RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
नबीला की बात सुनकर मेरे सिर में चक्कर आ गया था और मुझे करारा झटका लगा था। मुझे अपनी हनीमून वाली रात की घटना याद आ रही थी और मेरा उस दिन वाला शक आज नबीला की बातें सुनकर विश्वास में बदल चुका था। कुछ देर मुझे चुपचाप देख नबीला बोली भाई आप मेरी बात सुन रहे हैं न। तो मैं उसकी आवाज सुनकर चौंक गया और बोला हां हां नबीला सुन रहा हूँ।
नबीला बोली- आप क्या सोच रहे हैं। मैंने कहा नबीला मुझे अपनी शादी की पहली रात याद आ रही है मुझे उस रात के गुजर ने के बाद सुबह से ही मेरे दिल मे शक आ गया था जो आज तुम्हारी बातों से विश्वास में बदल गया है। तो नबीला बोली भाई मुझे पता है आप उस रात क्यों और कैसे परेशान थे .
उस रात मैंने सफेद चादर जानबूझ कर डाली थी ताकि हम सब को ज़ुबैदा की सच्चाई पता चल सके। मैंने कहा नबीला तुम्हें पता था ख़ून नहीं निकला जो इस बात का सबूत है ज़ुबैदा ठीक लड़की नहीं थी। तो नबीला ने कहा भाई मुझे भी बस शक था। आपने तो सिर्फ सफेद चादर का राज देखा है लेकिन चाची का तो मुझे आपकी शादी से पहले ही पता था कि चाची का चाचा के अलावा भी एक और दोस्त है। मुझे जमीला बाजी ने बताया था क्योंकि जमीला बाजी को भी चाची की अपनी भाभी ने ही चाची और उसके दोस्त का बताया था। और चाची की भाबी जमीला बाजी की सहेली भी है और बाजी के घर के पास केसर ली मोहल्ले में चाची की भाभी की अम्मी का घर भी है। लेकिन बाद में मैंने ज़ुबैदा और चाची को अपनी आँखों से देखा हुआ है।
मैंने कहा तूने चाची और ज़ुबैदा को कहाँ देखा था और किसके साथ देखा था। तो नबीला ने कहा भाई जब आप शादी करके वापस सऊदी चले गए थे तो एक बार ज़ुबैदा अब्बा जी को बोल कर मुझे भी अपने साथ लाहौर अपनी माँ के घर ले गई थी और वहां 15 दिन उनके घर में रही थी। एक दिन दोपहर को जब सब सोए हुए थे तो मैं साना के साथ उसके कमरे में सोई हुई थी तो मैं पेशाब के लिए उठी और बाथरूम में गई उनका बाथरूम ऊपर वाली स्टोरी की जो सीढ़ियों हैं इसके नीचे ही बना हुआ था जब उसके पास पहुंची तो मुझे ऊपर वाले कमरे से चाची के सिसकने की आवाज सुनाई दी। मैं फिर भी बाथरूम में चली गई जब बाथरूम से फारिग हो कर बाहर निकली तो मुझे चाची के सिसकने की आवाज बदस्तूर आ रही थी मैं हैरान भी थी और डर भी रही थी .चाची को क्या हुआ है वह अजीब अजीब आवाज़ें क्यों निकाल रही है। मैं धीरे धीरे चलती हुई ऊपर चली गई ऊपर एक ही कमरे का बना हुआ स्टोर टाइप कमरा था और उसका एक दरवाजा बंद था और और एक साइड का दरवाजा थोड़ा खुला था मैं उस कमरे के पास गई और जाकर अंदर देखा तो अंदर का दृश्य देख कर मेरे पैरों तले जमीन निकल गई क्योंकि अंदर एक जवान 29 या 30 साल का लड़का पूरा नंगा था और चाची भी पूरी नंगी थी और वह ज़मीन पर ही गद्दा डाला हुआ था और वह लड़का चाची को उल्टा लेटा कर चाची को कर रहा था और चाची वहाँ सिसक रही थी। मैंने बस 2 या 3 मिनट ही उन्हें इस हालत में देखा तो मेरा सिर चकरा गया था मैं तेजी के साथ चलती नीचे आ गई और आकर कमरे में साना के साथ लेट गई। मेरा दिमाग घूम रहा था।
