RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
चाची मेरे लंड की टोटी पे अपनी जीब को गोल गोल घुमाकर बोली कोई बात नहीं वसीम मेरी जान आज तेरी चाची ही यह पूरा लंड अपनी गाण्ड में भी लेगी और योनी में भी लेगी और फिर मेरे आधे लंड को अपने मुंह में ले लिया और गीली ज़ुबान और थूक से ऐसे स्टाइल के साथ छूसा लगाने लगी कि मेरा सांस ही रुकने लगा था। चाची को चुसाइ लगाने में काफी अनुभव था वह ज़ुबान की मजबूती और थूक मिलाकर लंड अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। और 3 से 4 मिनट के अंदर ही चाची के मुंह में ही मेरे लंड की नसें फूलने लगीं।
और मेरा लंड लोहे की रॉड बन चुका था। फिर 2 मिनट के बाद मैंने चाची को रोक दिया और अपने लंड को मुंह से बाहर निकाल लिया। मैं बेड पे पैर लंबे करके टेक लगाकर बैठा हुआ था तो चाची ने उठकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी हो गई चाची का पेट काफी कसा हुआ था और गाण्ड का उभार भी काफी अधिक बाहर निकला हुआ था चाची अपनी टाँगें दोनों ओर फैला कर मेरी गोद में आ गई और एक हाथ मेरी गर्दन में डाला और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी योनी के छेद पे सेट किया और अपनी पूरी ताकत लगा कर नीचे की ओर जोर से झटका मारा मेरा पूरा लंड चाची की योनी को चीरता हुआ चाची की योनी की जड़ तक उतर गया और चाची के मुंह से एक जोरदार चीख निकली हाईईईईईईईईई नियीयैआइयियीयियी मेरी माँ मर गई । । वसीम बेटा तेरे लंड ने मेरी योनी नूं चीर के रख दित्ता वसीम बेटा हुन तों हलें न थोड़ी देर अपने लंड नूं योनी दे अंदर ही रक्खा चाची ने पूरा लंड अंदर लेकर अपनी बाहों को मेरी गर्दन में डाल कर मुझे जोर पकड़ा हुआ था मैंने भी अपने शरीर को कोई हरकत नहीं दी और चाची भी 5 मिनट तक मेरा लंड अंदर लेकर बैठी रही फिर जब चाची को कुछ राहत महसूस हुई तो मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी और फिर बोली बेटा तुम्हारा लंड तो बहुत ही जानदार मोटा और लंबा है। पता नहीं मेरी बेटी ज़ुबैदा दिन कैसे लेती रही होगी।
चाची की बात सुनकर मैं हंस पड़ा और बोला चाची जान शुरूआत में उसे भी काफी तकलीफ हुई थी अब तो वो आदी हो गई थी। अब तो शुरू मे उसे थोड़ी बेचैनी महसूस होती है लेकिन बाद में पूरा अन्दर लेकर फुल मज़ा लेती है। फिर चाची भी काफी हद तक सामान्य हो चुकी थी फिर चाची ने अपने शरीर को धीरे धीरे ऊपर उठाना शुरू कर दिया और फिर योनी को उठाकर जब आधा टोपा योनी के अंदर रह गया तो फिर से नीचे बैठने लगी और लंड अंदर लेने लगी चाची चेहरा बता रहा था कि उन्हें काफी तकलीफ हो रही थी। लेकिन फिर भी वह लंड अंदर बाहर करवा रही थी। फिर चाची ने पहले तो धीरे धीरे लंड अंदर बाहर किया लेकिन अब लंड काफीबार योनी के अंदर हो चुका था। अब वह एक तेज तेज धक्को के साथ लंड को पूरा अन्दर बाहर कर रही थी। और उनके मुंह से सुख भरी आवाज़ें निकल रही थीं आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह ओह ओहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह ओहह्ह्ह्ह्ह आह वसीम मेरी जान आज ते तूं स्वर्ग दी सैर करवा देती ए।
