Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:55 PM,
#96
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल घबराते हुए बोला।

मम्मी आप रो क्यों रही है क्या हुआ? अौर ये राहुल यहां क्यों आया था? क्या हुआ मम्मी आप कुछ बोलेंगी भी या ऐसे ही रोती रहेंगी मुझे आपका यह रोना बिल्कुल भी देखा नहीं जा रहा है। ( राहुल अपनी मां को रोता हुआ देखकर परेशान हुआ जा रहा था और उसकी मम्मी थी कि बस रोए जा रही थी। राहुल को देख कर उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। वह सिसक सिसक कर रोए जा रही थी। राहुल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार हुआ क्या है विनीत का यूं घर से बाहर निकलना और अलका का रोना उसे कुछ खटक रहा था। लेकिन जब तक अलका खुद नहीं बताएगी कि बात क्या है तब तक राहुल को पता कैसे चलेगा कि वह रो क्यों रही है उसके पीछे का कारण क्या है। अपनी मां को यूं रोता देखकर उसका मन बहुत परेशान हो रहा था। और अपनी मां की खामोशी को देख कर उसे गुस्सा भी आने लगा था।
वह अपनी मां के कंधे पर हांथ रखते हुए बोला। 

मम्मी जब तक तुम मुझे बताओगी नहीं की क्या हुआ है तब तक मुझे पता कैसे चलेगा और यह रोना( अपने हाथ से आंसू पोंछते हुए) बंद करो और मुझे बताओ कि क्या हुआ है और यह वीनीत यहां क्या करने आया था। इसने तो कभी भी मेरा घर नहीं देखा था तो यहां कैसे पहुंच गया।

विनीत का जिक्र आते ही अलका फिर से जोर जोर से रोने लगे उसका रोना बंद ही नहीं हो रहा था उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। वह अब तक छुपाते आ रही थी लेकिन बताना भी जरूरी था, कि उसके ऊपर क्या गुजर रही है काफी दिनों से वह अंदर ही अंदर कौन सा दुख झेल रही है। और उसके दुख के पीछे किसका हाथ है। 
राहुल अपनी मां को चुप कराने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन अलका चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी वह भी पर क्या करती थी बहुत दिनों से वह भी अंदर ही अंदर घुट रही थी। वह कैसे अपने बेटे को बता दें कि उसका ही दोस्त उसके साथ गलत कर चुका है और फिर से संभोग सुख की मांग कर के उसे ब्लैकमेल किए जा रहा है। वह बताना भी चाहती थी लेकिन डरती थी सच्चाई जानने के बाद कहीं राहुल उससे नफरत न करने लगे वह क्या सोचेगा ' उसके दिल पर क्या गुजरेगी जब राहुल को पता चलेगा कि उसकी मम्मी उसके ही दोस्त के साथ चुदवा चुकी है। राहुल अपनी मां को चुप करा करा कर परेशान हो चुका था अलका के रोने की आवाज सुनकर सोनू भी नीचे आ गया। राहुल अपने छोटे भाई सोनू से पूछने लगा कि हुआ क्या है। वह अपने भाई को जवाब देते हुए बोला।

मुझे नहीं मालूम भैया सब कुछ तो ठीक था मैं यहीं नीचे बैठ कर पढ़ रहा था तभी वह भैया आए और उसके बाद में ऊपर कमरे में चला गया। 

कौन भैया! कौन आया था इधर।
( अब राहुल का दिमाग झनझनाने लगा था क्योकी अभी अभी वीनीत ही घर से बाहर गया था। राहुल की बात सुनकर उसका जवाब देते हुए सोनू बोला।)

वही जो उस दिन मेरी तबीयत खराब होने पर साथ में ही अस्पताल में रुके थे। 

अस्पताल में रुके थे, किसके साथ मुझे तो इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है।( राहुल आश्चर्य के साथ बोला, अब अलका के सामने राहुल को विनीत के बारे में बताने के सिवा और कोई रास्ता नहीं था इसलिए वह बोली।) 

विनीत, विनीत ही उस दिन मेरे साथ अस्पताल में रुका था।( अलका नीचे की तरफ नजर झुका कर बोली। उसकी आंखों से आंसू टपक रहे थे। राहुल को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह लोग क्या कह रहे हैं इसलिए आश्चर्यचकित होता हुआ फिर से बोला।) 

लेकिन विनीत ने ईस बारे में मुझसे कभी भी कोई भी बात नहीं किया। 

क्योंकि वह नहीं जानता था कि मैं तुम्हारी मम्मी हुं।
(अलका साड़ी की कीनारी से अपने आंसू पोंछते हुए बोली। राहुल अभी भी आश्चर्य में था।) 

क्या मतलब मम्मी? 
( राहुल फिर से आश्चर्य जताते हुए बोला। अलका पूरी तरह से तैयार थी जवाब देने के लिए वह अपने आप को तैयार कर चुकी थी आज वह अपना राज बताने के लिए जिस वजह से वहां अंदर ही अंदर घुट घुट कर मर रही है। )

