RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
रश्मि को बाँहों में भरकर मौसी उस की चुनमूनियाँ पर टूट पडी उसकी मोटी मोटी जांघें अलग कर के वह रश्मि की चुनमूनियाँ पर मुँह लगाकर उसमें से निकल रहे रस पर ताव मारने लगी रश्मि को भी मज़ा आ रहा था और गर्व का अनुभव हो रहा था कि उसकी माँ की मालकिन अपनी नौकरानी की बेटी की चुनमूनियाँ इतने चाव से चूस रही है
मैं करीब करीब रोने को आ गया था मौसी से प्रार्थना करने लगा कि मुझे कोई झडाये मौसी पेट भर कर रश्मि का रस पी चुकी थी, उठ कर रश्मि की जांघों के बीच बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में लेकर कहने लगी "अब बता कौन यह लौडा लेगा? खूब चुदा लिया तुम दोनों ने, अब इस मस्त खड़े लंड से कोई गान्ड मरावाओ, गान्ड में यह मोटा लंड बहुत मज़ा देगा"
ललिता की तरफ जब उसने देखा तो वह मुकर गयी मेरे लंड से गान्ड मराते हुए उसे वैसे ही दुखता था इस हालत में तो वह कतई तैयार नहीं होती मैंने मन ही मन सोचा कि ललिता अगर मेरे लंड से गान्ड मराने में इतना घबराती है तो अगर मौसाजी का सोंटा देखेगी तो क्या करेगी शायद डर से मर ही जाएगी!
रश्मि गान्ड मरवाने को तैयार थी खुशी खुशी बोली "मैं मराती हूँ चलो बहुत दिन से गान्ड मराने की इच्छा है, अब इस छोकरे के प्यारे लंड से अच्छा लंड कहाँ मिलेगा?" वह पलंग पर ओंधी लेट गयी ललिता ने चाट कर और चूस कर अपनी बेटी की गुदा गीली कर दी और उधर मौसी ने मुँह में लेकर मेरा लंड गीला किया
मैं रश्मि पर चढ बैठा और अपना सुपाडा उसकी गान्ड में घुसाने लगा मौसी और ललिता ने मुझसे कहा कि ज़रा प्यार से धीरे धीरे मारूं पर मैं ऐसा उत्तेजित था कि कोई ध्यान नहीं दिया और ज़ोर से रश्मि की गान्ड में लौडा पेल दिया वह दर्द से कराह उठी पर मेरी दशा समझते हुए मुझे प्यार से बोली कि मैं उसकी परवाह ना करूँ, और घुसेड दूं पूरा लंड उसके चुतडो के बीच दो धक्को में ही मेरा लंड जड तक उन मोटे मोटे मुलायम चुतडो के बीच उतर गया
क्रमशः……………………
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