मेरे लंड की मोटाई ज़्यादा थी इसलिए चाची की योनी के भीतरी भाग ने मेरे लंड को अपनी ग्रिप में लिया हुआ था और लंड योनी को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था। फिर एकाएक चाची की गति तेज हो गई और और 1 से 2 मिनट के झटकों ने चाची की योनी का पानी निकलवा दिया था लेकिन चाची बदस्तूर मेरे लंड के ऊपर ही उछल रही थी। अब एक अजीब पिच पिच की आवाज कमरे में गूंज रही थीं। फिर जब चाची का गर्म गर्म पानी मेरे लंड के ऊपर गिरा तो मैं भी मदहोश हो गया और मैंने चाची को कमर से पकड़ कर आगे लेटा दिया और खुद घुटनों पर होकर चाची के पैर उठा कर अपने कंधे पे रख लिए .मैं अब अपनी पूरी ताकत से चाची की योनी के अंदर लंड डाल कर धक्के मारने शुरू कर दिए थे मेरे जानदार धक्कों के कारण चाची का शरीर नीचे से कांप उठा था और उनके मुंह से खुमार भरी अजीब आवाजें निकल रहीं थीं। और वह ऊंची आवाज़ मे चिल्ला रही थी। लेकिन मैं चाची की कोई परवाह नहीं की और 5 मिनट से अधिक का समय हो गया था चाची को पूरी ताकत से धक्के पे धक्के मार रहा था
चाची भी अपनी गाण्ड उठा उठा कर लंड अंदर बाहर करवा रही थी एसी लगे होने के बाद भी हम दोनों का काफी पसीना निकल आया था। फिर चाची शायद फिर से फारिग होने वाली थी, उसने अपनी टांगों से मेरी कमर को जक्ड लिया था मुझे भी अपने लंड में हलचल महसूस हो रही थी। फिर 2 मिनट के बाद मैंने और चाची ने एक साथ वीर्य की बाढ़ को छोड़ दिया और मैं चाची के ऊपर ही औंधा गिर गिर पड़ा और हाँफने लगा नीचे चाची भी बुरी तरह हाँफ़ रही थी।
जब चाची की योनी ने वीर्य की आखिरी बूंद को भी निचोड़ लिया तो फिर चाची के ऊपर से हट कर अपनी तरफ लेट गया और अपनी आँखें बंद कर लीं फिर लगभग 10 मिनट के बाद मैंने देखा चाची बेड से उठ कर बाथरूम में चली गई और लगभग 15 मिनट बाद फिर कमरे में आकर बेड पे लेट गई। फिर भी उठा बाथरूम में घुस गया और अपने लंड की साफ सफाई कर फिर आकर बेड पे चाची के साथ लेट गया। चाची उठकर मेरे पास हो गई मेरे कंधे पे अपना सिर रख कर मेरे सीने के बालों में अपना हाथ फेरने लगी।
चाची ने कहा वसीम बेटा तुम सच कह रहे हो कि ज़ुबैदा ने आज तक तुम्हें गाण्ड में नहीं करने दिया तो मैंने कहा चाची मैं सच कह रहा हूँ। कि वो गाण्ड में करवाती है। तो चाची ने कहा, हां वह इन चारों से गाण्ड में करवाती थी इमरान का एक दोस्त पठान था वह तो पहले करता ही गाण्ड में था और मैंने भी पहले कभी गाण्ड में नहीं करवाया था लेकिन पठान की वजह से मुझे भी करवाना पड़ा अब तो गाण्ड में लेने का शौक हो गया है। जब लंड फंस फंस जाता है तो मज़ा आ जाता है।
मैं चाची की बात सुनकर हंस पड़ा और बोला चाची लेकिन आपकी बेटी ने मुझे आज तक गाण्ड में नहीं करने दिया मैंने 2 से 3 बार कहा था उसने मना कर दिया फिर बाद में मैंने उसे कहना छोड़ दिया था ।
चाची ने मेरा लंड फिर हाथ में पकड़ लिया और बोली वसीम बेटा चिंता न कर मैं अपने बेटे को अपनी गाण्ड दूंगी और एक बार मुझे मुल्तान आ लेने दे फिर खुद ज़ुबैदा को समझा दूँगी वह तेरी बात माना करेगी। फिर मुझे अचानक एक बात दिमाग में आई लेकिन मैं सोच रहा था चाची पुच्छू या नहीं लेकिन फिर सोचा चाची के साथ इतना कुछ हो चुका है अब तो सब कुछ खुल चुका है तो यह बात करने में हर्ज ही क्या है मैने जब चाची को नबीला की सारी बातें बताई थीं तो वो वाली बात नहीं बताई थी। फिर मैंने कहा चाची मेरे दिल में एक बात है क्या आप मेरे इस सवाल का जवाब देंगी। तो चाची ने कहा वसीम बेटा अब तेरे और मेरे बीच किस बात का पर्दा या बात रह गई है पूछो मुझ से पूछना क्या मैं अपने बेटे को सब सच सच बता दूंगी। फिर मैंने हिम्मत करके कहा चाची मुझे पता चला था आप शादी से पहले से लेकर अब तक अपने भाई से भी यह काम करवाती हैं। तो चाची मेरी बात सुनकर थोड़ा शर्मा भी गई और मुस्कुरा भी पड़ी और बोली वसीम पुत्तर यह सच है मेरा मेरे अपने भाई के साथ भी संबंध रहा है। बस ये संबंध भी शादी से पहले शुरू हुआ था जो अब तक चला आ रहा है मेरा भाई मुझसे बहुत प्यार करता है इसलिए आज तक यह संबंध स्थापित है।
