RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
( अपनी मां के मुंह से ईस तरह की खुली बातें सुनकर राहुल का पूरा बदन उत्तेजना के मारे झनझना गया। अलका आप पूरी तरह से खुल चुकी थी लेकिन इस समय उसकी ऐसी नंगी बातें सुनकर तो ऐसा ही लगने लगा था कि वह पहले जैसा व्यवहार करती थी उससे भी ज्यादा खुल चुकी थी। शायद जन्मदिन के इस रात को वह राहुल को पूरी तरह से खुश कर देना चाहती थी।
राहुल भी अपनी मां कोई तरह से खुला हुआ देखकर उसका व्यवहार देखकर और भी ज्यादा कामोत्तेजित हो रहा था वह अपनी मां की बात सुनकर अपनी बाहों को उसके गले में डाल कर अपनी तरफ खींचते हुए प्यार से बोला।)
मेरी भी तो अभी कहां पुरी प्यास बुझी है अलका मेरी जान।
( अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुनकर अलका आश्चर्यचकित हो गई लेकिन उसके मुंह से अपने लिए यह शब्द सुनकर उसे प्रसन्नता भी हो रही थी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोली।)
क्या बात है आज तेरे मुंह से मेरा नाम सुनकर मुझे अजीब तो लग रहा है लेकिन बड़ी खुशी भी हो रही है।
तेरी यह बात सुनकर मुझे आज तेरे पापा की याद आ गई वह भी मुझसे प्यार करते समय मेरा नाम लेकर ही मुझे बुलाते थे तो मुझे बेहद मजा आता था।
पता नहीं मम्मी ऐसा क्यों हुआ लेकिन आज उत्तेजना के मारे और तुम्हारा खूबसूरत बदन देख कर मुझे मेरे मन पर काबू नहीं रहा और मेरे दिल की बात मेरे मुंह पर आ गई। ( राहुल सफाई देते हुए बोला।)
कोई बात नहीं बेटा मुझे भी अच्छा लगा,( अपने बेटे के खड़े लंड को देखते हुए) लेकिन बेटा तेरा एक बार झड़ने के बावजूद भी जरा सा भी ढीला नहीं हुआ है देख तो सही कैसे मुंह उठाएं खड़ा है।
यह सब तुम्हारे रूप का ही जादू है तुम्हारा यह खूबसूरत गठीला बदन मेरे लंड को जरा सा भी ढीला नही पड़ने देता।( राहुल अपने लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर मुठीयाते हुए बोला।)
अलका अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर गदगद हुए जा रही थी। अपने बेटे को लंट मुठीयाते हुए देख कर उससे भी रहा नहीं गया और उसने भी अपनी हथेली को अपनी जांघों के बीच ले जाकर अपनी पानी से तरबतर बुर को मैं मसलने लगी। राहुल यह देख कर एकदम से उत्तेजित होने लगा और अपना हाथ आगे बढ़ा कर ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को मसलने लगा।
सससससहहहहहहह,,,,,,,,, क्या कर रहा है रे तुने तो मुझे फिर से गर्म करना शुरु कर दिया,,,,,,,आाहहहहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,,,,, ऊम्म्म्म्म्म्,,,,,,,,,, और जोर से दबा,,,,,,,, ( अलका अपनी बुर को मसलते हुए बोली। राहुल अपनी मां की गरम सिसकारी को सुनकर और ज्यादा गर्म होने लगा और अपनी मां की चुचियों को जोर-जोर से दबाते हुए बोला।)
ओहहहह मम्मी तुम्हारी इन्हें दोषी होना तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना रखा है कसम से मैंने आज तक तुम्हारी जैसी बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियां किसी औरत के पास नहीं देखा।
( अपने बेटे की यह बात सुनते ही अलका चुटकी लेते हुए बोली।)
तूने किसी और औरत को भी नंगीं देखा है क्या?