चाचा तो अपनी दुकान पे ही होता था और ज़ुबैदा अपनी मां के कमरे में सोती थी। उस दिन रात तक मैं सोचती रही में चाची के बारे में किससे बात करूँ। फिर मैंने ज़ुबैदा से ही बात करने का सोचा उसे बता दूंगी कि उसकी माँ क्या गुल खिला रही है। 2 से 3 दिन तक मौका तलाश करती रही कि अकेले में ज़ुबैदा से बात कर लूँ। लेकिन कोई मौका नहीं मिला तो एक दिन चाचा चाची को लेकर अस्पताल गया था। और ज़ुबैदा और साना घर पे अकेली ही थी। तो मैंने सोचा जब साना दोपहर में सो जाएगी तो ज़ुबैदा कमरे में जाकर उससे बात करूँगी। और फिर दोपहर को जब साना सो गई तो मैं धीरे से उठी और कमरे से निकल कर ज़ुबैदा की माँ के कमरे में गई क्योंकि ज़ुबैदा वहाँ ही सोती थी मैंने दरवाजे पे धीरे दस्तक दी लेकिन कोई अंदर से कोई जवाब नहीं आया और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो वह खुल गया अंदर झांक कर देखा तो कमरा खाली था मैं हैरान थी यह ज़ुबैदा कहाँ गई है फिर वहां से बाथरूम के दरवाजे पे गई तो वह भी खुला था और खाली था। मैं सोचने लगी वह इतनी दोपहर में कहाँ चली गई है। फिर मैंने सोचा शायद वो ऊपर छत पे किसी काम से गई हो। मैं धीरे धीरे ऊपर गई और जब मैं कमरे के पास पहुंची तो अंदर का दृश्य देखा तो मुझे एक गहरा झटका लगा क्योंकि उसी गद्दे पर ज़ुबैदा और वो ही लड़का जो चाची को कर रहा था वह अब ज़ुबैदा के साथ था और वह पैर खोलकर बैठा हुआ था और ज़ुबैदा आगे झुक कर उसका वो मुँह में लेकर चूस रही थी। और मेरा तो यह देखकर ही सिर घूम गया और गिरने लगी और तेज़ी से अपने आप को संभाल लिया तो उस लड़के ने कहा ज़ुबैदा चल जल्दी से घोड़ी बन जा आज पहले तेरी पीछे वाली मारनेका दिल पहले कर रहा है। और ज़ुबैदा ने अपने हाथों से उसका वो निकाला और बोली क्यों नहीं मेरी जान ये तो मैने सिर्फ रखी ही तुम्हारे लिए है। मेरा हॅज़्बेंड तो मुझे बहुत बार पीछे का कह चुका है लेकिन मैं उसे हर बार मना कर देती हूँ में नहीं करवा सकती मुझे दर्द होता है। उस पागल को क्या पता आगे की सील भी किसी और ने तोड़ी है और पीछे वाली तो केवल मेरे जानू इमरान के लिए है। और दोनों खिलखिला कर हँसने लगे। और बाहर मैं उनकी बातें सुनकर पागल हो गई थी और मेरा बस नहीं चल रहा था अंदर जाकर ज़ुबैदा का मुंह तोड़ दूं उसने मेरे परिवार और मेरे भाई के साथ कितना बड़ा धोखा किया है। और फिर अचानक मुझे मेरे कंधे पे किसी का हाथ लगा तो मैं डर गई और पीछे मुड़ कर देखा तो साना खड़ी थी और मुझे उंगली से चुप रहने के लिए कहा और मुझे लेकर नीचे अपने कमरे में आ गई। और भाई उसीने मुझे अपनी माँ और बहन के बारे में बताया कि वे दोनों यह काम कितने साल से कर रही हैं।
वह लड़का ज़ुबैदा बाजी के विश्वविद्यालय के समय का साथी है और बाजी और अम्मी के साथ कई बार मिलकर भी यह काम कर चुका है। और बाजी वसीम भाई के बाहर सऊदी चले जाने के बाद यहां आती ही केवल इस लड़के के लिए है और यह खेल लगभग हर दूसरे दिन इस घर में खेला जाता है। और भाई यह वही लड़का है जो चाचा की फूतगी पे भी घर में नजर आ रहा था और चाची के आगे पीछे ही घूम रहा था। भाई इसलिए मैंने साना को इस घर से दूर रखने के लिए कहा था। क्योंकि उस बेचारी का भी जीवन उन माँ बेटी ने खराब कर देना था
