RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
सुबह राहुल की नींद खुली तो वह अपनी मां की कमरे में बिल्कुल नंगा उसकी मां की नंगी बाहों में लेटा हुआ था अलका और राहुल दोनों इस समय पहले की ही तरह बिल्कुल संपूर्ण नग्नावस्था में एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल कर चरमोत्कर्ष के पश्चात नींद की आगोश में लेटे हुए थे। राहुल की आंख खुलते ही वह बहुत ही पसंद नजर आ रहा था क्योंकि आज ही उसका जन्मदिन था। राहुल दीवार पर टंगी घड़ी की ओर देखा तो काफी समय हो चुका था वैसे भी आज चिंता की कोई बात नहीं थी ना तो उसे स्कूल जाना था और ना ही उसकी मां को ऑफिस। उसने कुछ देर तक बिस्तर पर ही लेटे लेटे हुए अपनी मम्मी के रेशमी बालो मे ऊंगलियो को ऊलझा कर सहला रहा था।
कुछ देर तक यूं ही लेटे रहने के बाद वह जैसे ही बिस्तर पर से उठने को हुआ, वैसे ही तुरंत अलका की भी नींद खुल गई। राहुल पर नजर पड़ते ही अलका मुस्कुराने लगी हो मुस्कुराते हुए उसे जन्मदिन की ढेर सारी बधाई देते हुए उसे गले से लगा ली। राहुल भी अपनी मम्मी की बधाई को मंजूर करते हुए अपने होठों को गुलाबी होता रखकर चुंबन करने लगा। गले मिलने के बाद राहुल अपनी मां को बोला।
मम्मी जल्दी से तुम नहा धोकर तैयार हो जाओ और सोनू को भी तैयार होने को कहो, मैं भी जल्दी से नहा धोकर तैयार हो जाता हूं क्योंकि आज हम लोगों को बाहर है खाना खाना है और सारा दिन बस घूमना है और खरीदी करना है।( राहुल की बात सुनकर अलका खुश तो हुई लेकिन उसके चेहरे पर उदासी छाने लगी अपनी मां को उदास होता हुआ देखकर वह बोला।)
क्या हुआ मम्मी तुम ऐसे उदास क्यूं हो गई?
बेटा बाहर घूमने फिरने की बात तो ठीक है लेकिन इतने सारे पैसे कहां है?
तुम चिंता मत करो मम्मी मैंने सारा बंदोबस्त कर लिया है बस आप जल्दी से तैयार हो जाइए फिर हम घूमने चलते हैं।
( अपने बेटे की कहानी सुनकर अलका को राहत हुई उसे अब अपने बेटे पर पूरा पक्का यकीन होने लगा था। अगर वह कह रहा है कि बंदोबस्त कर के रखा है तो जरूर उसने कुछ ना कुछ बंदोबस्त किया होगा तभी तो वह बाहर घूमने फिरने और खरीदी करने की बात कर रहा है। अलका खुश होते हुए बस एक चादर भर अपने बदन पर लपेटी और वैसे ही बाथरूम की तरफ चल दी।
कुछ ही देर मे राहुल और सोनू तैयार होकर नीचे बैठे हुए थे वह दोनों अपनी मां का इंतजार कर रहे थे जो कि अपने कमरे में अभी भी तैयार हो रही थी लेकिन कुछ समय ज्यादा लगने की वजह से राहुल सोनू से बोला।
तू यही बैठ मे मम्मी को बुला कर लाता हूं। ( इतना कहकर राहुल अपनी मां की कमरे की तरफ जाने लगा। कमरे के दरवाजे के पास पहुंच कर अपने हलके से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुद-ब-खुद खुल गया। राहुल की नजर जैसे ही कमरे के अंदर गई अपनी मां का गोरा बदन देखकर उसकी आंखें चौंधिया गई। अलका की पीठ उसकी तरफ थी और वह अपने दोनों हाथ पीछे लाकर ब्रा के हुक को बंद करने की कोशिश कर रही थी। राहुल अपनी मां के इस रूप को देखकर एकदम से चुदवासा हो गया। इस समय अलका की गांड साड़ी ज्यादा टाईट बंधी होने की वजह से कुछ ज्यादा ही भरावदार लगने लगी थी। राहुल के लिए ईतना लुभावना और कामुक दृश्य को दरवाजे पर खड़े खड़े देखते रहना एक बिल्ली का दूध से भरी हुई कटोरी को बस देखते रहने के बराबर था जोकि दोनों सूरत-ए-हाल में संभव नहीं था। इसलिए राहुल कमरे में दाखिल हुआ और सीधे अपनी मां के पास पहुंच कर अपनी एक हथेली को उसकी भरावधार गांड पर रखकर कस के दबा दिया। राहुल के ईस हरकत पर अलका के मुंह से आऊच्च निकल गया।