नहीं मम्मी मैंने तुम्हारे सिवा किसी और औरत को नंगी नहीं देखा।( चूचियों को मसलते हुए बोला)
फिर तुझे कैसे मालूम कि मेरी चूचियां दूसरी औरतों से ज्यादा बड़ी और गोल है। ( अलका मुस्कुराते हुए अपने बेटे की चुटकी लेने के लिए यह बोल रही थी क्योंकि उसे विश्वास था कि उसका बेटा उसके सिवा आज तक किसी गैर औरत को ना तो कभी नंगी देखा है और ना ही उनके साथ सेक्स किया है। राहुल अपनी मां के सवाल का जवाब देते हुए बोला।)
अरे मम्मी मैंने कभी किसी गैर औरत को नंगी तो नहीं देखा लेकिन उनकी तरफ देखकर, उनकी छातियों को देखकर अंदाजा लगा लेता हुं।
तब तो तू मुझे भी पहले जब भी देखता होगा तो मेरी छातियों की तरफ देखकर यही अंदाजा लगाता होगा कि मेरी चूचियां कितनी बड़ी-बड़ी है, हैं ना। ( अलका अभी भी अपनी हथेली से अपनी बुर को मसल रही थी।)
नहीं मम्मी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हां यह सच है कि अब तुम्हारे और मेरे बीच एक पति पत्नी के बीच जो रिश्ता होता है वही रिश्ता है लेकिन यह रिश्ता बनने से पहले मैंने कभी भी आपको इस नजरिए से नहीं देखा।
अपने बेटे की बात को सुनकर अलका मुस्कुराने लगी उसे अपने बेटे पर पूरा विश्वास था इस तरह के रिश्ते की शुरुआत उसके साथ ही हुई थी। उसे अपने बेटे पर पक्का विश्वास था कि वह किसी और से शारीरिक संबंध नहीं बनाया था। वह अपने बेटे से इस तरह की बातें सिर्फ मजाक के तौर पर कर रही थी लेकिन जब की हकीकत कुछ और थी । अलका को तो यही लगता था कि उसका बेटा सिर्फ उसके प्रति आकर्षित है उसके ही बदन का दीवाना है, जबकि राहुल के संबंध अलका के साथ-साथ तो और भी औरतों के साथ थे जिनके साथ वह संभोग सुख का आनंद ले चुका था लेकिन इस बात को राहुल ने कभी भी अपनी मां के सामने जाहिर नहीं होने दिया। अलका लेकिन अपने बेटे के मर्दाना ताकत से पूरी तरह से वाकिफ थी उसे पक्का यकीन था कि अगर वह किसी भी औरत या लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाएगा तो वह उसकी दीवानी हो जाएगी, जैसे कि वह खुद अपने बेटे के लंड की दीवानी हो चुकी थी।
अलका को अपने बेटे की मासूमियत पर प्यार आ रहा था और वह अपने बुर को अपनी हथेली से लते हुए धीरे-धीरे गरम हो रही थी। साथ ही राहुल खुद अपनी मां की चुचियों को दबा दबा कर उसे और ज्यादा चुदवासी कर रहा था।
दोनों पलंग पर बैठे हुए थे दोनों के पेर फर्श पर टिके हुए थे। अलका की पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी और राहुल भी अपने पजामे को घुटनों तक सरका दिया था दोनों अपने अपने अंगो के साथ साथ एक दूसरे के अंगों को देखकर ओर सहलाकर आनंद ले रहे थे।
एक बार झड़ने के बाद दोनों धीरे धीरेे एक बार फिर से उत्तेजित होते हुए चुदवासे हुए जा रहे थे अलका अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवाने के लिए तड़प रही थी और राहुल खुद अपनी मां को चोदने के लिए तड़प रहा था। अलका की बुर में खुजली होने लगी थी वह अपनी बुर को मसलते हुए सिसकारी भी ले रही थी।
अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज सुनकर राहुल का लंड और भी ज्यादा मोटा तगड़ा होने लगा था।
अपने बेटे के लंड को देखकर अलका से रहा नहीं गया और उसने हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को अपनी हथेली में भर ली और ऊसे मुठीयाते हुए बोली।
राहुल तेरा लंड तो और भी ज्यादा मोटा तगड़ा लग रहा है ऐसा लग रहा है कि जैसे गधे का लंड हो। ( अपनी मां की बात सुनकर राहुल को हंसी आ गई और वह हंसते हुए बोला।)
तुम देखी हो क्या मम्मी गधे के लंड को!