में नबीला की बात सुनकर सदमे की हालत में था और मेरा अपना दिमाग सारी बातें सुनकर घूम चुका था। मैं काफी देर चुप रहा और नबीला की कही हुई बातों पे विचार कर रहा था। इस दौरान नबीला मुझे 2 बार कह चुकी थी भाई आप सुन रहे हैं न। और फिर मैंने धीरे और दुखी मन से कहा हां नबीला में सुन रहा हूँ। नबीला शायद मेरी हालत समझ चुकी थी। उसने कहा भाई मुझे पता है तुम इस वक्त बहुत दुखी हो मैं तुम्हें इसलिए ये बातें नहीं बता रही थी मैंने ये बातें बहुत समय तक अपने दिल में रखी हुई थीं उन बातों को मैंने केवल जमीला बाजी को ही बताया था और आज आपको बता रही हूँ। फिर मैंने कुछ देर बाद हिम्मत करके नबीला से पूछा कि नबीला एक बात बताओ यह लड़का तो ज़ुबैदा और चाची का यार था। लेकिन चाची का पहला यार कौन था जिसकी बात तुमने मुझे पहले बताई थी। नबीला मेरी बात सुनकर चुप हो गई। मैंने कुछ देर इंतजार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया तो मैंने फिर नबीला से पूछा बताओ न वह कौन है। तो नबीला धीरे से बोली भाई में नहीं बता सकती मेरे अंदर बताने के लिए हिम्मत नहीं है मुझे शर्म आ रही है। मैंने कहा नबीला जब तुमने इतना मुझे बता दिया है और अब मुझसे क्या शर्म बाकी रह गई है। और तुमने मुझसे वादा किया था तुम मुझे सारी बात सच बताओगी
। नबीला बोली हां भाई मुझे पता है लेकिन अगर आप को यह बता दूंगी तो आप को यकीन नहीं होगा मैंने कहा नबीला न तुम मुझे देख रही हो और न मैं तुम्हें देख सकता हूँ तुम मुझे बताओ कौन है इतना सच सच बता दिया है तो दूसरे आदमी का भी बता दो। तो नबीला कुछ देर चुप रही और फिर बोली भाई वह चाची का अपना छोटा सगा भाई है और वह चाची की भाभी का शौहर भी है। मेरे मुँह से बेख्याली मे निकल गया क्या कह रही हो नबीला तुम होश में तो हो। नबीला कुछ देर के लिए चुप हो गई और फिर बोली भाई हाँ यह सच है और मैं अपने होश में हूं और बिल्कुल सच सच बता रही हूँ। क्योंकि मैंने तो चाची और उसके भाई को करते हुए नहीं देखा लेकिन चाची की भाभी ने खुद कई बार अपने घर में ही देखा था। और फिर उसने बाजी जमीला को बताया था। । भाई मुझे साना ने यह भी बताया था कि ज़ुबैदा का दोस्त पहले केवल ज़ुबैदा के साथ ही करता था लेकिन फिर उसने ज़ुबैदा को ब्लैकमेल करके चाची को भी शामिल कर लिया और अब दोनों माँ बेटी मिलकर काम करती हैं।
और भाई जब मैं और ज़ुबैदा लाहौर से वापस आ रहे थे तो उसके बाद ज़ुबैदा और मेरा ठीक ठाक झगड़ा हुआ था मैने उसे बहुत बुरा भला कहा और उसे सब कुछ बता दिया जो उसकी माँ के घर देख कर आई थी । मेरे अंदर गुस्से की आग ही शांत नहीं हो रही थी। मैंने उससे कहा कि तुम्हें शर्म नहीं आई शादी से पहले ही मुंह काला करवा लिया और फिर शादी के बाद भी अब तक इससे मुंह काला करवा रही हो और साथ में अपने माँ को भी शामिल कर लिया है। कुछ तो अपने पिता या परिवार की इज्जत का ख्याल तो रखा होता। अगर दोनों माँ बेटी में इतनी ही आग भरी हुई थी तो तुम्हारी माँ तो अपने सगे भाई से अपनी आग शांत करवा लेती थी। तुम्हे भी अपनी माँ से कहकर अपने मामे के नीचे लेट जाना था। और अपनी आग शांत करवा लेनी थी कम से कम घर की बात घर में ही रहती और घर के लोगों तक ही रहती। लेकिन तुम तो माँ से भी आगे निकली पढ़ाई के बहाने यार बना लिए पहले ही उनके नीचे लेट गई तो माँ को भी शामिल कर लिया और माँ को देखो अपने सगे भाई से दिल नहीं भरा तो अपनी बेटी के दोस्त को अपना यार बना लिया। और अब पता नहीं जैसे वह तुम्हें ब्लैकमेल करके अपनी माँ को आपने नीचे ला चुका है वैसे ही तेरी माँ को ब्लैकमेल करके पता नहीं किन किन अपने नीचे चुका होगा। क्योंकि तुम तो यहाँ आ गई हो अब पता नहीं पीछे तुम्हारी माँ किस किस को घर बुलाकर अपनी आग शांत करती होगी। उसने तो सगे भाई को नहीं छोड़ा तो और किसी की क्या उम्मीद बाकी रह जाती है।
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