है, अगर तुम्हारे उसकी तरफ घूर्ना उसको और उसके हज़्बेंड को बुरा नही लगता तो मुझे क्यूँ बुरा लगेगा"
इनायत:"सो नाइस ऑफ यू आरा"
मैं:"लेकिन अगर ये बात उल्टी होती तो शायद तुम सो नाइस ऑफ यू आरा नही कहते"
इनायत:"देखो मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा कि शौकत तुम्हारी तरफ अट्रॅक्टेड है, तुम उसका पहला प्यार हो और मुझे तो अच्छा लगता है कि मेरी बीबी अभी भी लोगो की अट्रॅक्ट करने मे एफेक्टिव है"
मैं:"अच्छा, एक बात कहूँ"
इनायत::"ह्म्म्मो"
मैं:"शायद ताबू भी तुम्हारी तरफ अट्रॅक्टेड है"
इनायत:"तो"
मैं:"तो, तो कुछ नही, ऐसे ही कह दिया"
इनायत:"अच्छा."
मैं:"क्या सोचते हो, मैने देखा कि शाम को जब तुम उसकी आवाज़ फोन पर सुन रहे थे तो तुम कुछ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड थे, कहीं मेरी चूत मे लंड डाल के ताबू की चूत मे तो नही खोए थे"
इनायत:"क्या बोल रही हो तुम"
मैं:"हां, क्यूंकी शौकत भी मेरी ही चूत के बारे मे सोच रहा होगा हहाहाहा"
इनायत:"ऐसा तुम सोचती हो"
मैं:"अर्रे बाबा, इट्स ओ.के यार, डॉन'ट वरी.हम सब शायद एक दूसरे के पार्ट्नर की बाहों मे आने के बारे मे सोच रहे थे"
इनायत:"तुम भी"
मैं:"हां फ्रॅंक्ली कहु तो इस इमॅजिनेशन ने मुझे बहुत एग्ज़ाइट किया था, मुझे लगता है कि मुझे शौकत और ताबू से इस बारे मे बात करनी चाहिए"
इनायत:"क्या बात करनी चाहिए, क्या करने वाली हो"
मैं:"यही कि हमारी फॅंटसीस क्या हैं"
इनायत:"और ताबू को ये सब बुरा नही लगेगा"
मैं:"ये तुम मुझ पर छोड़ दो"
इनायत:"इससे क्या होगा"
मैं:"इससे ये होगा कि हम खुल कर फोन बार बात किया करेंगे, सेक्स के टाइम पर, और सोचो इससे हम सब कितने नज़दीक आ जायेंगे"
इनायत:"यार हम को किसी पर ये थोपना नही चाहिए"
मैं:"अर्रे यार, हम सब अडल्ट्स हैं और वो भी पढ़े लिखे, इसमे कोई रिस्क नही इन्वॉल्व्ड है, तुम टेन्षन मत लो, ये प्लान बॅक फाइयर नही करने वाला, तुम मुझ पर भरोसा रखो"
इनायत:"ठीक है, जैसे तुम ठीक समझो"
ये कहकर मैने शौकत को बुलाया उसके रूम से बाहर और उससे कह दिया कि मैं ताबू को इसके बारे मे ना बताऊ. मैने उससे कहा कि होटेल के बाहर एक टॅक्सी खड़ी है और मैं उसमे आकर बैठ जाउ.
मैं पहले से ही टॅक्सी मे पिछली सीट पर बैठी थी. मैने टॅक्सी का नंबर और ड्राइवर का चेहरा अपने फोन मे क्लिक कर लिया था, ये इसलिए कि मैं शौकत से मिया बीवी की तरहा मिलना चाह रही थी.
शौकत कुछ देर बाद टॅक्सी मे आकर ड्राइवर के साथ बैठ गया.जैसे ही वो बैठा मैने उससे बीवी वाले अंदाज़ मे बात करनी शुरू कर दी वो उसको टेक्स्ट कर दिया कि वो भी मिया की तरहा मुझसे बात करे
शौकत ने जब वो टेक्स्ट पढ़ा तो वो थोड़ा शॉक्ड था.
मैं:"कहाँ रह गये थे आप, हमेशा लेट कर देते हैं, आपको एक घंटा पहले कहा था आने को, लेकिन बीवी की हर बात आप भूल जाते हो"
शौकत:"थोड़ा टाइम लग गया जान, सॉरी बाबा"
मैने ड्राइवर को उसी पार्क में आने को कह दिया जिसमे हम लास्ट टाइम बैठे थे. थोड़ी ही देर में हम पार्क मे जा पहुचे और एक ऐसी जगह बैठे जहाँ कोई भी ना था. शौकत ने मुझ पर सवालो की बारिश कर दी,
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