RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---22
गतान्क से आगे………………………….
जैसे जैसे मैं चुदता गया, मेरी वासना बढ़ती गयी, मैं भी नीचे से चुतड उछाल कर उसे चोदने की कोशिश करने लगा रश्मि ने मेरे इस उतावलेपन पर धमकी दी "अगर झडा तो दूध नहीं पिलाऊंगी साले, घंटे भर चोदना है मुझे" ललिता उसके बाजू में बैठकर उसे चूमते हुए उसके स्तन मसलने लगी साली अपनी उंगली से अपने क्लिट को सहलाती हुई दो उंगलियाँ चुनमूनियाँ में डालकर मुठ्ठ भी मारने लगी मुझसे ना रहा गया "ललिता बाई, चूत मुझे चूसने दे ना, मुठ्ठ क्यों मारती है?"
सुख से सिसकती हुई वह बोली "नहीं बेटे, मुझे इसमें भी मज़ा आता है, मैं तो उंगली से ही करूँगी, दो दिन हुए सडका लगाए" पर मुझ पर तरस खा कर बीच बीच में वह अपनी उंगलियाँ चुनमूनियाँ से निकालकर मुझे चटाने लगी
पर अपनी बेटी पर वह ज़्यादा मेहरबान थी एक बार मुठ्ठ मार कर वह पलंग पर रश्मि के सामने खडी हो गयी और अपनी चुनमूनियाँ उसके मुँह में दे दी रश्मि बड़े प्यार से अपनी माँ की चुनमूनियाँ चूसते हुए मुझे चोदती रही वह भी बदमाश अपनी माँ की तरह एक्स्पर्ट थी, मुझे झडने के कगार पर लाकर अपनी चुनमूनियाँ ढीली कर देती और उस बड़े भोसडे में घर्षण ना मिलने से मैं फिर झडने से बच जाता
आधे घंटे मुझे तडपा तडपा कर चोदने के बाद और रश्मि के कई बार स्खलित होने के बाद आख़िर उन्होंने मेरी भूख बुझाने का निश्चय किया ललिता ने मेरे कंधे के नीचे दो बड़े तकिये रखकर मेरा सिर उँचा किया और रश्मि मेरे उपर झुक गयी उसके मम्मे अब मेरे मुँह के उपर लटक रहे थे
साली ने फिर मुझे तडपाना शुरू किया निपल मेरे मुँह के पास लाती और जब मैं वह मुँह में लेने को करता तो हँस कर दूर हो जाती ललिता ने मुझे मुँह खोलने को कहा और फिर रश्मि की चूची दबाकर कुछ दूध की बूँदें मेरे मुँह में निचोड़ दीं इतना मीठा और मादक दूध था कि मैं उसे फटाफट पी गया मेरे इस उतावलेपन पर दोनों को मज़ा आ गया
रश्मि ने आख़िर मुझ पर तरस खाया और झुक कर एक चूची मेरे मुँह में दे दी उसके चमडीले लंबे निपल को चूसता हुआ मैं उस अमृत जैसे मीठे दूध को घुन्ट घुन्ट पीने लगा रश्मि ने आवेश में आकर ज़ोर लगाकर करीब आधी चूची मेरे मुँह में भर दी मैं आँखें बंद करके मदहोश होकर अपने बचपन के बाद के पहले दुग्धपान का मज़ा लेता रहा जब रश्मि ने देखा कि मैं ठीक से पी रहा हूँ तो वह फिर मुझे चोदने लगी पर मुझे जता दिया "राज भैया, झडना मत, नहीं तो दूध पिलाना बंद कर दूँगी"
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