RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---23
गतान्क से आगे………………………….
मैंने खूब हचक कचक कर बिना दया के उसकी गान्ड मारी साली चुदैल युवती दर्द के बावजूद मेरा गान्ड मराना सहती रही और उसे मज़ा भी बहुत आया गान्ड मारते मारते मैंने रश्मि के खाली हुए मम्मे भी खूब जोरों से मसले उधर ललिता और मौसी इस क्रीडा को देखते हुए सिक्सटी नाइन करने में जुट गयीं आख़िर जब मैं झडा तो चार घंटे की वासना शांत हुई
चुदाई खतम हो गयी थी ललिता और रश्मि कपड़े पहनने लगीं कल आने का वादा करके दोनों घर चली गयीं अब रोज यह मस्ती होने लगी मेरी हालत देखकर मौसी ने मेरे झडने पर राशन लगा दिया क्योंकि बाद में मौसी और मौसाजी के साथ भी तो मुझे चुदाई करना पड़ती थी
अब रोज रश्मि मुझे बच्चे जैसे दूध पिलाने लगी साथ ही हर तरह की चुदाई हमा चारों मिलकर दोपहर भर करते साली ललिता कितनी बदमाश थी और उसके दिमाग़ में कैसी कैसी सेक्स की बातें चलती थीं, यह मुझे एक दिन तब पता चला जब मौसी और रश्मि आपस में सिक्सटी नाइन कर रही थीं और मैं ललिता को चोद रहा था अचानक वह मेरे कान में फुसफुसाई "बेटा, मुझे मालुम है कि तू मौसी का मूत पीता है, मेरा भी पीकर देख ना कभी एकदम खारा मसालेदार जायकेदार पिलाऊन्गि तुझे"
मेरी आँखों में भर आई वासना से खुश होकर वह आगे बोली "मेरे घर आ ना कभी, तुझे चुनमूनियाँ का शरबत तो पिलाऊंगी ही, अपनी और रश्मि की गान्ड का हलुआ भी चखाऊंगी, एकदम गरमागरमा, खूब सारा, मज़े लेकर पेट भर खाना!"
मैं समझ गया कि वह क्या कहा रही है मुझे डर और घिन भी लगी और एक अजीब वासना भी मेरे मन में जागृत हो गयी साली ने सिर्फ़ बात कर के नहीं छोडी, धीरे धीरे मौसी को उकसाने लगी कि कभी अगर वह और मौसाजी बाहर जाएँ तो मुझे उनके पास छोड़कर जाएँ, वह और रश्मि मेरा पूरा खयाल रखेंगे रश्मि को भी मालूम था कि उसकी अम्मा क्या गुल खिला रही है वह रांड़ भी मेरी ओर देखकर मुस्कराती और अपनी आँखों से यह कहती कि बच्चे, हमारे चंगुल में अकेले फन्सो तो कभी, देखो तुम्हारे साथ क्या क्या करते हैं
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