RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल धीरे-धीरे अपनी मां के कमरे तक पहुंच गया था और जैसे ही उसने दरवाजे को खोलकर कमरे के अंदर नजर डाला तो वह अंदर का नजारा देखकर एकदम से दंग रह गया। अंदर का नजारा देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई मन में उसने ढ़ेर सारी कल्पनाएं की थी लेकिन यहां तो कल्पनाओं के विपरीत ही सबकुछ था। कहते हैं कि कल्पना से ज्यादा सुंदर कुछ नहीं होता लेकिन कल्पना से भी बेहद खूबसूरत और कामुक नजारा उसे कमरे में देखने को मिल रहा था। अलका आईने में अपने अक्स को निहार रही थी और दरवाजे पर खड़ा राहुल अपनी मां को आईने के सामने खड़ा देख रहा था उसकी नजर सीधे उसकी मां के भरावदार नितंबों पर ही गई थी। राहुल ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसके दिए गए कपड़ों में ऊसकी मां और भी ज्यादा कामुक और सेक्सी हो जाएगी। राहुल की नजर तो अलका के बदन पर से हट ही नहीं रही थी। वह तो बस देखे जा रहा था खास करके उसकी नजर उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड पर ही टिकी हुई थी जिसके ऊपर ट्रांसपेरेंट गाऊन क्या खूब फब रही थी।
गाउन छोटा होने की वजह से वह सिर्फ अलका की आधी गांड को ही ढंक पा रहा था , ढाक क्या पा रहा था ट्रांसपेरेंट गाउन होने की वजह से सब कुछ नजर आ रहा था। अलका अपनी खूबसूरती को आईने में निहारने में ही मस्त थी उसे इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं था कि उसका बेटा दरवाजे पर खड़ा उसे कामुक नजरो से देख रहा है। राहुल के लिए खड़े-खड़े यह कामुक नजारा देखना उसके सब्र के बाहर था इसलिए वह अपनी मां की तरफ आगे बढ़ा, राहुल जैसे ही आगे बढ़ा और जैसे ही दो चार कदम आगे बढ़ा ही था कि आईने में वह नजर आने लगा। राहुल को कमरे में मौजूद देखकर और अपने हालात को देखकर इस समय अलका शर्माने लगी। राहुल कभी अपनी मां के भजन को पीछे से देख ले रहा था तो कभी आईने में उसका चेहरा देख ले रहा था लेकिन अलका अपने परिवेश के कारण शर्म के मारे उससे आईने में भी आंख नहीं मिला पा रही थी। राहुल की हालत तो जेसे जेसे आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे खराब होती जा रही थी। उसके पजामे में पूरी तरह से तंबू बना हुआ था। राहुल को अपने करीब आता देख अलका शर्माते हुए उसकी तरफ घूम गई और अपनी छोटी सी ट्रांसपेरेंट गाउन को हाथों से खींच खींच कर नीचे अपनी चिकनी जांघो को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी। राहुल को यह बिल्कुल भी समझ मे नही रहा था की आखिरकार उसकी मम्मी इस तरह से शरमा क्यों रही है। जबकि वह दोनों तो शर्मो हया और मर्यादा के सारे बंधन को तोड़कर ईतने आगे आ चुके थे कि जहां से पीछे वापस लौट कर जाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था। फिर उसके मन में ख्याल आया कि शायद कपड़ों की वजह से उसकी मां शर्मा रही थी। शायद उसे इन खुले कपड़ों में कुछ ज्यादा ही खुलापन लग रहा था। वैसे ही राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि वह जिसे छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी वह ऐसे भी दिखाई दे रहा था। राहुल तो बस मंत्रमुग्ध सा अपनी मां के बदन को देखे जा रहा था। और अलका थी की बस शर्माए जा रहीे थीे लेकिन इस बात का उसे गर्व भी थाकि इन कपड़ो में उसका वजन कुछ ज्यादा ही सेक्सी और कुछ ज्यादा ही उभर कर सामने आ रहा था जिसे देखकर उसका बेटा भी मंत्रमुग्ध हो गया था। अलका फिर भी अपने बदन को छोटे से कपड़े से ढकने की पूरी कोशिश किए जा रही थी। अपनी मां की यह हरकत राहुल को बड़ी ही कामुक और ऊत्तेजक लग रही थी। अलका की यह हरकत उसके बदन में झनझनाहट पैदा कर रही थी। राहुल अपने अंदर एक अजीब से सुख का एहसास कर रहा था। उसकी मां ऐसा बर्ताव कर रही थी कि जेसे वह खुद किसी गैर मर्द