मैं तुम्हें सब कुछ बताती हुं राहुल ,( अलका सोनू की तरफ देखकर ) तुम अंदर जाकर पढ़ो बेटा। 
( राहुल को उसकी मां की बातें और उसका व्यवहार कुछ अजीब सा लग रहा था। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि वह सोने के कमरे में जाने के लिए बोल रही है फिर भी वह शांत खड़ा रहा वह जानना चाहता था कि आखिर बात क्या है। अलका कुछ देर तक शांत बैठी रही उसके बाद फिर से फफक कर रो पड़ी। राहुल अपनी मां को फिर से चुप कराते हुए ऊन्हे उनकी परेशानी का कारण बताने के लिए बोला। इस बार अलका बोली।) 

बेटा जो मैं तुम्हें बताने जा रही हूं एक मां के लिए बेहद शर्मनाक है लेकिन मैं किसी और से बता भी नहीं सकती पता नहीं तुम मुझ पर विश्वास करोगे या नहीं हो सकता है तुम मुझ पर गुस्सा भी करो लेकिन मेरी भावनाओं को समझ कर फैसला करना कि जो भी हुआ था इसमें मेरा दोष था या मेरी मजबूरी या फिर हालात का दोष था।
( राहुल अपनी मां की बात सुनकर और भी ज्यादा परेशान होने लगा उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या बात क्या है जो मम्मी मुझसे इस तरह से बातें कर रही है। और मम्मी के परेशानी के पीछे विनीत हो सकता है यह बात ऊसे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रही थी। अलका उसे बताते हुए बोलीे ) 

बेटा विनीत से मेरी मुलाकात ऑफिस से आते समय बाजार में हुई थी। वह मेरी मदद किया था तुम्हारी उम्र का ही है तुम्हारा ही दोस्त है यह तो मुझे अब जाकर मालूम पड़ा लेकिन यह बात उसे पहले भी शायद नहीं मालूम थी मैं तुम्हारी मम्मी हूं। वह आए दीन मुझे बाजार में मिलता और कभी कभार मेरी मदद भी कर देता। शायद तुम्हें पता होगा एक बार मुझे पैसो की बहुत ज्यादा जरूरत थी सोनू की फीस भरनी थी। और मेरे पास फूटी कौड़ी नहीं थी मैं सब जगह हाथ फैलाकर मदद मांग कर हार गई लेकिन मुझे कहीं से भी मदद नहीं मिली जहां तक कि मुझे ऑफिस में भी कोई मदद नहीं मीली। ऑफिस से भी जब मुझे कोई मदद नहीं मिली तो मैं ऑफिस से घर पर आ रही थी तो रास्ते में ही मुझे विनीत मिल गया। मैं उससे कोई मदद मांगने नहीं चाहती थी लेकिन क्या करूं मैं मजबूर थी और मुझे लगता भी नहीं था कि वह मेरी मदद कर पाएगा लेकिन बात ही बात में मैंने ऊसे अपनी परेशानी बताइए तो वह झट से पैसे निकालकर मुझे थमा दिया। मैं क्या करती मजबूरी थी तो मैंने वह पैसे उधार के तौर पर ले ली। विनीत को मैं अपने बेटे जैसा ही मानने लगी थी क्योंकि वह अच्छा लड़का था वह तुम्हारी उम्र का था। 

तभी सोनू की भी तबीयत खराब हो गई लेकिन तुम उस समय घर पर नहीं थे, मैं सोनू को लेकर जल्दी जल्दी अस्पताल की तरफ चली जा रही थी कि तभी विनीत मिल गया और वह अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा कर हमें अस्पताल पहुंचाया और अस्पताल में सारी मदद किया यहां तक कि अस्पताल का बिल भी उसी ने चुकाया । ( राहुल अपनी मां की सारी बातों को ध्यान से सुने जा रहा था अब तक की बातों को सुनकर उसे कोई ऐसी बात नहीं लगी जो कुछ गलत हुआ हो। ) मेरे पास तो अस्पताल का बिल चुकाने के लिए भी पैसे नहीं थे । मैं मन ही मन में सोच रही थी कि इसका यह एहसान मैं कभी भी चुका नहीं सकती लेकिन इतना तय कर ली थी कि तनख्वाह मिलने पर उसका धीरे-धीरे सारा कर्जा चुका दूंगी। ( इतना कहकर अलका शांत हो गई, राहुल ठीक उसके सामने कुर्सी पर एकदम करीब बैठा हुआ था। वह अपनी मां को खामोश देखकर बोला।)

फीर क्या हुआ मम्मी?
( इस बार अलका बात को आगे बढ़ाते हुए जज्बाती हो गई है और अपनी बेटे का हाथ पकड़कर नजरें झुका कर वह बोली।) 
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:55 PM

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