( अपनी बेटे के इस सवाल पर वह जवाब देने के बजाय मंद-मंद मुस्कुराने लगी। अपनी मां को इस तरह से मुस्कुराते हुए देखकर राहुल समझ गया कि ऊसकी मां जवाब देना नहीं चाहती। लेकिन राहुल कोतूहल वश अपनी मां से ईस सवाल का जवाब सुनना चाहता था। इसलिए फिर से जोर देता हुआ अपनी मां से यही सवाल दोहराया ओर ईस बार उसकी मां इंकार न कर सकी और जवाब देते हुए बोली।
हां देखी हूं( शरमाते हुए)
कहां मम्मी और कैसे? ( चुचीयों को जोर से मसलते हुए बोला।)
मार्केट से आते समय वही बीच रास्ते में देखी थी।
क्या देखी थी मम्मी? ( राहुल जानबुझकर पुछे जा रहा था। वह अपनी मां के मुंह से सबकुछ सुनना चाहता था।)
वही जो तु पुछ रहा है।
अपने मुंह से बोलो ना मम्मी।
( ईस बार अलका, राहुल को तिरछी नजर से कनखियो मे देखते हुए बोली।)
मैं तेरी चलाकी खूब समझती हुं सब कुछ मेरे मुंह से ऊगलवाना चाहता है।
जब सब कुछ जानती हो तो बोलो ना मम्मी मुझे तुम्हारे मुंह से सुनना है।( वह जोर जोर से चूची को मसलते हुए बोला।)
गधे का लंड लटकते हुए देखी थी। ( उत्तेजना में जोर से अपनी बुरको मसलते हुए बोली।)
कैसा लगा था मम्मी आपको जब आप पहली बार गधे के लंड को देख लेती तो।
मैं उस समय पहली बार तेरे पापा से शादी करके यहां आई थी और अकेले ही मार्केट में सब्जी खरीदने के लिए गई। जब सब्जी लेकर वापस लौट रही थी तो रास्ते में गधे के झुंड को देखी जिनमें से एक गधे ने अपना लंड बाहर निकाल कर नीचे तक लटका रखा था। उसके लंबे तगड़े मोटे लंड को देखकर मेरी बुर में सुरसुराहट होने लगी। ( इतना कहते हुए वह खूब ज्यादा कामोत्तेजित हो रही थी और साथ ही राहुल भी और भी ज्यादा चुदवासा हुए जा रहा था।) क्योंकि नई-नई शादी हुई थी इसलिए तेरे पापा रोज मेरी चुदाई करते थे। इसलिए मेरा ध्यान उस गधे के लंड पर कुछ ज्यादा ही जा रहा था। बस इससे ज्यादा मैंने कभी भी ऊस बारे में नहीं सोची और ऊससे ज्यादा और मुझसे कुछ पूछना भी मत।
राहुल अपनी मां के मुंह से गधे के लंड के बारे में सुनकर और ज्यादा चुदवासा हो गया था उससे अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हुए जा रहा था। अलका भी पुरानी बातों को छेंड़कर अपनी बुर की गर्मी और खुजली दोनों को बढ़ा ली थी उसे अब वाकई मे लंबे मोटे लंड की जरूरत हो रही थी। इसलिए वह अपनी बुर को मसलते हुए राहुल की तरफ बड़ी ही खुमारी नजरों से देखने लगी। अलका का इस तरह से उन्माद भरी नजरों से देखना राहुल से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने झट से अपने होठों को अपनी मां की गुलाबी होठों से भिड़ा दिया। जैसे ही होंठ से होंठ टकराए दोनों के सब्र का बांध टूट गया। दोनों कामोत्तेजित होते हुए एक दूसरे के होठो को चूसना शुरू कर दिए। अलका ही पहल करते हुए अपने बेटे के होठो को अपने मुंह में भरकर चूसती हुई उसने धीरे धीरे पलंग पर लेटने लगी और साथ ही अपने बेटे को अपने ऊपर लिटाने लगी ।
अलका से अब रहा नहीं जा रहा था वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवा लेना चाहती थी इसलिए खुद ही अपने हाथों से अपनी पैंटी को नीचे सरकाते हुए घुटनों से नीचे कर दी, और पैरों का सहारा लेते हुए उसे अपने पैर से निकाल फेंकी। उसने अपने बेटे को अपने ऊपर लिटा ली थी । वह धीरे से अपनी जांघो को फैला दी जिससे राहुल उसकी मांसल जांघों के बीच आ गया, इस बार अलका ने बड़ी फुर्ती दिखाई थी राहुल कुछ समझ पाता इससे पहले ही उसने एक हाथ नीचे लै जा कर के अपने बेटे के लंड को पकड़ ली