वास्तव में मेरे भाई की शादी मुझसे पहले हुई थी उसकी पत्नी पढ़ी लिखी और थोड़ी नखरे वाली और तीखे नैन छवि वाली भी थी। और मेरा भाई अधिक पढ़ा लिखा नहीं था आम लोगों की तरह वो भी अपनी शादी के लिए काफी खुश था जवान था स्वस्थ था जवानी उसके बदन में भी आई हुई थी और तुम्हें पता है जब जवानी तंग करती है तो बंदा अपने पराए को भूल जाता वास्तव में उसे भी जवानी ने काफी तंग कर रखा था वह भी रोज अपनी पत्नी से प्यार करना चाहता था और अपनी पत्नी की जवानी से खेलना चाहता था। उसकी पत्नी उसका साथ तो देती थी लेकिन जिस दिन मज़ा चाहिए होता था वह उस दिन नहीं करती थी। थोड़ा अपनी पढ़ाई और नाज़ नखरे का भी अभिमान था। इसलिए शुरू में ही मेरा भाई काफी परेशान रहने लगा मेरा एक ही भाई था शुरू से ही मुझे अपनी सारी परेशानी और समस्या मुझे बता देता था तो मैं उसकी मदद कर दिया करती थी लेकिन यह वाला काम नहीं करती थी। फिर उसने जब मुझे धीरे धीरे अपना दुख बताना शुरू किया तो मुझे भी दुख हुआ में उसे 2 साल तक समझाती रही धैर्य करो सबसे बेहतर होगा सब सही होगा . अब मैं अपनी भाभी को भी यह नहीं बोल सकती थी वह मेरे भाई को खुश रखा करे लेकिन इशारों में उसे कहती रहती थी लेकिन वह भी नाज़ नखरे वाली थी मेरी भी कहां सुनती थी।
फिर 2 साल तक ऐसा ही चलता रहा मेरा भाई बहुत तंग हो गया था। फिर मैंने ही अपने जीवन का मुश्किल फैसला किया और उसके साथ धीरे धीरे अपना प्यार का दोस्ती का संबंध बना लिया और फिर करते करते वह अपनी पत्नी से मेरा प्रेमी हो गया में उसे पूरा पूरा सुख और मज़ा देती थी। वह मेरा आदी हो गया था। तब उसकी पत्नी को भी बाद में पता चल गया था उसने मेरे भाई को बाद में काफी आकर्षित करने की कोशिश की लेकिन मेरा भाई मेरा आदी हो गया था। इसलिए यह संबंध गहरा होता गया जो आज तक कायम है यह उसकी पत्नी भी जानती है मेरा एक कारण वह भी लाहौर आने का था मैं अपने भाई से थोड़ा दूर रहूंगी तो वह अपनी पत्नी को अधिक समय दिया करेगा फिर यह बोलकर चाची चुप हो गई।
चाची की बातें सुनकर मेरे मन में अचानक एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया था। इससे पहले मैं सवाल करता चाची मेरा मन पढ़ चुकी थी। तुरंत बोली वसीम पुत्तर तू यही सोच रहा है ना कि मेरा भाई मुझसे शादी के बाद भी करता रहा है तो क्या ये बच्चे उसी के तो नहीं। लेकिन बेटा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं कसम उठाकर विश्वास दिलाती हूँ मेरी दोनों बेटियों तेरे चाचा की संतान हैं। जब अपने भाई से करवाती थी तो हर बार इसके बाद बर्थ कंट्रोल गोली जरूर लेती थी।
मैंने चाची की बात सुनकर संतोष का सांस लिया और फिर चाची ने कहा बेटा तेरे लंड और मेरे भाई के लंड में बस एक ही अंतर है। उसका लंड भी तेरे लंड जितना लंबा है लेकिन इसका लंड एक दम पतला है तेरा अधिक मोटा है। मेरी तो योनी के अंदर ही इतना फिट होकर गया है पता नहीं गाण्ड में कैसे घुसेगा और हंसने लगी। मैं भी चाची बात सुनकर हँस पड़ा फिर चाची नंगी ही बेड से उतर कर खड़ी हो गई और बोली मैं अभी आती हूँ और दरवाजा खोलकर बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद एक बड़े गिलास में दूध गर्म कर उसमें बादाम और काजू के पीस कर डाले हुए थे मुझे दिया और बोली बेटा ये पी लो ताकि मेरे बेटे की शक्ति वापस आ सके जो अभी थोड़ी देर पहले बर्बाद हुई है मैं चाची बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और चाची के हाथ से लेकर दूध पीने लगा
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