के सामने इन कपड़ो में आ गई हो। राहुल को भी ठीक ऐसा ही अनुभव हो रहा था उसे भी अपनी मां का बरखा देखते हुए लग रहा था कि जैसे वह किसी गैर औरत के सामने पहली बार ईस अवस्था में आ गया हो। अलका के चेहरे पर शर्मो हया के भाव उसके चेहरे को और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहे थे। राहुल की तो हालत ऊपर से नीचे तक देख देख कर खराब हुए जा रही थी उसके पजामे में उसका लंड गदर मचाए हुए था जिस पर रह रहकर अलका नजर फेर ले रही थी। पजामे में तना हुआ लंड देखकर अलका की बुर में भी सुरसुराहट होना शुरू हो गई थी। लेकिन इस समय वह पहने हुए अपने छोटे छोटे कपड़ों में शर्मसार हुए जा रही थी। राहुल तो अपनी मां के खुबसुरत नंगे बदन को देखते हुए पजामे के ऊपर से ही अपने टनटनाए हुए लंड को मसलने लगा।
अपने बेटे को ईस तरह से पजामे के ऊपर से ही लंड को मसलते हुए देखकर अलका की बुर पानी छोड़ने लगी।वह समझ गई की ऊसका बेटा चुदवासा हो चुका है । लेकीन ईन कपड़ो मे अलका की हया खत्म नही हो रही थी। राहुल अपनी मां की खुबसुरती को देखकर ऊत्तेजना के परमशिखर पर पहुंच गया था। अलका के दुधिया बदन को देखकर ऊसकी आंखे चौंधिया गई थी।
राहुल पजामे के ऊपर से ही लंड को मसलते हुए बोला।
ओहहहह मम्मी इन कपड़ों में तुम तो आसमान से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो। मुझे यकीन नही हो रहा है की सच मे तुम मेरी मम्मी हो ।
तो क्या लग रही हुं? ( अलका शर्म के मारे नजरे नीचे झुकाकर बोली।)
ऐसी लग रही हो जेसे फिल्म की कोई हीरोईन
( अपनी मां के चारो ओर चक्कर काटते हुए बोला।)
अपने बेटे की बात सुनकर वह शर्मा गई। राहुल अभी भी उसके चारों तरफ घूम घूम कर उसके खूबसूरत बदन को ऊपर से नीचे की तरफ पूरी तरह से देख रहा था। देखते-देखते उससे रहा नहीं गया और जो ही वह अपनी मां के पीछे पीठ की तरफ पहुंचा तो उसकी नजर अलका के भरावदार नितंब पर चली गई और उस पर नजर जाते ही राहुल के अंदर उत्तेजना का संचार बड़ी ही तीव्र गति से होने लगा और उससे रहा नहीं गया उसने तुरंत अपनी हथेली अपनी मां के भरावदार गांड पर रखकर उसे हथेली में ही दबोच लिया, राहुल की इस हरकत पर अलंकाआगे की तरफ उचक गई और उसके मुंह से आउच निकल गया।
क्या कर रहा है राहुल?
क्या करूं मम्मी मुझ से रहा नहीं जा रहा है मैंने कहा ना कि आज आप स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही है। आपका यह खूबसूरत बदन बड़ी बड़ी चूचियां और यह बड़े बड़े गांड ईन छोटे छोटे कपड़ों में बड़ा ही मोहक और कामुक लग रहा है। क्या कहूं मम्मी मुझसे आज अपने आप पर काबू कर पाना बड़ा ही मुश्किल हुए जा रहा है।
( अपने बेटे की बात सुनकर अलका शर्म से गड़ी जा रही थी लेकिन अंदर ही अंदर अपनी तारीफ सुनकर उसे बड़ी ही प्रसन्नता हो रही थी। वह शरमाते हुए अपने दोनों हथेलियों को आपस में जोड़कर जांघों के बीच टिका कर पैंटी से झलक रही है अपनी गुलाबी बुक को ढकने की कोशिश कर रही थी। अपनी मां को इस तरह की हरकत करते हुए देखकर वह बोला।)
ओह मम्मी अपनी खूबसूरती को इस तरह से छुपाओगी तो कैसे चलेगा। और किससे छुपा रही हो,,,,, मुझसे,,,,,
अब हमारेे बीच छुपाने जैसा कुछ रहा ही क्या है मेरे और तुम्हारे बीच में मर्यादा की सारी हदें टूट चुकी है। हम दोनों के बीच कुछ भी छिपने छिपाने जैसा नहीं रहा है मम्मी। बस आज खुलकर प्यार करो सारी हदें तोड़ दो आपकी खूबसूरत और सेक्सी बदन का में दीवाना हो चुका हूं। तुम्हारे जैसी औरत मैंने आज तक नहीं देखा तुम्हारे जैसी खुबसूरती शायद ही किसी औरत में हो।
