RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मुझे बाजी की बातों से जोश चढ़ गया मुझे बाजी को चोदते हुए 8 से 10 मिनट हो चुके थे लेकिन बाजी अभी फारिघ् नहीं हुई थी। मैंने फिर अपनी पूरी शक्ति के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए अब तो बाजी ने भी अपनी टांगों को पीछे मेरी कमर में डाल कर आपस मे जोड़ लिया था। और नीचे से गांड उठा उठा कर साथ दे रही थी और उनकी सिसकियाँ भी और ज़्यादा तेज हो गयीं थीं। फिर शायद मेरे तूफानी झटकों ने बाजी की योनी को निढाल कर दिया था और बाजी के शरीर ने झटके खाने शुरू कर दिये और फिर बाजी की योनी ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और बाजी का गर्म गर्म पानी मेरे लंड के ऊपर ही गिर रहा था मुझे अपने लंड पर गर्म गर्म पानी महसूस कर और जोश आ गया और मैंने भी 2 मिनट और बाजी की योनी को रगड़ कर चोदा और बाजी की योनी के अंदर ही अपनी वीर्य का लावा छोड़ दिया और बाजी के ऊपर ही गिर कर हाँफने लगा। काफी देर तक बाजी के ऊपर लेटा रहा फिर कुछ देर बाद बाजी के ऊपर से हट कर एक साइड में हो गया
बाजी बेड से उठ कर बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद अपना मुंह हाथ और साफ सफाई कर फिर कमरे में आई और फिर कमरे से बाहर चली गई। मैं बेड से उठा और बाथरूम में चला गया। और अपने लंड की सफाई और मुंह हाथ धोकर नंगा ही बेड पर आकर लेट गया। फिर बाजी फिर से कमरे में आई वह भी बिल्कुल नंगी ही थी। और मेरे साथ आकर लेट गई और मेरे साथ चिपक गई। और बोली आज मैंने अपने भाई के लिए बिरयानी बनाई है पहले खाना खा लेते हैं फिर अगला काम करेंगे। फिर वह कुछ देर वहाँ ही मेरे साथ लेटी रही। उसके बाद फिर से उठ कर बाहर चली गई और लगभग 20 मिनट के बाद वह खाना लेकर कमरे में आई उसने बिरयानी बनाई थी और बाजी पूरी तरह से नंगी ही थी और हम खाना खाने लगे। फिर खाने से फ़ारिग़ हो कर बाजी बर्तन उठाकर बाहर चली गई मैं बेड पर बैठा रहा 10 मिनट बाद बाजी कमरे में आई और आकर मेरे साथ लेट गई तो मैंने पूछा बाजी आपने कौन सी ज़रूरी बात मुझे बताना था। तो बाजी ने कहा वसीम जब तुम इस्लामाबाद गए थे तो नबीला मेरे पास आई थी और खुशी की बात यह है कि वह अपनी से शादी के लिए राजी हो गई। मुझे तो पहले ही पता था इसलिए मैंने दीदी को कहा बाजी यह तो बहुत खुशी की बात है।
बाजी ने कहा उसकी एक शर्त है मैंने कहा मुझे मंजूर है लेकिन तुम्हारा क्या मूड है वह तुम मुझे बता दो बाजी ने जो शर्त बताई वह मुझे नबीला पहले बता चुकी थी तो मैंने कहा बाजी में नबीला की खुशी के लिए हर शर्त स्वीकार कर सकता हूँ बाजी मेरी बात सुन कर खुश हो गई। तो बाजी ने कहा कल अम्मी को लेकर बुआ के घर चक्कर लगाऊँगी और फिर कोई बात पक्की होगी तो मैंने कहा ठीक है बाजी जैसे आप चाहते हैं। फिर बाजी ने कहा वसीम क्या मूड है मुझे पता है तुम्हें गाण्ड में डालने का बहुत शौक है मुझे भी गाण्ड में लेने का शौक है तो करें शुरू। तो मैंने कहा ठीक है बाजी जैसे आप कहो तो बाजी ने आगे हो मेरे लंड को फिर से मुंह में ले लिया और उसकी चुसाइ लगाने लगी। लगभग 5 मिनट बाद मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया। बाजी बेड से उठी और ड्रेसिंग टेबल से लोशन ले आई और लोशन निकाल कर मेरे लंड पर डाल कर अच्छी तरह नरम और गीला किया और लोशन मुझे दिया और खुद घोड़ी बन गई और बोली वसीम मेरी गाण्ड और छेद के अंदर उंगली डाल कर अच्छी तरह लोशन लगा दो तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है आज मुझे बहुत दर्द देने वाला है।
