RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी ने मुझे समझाया "अरे ये सिर्फ़ लड़कियों को ही भोगती है, चुदवाती कभी नहीं, इसलिए साली हरामी ऐसे टाइट है" अब तक ललिता अपने हाथ बेंच पर टेक कर उनके सहारे उचक उचक कर मुझे जोरों से चोदने लगी थी उसके छोटे पर कड़े और पुष्ट स्तन टेनिस बोल्ल जैसे उछल रहे थे उसके काले निपल वासना से छोटे जामुनों जैसे कड़े हो गये थे
शन्नो मौसी ने झुककर अपना एक निपल मेरे मुँह में दे दिया और चूसने को कहा खुद वह ललिता के सिर को अपनी हथेलियों में पकडकर उसकी आँखों में देखती हुई उसके होंठ चूमने लगी
ललिता ने मुझे बहुत देर चोदा साली मुझे बिना झडाये चोदने में माहिर थी आख़िर खुद झड गयी और मौसी के मुँह में अपनी जीभ डालकर चुसवाने लगी उसकी झडती चुनमूनियाँ मेरे लंड को गाय के थन जैसा दुह रही थी
मस्ती उतरने पर मौसी को कर वह खुशी खुशी मेरा लंड अपनी चुनमूनियाँ से निकालकर खडी हो गयी मेरा फनफनाया लंड बाहर आते समय पुक्क की आवाज़ आई मौसी ने अपना दूसरा निपल मुझे चूसने को दिया और ललिता को इशारे से पास बुलाया
वह साली अपनी मालकिन के मन की बात जानती थी पास आकर पैर फैलाकर मौसी के सामने खड़ा हो गयी और मौसी ने उसकी झडी चुनमूनियाँ को चाट चाट कर सॉफ कर दिया चुनमूनियाँ चाटने के बाद मौसी झुकी और मेरा लंड चाटकर और चूसकर अपनी प्यारी नौकरानी के गुप्ताँग का रस मेरे लंड से पूरा सॉफ कर दिया
अब मौसी मुझे चोदने को तैयार हुई मेरे लॅम्ड को अपनी चुनमूनियाँ में खोंस कर वह मेरे पेट पर बैठी और ललिता से बोली "ललिता रानी, अब मैं ज़रा अपने प्यारे बेटे को चोद लूँ, पहले तू मेरी चूची चूस, फिर तू भी इसके मुँह में अपनी छूट दे दे और चुसवा ले, देखें तेरा मसालेदार देसी रस इसे कैसा लगता है"
मेरा लौडा मौसी की गीली चुनमूनियाँ में आराम से समा गया और वह मुझे चोदने लगी उसके मोटे मोटे मम्मे और उनके बीच का मंगलसूत्र बड़े लुभावने तरीके से उछल रहे थे ललिता ने अपनी मालकिन के कहने पर उसके मम्मे मसलते हुए निपल चूसना शुरू कर दिए कुछ देर स्तन पान करवा कर मौसी ने उसे मेरे मुँह पर चढ जाने का आदेश दिया "इसे ज़रा अपना देसी माल तो चखा, आख़िर इसे भी तो पता चले कि इसकी मौसी क्यों अपनी नौकरानी की चूत की दीवानी है"
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