आऊच्च,,,,,, क्या कर रहा है राहुल? ( वह फिर से अपनी ब्रा के हुक को बंद करने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली।)
क्या मम्मी हम दोनों कब से तुम्हारा नीचे इंतजार कर रहे हो और आप हैं कि अभी तक तैयार भी नहीं हो पाई हो।
अरे देख नही रहा है,,,, इस मुआा ब्रा का हुक है की बंद ही नहीं हो रहा है।
अच्छा लगे नहीं बंद कर देता हूं ।(इतना कहने के साथ ही राहुल ब्रा के दोनों स्ट्रेप को पकड़ कर खींचकर बड़ी मुश्किल से हुक में फसाते हुए बोला ।)
कहां से हुक लगेगा मम्मी ईस ब्रा का साईज देखो और आपकी चुचियों का साइज देखो। यह तब की ब्रा लग रही है जब आपकी चूचियां नारंगी की तरह गोल गोल हुआ करती थी लेकिन अब आप की चूचियां रस से भरी हुई पके हुए आम की तरह बड़ी बड़ी हो गई है।
( इतना कहने के साथ ही राहुल पीछे से अपनी मां को बाहों में भरते हुए चुचीयों को अपनी हथेली में भरकर दबा दिया। )
आऊच्च,,,, तो क्या करूं बेटा तू तो जानता है कि नई ब्रांडेड ब्रा खरीदने की मेरी तो हैसियत नहीं है। ( अपनी मां की बात को सुनकर वह बात को बदलते हुए बोला)
कोई बात नहीं मम्मी अब जल्दी करिए देर हो रही है।
बस बेटा दो मिनट ( इतना कहते ही वह साड़ी के पल्लू को अपने कंधे पर ले ली अब वह पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी। इस समय अलका का रूप देखते ही बन रहा था बला की खूबसूरत लग रही थी अलका। राहुल की नजर तो अलका के बदन के ऊपर से हट ही नहीं रही थी। अलका राहुल की नजर को भांप गई और शर्माते हुए बोली।)
तू तो ऐसे देख रहा है जैसे की पहले कभी मुझे देखा ही न हो।
मम्मी आप को खुद पता नहीं है कि आप कितनी ज्यादा खूबसूरत हैं इसलिए तो जब भी आपको देखता हूं तो बस देखता ही रह जाता हूं।
बस बस अब और ज्यादा तारीफ मत कर जल्दी चल देर हो रही है।
( दोनों कमरे से बाहर की तरफ जाने लगे लेकिन जाते जाते भी राहुल की नजर उसकी मां की भरावदार नितंबों पर ही टिकी हुई थी जिसे वह कमरे के बाहर निकलते निकलते भी अपनी हथेली से जोर से दबा दिया और अलका राहुल की तरफ देखकर मुस्कुरा दी।)
तीनों घर से बाहर निकल चुके थे घूमने के लिए। आज तीनों बहुत खुश नजर आ रहे थे। अलका का रूप तो देखते ही बन रहा था उसकी खूबसूरती में चार चांद लग गए थे। अपनी चुचियों के साइज से भी छोटे साईज का ब्लाउज पहनने की वजह से चुचियों का आकार कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था ऐसा लग रहा था कि अब यह दोनों कबूतर ब्लाउज फाड़कर बाहर फड़फड़ाने लगेंगे। चूच़ियों के ऊपरी हिस्से की पतली दरार कुछ ज्यादा ही लंबी और गहरी लग रही थी। जिस पर अगर किसी की भी नजर पड़ जाए तो उसका लंड बिना कहे खड़ा हो जाए। आने जाने वाले सबकी नजर अलका पर ही टिकी रह जाती थी जिसे राहुल भली-भांति समझ रहा था उसे अच्छा तो नहीं लग रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था उसकी मां थी भी इतनी खूबसूरत और सेक्सी की किसी की भी नजर उस पर पड़े बिना रही ही नहीं जाती थी। राहुल को भी अलका का यह रूप बहुत ज्यादा भा रहा था।
