RE: Parviar Mai Chudai ससुराली प्यार
मेरे इस तरह सीधा हो कर बिस्तर पर लेटते ही सरवर मेरे ऊपर आ गया और मुझे किस करने लगा.
नाज़ भी मेरे जिस्म को सहलाने लगी और में भी खुश थी कि अब मेरी ख्वाहिश पूरी होरही है.
मेने सरवर को अपनी बाँहों में भीच लिया और सरवर ने मेरी कमीज़ ऊपर करदी. जिस से मेरी ब्रा में कसे हुए मेरे मम्मे उन दोनो बहन भाई के सामने पहली बार नीम नंगे हो गये.
नाज़ ने मुझे और अपने भाई को एक दूसरे में मगन होते देखा तो उस ने आगे बढ़ कर मेरी शलवार का नाडा खोला और मेरी शलवार उतार दी.
में कुछ नही बोली इस दौरान सरवर मुसलसल मेरे होंठों को और में उस के होंठों को चूस रही थी.
मेरी शलवार को उतार कर नाज़ ने अपने भाई की धक्का दे कर मेरे जिस्म के उपर से अलहदा किया. जिस की वजह से सरवर मेरे साथ ही बिस्तर पर लेट गया.
नाज़ मेरी टाँगों के दरमियाँ आ गई और मेरी चूत को चाटने लगी. तो में हैरान हो गई और अंदाज़ा लगा रही थी .कि ये दोनो शायद हर तरह से सेक्स करते हैं.
जब कि अफ़सर ने तो कभी मेरी चूत में लंड डालने के अलावा हाथ भी नहीं लगाया था.
नाज़ जैसी मासूम और खूबसूरत लड़की की ज़ुबान मेरी ऊत को चाट रही थी और अब में क़ाबू से बाहर होगई थी.
उधर मेरे साथ लेटा हुआ मेरा देवर सरवर मेरे मम्मो को चूसने .
दोनो बहन भाई के लिप्स मेरे चूत,मम्मो और पूरे तन बदन में एक आग बरसा रहे थे.
थोड़ी देर बाद सरवर ने नाज़ को हटाया और मेरी टाँगों के दरमियाँ आ गया.
अब नाज़ मेरे पहलू में लेट गई और मेरे मम्मो को छेड़ते हुए मुझे होंठों पर किस करने लगी.
नाज़ के चाटने की वजह से मेरी चूत गीली हो चुकी थी. सरवर ने लंड मेरी चूत पर रखा और अंदर डालने लगा.
वही लंड जो मेरा सपना था. जिसे में बार बार शॉर्ट में से देखती थी. आज वो ही लंड मेरे अंदर आ रहा था.
सरवर का लंड तो में देख चुकी थे. ग़ज़ब नाक हद तक मोटा और लंबा.
ज्यूँ ही सरवर ने अपना लंड मेरी फुद्दी में डाला. मज़े के मारे मेरी चीख निकल गई.
मेरी चीख सुनते ही नाज़ मेरे ऊपेर लेट गई और मेरे होंठो को किस करते हुए कहने लगी. “भाई ज़रा आहिस्ता करें भाभी को तकलीफ़ हो रही हे.”
सरवर ज़रा सा रुक गया कर आहिस्ता हो गया. में हैरान थी कि इतना बड़ा लंड नाज़ जैसी नाज़ुक लड़की किस तरह बर्दाश्त कर सकती होगी.
लंड पूरी तरह अंदर आ चुका था और में खुशी से दीवानी होगई थी.
ऐसा लंड ऐसा जवान और बेहोश कर देने वाला लंड में पागल होगई और सोचा कि ये होता है सेक्स.
नाज़ को सरवर ने मेरे ऊपेर से हटा दिया और खुद मेरे होंठो पर आ गया और लंड को अंदर बाहर करने लगा.
नाज़ मेरे पहलू में लेटे अपने नाज़ुक हाथों से मेरे मम्मो को सहला रही थी.
सरवर के लंड ने मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दी थीं और मेने अपनी टाँगों को उस की कमर से लिपटा लिया था.
|