( राहुल अपनी मां की खूबसूरती की तारीफ में चार चांद लगाते हुए शब्दों के ऐसे ऐसे पुल बांध रहा था कि उसकी मां भी अपने बेटे के इन बातों को सुनकर आश्चर्यचकित होते हुए मन-ही-मन प्रसन्नता के साथ साथ उत्तेजित भी हुए जा रही थी। वह कुछ भी बोल नहीं रही थी बल्कि अपनी दोनों हथेलियों से अपनी जांघ़ों के बीच पहरेदारी करते हुए उस बेशकीमती खजाने को छुपाने की कोशिश कर रही थी, जो कि उसकी यह कोशिश नाकाम थी । क्योंकि वहां क्या-क्या छिपाती उसका अंग-अंग बेशकीमती था जांगो के बीच की जगह को छुपाने की कोशिश करती तो, छातियों की खूबसूरती बढ़ाते हुए दो बड़े बड़े टिल़े के सामान चुचिया उजागर हो जाती थी। और तो और उसकी बड़ी-बड़ी भरावदार नितंब इतनी ज्यादा उभरी हुई थी कि उन्हें छुपाने के बारे में तो वह सोच भी नहीं सकती थी। अलका का खूबसूरत बदन इस तरह से तराशा हुआ था कि उस के भदन के किसी भी हिस्से पर नजर जाती तो उत्तेजना की एक लहर पूरे बदन में दौड़ जाती थी। राहुल पूरी तरह से उत्तेजना में सराबोर हो चुका था वह अपनी मां की तारीफ करते बिल्कुल भी नहीं थक रहा था।)
मम्मी आज मुझसे दिल खोलकर प्यार करो और मुझे भी प्यार करने दो आज आप अपने बदन का वह जलवा दिखाओ की जो मैंने आज तक नहीं देखा। तुम्हारे बदन के अंग अंग से मदन रस टपक रहा है या मदन रस पी कर मुझे त्रप्त होने दो। ( यह सब बोलते हुए राहुल की आंखों में मदहोशी जा रही थी उसके बदन में अलका के नशा का असर पूरी तरह से हो रहा था। और अलका थी की आज ना जाने कौनसी शर्मो हया ने उसे घेर रखा था।
जो कि खुद नंगी होकर भी अपने बेटे को पूरी तरह से अपने काबू में कर चुकी थी उसे अपनी बुर साौंप कर चुदाई का असीम आनंद ले चुकी थी। दोनों ने ना जाने कितनी बार चुदाई का पूरी तरह से आनंद ले चुके थे।
संभोग सुख प्राप्त करने की सारी कलाबाजियां दोनों ने बिस्तर पर खेल चुके थे, जिस के हिसाब से हल्का की भी सारी शर्म की हदें तोड़ चुकी थी लेकिन इस वक्त इस तरह के सेक्सी कपड़ों में वह अपनी शर्म की हद से निकल नहीं पा रही थी। लेकिन उसके अंग अंग में उत्तेजना का संचार पूरी तरह से हो चुका था। उत्तेजना के कारण उसकी सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी। और तेजी से सांस चलने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां सांस कि लय में लय मिलाते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी, जिसे देखकर राहुल चुदवासा हुए जा रहा था। वह अपनी मम्मी की बड़ी बड़ी चुचियों को ऊफान मारता हुआ देखकर बोला।)
ओह मम्मी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है । आप बस ऐसे किसी पुतले की तरह खड़ी रहेंगेी तो काम कैसे चलेगा, इन कपड़ों में पूरी मस्ती दिखाओ, मुझे चलकर दिखाओ मम्मी, चलते समय तुम्हारी गांड किस तरह से मटकती है मैं तुम्हारी गांड की थिरकन को देखना चाहता हूं।
मैं इन कपड़ो में तुम्हें चलते हुए देखना चाहता हूं चलते समय किस तरह से तुम्हारा अंग अंग ऊफान मारता है यह देखना चाहता हूं।। आज यह तुम्हारा नया रुप देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है देखो तो सही तुम्हारे इस रुप ने मेरी क्या हालत कर दी है।( इतना कहते हुए उसने अपने पजामे को थोड़ा सा नीचे सरका कर अपने टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर अपनी मां को दिखाते हुए एक बार मुठीयाकर वापस उसे पजामे मे ठुंस ़ दिया। अलका की नजर जैसे ही अपने बेटे के टंनटनाए हुए लंड पर पड़ी तो अलका की बुरमें उत्तेजना के मारे सुरसुराहट होने लगी। )
मम्मी मुझसे रहा नहीं जा रहा है तो आज जो मैं कहता हूं वैसा ही आप करिए।
लेकिन बेटा मुझे इन कपड़ों में शर्म आ रही है मुझसे ठीक से खड़ा नहीं रहा जा रहा है तो मैं कैसे तुझे चलकर दिखाऊंगी। ( अलका को इन कपड़ो में चलने में दिक्कत आ रही थी उसे शर्म सी महसूस हो रही थी इसलिए वह राहुल से बोली। लेकिन राहुल अपनी मां की बात नां मानते हुए बोला।)
मम्मी यह मत भुलो कि आज मेरा जन्मदिन है और तुमने ही मुझसे वादा की हो की मेरे जन्मदिन पर तूम मेरी हर ख्वाहिश पूरी करोगी।
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