आज राहुल दिल खोलकर अपने भाई सोनू और अपनी मां पर पैसे खर्च कर रहा था और उनकी हर ख्वाहिशों को पूरी कर रहा था। उन दोनों की जो इच्छा होती थी वह उन दोनों को खिला रहा था पैसे की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी क्योंकि 10000 की नोटों की गड्डी जो वीनीत की भाभी से लिया था। राहुल अपने भाई और अपनी मां को सभी जगहों पर घुमाया। पार्क में चिड़ियाघर में जहां-जहां हो सकता था सभी जगहों पर घुमाया। राहुल ने उन दोनों को सीनेमा भी दिखाया। अलका को आज अपनी जवानी के दिन याद आ गए जब पहली बार बार शादी कर के आई थी तब उसके पति ने पहली बार उसे सिनेमा के दर्शन कर आए थे और उस दिन के बाद आज उसका बेटा उसे सिनेमा दिखाने ले गया था। अलका के साथ-साथ सोनू बहुत खुश नजर आ रहा था क्योंकि उसने आज तक इतनी आजादी के साथ ना कहीं घूमा फिरा और ना ही इतना कुछ खाया। थियेटर में ज्यादा भीड़ नहीं थी और अंधेरा होने के बाद अंधेरे का लाभ उठाते हुए राहुल और अलका एक दूसरे को चुम्मा चाटी करने का पूरा आनंद उठाते रहे , राहुल की इच्छा तो अलकां को लंड चुसवाने की थी लेकिन पास में सोनू के मौजूदगी में ऐसा संभव नहीं लगा इसलिए सिर्फ चुंबन से ही काम चलाना पड़ा।
अलका की भी इच्छा बहुत थी थिएटर में नहीं अनुभव का आनंद उठाने के लिए लेकिन वह भी ऐसा ना कर सकी. लेकिन कामुक हरकतों की वजह से अपनी बुर जरूर गिली कर ली। फील्म देखकर बाहर निकले तो शाम हो चुकी थी। राहुल अपने लिए केक खरीदना चाहता था इसलिए वह दुकान से केक भी खरीद लाया।
राहुल के मन में गुदगुदी सी होने लगी क्योंकि वह अपनी मां के लिए ब्रांडेड ब्रा और पैंटी और ट्रांसपेरेंट गाउन खरीदना चाहता था। उसकी उत्सुकता इस बात पर ज्यादा थी की यह सब ब्रांडेड कपड़े पहनने के बाद उसकी मां कैसी दिखेगी, यह सब सोच-सोच कर ही उसके लंड का तनाव बढ़ता जा रहा था।
राहुल ने सबसे पहले सोनू के लिए कपड़े खरीदने और उसके बाद उसकी मां के लिए एक नई सी सुंदर सी साड़ी खरीदा नई साड़ी पाकर के तो अलका खुशी के मारे फुले नहीं समा रही थी। तीनों बहुत खुश नजर आ रहे थे अलका अपने बेटे की तरफ देख कर मन ही मन अपने आपसे ही बातें करते हुए कह रही थी कि वाकई मैं ऊसका बेटा अब बड़ा हो गया है।
राहुल के बदन मे अजीब सी गुदगुदी मच रही थी क्योंकि इस समय वहं उसी दुकान के सामने खड़ा था जिस दुकान से विनीत की भाभी ने अपने लिए ब्रांडेड अंडर गारमेंट और राहुल के लिए टीशर्ट खरीदी थी राहुल को भी इसी शॉप से अपनी मां के लिए ब्रांडेड ब्रा और पैंटी के साथ-साथ ट्रांसपेरेंट गाउन भी खरीदना था। वह अपनी मां को साथ में लेकर जा नहीं सकता था क्योंकि वह उसे सरप्राइस देना चाहता था। इसलिए वह सोनू और अपनी मां को मैंगो जूस पिलाने के बहाने जूस की दुकान पर ले गया जोकि उसी शॉप के ठीक सामने ही थी। वहां जाकर वह दो ग्लास जुस का ऑर्डर कर दिया और अपनी मां और सोनु को वहीं बैठे रहने के लिए बोला। राहुल वहां से जाने लगा तो उसकी मां बोली।
तू कहां जा रहा है बेटा?
तुम दोनों यहीं बैठकर जूस पीओ मम्मी मै तब तक सामने की शॉप से कुछ कपड़े खरीद कर लाता हूं।
लेकिन कपड़े तो हमने ले लिए है ना तो अब कौन से कपड़े खरीदने हैं।
मम्मी आप यहीं बैठकर जुस पीओ यह कपड़े आपके लिए ही है लेकिन सरप्राइज़ है। ( इतना कहने के साथ ही वह दोनों को वहीं छोड़ कर सड़क पार करके ऊसी शॉप मे चला गया।
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