और लंड के गरम सुपाड़े को अपनी फुली हुई तपति बुर के मुहाने पर रख दी, राहुल को जैसे ही यह महसूस हुआ कि उसका टनटनाया हुआ लंड इसकी मां की गुलाबी बुर के छेद पर टिकी हुई है तो उसने तुरंत अपनी कमर को हरकत मे लाया और कमर को नीचे की तरफ दबाते हुए लंड के सुपाड़े को अपनी मां की बुर में उतार दिया।और जेसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा अलका की बुर मे घुसा वैसै ही अलका के मुंह से कराहने की आवाज निकल गई।
आाहहहहहहहहहह,,,,,,,,, ऊईईईईईईईई,,, म्मां,,,,,,, आज सच में तेरा लंड और भी ज्यादा मोटा लग रहा है।( तभी राहुल ने हल्के से एक और धक्का लगाया।)
आाहहहहहहहहहह,,,,,, दर्द हो रहा है रे,,,,,,,,,सससससहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,, ओहहहहहहह,,,,,,, म्मांआआआ,,,,,,,,,, ( अलका दर्द से कराह रही थी, अलका की कराहने की आवाज सुनकर राहुल एक ओर जोरदार धक्का लगाया और अपने पूरे समुचे लंड को अपनी मां की बुर में पेलते हुए बोला।)
मम्मी दर्द मे हीं तो मजा है ।दर्द करेगा तभी तो मजा भी ज्यादा आएगा।,,,,, अब देखना में तुम्हारी कैसे चुदाई करता हूं। तुम भी याद रखोगी।
देख तो रही हूं कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा है आज क्या खाकर आया है कहीं ऐसा तो नहीं अपने लंड पर तेल की मालिश करके आया है।
मुझे मालिश की जरूरत नहीं पड़ती ऐसे ही मेरा लंड बहुत ज्यादा तगड़ा है। ( इतना कहने के साथ ही राहुल अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया। )
सससससहहहहहहह,,,,,,, ऊहहहहहहह,,,,,,, ससससससहहहहहहहहह,,,,,,, राहुल,,,,,,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,,,,, तू सच कह रहा है दर्द तो कर रहा है लेकिन बचा भी उतना ही मिल रहा है बस ऐसे ही मुझे चोदता रह,,,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,,, बड़ा गर्म लंड है तेरा,,,,,,,,,
अलंका सिसकारी लेते हुए अपने बेटे को ऊकसाते हुए बोल रही थी। राहुल भी अपने मां की बात सुनकर बड़े जोश के साथ अपने लंड को बुर के अंदर बाहर कर रहा था। दोनों चुदाई का मजा लेते हुए एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे । अलका अपनी दोनों हथेलियों को अपने बेटे की पीठ पर रखकर ऊपर से नीचे तक सहला रही थी। रह-रहकर अलका के बदन मैं काम उत्तेजना का प्रसार कुछ ज्यादा ही हो जा रहा था जिसके कारण वह अपनी दोनों हथेलियों को अपने बेटे के नितंबों पर रखकर उसे ज़ोर से दबोच ले रहीे थी, और अपनी मां की इस हरकत पर राहुल की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती थी ।और वह लगातार दो चार जबरदस्त धक्के अपनी मां की बुर में लगा देता जिससे अलका की चीख सी निकल जाती थी। अलका को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी आज जन्मदिन के अवसर पर वह अपने बेटे को पूरी तरह से खुश करने के चक्कर में खुद भी बहुत ही ज्यादा आनंद की प्राप्ति करते हुए अपने बेटे से चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी।