मैं लोशन लेकर बाजी की गाण्ड पर मल दिया बाजी की गाण्ड का छेद भी ब्राउन रंग का था थोड़ा लोशन लगाकर उंगली से अंदर कर गांड के छेद के अंदर ही लगा दिया। फिर लोशन की बोतल को एक साइड पर रखकर अपने लंड को बाजी की गाण्ड के छेद में सेट किया और पहले हल्का सा धक्का दिया तो लंड स्लिप होकर बाहर हो गया तो मैने लंड को पकड़ कर छेद पर रखा और थोड़ा ज़्यादा पुश किया तो पिच की आवाज से टोपा बाजी की गाण्ड में घुस गया बाजी के मुँह से आवाज़ आई हाईईईईईईईई एह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वसीम मेरे भाई ज़्यादा तेज झटके मत मारो तुम्हारा लंड मेरी जान निकाल देगा इसे आराम से अंदर करो। मैंने फिर टोपे को अंदर करके लंड को धीरे धीरे अंदर शुरू कर दिया बाजी की गाण्ड का छेद काफी टाइट था मेरे लंड को अंदर से जकड कर रखा था। धीरे धीरे अंदर करता रहा और लगभग आधा लंड अंदर कर दिया। बाजी ने मुझे कहा वसीम थोड़ा रुक जाओ दर्द बहुत हो रहा है। मैं वहाँ ही रुक गया। कुछ देर बाद बाजी को जब कुछ आराम महसूस हुआ तो बाजी ने कहा अब अंदर करो मैंने फिर धीरे धीरे लंड को अंदर शुरू कर दिया बाजी के मुंह से बार बार आवाज निकल रही थी आह आहओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह और यहां मैं लंड आराम से अंदर कर रहा था और कुछ ही मेहनत के बाद मैंने अपना पूरा लंड बाजी की गाण्ड में उतार दिया।
बाजी का दर्द से बुरा हाल था मैं लंड अंदर कर वहां ही रुक गया और 5 मिनट तक अपने शरीर को किसी प्रकार की हरकत नहीं दी। फिर जब बाजी ने खुद कहा तो मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा लंड को बहुत आराम से अंदर बाहर कर रहा था ताकि बाजी को कम से कम असुविधा हो। 5 से 7 मिनट तक आराम से चोदता रहा। अब शायद लंड ने गाण्ड के अंदर जगा बना ली थी और मैंने अपनी स्पीड को भी थोड़ा बढ़ा दिया था। अब बाजी की भी दर्दभरी आवाज बंद हो चुकी थी। फिर कुछ देर के धक्कों के बाद बाजी ने साथ देना शुरू कर दिया और अपनी गाण्ड को आगे पीछे करने लगी। और अब उनके मुंह से सुख भरी सिसकियाँ निकल रहीं थीं। मैंने अब अपने घुटनों की स्थिति को बदल कर अपने पैरों पर खड़ा हो कर आगे झुककर लंड बाजी की गाण्ड के अन्दर बाहर करने लगा। अब बाजी भी काफी जानदार ढंग से गाण्ड को आगे पीछे कर के लंड अंदर बाहर करवा रही थी। मुझे खड़ा होकर गाण्ड मारते हुए 5 मिनट हो चुके थे अब मेरे पैरों की हिम्मत जवाब देने लगी थी। मैंने अपनी पूरी शक्ति से झटके मारने शुरू कर दिए और मेरा और बाजी शरीर जब आपस में टक्कर खाता तो धुप्प धुप्प की आवाज पैदा हो रही थी। और बाजी की सिसकियाँ भी कमरे में गूंज रही थीं।
नीचे बाजी अपनी उंगली अपनी योनी के अंदर डाल कर अन्दर बाहर कर रही थी। और आख़िरकार मेरे लंड के अंदर हलचल मच गई और 2 मिनट की चुदाई के बाद मेरे लंड से वीर्य निकलकर बाजी की गाण्ड के अंदर गिरने लगा और दूसरी ओर बाजी भी नीचे फारिग हो चुकी थी और वह भी हाँफ़ रही थी। कुछ देर मैने लंड गाण्ड में ही डाल कर रखा जब मेरे लंड ने वीर्य उगलना बंद कर दिया तो मैंने लंड को बाहर खींच लिया मेरा लंड लाल लाल हुआ पड़ा था बाजी की गाण्ड इतनी टाइट थी कि मेरे लंड को जैसे फांसी लगी हो . फिर एक साइड पर हो कर लेट गया और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा। बाजी भी औंधे मुंह गिर कर हाँफने लगी थी। फिर कुछ देर बाद बाजी उठकर बाथरूम गई और नहा धो कर साफ सफाई करके 20 मिनट के बाद बाहर निकली तो मैं बाथरूम में गया और नहा धो कर बाहर निकला तो बाजी चाय बना कर ले आई।
हम जब चाय पी रहे थे तो बाजी ने कहा वसीम तेरा लंड तो औरत की बस करवा देता है। लेकिन एक बार जो औरत ले लेती है वह तेरी दीवानी हो जाती है। मुझे आज जीवन में असली मज़ा मिला है। और फिर मैं और दीदी कुछ देर तक यहाँ वहाँ की बातें करते रहे और फिर 3 बजे के करीब बाजी के घर से निकल कर अपने घर आ गया और दरवाजा नबीला ने खोला और बोली भाई आप कहाँ थे खाना नहीं खाना है तो मैंने कहा चाची का मकान देखने के लिए गया था देर हो गई थी इसलिए वहाँ ही दोस्तों के साथ खाना खाया और मैं अब थक चुका हूँ थोड़ा आराम करूँगा और मैं अपने कमरे में आया तो ज़ुबैदा सोई हुई थी में भी बेड पर लेट कर सो गया। उस दिन के बाद दिन बीतते गए साना कॉलेज में जाती रही और लगभग बाजी के साथ मज़ा करने के लिए 10 या 12 दिन बाद चाची के लिए हमारे पास ही एक अच्छा सा मकान मिल गया और चाची ने वह मकान खरीद लिया और वह और साना वहां शिफ्ट हो गए चाची के वहां शिफ्ट होने के 1 सप्ताह बाद दिन में चाची को मिलने गया और उनके साथ 3 से 4 घंटे बिताकर आया और 1 बार योनी में और 2 बार गाण्ड में उन्हें जमकर चोदा।
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