फच्च फच्च की मधुर आवाज लंड और बुर के संगम से आ रही थी जो कि पूरे कमरे में किसी संगीत की तरह बज रही थी। जब भी राहुल जोरदार प्रहार करते हुए अपने मां की बुर में अपना पूरा लंड पेलता तो उसकी जांघे अपनी मां की मांसल जांघों से टकराकर एक अजीब सी ठाप पैदा कर रही थी, वह ठाप एैसी लग रही थी जैसे कोई कुशल तबला वादक तबले पर अपनी उंगलियों की करामत दिखा रहा हो। पूरा कमरा अलका की उन्मादक सांसो की आवाज से गुंज रहा था। राहुल से यह पल बिना पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था क्योंकि पहले की अपेक्षा आज इस अवसर पर उसकी उत्तेजना इतनी ज्यादा प्रबल हो चुकी थी कि उसकी सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी वह अपनी सुध-बुध खो चुका था मदहोशी उसके पूरे बदन पर छा चुकी थी। यही हाल अलका का भी हो रहा था, दोनों के ऊपर कामवासना पूरी तरह से छा चुका था, दोनों के बदन और दिमाग पर काम वासना पूरी तरह से अपना कब्जा जमा चुका था। सही क्या है गलत क्या है यह सब सोचने का समय और वक्त दोनों ने ना जाने कबसे गंवा चुके थे।
राहुल प्रहार पर प्रहार किए जा रहा था और अलका अपने बेटे के प्रहार का जवाब देते हुए खुद अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उचका कर दे रही थी।
अलका अपनी हथेलियों को जोर-जोर से राहुल की पीठ पर रगड़ते हुए उसकी नितंबों को दबोच ले रही थी।
चुदाई का नशा अलका की आंखों में पूरी तरह से जा चुका था वह मदहोश हो चुकी थी। आनंद की अनुभूति करते हुए वह आंखों को मुंद कर चुदाई का मजा ले रही थी। राहुल अपनी मां के ऊपर पूरी तरह से झुका हुआ था वह पागलों की तरह अपनी मां की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए ब्रा के ऊपर से ही चुचियों को दबाए जा रहा था। और अलका थी कि राहुल की इस हरकत से और ज्यादा कामोत्तेजित होते हुए सिसकारी लिए जा रही थी।
ससससहहहहहह,,,,,,, सससससहहहहहहह,,,,,,, ओहहहहह,,,,,,, राहुल,,,,,,,,,,, तु तो मुझे पूरी तरह से पागल किए जा रहा है ना जाने मेरे बदन मे में कैसी हलचल मची हुई है मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा है ऐसे ही मुझे चोदता रहै और जोर जोर से धक्के लगा। आाहहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,,, (इतना कहते हुए अलका ने अपनी टांगो को अपने बेटे की कब्र में फंसा ली)
राहुल तो अपनी मां की बात सुनकर पागल सा हो गया था और लगातार जोर जोर से धक्के लगाते हुए उसके चुचियों को दबाए जा रहा था और गर्दन गालों और होठों पर चुंबन की बारिश किए जा रहा था।
सससससहहहहहहह,,,,,,, ओहहहहह मेरी जान,,,,, अलका,,,,, तेरी बुर मे देख मेरा लंड कैसे घुस रहा है।,,,,,,,, ( राहुल के मुंह से अनायस ही ऊत्तेजना के चलते ऐसे शब्द निकल गए। राहुल को खुद समझ मे नही आ रहा था की ये कैसे हो गया । अलका खुद आश्चर्यचकित थी की उसका बेटा यह क्या बोल गया ऐसे शब्दों का प्रयोग उसने पहले कभी नहीं किया था।
लेकिन जो भी शब्द अल्का के कानो ने सुने वह शब्द उसके पूरे बदन को एक अजीब से सुख की अनुभूति कराते हुए तरबतर कर गया। ऐसे शब्दों का प्रयोग अपनी मां के लिए करते हुए राहुल का बदन खुद झनझनाहट का अनुभव कर रहा था। उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसे हो गया लेकिन जो भी हुआ था वह बड़ा ही आनंद दायक लगा। अलका भी इस बात से जानबूझकर अनजान बनते हुए अपने बेटे को अपनी बाहों में कस के भरते हुए उसे चुमने चाटने लगी।,,,,,,, राहुल का जोश और ज्यादा बढ़ चुका था। वह और जोर से धक्के लगाते हुए अपनी मां के बुर मे लंड पेलने लगा।
कुछ ही देर बाद दोनो की सांसे तेज गति से चलने लगी, एक साथ दोनो का बदन अकड़ने लगा और एकसाथ दोनो भलभलाकर झड़ने लगे।
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